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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

स्कूल बस पर छात्र-छात्राएँ कहाँ जा रहे थे?

Answer»

स्कूल बस पर छात्र-छात्राएँ शैक्षिक भ्रमण के लिए रोज़ गार्डन जा रहे थे।

2.

निम्नलिखित शब्दों के विशेषण शब्द बनाएँखामोश = ……………व्यवहार = ………….सम्मान = …………..बहादुरी = …………..रंग = ……………….हिम्मत = ………………….

Answer»

खामोश = खामोशी

व्यवहार = व्यावहारिक

सम्मान = सम्मानित

बहादुरी = बहादुर

रंग = रंगीन

हिम्मत = हिम्मती

3.

दिवाकर की नए स्कूल में किसने मदद की?

Answer»

दिवाकर पिता की ट्रांसफर होने के कारण गाँव के स्कूल से शहर आया था। यहाँ शहर के स्कूल में वह स्वयं को अधूरा समझ रहा था। उसकी शारीरिक अपंगता उसे दूसरों से अलग करती थी। वह न ही उनके साथ खेल-कूद कर पाता था और न ही भाग-दौड़ पाता था। ऐसे समय में उसकी अध्यापिका नीरू ने अपने स्नेहपूर्ण व्यवहार से उसका हौसला बढ़ाया तथा समय-समय पर उसकी मदद भी की।

4.

‘अहसास’ नामकरण की सार्थकता स्पष्ट करो।

Answer»

कहानी का शीर्षक प्राय: कहानी के मूलभाव तथा उसकी प्रभावोत्पादक शक्ति का परिचायक होता है। शीर्षक सम्पूर्ण कहानी का निचोड़ होता है। यह कहानी की मूलभावना का प्रतीक होता है। प्रस्तुत कहानी का शीर्षक ‘अहसास’ है। यह शीर्षक अत्यंत आकर्षक, भावपूर्ण तथा जिज्ञासामय है। कहानी में दिवाकर जब प्रात:कालीन सभा में प्राचार्य द्वारा सम्मानित होता है तो उसे स्वयं में पूर्णता का अहसास होता है। उसके नीरस जीवन में सरसता का संचार हो जाता है। उसके मन का बदला यह भाव और अहसास ही कथा का शीर्षक बना है। इस प्रकार लघुकथा का शीर्षक उपयुक्त तथा अनुकूल है। सारी लघुकथा शीर्षक ‘अहसास’ से ही जुड़ी है तथा केंद्रित भी है।

5.

दिवाकर बैंच पर बैठकर क्या सोच रहा था?

Answer»

जिस समय सभी बच्चे रोज़ गार्डन में खेल-कूद रहे थे। झूला-झूल रहे थे। उस समय वहीं पास में एक बैंच पर बैठा दिवाकर अपनी पुरानी यादों में खोया हुआ था। वह दो साल पहले की घटना को याद कर, उसी में खोया था। उसे याद आता है कि दो साल पहले जब वह अपनी बड़ी मौसी के घर दिल्ली गया था तब उसने वहाँ फन सिटी में कितना मज़ा किया। उस समय फ़न सिटी में कितना खेला-कूदा था। वहाँ उसने खूब मस्ती की थी। यही सब विचार/ यादें उसके दिमाग में घूम रही थीं।

6.

शहर में नौकरों वाला कमरा किसे दिया गया था?(क) रोशमा को(ख) बसंती को(ग) बचनी को(घ) भागो को।

Answer»

सही विकल्प है (ग) बचनी को

7.

दिवाकर बस में बैठा क्या देख रहा था?

Answer»

दिवाकर बस में बैठकर खिड़की के बाहर वृक्षों को तथा दूर तक फैले आसमान को देख रहा था।

8.

दिवाकर को किसने हिम्मत दी?

Answer»

दिवाकर को कक्षा अध्यापिका नीरू मैडम के स्नेहपूर्ण व्यवहार ने हिम्मत दी।

9.

बेटे ने बसंती को पत्र में क्या लिखा था?

Answer»

उसकी तरक्की हो गई है और उसे कम्पनी की ओर से बहुत बड़ी कोठी मिली है, इसलिए वह उसके पास रहने के लिए आ जाए।।

10.

‘अहसास’ किस प्रकार की रचना है ? संक्षेप में बताइए।

Answer»

‘अहसास’ एक लघुकथा है। इसका कथानक अत्यंत छोटा है। छोटा कथानक होने के बावजूद इसका संदेश अत्यंत व्यापक एवं सटीक है। यह लघुकथा शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले बच्चों में आत्म-विश्वास जगाने वाली प्रेरणादायक लघुकथा है।

11.

तालियों की गड़गड़ाहट में दिवाकर को अपनी किस बात का अहसास हो रहा था?(क) अपूर्णता(ख) पूर्णता(ग) विजय(घ) पराजय।

Answer»

सही विकल्प है (ख) पूर्णता

12.

लघुकथा ‘अहसास’ का उद्देश्य क्या है?

Answer»

‘अहसास’ एक सामाजिक लघुकथा है। इसमें लेखिका ने एक बालक को शारीरिक चुनौतियों का सामना करते हुए दिखाया है। लेखिका प्रायः यथार्थ की पृष्ठभूमि पर अपनी कहानियों की रचना करती हैं। मानवतावाद का समर्थन करना ही उनका प्रमुख उद्देश्य रहा है। उनकी लघु कथा ‘अहसास’ शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले बच्चों में आत्म-विश्वास जगाने वाली एक प्रेरणादायक लघुकथा है। लेखिका का विचार है कि समाज में शारीरिक अक्षमता को किसी की कमी न समझकर उसका हौसला बढ़ाना चाहिए। अपनी लघुकथा में लेखिका उद्देश्य को स्पष्ट करने में पूर्णतया सफल रही है।

13.

दिवाकर को अपनी पूर्णता का अहसास कैसे हुआ?

Answer»

प्रात:कालीन सभा में सम्मानित होने के बाद तालियों की गड़गड़ाहट में दिवाकर को अपनी पूर्णता का अहसास हुआ।

14.

‘अहसास’ लघुकथा की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए

Answer»

प्रस्तुत लघुकथा की भाषा सरल तथा पात्रानुकूल है। आवश्यकतानुसार लेखिका ने अंग्रेजी के प्रचलित शब्दों-ट्रांसफर, स्कूल, रोज़-गार्डन, रिफ्रेशमैंट, सिटी आदि का प्रयोग किया है। भाषा विज्ञान की दृष्टि से इनका तत्सम शब्दों के प्रति विशेष लगाव है। इन्होंने यत्र-तत्र, विदेशी, तद्भव, देशज शब्दों का भी सहज रूप से प्रयोग किया है। इनकी भाषा में मुहावरों के प्रयोग से शक्ति वक्रता उत्पन्न हुई है।