InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
लैंथेनॉइयड संकुचन उत्तरदायी होता है -A. Zr तथा Zn की समान ऑक्सीकरण अवस्था के लिएB. Zr तथा Hf की समान त्रिज्या के लिएC. Zr तथा Nb की समान ऑक्सीकरण अवस्था के लिएD. Zr तथा Y की समान त्रिज्या के लिए। |
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Answer» Correct Answer - B लैंथेनॉयड संकुचन के कारण (जो f इलेक्ट्रॉनों के कारण होता है।) Zr तथा Hf की परमाणु त्रिज्या लगभग समान ( Zr = 159 pm तथा Hf = 156 pm ) होती है। |
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| 2. |
लेथेनॉयड संकुचन का कारण है -A. 4f इलेक्ट्रॉनों द्वारा बाह्य इलेक्ट्रॉनों का नाभिकीय आवेश से उत्तम परिरक्षणB. 5d इलेक्ट्रॉनों द्वारा बाह्य इलेक्ट्रॉनों का नाभिकीय आवेश से उत्तम परीक्षणC. Ce से Lu तक समान प्रभावी नाभिकीय आवेशD. 4f इलेक्ट्रॉनों द्वारा बाह्य इलेक्ट्रॉनों का नाभिकीय आवेश से दुर्बल परिरक्षण । |
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Answer» Correct Answer - D 4f -कक्षकों की विशिष्ट आकृति के कारण एक 4f इलेक्ट्रॉन अन्य को बढ़ते हुए नाभिकीय आवेश से दुर्बल रूप से परिरक्षित करता है अर्थात अन्य 4f - इलेक्ट्रॉन पर आवरणीय प्रभाव कम होता है। अतः परमाणु क्रमांक में वृद्धि के साथ 4f - इलेक्ट्रॉन द्वारा अनुभावित प्रभावी नाभीय आवेश बढ़ता है। इसके कारण 4f - उपकोश में प्रत्येक इलेक्ट्रॉन के प्रवेश के साथ आकार में थोड़ी-सी कमी आ जाती है। |
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| 3. |
`Mn ^(2 +)` यौगिक `Fe ^(2 +)` की अपेक्षा +3 अवस्था में ऑक्सीकरण के प्रति अधिक स्थायी होते हैं, क्यों ? |
| Answer» `Mn ^(2 +)` का इलेक्ट्रॉन विन्यास `[Ar ] 3d ^(5 )` है जबकि `Fe ^(2 +)` का `[Ar ]3d ^(6 )` है। चूँकि `Mn ^(2 +)` में अर्द्ध-पूर्ण कक्ष `(3d ^(5 ))` होती है, जो की `Fe ^(2 +)` की `3d ^(6 )` कक्ष से अधिक स्थायी है इसलिए `Mn ^(2 +)` यौगिक सरलता से `Mn ^(3 +)` में ऑक्सीकृत नहीं होते है क्योंकि इनकी द्वितीय आयनन एन्थैल्पी बहुत अधिक होती है। इसके विपरीत `Fe ^(2 +)` यौगिक कम द्वितीय आयनन एन्थैल्पी के कारण `Fe ^(3 +)` में सरलता से ऑक्सीकृत हो जाता है। यही कारण है कि `Mn ^(2 +) ` यौगिक अपनी +3 अवस्था के लिए ऑक्सीकरण के प्रति `Fe ^(2 +)` से अधिक स्थायी होते हैं। | |
| 4. |
निम्न का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिये - `{:((i),Cr^(3+)",",(ii),Pm^(3+)","),((iii),Cu^(+)",",(iv),Ce^(4+)","),((v),Co^(2+)",",(vi),Lu^(2+)","),((vii),Mn^(2+)",",(viii),Th^(4+)","):}` |
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Answer» `(i) Cr^(3+):[Ar]3d^(3), (ii) Pm^(3+) :[Xe]4f^(4), (iii) Cu^(3+):[Ar]3d^(10),` `(iv) Ce^(4+):[Xe]4f^(0), (v)Co^(2+):[Ar]3d^(7), (vi) Lu^(2+):[Xe]4f^(14) 5d^(1),` `(vii) Mn^(2+):[Ar]3d^(5), (viii) Th^(4+):[Rn]5f^(0).` |
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| 5. |
तृतीय संक्रमण श्रेणी के तत्त्वों के घनत्वों में असामान्य वृद्धि के लिए कौन-सा कारण उत्तरदायी है ? |
| Answer» Correct Answer - लैंथेनॉयड संकुचन | |
| 6. |
निम्नलिखित में से असत्य कथन को छाँटिए-A. d - ब्लॉक के तत्त्व अव्यवस्थित तथा अनिश्चित रासायनिक गुण प्रदर्शित करते हैं।B. La तथा Lu में केवल d - कक्षक आंशिक रूप से भरा होता है। इसके अतिरिक्त इनमें कोई आंशिक रूप से भरा कक्षक नहीं होता है।C. विभिन्न लैंथेनॉयड्स का रासायन लगभग समान होता है।D. 4f तथा 5f कक्षक समान रूप से परिरक्षित होते हैं। |
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Answer» Correct Answer - D 4f - इलेक्ट्रॉनों की अपेक्षाकृत 5f - इलेक्ट्रॉनों का परिरक्षण कम प्रभावी होता है। |
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| 7. |
`Ce^(3+), La^(3+), Pm^(3+)` तथा `Yb^(3+)` की आयनिक त्रिज्या के बढ़ने का क्रम है -A. `La^(3+) lt Ce^(3+) lt Pm^(3+) lt Yb^(3+)`B. `Yb^(3+) lt Pm^(3+) lt Ce^(3+) lt La^(3+)`C. `La^(3+)=Ce^(3+) lt Pm^(3+) lt Yb^(3+)`D. `Yb^(3+) lt Pm^(3+) lt La^(3+) lt Ce^(3+)` |
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Answer» Correct Answer - B Ce से Lu तक जाने पर परमाणुओं तथा आयनों का आकार क्रमिक रूप से घटता है। |
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| 8. |
ऑक्सीकरण संख्या में वृद्धि के साथ मैंगनीज के ऑक्साइडों की प्रकृति किस प्रकार परिवर्तित होती है ? |
| Answer» क्षारकीय गुण घटता है। | |
| 9. |
`La^(3+)` ( La का परमाणु क्रमांक = 57 ) की त्रिज्या 1.06 Å है। निम्नलिखित में से कौन-सा मान `Lu ^(3 +)` (परमाणु क्रमांक = 71 ) की त्रिज्या के निकट होगा ?A. 1.60 ÅB. 1.40 ÅC. 1.06 ÅD. 0.85 Å. |
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Answer» Correct Answer - D लैंथेनॉयड संकुचन के कारण La से Lu तक जाने पर परमाणु त्रिज्या में 15 pm (0.15 Å) की कमी आती है। अतः `Lu ^(3+)` की त्रिज्या 0.85Å के निकट होनी चाहिए। |
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| 10. |
सीरियम ( Z = 58 ) लैंथेनोइड्स का एक महत्त्वपूर्ण सदस्य है। सीरियम के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है ?A. सीरियम की समान्य ऑक्सीकरण अवस्थाएँ +3 तथा +4 हैं।B. सीरयम की +3 ऑक्सीकरण अवस्था +4 ऑक्सीकरण अवस्था की अपेक्षाकृत अधिक स्थायी होती है।C. सीरियम की +4 ऑक्सीकरण अवस्था विलयनों में ज्ञात नहीं है।D. सीरियम ( IV ) एक ऑक्सीकारक का कार्य करता है। |
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Answer» Correct Answer - C सीरियम +4 अवस्था में बहुत-से यौगिक बनाती है , जैसे `CeO_(2), CeF_(4), Ce(SO_(4))_(2)` आदि, जो विलयन में उपस्थित रहते है। |
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| 11. |
सामान्यतः एक्टिनॉयड्स, लैंथेनॉयड्स की अपेक्षा अधिक ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित करते हैं। इसका कारण है -A. 5f कक्षक, 4f कक्षकों की अपेक्षाकृत अधिक धँसे होते हैB. 4f तथा 5f कक्षकों के तरंग फलन के कोणीय भाग समान होते हैC. एक्टिनॉयड्स, लैंथेनॉयड्स की अपेक्षा अधिक सक्रिय होते हैंD. 5f कक्षक 4f कक्षक की अपेक्षा नाभिक से अधिक दूरी पर होता है। |
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Answer» Correct Answer - D 5f - कक्षकों 4f - कक्षक की अपेक्षाकृत नाभिक से दूर होने के कारण 6d - कक्षकों के समान ऊर्जा रखते हैं। अतः एक्टिनॉयड्स में 5f तथा 6d - कक्षक भी प्रयुक्त होते हैं जिसके कारण एक्टिनॉयड्स लैंथेनॉयड्स की अपेक्षाकृत अधिक ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित करते हैं। |
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| 12. |
तृतीय संक्रमण श्रेणी के तत्त्वों का आयनन विभव उनके सम्भावित मान से उच्च क्यों होता है ? |
| Answer» Correct Answer - लैंथेनॉयड संकुचन | |
| 13. |
मिश्र धातु क्या होती है ? |
| Answer» Correct Answer - कीलेटिंग लीगैंड | |
| 14. |
`La ^(3 +)` आयन की प्रकृति प्रतिचुम्बकीय क्यों होती है ? |
| Answer» आयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति के कारण | |
| 15. |
`Fe^(2+)` ( परमाणु क्रमांक Fe = 26 ) आयन के शेष बचे d - इलेक्ट्रॉनों की संख्या है -A. 3B. 4C. 5D. 6 |
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Answer» Correct Answer - D `Fe^(2+):1s^(2) 2s^(2) 2p^(6)3s^(2)3p^(6)3d^(6),` d - इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6 |
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| 16. |
अम्लीय माध्यम में `KMnO_(4)` का तुल्यांक भार इसके अणुभार से किस प्रकार सम्बन्धित है । |
| Answer» तुल्यांक भार `=(1)/(5)xx` अणुभार | |
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Ce ( सीरियम ) की समान्य ऑक्सीकरण अवस्थाएँ हैं -A. `+3,+4`B. `+2, +3`C. `+2,+4`D. `+3, +5.` |
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Answer» Correct Answer - A सीरियम +2 , +3 तथा +4 ऑक्सीकरण अवस्थाएँ दर्शाता है परन्तु इसकी सामान्य ऑक्सीकरण अवस्थाएँ +3 तथा +4 हैं। |
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| 18. |
लेंथेनॉयड्स तथा एक्टिनॉयड्स में से किसमें संकुल निर्माण की प्रवृति उच्च होती है ? |
| Answer» Correct Answer - एक्टिनोयड | |
| 19. |
निम्नलिखित में से किस आयन का चुम्बकीय आघूर्ण सर्वाधिक है ?A. `Mn^(2+)`B. `Fe^(2+)`C. `Ti^(2+)`D. `Cr^(2+)` . |
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Answer» Correct Answer - A `Mn^(2+)` में अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या सर्वाधिक (5) है। `Mn^(2+)` के लिए , n = 5 `therefore m_(s)=sqrt(n(n+2))=sqrt(5(5+2))=5.92 BM` |
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संक्रमण धातुओं की प्रथम श्रेणी के उस ऑक्सोधातु ऋणायन का नाम लिखिए जिसमें धातु की ऑक्सीकरण अवस्था उसकी समूह संख्या के समान हो। |
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Answer» `Cr_(2)O_(7)^(2-)` ( समूह संख्या = Cr के ऑक्सीकरण संख्या = 6 ), `MnO_(4)^(-)` ( समूह संख्या = Mn के ऑक्सीकरण संख्या = 7 ) |
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प्रथम संक्रमण श्रेणी के तत्त्वों द्वारा उनकी निम्न ( कम ) ऑक्सीकरण अवस्था में बनाये गये ऑक्साइडों की प्रकृति कैसी होती है ? |
| Answer» Correct Answer - क्षारकीय | |
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संक्रमण धातुओं की प्रथम श्रेणी में से कौन-सी धातु मुख्यतः + 1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती है तथा क्यों ? |
| Answer» Cu, क्योंकि यह सरलता से `4s ^(1 )` इलेक्ट्रॉन को निकालकर स्थायी `3d ^(10 )` अभिविन्यास प्राप्त कर लेता है। | |
| 23. |
एक्टिनॉइड श्रेणी का अंतिम तत्व कौन-सा है ? इस तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए | इस तत्व की सम्भव ऑक्सीकरण अवस्था पर टिप्पणी लिखिए | |
| Answer» एक्टिनॉयड श्रेणी का अन्तिम तत्त्व लोरेन्शियम ( Lr ) है तथा इसका परमाणु क्रमांक 103 होता है । इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास `[Rn ] 5f ^(14 ) 6d ^(1 ) 7s ^(2 ) ` है तथा संभावित ऑक्सीकरण अवस्था +3 है। | |
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अधिकांश संक्रमण तत्त्व अनुचुम्बकीय व्यवहार क्यों प्रदर्शित करते है ? |
| Answer» आयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थित के कारण | |
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संक्रमण तत्त्वों के जालक किस प्रकार के होते है ? |
| Answer» Correct Answer - hcp, ccp तथा bcc | |
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`+2, +3 ` तथा उच्च ऑक्सीकरण अवस्थाओं में संक्रमण तत्त्व किस प्रकार से यौगिक बनाते हैं ? |
| Answer» `+2, +3` : आयनिक , उच्च ऑक्सीकरण अवस्थाएँ : सहसंयोजक | |
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जलीय विलयन में संक्रमण तत्त्व की किसी ऑक्सीकरण अवस्था का स्थायित्व इसके मानक इलेक्ट्रोड विभव से किस प्रकार सम्बंधित होता है ? |
| Answer» `E_(M^(n+)//M)^(@)` का मान अधिक ऋणात्मक होने पर स्थायित्व अधिक होता है। | |