1.

`Mn ^(2 +)` यौगिक `Fe ^(2 +)` की अपेक्षा +3 अवस्था में ऑक्सीकरण के प्रति अधिक स्थायी होते हैं, क्यों ?

Answer» `Mn ^(2 +)` का इलेक्ट्रॉन विन्यास `[Ar ] 3d ^(5 )` है जबकि `Fe ^(2 +)` का `[Ar ]3d ^(6 )` है। चूँकि `Mn ^(2 +)` में अर्द्ध-पूर्ण कक्ष `(3d ^(5 ))` होती है, जो की `Fe ^(2 +)` की `3d ^(6 )` कक्ष से अधिक स्थायी है इसलिए `Mn ^(2 +)` यौगिक सरलता से `Mn ^(3 +)` में ऑक्सीकृत नहीं होते है क्योंकि इनकी द्वितीय आयनन एन्थैल्पी बहुत अधिक होती है। इसके विपरीत `Fe ^(2 +)` यौगिक कम द्वितीय आयनन एन्थैल्पी के कारण `Fe ^(3 +)` में सरलता से ऑक्सीकृत हो जाता है। यही कारण है कि `Mn ^(2 +) ` यौगिक अपनी +3 अवस्था के लिए ऑक्सीकरण के प्रति `Fe ^(2 +)` से अधिक स्थायी होते हैं।


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