InterviewSolution
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                                    ‘दो कलाकार’ कहानी किसके द्वारा लिखी गई है? | 
                            
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                                   Answer»  ‘दो कलाकार’ कहानी लेखिका मन्नू भंडारी द्वारा लिखी गई है।  | 
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                                    निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखेंबेवकूफीगुणनिरक्षरताआदर्शजिंदगीबंधनशोहरतबीमारधनीविदेश | 
                            
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                                   Answer»  बेवकूफी = समझदारी गुण = अवगुण निरक्षरता = साक्षरता आदर्श = अनादर्श जिंदगी = मौत बंधन = मुक्त शोहरत = बदनामी बीमार = स्वस्थ धनी = निर्धन विदेश = स्वदेश।  | 
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| 3. | 
                                    निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझ कर इनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिएमुहावरा = अर्थ = वाक्यराह देखना = बेसब्री से इंतज़ार करना रोब खाना = ————–रोब खाना = प्रभाव या हस्ती मानना = ————आँखें छलछला आना = आँसू निकल आने = ———–पीठ थपथपाना = हौसला शाबाशी देना = ————–धूम मचना = प्रसिद्धि होना = ————– | 
                            
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                                   Answer»  राह देखना = बेसब्री से इंतज़ार करना वाक्य = बूढ़े माता-पिता अपने इकलौते पुत्र की कई घंटों से राह देख रहे थे। रोब खाना = प्रभाव या हस्ती मानना वाक्य = सिकंदर की वीरता का रोब शीघ्र ही सारे संसार में फैल गया था। आँखें छलछला आना = आँसू निकल आने वाक्य = बालक की मृत्यु का समाचार सुनाते-सुनाते अरुणा की आँखें छलछला आईं। पीठ थपथपाना = हौसला, शाबाशी देना वाक्य = विद्यार्थी द्वारा अच्छे अंक लाने पर अध्यापक ने विद्यार्थी की पीठ थपथपाई। धूम मचना = प्रसिद्धि होना वाक्य = आजकल सारे देश में क्रिकेट की धूम मची हई है।  | 
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| 4. | 
                                    ‘दो हाथ’/’दो कलाकार’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए। | 
                            
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                                   Answer»  ‘दो हाथ’/ दो कलाकार’ कहानी का शीर्षक एक उचित शीर्षक है क्योंकि इसमें एक कलाकार, एक चित्रकार तथा दूसरी कलाकार एक समाज सेवी महिला है। दोनों की कलाओं की तुलना करते हुए लेखिका ने दोनों को समान रूप से सच्ची संवेदना प्रदान की है। दूसरों की पीड़ा से अनुप्रेरित होने के कारण समाज सेवा सौंदर्यपरक चित्रकला की भाँति है। अतः इस कहानी का शीर्षक ‘दो कलाकार’ बिल्कुल उचित है।  | 
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| 5. | 
                                    दो कलाकार के आधार पर अरुणा का चरित्र-चित्रण करें। | 
                            
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                                   Answer»  मन्नु भंडारी द्वारा रचित कहानी ‘दो कलाकार’ में अरुणा को एक समर्पित समाज-सेविका के रूप में चित्रित किया गया है। वह निर्जीव चित्र बनाने की अपेक्षा किसी का जीवन संवार देना अधिक उचित मानती है। चित्रा के प्रति उसके मन में मित्रता का भाव है। वह अध्ययन से भी अधिक दीन-दुखियों की सेवा को महत्त्व देती है। पर दुःख कातरता के कारण ही वह मृत भिखारिन के बच्चों का पालन-पोषण करती है। फुलिया दाई के बीमार बच्चे की सेवा करती है। वह अत्यंत भावुक भी है। इसी कारण दाई के बच्चे के मर जाने पर वह खाना भी नहीं खाती है। वह अपने कर्तव्य पालन में इतनी लीन रहती है कि वह चित्रा को विदा करने भी नहीं आ पाती। वह अपनी जैसी विचारधारा वाले मनोज को पति के रूप में पाना चाहती है क्योंकि वह मानती है कि जो व्यक्ति समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को जानता हो वही उसका पति बन सकता है। इस प्रकार अरुणा एक ऐसी आदर्शवादी युवती है जिसने अपना समस्त जीवन-सेवा में अर्पित कर दिया है।  | 
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| 6. | 
                                    चित्रा एक मंझी हुई चित्रकार है। आप इससे कहाँ तक सहमत हैं? | 
                            
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                                   Answer»  हाँ, चित्रा एक मंझी हुई चित्रकार है। उसे चित्रकला का बहुत शौक है। वह चित्र बनाने के लिए सदैव नवीन प्रेरणाओं की तलाश करती है। उसकी मेहनत उसे विश्व प्रसिद्ध चित्रकार बना देती है। वह आधुनिक चित्रकला के नियमों के अनुसार अपने चित्रों को बनाती है। उसकी कला जीवन के सुख-दुःख से जुड़ी हुई थी। उसके द्वारा बनाया गया भिखमंगी तथा उसके दोनों बच्चों का चित्र उसकी मंझी कलाकार होने का सबूत हैं।  | 
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| 7. | 
                                    मरी हुई भिखारिन और उसके दोनों बच्चों को उसके सूखे शरीर से चिपक कर रोते देख चित्रा ने क्या किया? | 
                            
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                                   Answer»  मरी हुई भिखारिन और उसके दोनों बच्चों को उसके सूखे शरीर से चिपक कर रोते देख चित्रा का हृदय करुणा से भर गया। वह चाह कर भी स्वयं को वहां से दूर नहीं कर पाई। वह वहीं रुकी और उस दृश्य को देखकर उसने उनका चित्र कागज़ पर उतारा। यह उसके अंदर का कलाकार था जो चित्र के रूप में उभर कर हमारे सामने आया।  | 
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| 8. | 
                                    चित्रा किससे मिलने गई थी और कब लौट कर आई? | 
                            
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                                   Answer»  चित्रा विदेश जाने से पहले गुरु जी से मिलने गई थी और उनसे मिलकर वह साढ़े चार बजे हॉस्टल के फाटक पर आई।  | 
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| 9. | 
                                    अरुणा बाढ़ पीड़ितों की सहायता करके स्वयंसेवकों के दल के साथ कितने दिनों बाद लौटी? | 
                            
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                                   Answer»  अरुणा बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए स्वयंसेवकों के दल के साथ सहायता पंद्रह दिन बाद लौटी।  | 
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| 10. | 
                                    ‘दोनों कलाकारों की कलाओं में अंतर है एक में मात्र कला है तो दूसरे में जीवन’-आपकी दृष्टि से दोनों में कौन श्रेष्ठ है और क्यों? | 
                            
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                                   Answer»  मेरी दृष्टि में वह कला श्रेष्ठ है जो जीवन से जुड़ी हुई होती है। जिस कला में जीवन न हो वह मानव मन में किसी प्रकार की भावनाएँ नहीं उत्पन्न कर सकतीं। जिस कलाकृति को देखकर दर्शक का मन उसमें रम जाए वही कलाकृति श्रेष्ठ कही जा सकती है। अतः जीवन के सुख-दुःख से सीझे जुड़ कर ही कला उत्कृष्ट बनती है। इस दृष्टि में समाज-सेविका की कला श्रेष्ठ है।  | 
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| 11. | 
                                    अपने चित्र के जीवित मॉडल देख कर चित्रा हतप्रभ क्यों हो गई? | 
                            
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                                   Answer»  चित्रा हतप्रभ रह गई थी क्योंकि उसे यह आशा नहीं थी कि मृत भिखारिन के बच्चों को अरुणा अपने बच्चों के समान पाल-पोस कर बड़ा करेगी। वह तो यह सोचती थी कि भिखारिन के बच्चे मर गए होंगे अथवा कहीं भिखारी के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर रहे होंगे।  | 
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| 12. | 
                                    ‘जब तक समाज का सारा ढांचा नहीं बदलता तब तक कुछ होने का नहीं।’ लेखिका के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए। | 
                            
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                                   Answer»  लेखिका के इस कथन से हम पूरी तरह सहमत नहीं हैं क्योंकि जब तक समाज की रूढ़ियों से ग्रस्त परंपराओं को धीरे-धीरे बदला नहीं जाएगा तब तक समाज का सुधार भी नहीं हो सकता। यह परिवर्तन एकदम तथा अपने आप नहीं हो सकता। इसके लिए हममें से कुछ लोगों को पहल करनी होगी तथा हमारे नये कदमों की आलोचना करने वालों की चिंता न करते हुए हमें समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास करना होगा। जैसे बूंद-बूंद से घड़ा भर जाता है उसी प्रकार से हम में से एक-एक व्यक्ति के द्वारा किया गया समाज सुधार का प्रयास समस्त समाज को भी बदल सकता है। जैसे इस कहानी में अरुणा ने चपरासियों के अनपढ़ बच्चों को पढ़ा कर साक्षर बनाया गया तथा दो अनाथ बच्चों को अपनी सन्तान के समान पाल-पोस कर बड़ा किया। अतः समाज को बदलने के लिए धीरे-धीरे किए गए प्रयास भी महत्त्वपूर्ण होते हैं।  | 
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| 13. | 
                                    चित्रा की हॉस्टल से विदाई के समय अरुणा क्यों नहीं पहुँच सकी? | 
                            
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                                   Answer»  जब चित्रा की हॉस्टल से विदाई हो रही थी तब अरुणा वहाँ नहीं पहुँच सकी थी। चित्रा बार-बार हॉस्टल के फाटक पर खड़ी हो उसे इधर-उधर ढूँढ़ रही थी लेकिन वह वहाँ कहीं नहीं थी। अरुणा उस समय उन दो अनाथ बच्चों के पास पहुँच गई थी जिनकी तस्वीर चित्रा ने तब बनाई थी जब उनकी माँ पेड़ के नीचे मरी पड़ी थी। वह उन अनाथ बच्चों को संभालने के कारण समय पर नहीं पहुँच सकी थी।  | 
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| 14. | 
                                    दोनों बच्चों की जानकारी हो जाने के बाद चित्रा की दोनों बच्चों और अरुणा के प्रति क्या प्रतिक्रिया हुई होगी? अपनी कल्पना से बताइए। | 
                            
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                                   Answer»  चित्रा को जब यह ज्ञात हुआ कि अरुणा ने मृत भिखारिन के अनाथ बच्चों को अपने बच्चों के समान पालापोसा है तो वह विस्मित रह गई। वह सोचने लगी कि वह कितनी स्वार्थी है जो उस समय वह मृत भिखारिन और उसके दोनों बच्चों का स्केच ही बनाती रही तथा उन बच्चों के प्रति उसके मन में कोई भी विचार क्यों न आया। अपनी इस स्वार्थी मनोवृत्ति पर उसे बहुत ग्लानि हुई होगी। दूसरी ओर वह अरुणा की मन ही मन प्रशंसा कर रही होगी कि अरुणा ने दुनिया की चिंता न करके इन अनाथ बच्चों का अपने बच्चों के समान पालन-पोषण किया तथा इन्हें जीवन दान दिया। वह अरुणा को बहुत ही महान् त्यागी, दयावान् तथा करुणाशील महिला मान रही थी।  | 
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| 15. | 
                                    अरुणा के इस कथन में कि ‘तू हर घड़ी हर जगह और हर चीज़ में से अपने चित्रों के लिए मॉडल खोजती रहती है।’ चित्रा की किस मनोवृत्ति पर व्यंग्य किया गया है? | 
                            
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                                   Answer»  अरुणा के इस कथन से स्पष्ट है कि चित्रा को अपनी चित्रकला के अतिरिक्त मानव जीवन के सुख-दुःखों से कोई संबंध नहीं है। वह कला को केवल-कला मानती है तथा चित्रकला के प्रति उसका स्वार्थी मनोवृत्ति का भी इस कथन से ज्ञात होता है।  | 
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| 16. | 
                                    चित्रा कितने वर्षों बाद भारत लौटी(क) दो(ख) चार(ग) तीन(घ) पाँच। | 
                            
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                                   Answer»  सही विकल्प है (ग) तीन  | 
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| 17. | 
                                    “तेरे मनोज की चिट्ठी आई है” यह कथन किसका है?(क) शीला का(ख) चित्रा का(ग) अरुणा का(घ) सविता का। | 
                            
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                                   Answer»  सही विकल्प है (ख) चित्रा का  | 
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| 18. | 
                                    चित्रा को किस चित्र पर अनेक प्रतियोगिताओं में पहला ईनाम मिला था? | 
                            
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                                   Answer»  चित्रा को ‘अनाथ’ शीर्षक चित्र पर अनेक प्रतियोगिताओं में पहला ईनाम मिला था।  | 
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| 19. | 
                                    अरुणा चित्रा के चित्रों के बारे में क्या कहती है? | 
                            
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                                   Answer»  अरुणा चित्रा के चित्रों को देखकर कहती है कि “कागज़ पर इन बेज़ान चित्रों को बनाने की बजाय दोचार की ज़िंदगी क्यों नहीं बना देती।”  | 
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| 20. | 
                                    चित्रा कहानी के आरंभ में अरुणा को क्यों जगाती है? | 
                            
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                                   Answer»  चित्रा कहानी के आरंभ में अरुणां को अपने द्वारा बनाया हुआ चित्र दिखाने के लिए जगाती है।  | 
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| 21. | 
                                    छात्रावास में रहने वाली दो सहेलियों के नाम क्या थे? | 
                            
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                                   Answer»  छात्रावास में रहने वाली दो सहेलियों के नाम अरुणा और चित्रा थे।  | 
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