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Answer» रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख उपदेश निम्नलिखित हैं- - कर्म के लिए भक्ति का आधार होना आवश्यक है।
- उसका जन्म वृथा है जो दुर्लभ मानव जनम पाकर भी इसी जीवन में भगवान को पाने की चेष्टा नहीं करता।
- जिसने आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर लिया, उस पर काम और लाभ का विष नहीं चढ़ता।
- जब हवा चलने लगे तो पंखा छोड़ देना चाहिए परन्तु ईश्वर की कृपा जब होने लगे तो प्रार्थना तपस्या नहीं छोड़नी चाहिए।
- यदि तुम ईश्वर की दी गई शक्तियों को सदुपयोग नहीं करोगे तो वह अधिक नहीं देगा अर्थात ईश-कृपा के योग्य बनने के लिए भी पुरुषार्थ चाहिए।
- पानी और उसका बुलबुला एक ही चीज है उसी प्रकार जीवात्मा और परमात्मा एक ही चीज है।
- मैले शीशे से सूर्य की किरणों का प्रतिबिंब नही पड़ता, उसी प्रकार जिनका अंत:करण मलिन और अपवित्र है उनके हृदय में ईश्वर के प्रकाशं का प्रतिबिंब नहीं पड़ सकता।
- मैं भौतिक सुखों को प्रदान करने वाली विद्या नहीं चाहता हूँ। मैं उस विद्या का चाहता हूँ। जिससे हृदय में ज्ञान का उदय होता है।
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