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‘सुखी रहने’ तथा ‘मुक्तातंक होने में क्या सम्बन्ध है? क्या आपकी दृष्टि में आतंकित होकर भी मनुष्य सुखी रह सकता है?

Answer»

हमारी दृष्टि में आतंकित होकर कोई मनुष्य सुखी नहीं रह सकता सुखी रहने के लिए उसका मुक्तातंक अर्थात् आतंक से मुक्त होना जरूरी है। यदि उसको अपने और अपने परिवार के जीवन, अपनी सम्पत्ति आदि के सम्बन्ध में किसी प्रकार का भय रहेगा तो वह सुखी नहीं रह सकता।



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