1.

मनुष्य के बिना भी संसार कितना व्यस्त और रोचक है।

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दिलीप एकांत की खोज में मिंटो पार्क में गया था। वहाँ से लौटते समय उसे कोई व्यक्ति दिखाई नहीं दिया, पर सड़क के किनारेवाले बिजली के लैम्पों के चारों ओर लाखों पतंगे गोल बांधकर नृत्य कर रहे थे। लैम्प के नीचे से आगे बढ़ने पर उसकी छोटी परछाई उसके आगे फैलती जा रही थी। पेड़ों की टहनियों की परछाई उसके ऊपर से निकल रही थी। भीगे पत्ते लैम्पों की किरणों से चमक रहे थे। यह सब देखकर दिलीप को लगा कि मनुष्य के बिना भी संसार कितना व्यस्त और रोचक है।



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