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Answer» विशाल मैदान को भौतिक दृष्टि से निम्न चार भागों में विभक्त किया गया है : - भाबर – सतलुज और गंगा के मैदान में कंकड़-पत्थरों से ढका हुआ भाग भाबर कहलाता है ।
- तराई – भाबर प्रदेश के आगे अदृश्य रूप से प्रवाहित जल धारा पुन: धारा पुनः धरातल पर प्रकट होती है । ढाल की कमी के कारण यत्र-तत्र दलदल पाये जाते है । जिससे बड़ी घास, सघन वन एवं अन्य जन्तुओं की बहुलता पाई जाती है ।
- बांगड़ – प्राचीन काँप से निर्मित अपेक्षाकृत उच्च भाग को बागड़ कहा जाता है । यहाँ सामान्यतया वर्षाकाल में बाढ़ का जल नहीं पहुँच पाता है । यहाँ जल अधिक गहरा होता है । यहाँ चूनायुक्त कंकरीली मिट्टियाँ मिलती है, जिससे आद्रता कम मिलती है । इस भूमि का विस्तार पंजाब व उत्तर प्रदेश में अधिक है ।
- खादर – ये नवीन काँप निर्मित निचले मैदान है जो वर्षाकाल में बाढ़ग्रस्त हो जाते है । वहाँ बाढ़ का पानी प्रतिवर्ष पहुंचकर मिट्टी की नई परत जमा करता है । ऐसे निचले मैदानों को खादर कहते हैं । पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार व पश्चिमी बंगाल में
खादर की अधिकता है ।
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