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1.

दून किसे कहते हैं ?

Answer»

‘दून’ बाह्य हिमालय में स्थित वे झीलें हैं जो मिट्टी से भर गई हैं।

2.

डेल्टा से क्या अभिप्राय है?

Answer»

नदी द्वारा अपने मुहाने पर बने स्थल-रूप को डेल्टा कहते हैं।

3.

निम्न पर नोट लिखें(i) राजस्थान के मैदान और मरुस्थल(ii) मालवा का पठार(iii) उच्चतम हिमालय।

Answer»

(i) राजस्थान के मैदान और मरुस्थल-यह मरुस्थल पंजाब तथा हरियाणा के दक्षिणी भागों से लेकर गुजरात के रण ऑफ़ कच्छ तक फैला हुआ है। यह समतल तथा शुष्क मरुस्थल थार मरुस्थल के नाम से जाना जाता है। अरावली पर्वत श्रेणी इसकी पूर्वी सीमा बनाती है। इसके पश्चिम में अन्तर्राष्ट्रीय सीमा लगती है। यह लगभग 650 कि०मी० लंबा तथा 250 कि० मी० चौड़ा है। अति प्राचीन काल में यह क्षेत्र समुद्र के नीचे दबा हुआ था। ऐसे भी प्रमाण मिलते हैं कि यह मरुस्थल किसी समय उपजाऊ रहा होगा। परंतु वर्षा की मात्रा बहुत कम होने के कारण आज यह क्षेत्र रेत के बड़े-बड़े टीलों में बदल गया है। थार मरुस्थल के पूर्वी भाग को ‘राजस्थान बांगर’ भी कहा जाता है।

(ii) मालवा का पठार-पश्चिम में अरावली पर्वत, उत्तर में बुंदेलखंड तथा बघेलखंड पूर्व में छोटा नागपुर, राजमहल की पहाड़ियां तथा शिलांग के पठार तक और दक्षिण की ओर सतपुड़ा की पहाड़ियों तक घिरा हुआ पठार मालवा का पठार कहलाता है। इसका शीर्ष शिलांग के पठार पर है। इस पठार की उत्तरी सीमा अवतल चापाकार की तरह है। इस पठार में बनास, चंबल, केन तथा बेतवा नामक नदियां बहती हैं। इसकी औसत ऊंचाई 900 मी० है। पारसनाथ तथा नैत्रहप्पाट इसकी मुख्य चोटियां हैं। इसको तीन पर्वत श्रेणियां हैं-अरावली पर्वत श्रेणी, विंध्याचल पर्वत श्रेणी तथा सतपुड़ा पर्वत श्रेणी।

(iii) उच्चतम हिमालय-इसे महान् हिमालय भी कहते हैं। हिमालय का यह विशाल भाग पश्चिम में सिंधु नदी की घाटी से लेकर उत्तर-पूर्व में ब्रह्मपुत्र की दिहांग घाटी तक फैला हुआ है। इसकी मुख्य धरातलीय विशेषताओं का वर्णन इस प्रकार है

  1. यह देश की सबसे लंबी तथा ऊंची पर्वत श्रेणी है। इसमें ग्रेनाइट तथा नीस जैसी परिवर्तित रवेदार चट्टानें मिलती हैं।
  2. इसकी चोटियां बहुत ऊंची हैं। संसार की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माऊंट एवरेस्ट (8848 मीटर) इसी पर्वत श्रृंखला में स्थित है। यहां की चोटियां सदा बर्फ से ढकी रहती हैं।
  3. इसमें अनेक दर्रे हैं जो पर्वतीय मार्ग जुटाते हैं।
  4. इसमें काठमांड तथा कश्मीर जैसी महत्त्वपूर्ण घाटियां स्थित हैं।
4.

देश की प्रमुख ‘दून’ घाटियों के नाम बताइए।

Answer»

देश की मुख्य दून घाटियां हैं-देहरादून, पतली दून, कोथरीदून, ऊधमपुर, कोटली आदि।

5.

देश में रिफ्ट या दरार घाटियां कहां मिलती हैं?

Answer»

भारत में दरार घाटियां प्रायद्वीपीय पठार में पाई जाती हैं।

6.

लघु हिमालय में स्थित स्वास्थ्यवर्धक घाटियों के नाम बताइए।

Answer»

लघु हिमालय के मुख्य स्वास्थ्यवर्धक स्थान शिमला, श्रीनगर, मसूरी, नैनीतालं, दार्जिलिंग तथा चकराता हैं।

7.

लघु हिमालय की मुख्य पर्वत श्रेणियों के नाम बताइए।

Answer»

लघु हिमालय की पर्वत श्रेणियां हैं- (i) कश्मीर में पीर पंजाल तथा नागा टिब्बा, (ii) हिमाचल में धौलाधार तथा कुमाऊं, (iii) नेपाल में महाभारत, (iv) उत्तराखण्ड में मसूरी, (v) भूटान में थिम्पू।

8.

हिमालय पर्वत और दक्षिण पठार के लाभों की तुलना करें।

Answer»

हिमालय पर्वत तथा ढक्कन का पठार भारत के दो महत्त्वपूर्ण भू-भाग हैं। ये दोनों ही भू-भाग अपने-अपने ढंग से भारत देश को समृद्ध बनाते हैं। इनके लाभों की तुलना इस प्रकार की जा सकती है

हिमालय के लाभ-

  1. वर्षा-हिंद महासागर से उठने वाली मानसून पवनें हिमालय पर्वत से टकरा कर खूब वर्षा करती हैं। इस प्रकार यह उत्तरी मैदान में वर्षा का दान देता है। इस मैदान में पर्याप्त वर्षा होती है।
  2. उपयोगी नदियां-उत्तरी भारत में बहने वाली सभी मुख्य नदियां गंगा, यमुना, सतलुज, ब्रह्मपुत्र आदि हिमालय पर्वत से ही निकलती हैं। ये नदियां सारा साल बहती रहती हैं। शुष्क ऋतु में हिमालय की बर्फ इन नदियों को जल देती है।
  3. फल तथा चाय-हिमालय की ढलाने चाय की खेती के लिए बड़ी उपयोगी हैं। इनके अतिरिक्त पर्वतीय ढलानों पर फल भी उगाए जाते हैं।
  4. उपयोगी लकड़ी-हिमालय पर्वत पर घने वन पाये जाते हैं। ये वन हमारा धन हैं। इनसे प्राप्त लकड़ी पर भारत के अनेक उद्योग निर्भर हैं। यह लकड़ी भवन निर्माण कार्यों में भी काम आती है।
  5. अच्छे चरागाह-हिमालय पर हरी-भरी चरागाहें मिलती हैं। इनमें पशु चराये जाते हैं।
  6. खनिज पदार्थ-इन पर्वतों में अनेक प्रकार के खनिज पदार्थ पाए जाते हैं।
  7. पर्यटन-हिमालय में अनेक सुंदर और रमणीक घाटियां हैं। कश्मीर घाटी ऐसी ही एक प्रसिद्ध घाटी है। इसे पृथ्वी का स्वर्ग कहा जाता है। अन्य प्रमुख घाटियां हिमाचल प्रदेश में कुल्लू तथा कांगड़ा और उत्तरांचल में कुमायूँ की घाटियाँ हैं। सारे संसार से पर्यटक इन घाटियों की मनोहर छटा को निहारने के लिए यहां आते हैं।

दक्कन (दक्षिणी) पठार के लाभ

  1. दक्षिण का पठार खनिजों से संपन्न है। देश के 98% खनिज भंडार दक्षिणी पठार में ही मिलते हैं यहां कोयला, लोहा, तांबा, मैंगनीज़, अभ्रक, सोना आदि बहुमूल्य खनिज पाये जाते हैं।
  2. यहां की मिट्टी, कपास, चाय, रबड़, गन्ना, कॉफी, मसालों, तंबाकू आदि के उत्पादन के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  3. यहां नदियां जलप्रपात बनाती हैं जो जलविद्युत् के उत्पादन के लिये उपयोगी है।
  4. इस भाग में साल, सागवान, चंदन आदि के वन पाये जाते हैं।
  5. यहां उटकमंड, पंचमढ़ी, महाबालेश्वर आदि पर्यटन स्थानों का विकास हुआ है।
9.

देश का दक्षिणी बिन्द कहां स्थित है?

Answer»

देश का दक्षिणी बिन्दु ग्रेट निकोबार के इंदिरा प्वाइंट (Indira Point) पर स्थित है।

10.

पंजाब के शिवालिक पहाड़ों की उत्पत्ति किन दो भू-भागों के टकराने का परिणाम थी ?(क) गोंडवाना लैंड तथा भाबर मैदान(ख) अंगारा लैंड तथा शिवालिक मैदान(ग) गोंडवाना लैंड तथा यूरेशिया प्लेट(घ) अंगारालैंड तथा यूरेशिया प्लेट।।

Answer»

(ग) गोंडवाना लैंड तथा यूरेशिया प्लेट

11.

भारत के मुख्य डेल्टाई क्षेत्रों के नाम बताओ।

Answer»

भारत के प्रमुख डेल्टाई क्षेत्र हैं-गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा क्षेत्र, गोदावरी नदी डेल्टा क्षेत्र, कावेरी नदी डेल्टा क्षेत्र, कृष्णा नदी डेल्टा क्षेत्र तथा महानदी का डेल्टा क्षेत्र।

12.

लघु हिमालय की मुख्य पर्वतीय श्रेणियों के नाम बताइए।

Answer»

लघु हिमालय की पर्वत श्रेणियां हैं-

  1. कश्मीर में पीर पंजाल तथा नागा टिब्बा,
  2. हिमाचल में धौलाधार तथा कुमाऊं,
  3. नेपाल में महाभारत,
  4. उत्तराखंड में मसूरी,
  5. भूटान में थिम्पू।
13.

हिमालय पर्वत माला एवं दक्षिण के पठार के बीच क्या कुछ समानताएं पायी जाती हैं?

Answer»

हिमालय पर्वत तथा दक्षिण के पठार में निम्नलिखित समानताएं पायी जाती हैं-

  1. हिमालय पर्वत का निर्माण दक्षिणी पठार की उपस्थिति के कारण हुआ है।
  2. प्रायद्वीपीय पठार की पहाड़ियां, भ्रंश घाटियां तथा अपभ्रंश हिमालय पर्वत श्रृंखला से आने वाले दबाव के कारण बनी है।
  3. हिमालय पर्वतों की भान्ति दक्षिणी पठार में भी अनेक खनिज पदार्थ पाये जाते हैं।
  4. इन दोनों भौतिक भागों में वन पाये जाते हैं जो देश में लकड़ी की मांग को पूरा करते हैं।
14.

देश का दक्षिणी सीमा बिंदु कहां स्थित है ?

Answer»

देश का दक्षिणी सीमा बिंदु ग्रेट निकोबार के इंदिरा प्वाइंट (Indira Point) पर स्थित है।

15.

जोग झरना कहां है?(A) गंगा नदी पर(B) शरावती नदी पर(C) यमुना नदी पर(D) चिनाब नदी पर

Answer»

सही विकल्प है (B) शरावती नदी पर

16.

चिलका झील कितनी लम्बी है?

Answer»

चिलका झील 70 कि० मी० लम्बी है।

17.

बारी दोआब का एक अन्य नाम कौन-सा है ?(क) मालवा(ख) चज(ग) नैली(घ) माझा।

Answer»

सही विकल्प है (घ) माझा।

18.

बृहत् हिमालय में 8000 मीटर से अधिक ऊंची चोटियां कौन-कौन सी हैं?

Answer»

बृहत् हिमालय की 8000 मीटर से अधिक ऊंची चोटियां हैं-माऊंट एवरेस्ट (8848 मीटर), कंचन जंगा (8598 मीटर), मकालू (8481 मीटर), धौलागिरी (8172 मीटर), मनायशू, चोंउज, नागापर्वत तथा अन्नपूर्णा।

19.

हिमालय पर्वतों की उत्पत्ति हुई है-(क) टैथीज़ सागर से(ख) अंध-महासागर से(ग) हिंद महासागर से(घ) खाड़ी बंगाल से।

Answer»

(क) टैथीज़ सागर से

20.

हिमालय पर्वत के दरों के नाम बताइए।

Answer»

हिमालय पर्वत में पाये जाने वाले मुख्य दरे हैं-बुरज़िल, जोझीला, लानक ला, चांग ला, खुरनक ला, बाटा खैपचा ला, शिपकी ला, नाथु ला, तत्कला कोट इत्यादि।

21.

बृहत् हिमालय में 8000 मीटर से अधिक ऊंची चोटियां कौन-कौन सी हैं ?

Answer»

बृहत् हिमालय की 8000 मीटर से अधिक ऊंची चोटियां हैं-माऊंट एवरेस्ट (8848 मीटर), कंचनजंगा, मकालू, धौलागिरी, अन्नपूर्णा आदि।

22.

बृहत् हिमालय के नाम, स्थिति तथा आकार का वर्णन करो।

Answer»

बृहत् हिमालय का वर्णन इस प्रकार है-

  1. नाम- हिमालय क्षेत्र के इस भाग को हिमाद्रि, आन्तरिक हिमालय या केन्द्रीय हिमालय भी कहा जाता है।
  2. स्थिति- यह उप-भाग पश्चिम में सिन्धु नदी के गहरे गॉर्ज (Gorge) से लेकर उत्तर-पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी की दिहांग घाटी तक फैली हुई देश की सबसे लम्बी और ऊँची पर्वत श्रृंखला है। इसमें ग्रेनाइट, शिस्ट एवं नाईस जैसी प्राचीन महाकल्प की चट्टानें मिलती हैं।
  3. आकार- इस पर्वत श्रेणी की लम्बाई 2400 किलोमीटर और औसत ऊँचाई 6000 मीटर है। इसकी चौड़ाई 100 से 200 किलोमीटर तक है।
23.

क्या हिमालय पर्वत अभी भी युवा अवस्था में है?

Answer»

इसमें कोई सन्देह नहीं है कि हिमालय पर्वत अभी भी युवा अवस्था में है। इनकी उत्पत्ति नदियों द्वारा टैथीज सागर में बिछाई गई तलछट से हुई है। बाद में इसके दोनों ओर स्थित भूखण्डों के एक-दूसरे की ओर खिसकने से तलछट में मोड़ पड़ गया जिससे हिमालय पर्वतों के रूप में ऊपर उठ आए। आज भी ये पर्वत ऊंचे उठ रहे हैं। इसके अतिरिक्त इन पर्वतों का निर्माण देश के अन्य पर्वतों की तुलना में काफ़ी बाद में हुआ। अतः हम कह सकते हैं कि हिमालय पर्वत अभी भी अपनी युवा अवस्था में हैं।

24.

अण्डमान द्वीप समूह में कुल कितने द्वीप हैं?(A) 120(B) 150(C) 18(D) 130

Answer»

सही विकल्प है (A) 120

25.

जोग झरना कहां है और यह कितना ऊंचा है?

Answer»

जोग झरना शरावती नदी पर है जिसकी ऊंचाई 250 मीटर है।

26.

अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूह में कितने-कितने द्वीप हैं?

Answer»

अण्डमान द्वीप समूह में 120 तथा निकोबार द्वीप समूह में 18 द्वीप सम्मिलित हैं।

27.

भारत के प्रमुख द्वीप समूह कौन-कौन से हैं और ये कहां स्थित हैं?

Answer»

(i) भारत के प्रमुख द्वीप समूह अण्डमान तथा निकोबार और लक्षद्वीप हैं।
(ii) ये क्रमशः बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में स्थित हैं।

28.

हिमालय का अधिकतर भाग फैला है-(क) भारत में(ख) नेपाल में(ग) तिब्बत में(घ) भूटान में।

Answer»

(ग) तिब्बत में

29.

बृहत् हिमालय की धरातलीय विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

Answer»

महान् हिमालय पश्चिम में सिन्धु नदी की घाटी से लेकर उत्तर-पूर्व में ब्रह्मपुत्र की दिहांग घाटी तक फैला हुआ है। इसकी मुख्य धरातलीय विशेषताओं का वर्णन इस प्रकार है-

  1. यह देश की सबसे लम्बी तथा रची पर्वत श्रेणी है। इसमें ग्रेनाइट तथा नीस जैसी परिवर्तित रवेदार चट्टानें मिलती
  2. इसकी चोटियां बहुत ऊंची हैं। संसार की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माऊंट एवरेस्ट (8848 मीटर) इसी पर्वत श्रृंखला में स्थित है। यहां की चोटियां सदा बर्फ से ढकी रहती हैं।
  3. इसमें अनेक रे हैं जो पर्वतीय मार्ग जुटाते हैं।
  4. इसमें काठमाण्डू तथा कश्मीर जैसी महत्त्वपूर्ण घाटियां स्थित हैं।
30.

रावी और ब्यास के मध्य भाग को कहा जाता है-(क) बिस्त दोआब(ख) प्रायद्वीपीय पठार(ग) चज दोआब(घ) मालाबार दोआब।

Answer»

(क) बिस्त दोआब

31.

रावी और व्यास के मध्य भाग को कहा जाता है —(A) बिस्त दोआब(B) प्रायद्वीपीय पठार(C) चज दोआब(D) मालाबार दोआब

Answer»

सही विकल्प है (A) बिस्त दोआब

32.

हिमालय पर्वत श्रेणी की आकृति कैसी है ?

Answer»

हिमालय पर्वत श्रेणी की आकृति एक चाप (Curve) जैसी है।

33.

हिमालय पर्वत श्रेणी का आकार कैसा है?

Answer»

हिमालय पर्वत श्रेणी का आकार एक उत्तल चाप (Convex Curve) जैसा है।

34.

भारत का कौन-सा भू-भाग त्रिभुजाकार है?

Answer»

प्रायद्वीपीय पठार।

35.

कोंकण तट का विस्तार है-(क) दमन से गोआ तक(ख) मुम्बई से गोआ तक(ग) दमन से बंगलौर तक(घ) मुम्बई से दमन तक।

Answer»

(क) दमन से गोआ तक

36.

पश्चिमी घाट के दरों के नाम लिखो।

Answer»

थाल घाट, भोर घाट तथा पाल घाट पश्चिमी घाट के दरें हैं।

37.

पश्चिमी तटीय मैदानों का उसके उपभागों सहित विस्तृत विवरण दीजिए।

Answer»

पश्चिमी तटीय मैदान अरब सागर और पश्चिमी घाट के मध्य, उत्तर से दक्षिण की ओर फैले हुए हैं। ये लगभग 1500 किलोमीटर की लम्बाई तथा 30 से 80 किलोमीटर की चौड़ाई में विस्तृत संकरे मैदान हैं। इनका ढलान दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम की ओर है। मैदानों को धरातलीय विशेषताओं के आधार पर चार प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है —
(1) गुजरात तट, (2) कोंकण तट, (3) मालाबार तट, (4) केरल का मैदान।

  1. गुजरात तट- इस तटवर्ती मैदानी भाग में साबरमती, माही, लुनी, बनास, नर्मदा, ताप्ती आदि नदियों के तलछट के जमाव से कच्छ तथा काठियावाड़ के प्रायद्वीपीय मैदान और सौराष्ट्र के लम्बवत् मैदानों का निर्माण हुआ है। कच्छ का क्षेत्र अभी भी दलदली तथा समुद्र तल से नीचा है। काठियावाड़ के प्रायद्वीपीय भाग में लावा युक्त गिर पर्वतीय श्रेणियाँ भी मिलती हैं। यहाँ की गिरनार पहाड़ियों में स्थित गोरखनाथ चोटी (1117 मीटर) की ऊंचाई सबसे अधिक है। गुजरात का यह तटवर्ती मैदान 400 किलोमीटर लम्बा तथा 200 किलोमीटर चौड़ा है। इसकी औसत ऊँचाई 300 मीटर है।
  2. कोंकण तट- दमन से लेकर गोआ तक का मैदान कोंकण तट कहलाता है। इसके अधिकतर तटवर्ती भागों में धसने की क्रिया होती रहती है। इसीलिए इस 500 किलोमीटर लम्बे मैदान की पट्टी की चौड़ाई 50 से 80 किलोमीटर तक रह जाती है। इस मैदानी भाग में तीव्र समुद्री लहरों द्वारा बनी संकरी खाड़ियां, आन्तरिक कटाव (Coves) और समुद्री बालू में बीच (Beach) आदि भू-आकृतियां मिलती हैं। थाना की संकरी खाड़ी में प्रसिद्ध मुम्बई द्वीप स्थित है।
  3. मालाबार तट- यह गोआ से लेकर मंगलौर तक लगभग 225 किलोमीटर लम्बा तथा 24 किलोमीटर चौड़ा मैदान है। इसे कर्नाटक का तटवर्ती मैदान भी कहते हैं। यह उत्तर की ओर संकरा परन्तु दक्षिण की ओर चौड़ा है। कई स्थानों पर इसका विस्तार कन्याकुमारी तक भी माना जाता है। इस मैदान में मार्मागोआ, मान्ढवी तथा शेरावती नदियों के समुद्री जल में डूबे हुए मुहाने (Estuaries) मिलते हैं। ..
  4. केरल के मैदान- मंगलौर से लेकर कन्याकुमारी तक 500 किलोमीटर लम्बे, 10 किलोमीटर चौड़े तथा 300 मीटर ऊँचे भाग केरल के मैदान कहलाते हैं। इन में बहुत-सी झीलें (Lagoons) तथा काईल (Kayals) पाये जाते हैं। यहाँ पर वैम्भानद और अष्टमुदई झीलों वाले क्षेत्रों में नौकाओं का व्यापारिक स्तर पर प्रयोग होता है।
38.

निकोबार द्वीप समूह में कुल कितने द्वीप हैं —(A) 30(B) 18(C) 28(D) 20

Answer»

सही विकल्प है (B) 18

39.

उत्तरी विशाल मैदानी भाग में किस-किस जलोढ़ी मैदान का निर्माण हुआ है?

Answer»

उत्तरी विशाल मैदान में निम्नलिखित जलोढ़क मैदानों का निर्माण हुआ है —

  1. खादर के मैदान
  2. बांगर के मैदान
  3. भाबर के मैदान
  4. तराई के मैदान
  5. बंजर मैदान
40.

हिमालय की कौन-सी श्रेणी शिवालिक कहलाती है?

Answer»

बाह्य हिमालय।

41.

रावी और ब्यास के मध्य भाग को क्या कहा जाता है?

Answer»

रावी और ब्यास के मध्य भाग को बिस्त दोआब कहा जाता है।

42.

पश्चिमी घाट की प्रमुख चोटी है —(A) गुरु शिखर(B) वाणुलामाला(C) कोंकण शिखर(D) माऊंट K2

Answer»

सही विकल्प है (B) वाणुलामाला

43.

भाबर और तराई में अंतर बताएं।

Answer»

भाबर वे मैदानी प्रदेश होते हैं जहां नदियां पहाड़ों से निकल कर मैदानी प्रदेश में प्रवेश करती हैं और अपने साथ लाए रेत, कंकड़, बजरी, पत्थर आदि का यहां निक्षेप (जमा) करती हैं। भाबर क्षेत्र में नदियां भूमि तल पर बहने की बजाए भूमि के नीचे बहती हैं।
जब भाबर मैदानों की भूमिगत नदियां पुनः भूमि पर उभरती हैं, तो ये दलदली क्षेत्रों का निर्माण करती हैं। शिवालिक पहाड़ियों के समानांतर फैली ऐसी आर्द्र दलदली भूमि की पट्टी को तराई प्रदेश कहते हैं। यहां घने वन भी पाये जाते हैं तथा जंगली जीव-जंतु भी अधिक संख्या में मिलते हैं।

44.

ब्रह्मपुत्र के मैदान की लम्बाई तथा चौड़ाई बताओ।

Answer»

इस मैदान की लम्बाई 640 किलोमीटर और चौड़ाई 90 से 100 किलोमीटर तक है।

45.

नागपुर के पठार की कोई एक विशेषता लिखो।

Answer»

लावे से बना यह पठार कटा-फटा है।

46.

ब्रह्मपुत्र के मैदानों की औसत ऊंचाई कितनी है ?

Answer»

250-550 मी०।

47.

गंगा के मैदान के विभिन्न भौगोलिक पक्षों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।

Answer»

गंगा के मैदान के मुख्य भौगोलिक पक्षों का वर्णन इस प्रकार है —

  1. स्थिति- यह मैदान उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिमी बंगाल राज्यों में स्थित है। यह पश्चिम में यमुना, पूर्व में बंगलादेश की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा, उत्तर में शिवालिक तथा दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार के उत्तरी विस्तार के मध्य फैला हुआ है।
  2. नदियाँ- इस मैदान में गंगा, यमुना, घागरा, गण्डक, कोसी, सोन, बेतवा तथा चम्बल नदियां बहती हैं।
  3. भू-आकारीय नाम- गंगा के तराई वाले उत्तरी क्षेत्रों में बनी दलदली पेटियों को ‘कौर’  कहा जाता है। इसकी दक्षिणी सीमा में बड़े-बड़े खड्ड (Ravines) मिलते हैं जिन्हें ‘जाला’ व ‘ताल’ अथवा बंजर भूमि कहते हैं। इसके अतिरिक्त समस्त मैदान में पुरानी जमीं बांगर और नई बिछी खादर की जलोढ़ पट्टियों को ‘खोल’ कहा जाता है। गंगा और यमुना दोआब में पवनों के निक्षेप द्वारा निर्मित बालू के टीलों को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद तथा बिजनौर जिलों में ‘भूर’ के नाम से जाना जाता है।
  4. ढलान तथा क्षेत्रफल- गंगा के मैदान की ढलान पूर्व की ओर है। 5. विभाजन-ऊँचाई के आधार पर गंगा के मैदानों को अग्रलिखित तीन उप-भागों में विभाजित किया जा सकता है —
    1. ऊपरी मैदान- इन मैदानों को गंगा-यमुना दोआब भी कहते हैं। इनके पश्चिम में यमुना नदी है तथा 100 मीटर की ऊँचाई तक मध्यम ढाल वाले क्षेत्र इसकी पूर्वी सीमा बनाते हैं। रुहेलखण्ड तथा अवध का मैदान भी इन्हीं मैदानों में सम्मिलित है।
    2. मध्यवर्ती मैदान- इस मैदान को बिहार के मैदान या मिथिला (Mithila) मैदान भी कहते हैं, जिसकी ऊँचाई लगभग 50 से 100 मीटर के बीच है। यह घागरा नदी से लेकर कोसी नदी तक 35,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
    3. निचले मैदान- गंगा के ये मैदानी भाग समुद्र तल से लगभग 50 मीटर ऊंचे हैं। ये राजमहल तथा गारो पर्वत श्रेणियों के मध्य एक समतल डेल्टाई क्षेत्र बनाते हैं। इसके उत्तर में तराई पट्टी के द्वार मिलते हैं तथा दक्षिण में विश्व का सबसे बड़ा सुन्दरवन डेल्टा स्थित है।
48.

भारत के उत्तरी विशाल मैदान की रचना में किस-किस जल प्रवाह प्रणाली का योगदान रहा है?

Answer»

भारत के उत्तरी विशाल मैदान की रचना में सतलुज, ब्रह्मपुत्र तथा गंगा जल प्रवाह प्रणालियों का योगदान है।

49.

हिमालय पर्वत की चार विशेषताएं बताओ।

Answer»
  1. ये पर्वत भारत के उत्तर में स्थित हैं। ये एक चाप की तरह कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक फैले हुए हैं। संसार का कोई भी पर्वत इनसे अधिक ऊंचा नहीं है। इनकी लम्बाई 2400 किलोमीटर और चौड़ाई 240 से 320 किलोमीटर तक है।
  2. हिमालय पर्वत की तीन समानान्तर शृंखलाएं हैं। उत्तरी श्रृंखला सबसे ऊंची है तथा दक्षिणी श्रृंखला सबसे कम ऊंची है। इन शृंखलाओं के बीच बड़ी उपजाऊ घाटियां हैं।
  3. इन पर्वतों की मुख्य चोटियां ऐवरेस्ट, नागा पर्वत, गाडविन ऑस्टिन, नीलगिरि, कंचनजंगा आदि हैं। ऐवरेस्ट संसार की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। इसकी ऊंचाई 8848 मीटर है।
  4. हिमालय की पूर्वी शाखाएं भारत तथा म्यनमार की सीमा बनाती हैं। हिमालय की पश्चिमी शाखाएं पाकिस्तान में हैं। इनके नाम सुलेमान तथा किरथर पर्वत हैं। इन शाखाओं में खैबर तथा बोलान के दर्रे स्थित हैं।
50.

प्रायद्वीपीय पठार और उनकी पर्वतीय श्रृंखलाओं के विषय में विस्तार में लिखें।

Answer»

प्रायद्वीपीय पठार भारत के मध्य से लेकर सुदूर दक्षिण तक फैला हुआ है। यह पठार क्रिस्टलीय आग्नेय तथा
रूपांतरित चट्टानों से बना है। त्रिभुज के आकार के इस प्राचीन भू-भाग का शीर्ष बिन्दु कन्याकुमारी है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यहां की वन-संपदा है। इन पठारों को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है। इन भागों तथा उनमें स्थित पर्वत श्रेणियों का वर्णन इस प्रकार है

1. मध्य भारत का पठार-यह पठारी प्रदेश मारवाड़ प्रदेश के पूर्व में फैला है। इसकी समुद्र तल से ऊँचाई 250500 मी० तक है। इसकी दरार घाटी में चंबल तथा उसकी सहायक नदियां बहती हैं। यह पठार अपनी गहरी घाटियों के लिए प्रसिद्ध है। इस पठार के पूर्व में यमुना के निकट बुंदेलखंड का प्रदेश स्थित है।

2. मालवा पठार-पश्चिम में अरावली पर्वत, उत्तर में बुंदेलखंड तथा बघेलखंड, पूर्व में छोटा नागपुर, राजमहल की पहाड़ियां तथा शिलांग के पठार तक और दक्षिण की ओर सतपुड़ा की पहाड़ियों तक घिरा हुआ पठार मालवा का पठार कहलाता है। इसका शीर्ष शिलांग के पठार पर है। इस पठार की उत्तरी सीमा अवतल चापाकार की तरह है। इस पठार में बनास, चंबल, केन तथा बेतवा नामक नदियां बहती हैं। इसकी औसत ऊंचाई 900 मी० है। पारसनाथ तथा नैत्रहप्पाट इसकी मुख्य चोटियां हैं। इसकी तीन पर्वत श्रेणियां हैं-अरावली पर्वत श्रेणी, विंध्याचल पर्वत श्रेणी तथा सतपुड़ा पर्वत श्रेणी।
अरावली पर्वत श्रेणी सबसे पुरानी पर्वत श्रेणी है। इसकी लंबाई लगभग 800 किलोमीटर तक है। इसकी सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर (1722 मी०) है। इसमें गोरनघाट नामक एक दर्रा भी स्थित है। सतपुड़ा की पहाड़ियां 900 किलोमीटर की लंबाई में फैली हैं। इस पर्वत श्रेणी की सबसे ऊंची चोटी (धूपगढ़ 1350 मी०) है। अमरकंटक दूसरी ऊंची चोटी है।

3. दक्कन (दक्षिण) का पठार-इसकी औसत ऊँचाई 300 से 900 मीटर तक है। इसके धरातल को मौसमी नदियों ने कांट-छांट कर सात स्पष्ट भागों में बांटा हुआ है-

  1. महाराष्ट्र का टेबल लैंड,
  2. दंडकारण्य-छत्तीसगढ़ क्षेत्र,
  3. तेलंगाना का पठार,
  4. कर्नाटक का पठार,
  5. पश्चिमी घाट,
  6. पूर्वी घाट,
  7. दक्षिणी पहाड़ी समूह।

पश्चिमी घाट की औसत ऊंचाई 1200 मीटर और पूर्वी घाट की 500 मीटर है। दक्षिण भारत की सभी महत्त्वपूर्ण नदियां पश्चिमी घाट से निकलती हैं। उत्तर से दक्षिण तक पश्चिमी घाट में चार प्रसिद्ध दर्रे हैं-थालघाट, भोरघाट, पालघाट तथा शेनकोटा। पूर्वी घाट पश्चिमी घाट की अपेक्षा अधिक चौड़े कटे-फटे तथा टूटी पहाड़ियों वाला है। पूर्वी घाट की सबसे ऊंची चोटी महेंद्रगिरी (1500 मी०) है।

पश्चिमी और पूर्वी घाट जहां जाकर मिलते हैं, उन्हें नीलगिरि पर्वत कहते हैं। इन पर्वतों की सबसे ऊंची चोटी दोदाबेटा है अथवा डोडाबेटा जो 2637 मीटर ऊंची है।
सच तो यह है कि प्रायद्वीपीय पठार खनिज पदार्थों का भंडार है और इसका भारत की आर्थिकता में बड़ा महत्त्व है। यहां चाय, रबड़, गन्ना, कॉफ़ी आदि की कृषि भी की जाती है।