InterviewSolution
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रामकृष्ण परमहंस के व्यक्तित्व की विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए। |
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Answer» रामकृष्ण परमहंस बहुत ही सरल इंसान थे। सत्रह वर्ष की आयु में वे अपने गाँव से कोलकाता आ गए। कोलकाता आने के कुछ दिनों बाद वे कोलकाता के नजदीक दक्षिणेश्वर स्थित काली मंदिर के पुजारी बन गए। वहाँ वे दिन रात साधना में लीन रहते थे। इसी समय एक महान संत तोताराम उन्हें गुरु के रूप में मिले, जिनके सानिध्य में इन्हें देवी दर्शन एवं ज्ञान की प्राप्ति हुई। रामकृष्ण जी ने अपनी आध्यात्मिक साधना के बल पर अनेक सिधियों को प्राप्त किया। एक महान विचारक एवं उपदेशक के रूप में उन्होंने बहुत से लोगों को प्रेरित किया। उनके परम शिष्य परम तेजस्वी स्वामी विवेकानंद थे। विवेकानंद जी ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की एवं इनके. उपदेशों की भारत सहित विश्व के अनेक देशों में प्रचारित किया। |
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