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‘रिफॉर्मेट्री स्कूल पर टिप्पणी लिखिए।

Answer»

रिफॉर्मेट्री स्कूलों में 16 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चों को रखा जाता है, जो पहले सजा काट चुके हैं या जिन्होंने गम्भीर अपराध नहीं किये हैं। इस प्रकार के विद्यालयों का उद्देश्य अपराधी बालक का सुधार और पुनर्वास करना है। इन स्कूलों में अपराधियों को शिक्षा एवं साथ ही विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाता है। उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं को बाजार में बेचकर लाभ को उनके कोष में जमा किया जाता है। इन विद्यालयों में रेडक्रॉस, स्काउटिंग, कृषि, चमड़े का काम, खिलौना, दरी, निवाड़, रस्सी बनाने, बढ़ईगीरी, सिलाई आदि का काम सिखाया जाता है। जिनका काम अच्छा होता है उन्हें वर्ष में 15 दिन तक घर जाने की छुट्टी भी दी जाती है। जबलपुर, हजारीबाग, लखनऊ, बरेली आदि में इस प्रकार के विद्यालय हैं। उत्तर प्रदेश बाल-अधिनियम, 1951 ई० के अधीन उत्तर प्रदेश में कुछ जिलों में एक-एक सुधार अधिकारी को नियुक्त किया गया है, जो बाल-अपराधियों की गोपनीय रिपोर्ट तैयार कर उन्हें सुधारने का प्रयत्न करते हैं।



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