InterviewSolution
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उपयोगिता का भक्षण कहलाता है:(A) उपभोग(B) उत्पादन(C) विनिमय(D) वितरण |
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Answer» सही विकल्प है (A) उपभोग |
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प्रति व्यक्ति आय का अन्य नाम क्या है?(A) राष्ट्रीय आय(B) निजी आय(C) वैयक्तिक आय(D) औसत आय |
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Answer» सही विकल्प है (D) औसत आय |
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घरेलू साधन आय से क्या आशय है? |
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Answer» देश की घरेलू सीमा के अन्दर विभिन्न उत्पादन के साधनों को प्राप्त आय के जोड़ को घरेलू साधन आय कहते हैं। |
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सरकार की आय व्यय तथा ऋण सम्बन्धी नीति कहलाती है-(A) मौद्रिक(B) सरकारी(C) योजना(D) राजकोषीय |
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Answer» सही विकल्प है (D) राजकोषीय |
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अनुदार ऋण क्या है? |
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Answer» जो ऋण कम अवधि के लिए ऊंची ब्याज दर पर लिए जाते हैं। |
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उदार ऋण क्या है? |
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Answer» जो ऋण लम्बी अवधि के लिए कम ब्याज दर पर लिए जाते हैं। |
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सार्वजनिक आय के ……… मुख्य पक्ष हैं।(A) दो(B) तीन(C) चार(D) पाँच |
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Answer» सही विकल्प है (B) तीन |
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खुले बाजार की क्रियाओं से क्या आशय है? |
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Answer» खुले बाज़ार की क्रियाओं से अभिप्राय है, केन्द्रीय बैंक द्वारा खुले बाज़ार में प्रतिभूतियों को खरीदना तथा बेचना। |
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निवेश की परिभाषा दें। |
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Answer» एक लेखा वर्ष में उत्पादन का उपभोग पर आधिक्य निवेश कहलाता है। |
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साख नियन्त्रण के उपायों के रूप में न्यूनतम नकद निधि अनुपात व तरलता अनुपात की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» न्यूनतम नकद निधि- सभी बैंकों को अपनी जमा राशि का एक निश्चित प्रतिशत नकद निधि के रूप में केन्द्रीय बैंक के पास रखना पड़ता है। अतः मन्दी की स्थिति में न्यूनतम नकद निधि अनुपात को कम कर दिया जाता है व तेज़ी की अवस्था में इसे बढ़ा दिया जाता है। तरलता अनुपात- प्रत्येक बैंक को अपनी जमा राशि का एक निश्चित अनुपात अपने पास ही नकद राशि के रूप में रखना पड़ता है। इसे तरलता अनुपात कहते हैं। बैंक इस राशि को उधार नहीं दे सकता। मन्दी की स्थिति में केन्द्रीय बैंक तरलता अनुपात को कम कर देता है तथा तेज़ी की स्थिति में तरलता अनुपात को बढ़ा दिया जाता है। |
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सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति क्या है? |
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Answer» आय में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप उपभोग में होने वाला परिवर्तन। |
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बैंक दर से क्या आशय है? |
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Answer» बैंक दर ब्याज की वह न्यूनतम दर है जिस पर किसी देश का केन्द्रीय बैंक दूसरे बैंक को ऋण देने के लिए तैयार होता है। |
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उपभोग फलन अथवा उपभोग प्रवृत्ति से क्या आशय है? |
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Answer» उपभोग फलन, आय व उपभोग के क्रियात्मक सम्बन्ध को व्यक्त करता है अर्थात् C = f (y) C = उपभोग, Y = आय तथा f = फलन अर्थात् उपभोग व्यय आय का फलन है। |
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आय एवं उपभोग में कैसा सम्बन्ध पाया जाता है? |
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Answer» आय एवं उपभोग में धनात्मक सम्बन्ध पाया जाता है। |
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प्रतिस्थापन निवेश से क्या आशय है? |
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Answer» प्रतिस्थापन निवेश वह निवेश है जो पूंजी की घिसावट के कारण नष्ट हो जाने के फलस्वरूप उनके नवीकरण या प्रतिस्थापन के लिए किया जाता है। |
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ऐच्छिक बेरोज़गारी का क्या अर्थ है? |
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Answer» जब श्रमिक मज़दूरी की प्रचलित दर पर काम करने के लिए तैयार न हों अथवा काम होने पर भी अपनी इच्छा के अनुसार काम न करना चाहते हों तो ऐसी बेरोज़गारी, ऐच्छिक बेरोज़गारी कहलाती है। |
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मौसमी बेरोज़गारी से क्या अभिप्राय है? |
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Answer» यह बेरोज़गारी मौसम, फैशन और रुचि सम्बन्धी परिवर्तन होने के कारण उत्पन्न होती है, जैसे-बर्फ के कारखाने सर्दियों के दिनों में बन्द रहते हैं। |
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पूंजी निर्माण से क्या अभिप्राय है? |
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Answer» पूंजी में होने वाली वृद्धि को पूंजी निर्माण कहा जाता है। |
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पूंजी निर्माण क्या है? |
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Answer» आय का वह भाग जिससे अधिक उत्पादन सम्भव होता है। |
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सकल राष्ट्रीय आय व शुद्ध राष्ट्रीय आय में अन्तर स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» राष्ट्रीय आय एक देश के सामान्य निवासियों की एक वर्ष से मज़दूरी, ब्याज, लगान तथा लाभ के रूप में साधन आय है। यह घरेलू साधन आय तथा विदेशों से प्राप्त निवल साधन आय का योग है। एक देश की राष्ट्रीय आय में यदि घिसावट व्यय शामिल रहा है तो उसे सकल राष्ट्रीय आय कहा जाता है। इसके विपरीत यदि उसमें से घिसावट व्यय घटा दिया जाता है तो उसे शुद्ध राष्ट्रीय आय कहा जाता है। दूसरे शब्दों में, शुद्ध राष्ट्रीय आय = कुल राष्ट्रीय आय – घिसावट व्यय। |
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| 71. |
सार्वजनिक ऋण क्या है? |
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Answer» सरकार द्वारा लिए गए सभी ऋण। |
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कौन-सी नीति सरकार की आय व व्यय से सम्बन्धित है? |
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Answer» राजकोषीय नीति। |
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देश की घरेलू सीमा की धारणा की व्याख्या करें। |
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Answer» आम बोलचाल की भाषा में देश की घरेलू सीमा का अर्थ देश की राजनीतिक सीमा से लिया जाता है; परन्तु अर्थशास्त्र में देश की घरेलू सीमा का अर्थ केवल देश की राजनीतिक सीमा नहीं। इसमें नीचे लिखी मदें शामिल की जाती हैं
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साख नियन्त्रण के उपायों के रूप में बैंक दर एवं खुले बाज़ार की क्रियाओं की व्याख्या कीजिए। |
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Answer» बैंक दर- बैंक दर ब्याज की वह न्यूनतम दर है जिस पर किसी देश का केन्द्रीय बैंक दूसरे बैंकों को ऋण देने के लिए तैयार होता है। बैंक दर के बढ़ने से ब्याज की दर बढ़ती है तथा ऋण महंगा होता है। खुले बाजार की क्रियाएं- खुले बाजार की क्रियाओं से आशय केन्द्रीय बैंक द्वारा खुले बाज़ार में प्रतिभूतियों को खरीदने तथा बेचने से है। मन्दी की स्थिति में केन्द्रीय बैंक खुले बाज़ार से प्रतिभूतियों को खरीदता है। इसके फलस्वरूप साख का विस्तार होता है तथा मांग में वृद्धि होती है। दूसरी ओर तेजी की स्थिति में केन्द्रीय बैंक प्रतिभूतियों को बेचता है, जिसके फलस्वरूप साख का संकुचन होता है तथा मांग में कमी होती है। |
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निवेश की परिभाषा दें। निवेश के निर्धारक तत्त्व कौन से हैं? |
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Answer» अर्थशास्त्र में पूंजी में की जाने वाली वृद्धि को निवेश कहा जाता है। एक वर्ष में आय का जो भाग उपभोग पर व्यय नहीं किया जाता बल्कि बचाकर पूंजी निर्माण के लिए प्रयोग किया जाता है, उसे निवेश कहा जाता है। निवेश के निर्धारक तत्त्व-निवेश मुख्य रूप से दो तत्त्वों पर निर्भर करता है
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कीमत सूचकांक से क्या अभिप्राय है? |
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Answer» कीमत सूचकांक वह संख्या है जिससे यह ज्ञात होता है कि किसी एक निश्चित वर्ष जिसे आधार वर्ष कहते हैं, की तुलना में चालू वर्ष को औसत कीमतों में कितने प्रतिशत परिवर्तन हुआ है। |
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सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति की सीमाएं बताइए। |
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Answer» सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति शून्य से अधिक तथा एक से कम होती है अर्थात् आय के बढ़ने पर लोगों के व्यय में भी वृद्धि होती है, परन्तु उतनी वृद्धि नहीं होती जितनी आय में होती है। |
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सीमान्त बचत प्रवृत्ति क्या है? |
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Answer» आय में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप बचत में होने वाला परिवर्तन। |
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शुद्ध निवेश से क्या आशय है? |
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Answer» यदि कुल निवेश में से घिसावट व्यय या प्रतिस्थापन निवेश को घटा दिया जाए तो बाकी को शुद्ध निवेश कहते हैं अर्थात् शुद्ध निवेश = कुल निवेश – घिसावट |
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प्रत्यक्ष कर का एक उदाहरण दें। |
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Answer» प्रत्यक्ष कर का उदाहरण आय कर हैं। |
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पूंजी निर्माण से क्या अभिप्राय है? कुल पूंजी निर्माण तथा शुद्ध पूंजी निर्माण में क्या अन्तर है? |
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Answer» जब वर्तमान आय का कुछ भाग बचाया जाता है और उसका भविष्य में आमदन और उत्पादन बढ़ाने के लिए निवेश किया जाता है तो यह पूंजी निर्माण कहलाता है। कुल पूंजी निर्माण-कुल पूंजी निर्माण का अर्थ कुल निवेश से है जिसके अन्तर्गत घिसावट के लिए किया गया निवेश और शुद्ध निवेश दोनों सम्मिलित होते हैं। शुद्ध पूंजी निर्माण-शुद्ध पूंजी निर्माण से अभिप्राय शुद्ध निवेश में की जाने वाली वृद्धि से है। शुद्ध पूंजी निर्माण = कुल पूंजी निर्माण – घिसावट वास्तव में पूंजी निर्माण से अभिप्राय शुद्ध निवेश में वृद्धि से है। |
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बेरोजगार किसे कहते हैं? बेरोज़गारी के सामान्य प्रकारों का वर्णन करें। |
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Answer» बेरोजगार उस व्यक्ति को कहा जाता है जो कि बाजार में प्रचलित मज़दूरी दर पर काम तो करना चाहता है लेकिन उसे काम नहीं मिल पा रहा है। बेरोज़गारी की परिभाषा हर देश में अलग-अलग होती है, जैसे-अमेरिका में यदि किसी व्यक्ति को उसकी क्वालिफिकेनश के हिसाब से नौकरी नहीं मिलती है तो उसे बेरोज़गार माना जाता है। विकासशील देशों में निम्न प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है।
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ऐच्छिक व अनैच्छिक बेरोज़गारी में अन्तर स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» जब श्रमिक मजदूरी की प्रचलित दर पर कार्य करने के लिए तैयार न हों अथवा कार्य होने पर भी अपनी इच्छा के अनुसार कार्य न करना चाहते हों तो ऐसी बेरोज़गारी ऐच्छिक बेरोज़गारी कहलाएगी। दूसरी ओर, अनैच्छिक बेरोज़गारी वह अवस्था है जिसमें श्रमिक मज़दूरी की वर्तमान दर पर कार्य करने के लिए तैयार हैं, पर उनको कार्य न मिले। |
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निर्धनता रेखा क्या है? |
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Answer» किसी देश की निर्धनता के स्तर को मापने की विधि। |
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पूर्ण रोजगार से क्या अभिप्राय है ? संरचनात्मक बेरोजगारी तथा तकनीकी बेरोजगारी के क्या अर्थ हैं? |
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Answer» पूर्ण रोजगार से अभिप्राय ऐसी अवस्था से है जिसमें वे सारे लोग जो मज़दूरी की प्रचलित दर पर काम करने के लिए तैयार हैं, बिना किसी कठिनाई के काम प्राप्त कर लेते हैं अर्थात् अनैच्छिक बेरोजगारी का न पाया जाना पूर्ण रोज़गार की अवस्था का प्रतीक है। संरचनात्मक बेरोज़गारी- अर्थ व्यवस्था में होने वाले संरचनात्मक निर्गलों के कारण उत्पन्न बेरोजगारी, संरचनात्मक बेरोज़गारी कहलाती है। तकनीकी बेरोज़गारी – तकनीकी बेरोज़गारी से अभिप्राय उस बेरोज़गारी से है जो उत्पादन की तकनीकों में होने वाले परिवर्तनों के कारण उत्पन्न होती है। |
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भारत सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन के लिए शुरू की गई योजनाओं का वर्णन करें। |
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Answer» भारत सरकार ने गरीबी उन्मूलन के लिए निम्नलिखित योजनाएं शुरू की हैं-
भारत में गरीबी उन्मूलन के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कुछ अन्य योजनाएं निम्न हैं-
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मुद्रा की पूर्ति के मुख्य घटक कौन-से हैं? |
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Answer» मुद्रा की पूर्ति के मुख्य घटक निम्नलिखित हैं- (i) करन्सी जिसके अन्तर्गत नोट और सिक्के आते हैं, और |
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मुद्रा पूर्ति का एक अवयव बताएं। |
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Answer» मुद्रा पूर्ति का एक अवयव बैंक जमा है। |
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निर्धनता रेखा की धारणा की व्याख्या करें। भारत में निर्धनता रेखा की क्या सीमाएं हैं? |
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Answer» निर्धनता रेखा की धारणा किसी देश में निर्धनता को मापने का एक उपाय है। निर्धमता रेखा से नीचे जितने व्यक्ति होते हैं, उन्हें निर्धन माना जाता है। निर्धनता रेखा से आशय उस राशि से है जो एक व्यक्ति के लिए प्रति माह न्यूनतम उपभोग करने के लिए आवश्यक है। निर्धनता रेखा का स्तर उस रकम के बराबर माना जाता है जो एक व्यक्ति को जीवित रहने के लिए प्रति माह अपनी न्यूनतम आवश्यकताओं (भोजन, वस्त्र, मकान, शिक्षा तथा स्वास्थ्य आदि) को पूरा करने के लिए आवश्यक होता है। भारत में निर्धनता रेखा की सीमाएं- अपनी किताब “Poverty in India” में V.M. Dandekar और Nilkanth Rath लिखते हैं कि जिन लोगों को प्रतिदिन 2250 कैलोरी का भोजन प्राप्त नहीं होता, वे निर्धनता रेखा से नीचे हैं अर्थात् निर्धन हैं। इतनी कैलोरी का भोजन प्राप्त करने के लिए 2013-14 की कीमतों के आधार पर प्रति व्यक्ति मासिक आय गांव में ₹. 972 तथा शहर में ₹ 1407 होनी चाहिए। |
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| 90. |
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के दो-दो उदाहरण दें। |
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Answer» प्रत्यक्ष कर-आय कर, उपहार कर। अप्रत्यक्ष कर-बिक्री कर, मनोरंजन कर। |
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अप्रत्यक्ष कर का एक उदाहरण दें। |
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Answer» अप्रत्यक्ष कर का एक उदाहरण हैं बिक्री कर। |
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मुद्रा-स्फीति के लिए मुख्यतः कौन-सा कारण उत्तरदायी है? |
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Answer» मुद्रा-स्फीति के कई कारण हो सकते हैं, परन्तु इसका मुख्य कारण वस्तुओं की मांग का उनकी पूर्ति से अधिक होना है। जब मांग पूर्ति से अधिक हो जाती है तो कीमतें बढ़ने लगती हैं तथा मुद्रा-स्फीति उत्पन्न हो जाती है। |
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अप्रत्यक्ष करों के कोई दो लाभ बताइए। |
Answer»
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प्रत्यक्ष करों के कोई दो लाभ बताइए। |
Answer»
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विदेशी सहायता से क्या अभिप्राय है? |
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Answer» विदेशी सहायता से आशय किसी राष्ट्र की विदेशी सरकार, निजी व्यक्तियों, व्यावसायिक संगठनों, विदेशी बैंकों, अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा पूंजी के निवेश, ऋणों तथा अनुदानों से है। |
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बेशी का बजट क्या है? |
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Answer» जब सरकार की आय > सरकार का व्यय। |
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औसत बचत प्रवृत्ति की परिभाषा दें। |
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Answer» औसत बचत प्रवृत्ति एक विशेष आय स्तर पर बचत तथा आय का अनुपात है अर्थात् औसत बचत प्रवृत्ति = \(\frac{बचत }{आय}\) |
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बचत की परिभाषा दें। |
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Answer» केन्ज़ के अनुसार, “बचत आय की व्यय पर अधिकता है।” दूसरे शब्दों में, बचत = आय – उपभोग । |
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संतुलित बजट क्या है? |
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Answer» जहां सरकार की आय = सरकार का व्यय। |
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छुपी हुई बेरोज़गारी की परिभाषा दें। इसे एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें। |
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Answer» छुपी बेरोज़गारी से अभिप्राय किसी विशेष आर्थिक क्रिया में उत्पादन के लिए आवश्यकता से अधिक मात्रा में श्रमिकों के लगे होने से है। दूसरे शब्दों में, यदि किसी क्षेत्र में काम में लगे श्रमिकों में से कुछ श्रमिकों को हटा कर किसी अन्य क्षेत्र में स्थानान्तरित कर दिया जाए और इस प्रकार किए गए परिवर्तन के फलस्वरूप, मूल क्षेत्र के उत्पादन में यदि कोई कमी नहीं होती तो यह स्थिति छुपी बेरोज़गारी की स्थिति मानी जाएगी। छुपी बेरोज़गारी की स्थिति को एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। मान लो, एक परिवार के पास 8 एकड़ का खेत है। खेती करने के वर्तमान ढंग के अनुसार यदि 8 व्यक्ति ही उस खेत पर काम कर रहे हैं तो वह अच्छे ढंग से खेती कर सकेंगे। परन्तु परिवार के कुल 12 सदस्य कहीं और रोजगार न मिलने के कारण उसी खेत पर काम कर रहे हैं तो यह कहा जा सकता है कि उनमें से 4 व्यक्ति वास्तव में बेकार हैं। अतः हम कह सकते हैं कि ये 4 व्यक्ति छिपे बेरोज़गार हैं। |
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