1.

निम्नलिखित अभिक्रिया को अन्तुलित करना क्यों संभव नहीं है ? `Cr_(2)O_(7)^(2-)+Fe^(3+)+H^(+)toCr^(3+)+Fe^(2+)+H_(2)O`

Answer» दी गयी अभिक्रिया में प्रयुक्त सभी परमाणुओं की ऑक्सीकरण संख्या लिखने पर,
`overset(+6-2)(Cr_(2)O_(7)^(2-))+overset(3+)(Fe^(3+))+overset(+1)(H^(+))tooverset(+3)(Cr^(3+))+overset(+2)(Fe^(2+))+overset(+1-2)(H_(2)O)`
उपरोक्त अभिक्रिया में Cr की ऑक्सीकरण संख्या +6 से घटकर +3 हो रही है जबकि आयरन (लौह) की ऑक्सीकरण संख्या + 3 से +2 घटकर हो रही है अर्थात इस अभिक्रिया में `Cr_(2)O_(7)^(2-)` तथा `Fe^(3+)` दोनों ही अपचयित हो रहे है । आठ यह एक रिडॉक्स अभिक्रिया नहीं है तथा इसे गलत प्रकार से लिखा गया है क्योकि किसी पदार्थ का अपचयन केवल तभी संभव है जब किसी पदार्थ का ऑक्सीकरण हो रहा हो अतः दी गयी समीकरण को संतुलित करना संभव नहीं है |


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