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मुद्राकीय आय यह वास्तविक आय है समझाइए ।

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चालू भाव अर्थात् कि वर्तमान भाव पर राष्ट्रीय आय की गणना की जाये तो उसे मुद्राकीय आय कहते हैं । वर्ष दरम्यान जिस वस्तु का उत्पादन हुआ हो तो उसे बाजारभाव गुणा करके राष्ट्रीय आय प्राप्त होती है उसे मुद्राकीय आय कहते हैं । यदि भाव बढ़े-घटे तो राष्ट्रीय आय भी बढ़ती-घटती है । इसलिए राष्ट्रीय आय का सही ख्याल नहीं आता है । जैसे भाव बढ़ने पर भी उत्पादन न बढ़ने पर भी राष्ट्रीय आय बढ़ती हुयी दिखायी देती है, जो वास्तविक नहीं है ।

जब आधारभूत वर्ष पर अर्थात् स्थिर भाव पर राष्ट्रीय आय की गणना की जाये तो उसे वास्तविक आय कहते हैं । वर्ष दरम्यान हुए तमाम वस्तुओं के उत्पादन को उस वस्तु के स्थिर भाव के साथ गुणा करके राष्ट्रीय आय प्राप्त की जाती है उसे वास्तविक राष्ट्रीय आय कहते हैं । वास्तविक राष्ट्रीय आय यह देश की सही आर्थिक स्थिति दर्शाता है । इस प्रकार मुद्राकीय आय पर वास्तविक आय है, पर हमेशा सही नहीं है ।



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