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निबंध लेखन :विद्यार्थी जीवन में नैतिक शिक्षा

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आजकल समाज में जहाँ देखो वहाँ नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है। देश के हर क्षेत्र में अर्थात् राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, अन्याय, अत्याचार, आदि दिखायी दे रहे हैं। इन सबका एक मात्र कारण है नैतिक मूल्यों का पतन एवं ह्रास।

प्राचीन ज़माने में पाठशाला शिक्षा में विद्यार्थियों के लिए नैतिक शिक्षा प्रदान की जाती थी, लेकिन आजकल विद्यार्थियों के लिए नैतिक शिक्षा का अभाव है। केवल यांत्रिक रूप से शिक्षा दी जा रही है। आजकल शिक्षा का उद्देश्य केवल अंक प्राप्त करना ही है।

नैतिक शिक्षा के कारण ही समाज में परोपकार की भावना, भाईचारे की भावना, आपसी सद्भावना, सहृदयता, उदारता, प्रेम, दया, ममता, समता, त्याग, इन्सानियत आदि भावनाएँ जागृत होंगे।

इसलिए विद्यार्थी जीवन में ही हर विद्यार्थी नैतिक शिक्षा को अपनाना चाहिए। सरकार को भी पाठशालाओं में नैतिक शिक्षा की प्रधानता देनी चाहिए। नैतिक शिक्षा से संबंधित पाठ्य प्रणाली बनानी चाहिए। हर सप्ताह में एक कालांश देकर नीति कहानियाँ और अनेक नैतिक विषयों को बनाना चाहिए। जिनसे विद्यार्थी उन्हें ग्रहण करके निज जीवन में भी नैतिक मूल्यों का पालन करेंगे। माँ – बाप की सेवा करेंगे। अतिथियों और गुरुजनों का आदर करेंगे।

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निबंध लेखन :विद्यार्थी जीवन

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प्रस्तावना :
विद्यार्थी का अर्थ है विद्या सीखनेवाला। इसलिए विद्यार्थी अवस्था में विद्या सीखते जीवन बिताना या । ज्ञानार्जन करना उसका परम कर्तव्य है। उत्तम विद्यार्थी ही आदर्श विद्यार्थी कहलाता है।

विषय विश्लेषण :
जो बालक विद्या का आर्जन करता है उसे विद्यार्थी कहते हैं। हर विद्यार्थी को महान व्यक्तियों से अच्छी बातों को सीखना चाहिये। तब वह आदर्श विद्यार्थी बन सकता है। आदर्श विद्यार्थी को अपने हृदय में सेवा का भाव रखना चाहिए। उसको अच्छे गुणों को लेना चाहिए। उसको विनम्र और आज्ञाकारी बनना चाहिये। उसे शांत चित्त से अपने गुरु के उपदेशों को सुनना चाहिये। उसको स्वावलंबी बनना चाहिये। उसको अपने कर्तव्य को निभाना चाहिये। उसको समाज और देश का उपकार करना चाहिये। उसको महापुरुषों की जीवनियों से प्रेरणा लेनी चाहिये। उसको समय का सदुपयोग करना चाहिये। आदर्श विद्यार्थी को सदाचारी बनना चाहिये।

उपसंहार :
विद्यार्थी दुष्ट लोगों को पकड़ने में सरकार की सहायता कर सकते हैं। भारत स्काउट, जूनियर रेडक्रास आदि संस्थाओं में वे भाग ले सकते हैं। उनका धर्म है कि वे हमेशा मानव की सेवा करते रहे। अपने देश की सच्ची सेवा भी करनी है। मानव जीवन में विद्यार्थी जीवन ही अत्यंत महत्तर और आनंददायक जीवन है। अच्छी पुस्तकें पढनी चाहिए, जिससे चरित्रवान बन सकते हैं। आज का आदर्श विद्यार्थी ही कल का आदर्श नेता, अच्छा नागरिक बन जाता है। इस कारण देश और समाज के लिए आदर्श विद्यार्थियों की अत्यंत आवश्यकता है। हर एक विद्यार्थी को आदर्श विद्यार्थी बनने की आवश्यकता है।

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निबंध लेखन : दीवाली

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दीपावली एक राष्ट्रीय त्योहार है। यह किसी न किसी रूप में भारत भर में मनाया जाता है। दीपावली हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है। यह दक्षिण भारत में आश्विन मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह अन्धकार पर प्रकाश डालनेवाला त्योहार है। इस त्योहार के संबन्ध में एक कहानी प्रसिद्ध है कि प्राचीनकाल में नरकासुर नामक एक क्रूर राक्षस रहता था । वह सभी को बहुत सताता था। बहुत स्त्रियों को कारागार में बन्दकर दिया था। लोगों में त्राहि-त्राहि मच गई । सभी लोगों ने जाकर भगवान कृष्ण से प्रार्थना की हैं कि उस राक्षस को मारकर हमारी रक्षा कीजिए। श्रीकृष्ण ने सत्यभामा समेत जाकर नरकासुर को युद्ध में मार डाला। उस दिन की याद में लोग हर साल दीवाली मनाते हैं। उस दिन लोग घरों को साफ़ करके घर-घर में दीप जलाकर खुशी मनाते हैं। बच्चे नये कपडे पहनकर पटाखे आदि छोडते हैं। पकवान खाते हैं। बन्धु लोग आते हैं। मंदिर में जाकर भगवान की पूजा करते हैं। खासकर लक्ष्मी की पूजा करते हैं। उस दिन से व्यापारी लोग पुराने हिसाब ठीक करके नये हिसाब शुरू करते हैं।

95054.

निबंध लेखन :आपके प्रिय नेता

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महात्मा गाँधीजी मेरे प्रिय नेता हैं। महात्मा गाँधीजी ‘जाति पिता’ के रूप में हम सबको मालूम हैं। आप देश की दास्यता को दूर करने के लिए सच्चे सेवक के रूप में काम किये थे।

महात्मा गाँधीजी अहिंसावादी थे। आप सदा सच ही बोले थे। आपके नेतृत्व में ही भारत आज़ादी को प्राप्त कर ली । आप हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए बहुत कोशिश करते थे । आप हरिजनोद्धरण के लिए बहुत प्रयत्न करते थे । आप कुटीर उद्योगों और स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देते थे।

आपने सत्य और अहिंसा के द्वारा ही दक्षिण आफ्रिका को भी स्वतन्त्र दिलाये | देश को आज़ादी दिलाने के लिए आपको कई बार जेल जाना पड़ा । आपका समय पालन हमारे लिए अनुकरणीय योग्य बात है। 1948 जनवरी 30 वी. तारीख को आप गाड्से नामक एक व्यक्ति के हाथों मारे गये।

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निबंध लेखन :आदर्श विद्यार्थी

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जो विद्या (प्राप्त करता है) का आर्जन करता है, चाहता है, वह विद्यार्थी है जो विद्यार्थी उत्तम गुणों का पालन करता है, उसे आदर्श विद्यार्थी कहते हैं। अध्ययनकाल विद्यार्थी के भावी जीवन के लिए महत्वपूर्ण होता है। विद्यार्थी इस जीवनकाल में उत्तम गुणों को अपनायेगा तो उसका भविष्य उज्ज्वल होगा।

सबसे पहले आदर्श विद्यार्थी को नम्र होना चाहिए। नम्रता ही विद्यार्थी का आभूषण है। अपने माता-पिता के प्रति और अपने अध्यापकों के प्रति उसका आचरण सदैव विनम्र होना चाहिए। कहा गया है ‘विद्या ददाति विनयम्’ अर्थात् विद्या विनय प्रदान करती है विद्यार्थी को आज्ञाकारी होना चाहिए। बड़ों की आज्ञा का पालन करना, विद्यार्थी का प्रथम कर्तव्य है। वास्तव में जो आज्ञा का पालन करता है। यही अनुशासन है। विद्यार्थी को अनुशासन प्रिय होना चाहिए। अनुशासन से विद्यार्थी में शिष्टता तथा शालीनता के गुण आते हैं।

आदर्श विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना चाहिए। समय की महत्ता जानकर विद्यार्थी को अपने जीवन में लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। विद्यार्थी के जीवन का प्रमुख लक्ष्य विद्याध्ययन है। इस कारण इसे अपना सारा … समय अध्ययन में लगाना चाहिए। वर्ग में पढ़ाये गये विषयों को ध्यानपूर्वक सुनकर उन्हें स्मरण तथा मनन करने का प्रयत्न करना चाहिए। विद्यार्थी को अपने व्यक्तिगत स्वार्थों को त्यागकर सदैव परिश्रम करना चाहिए। उसे जिज्ञासु होना चाहिए। नये विषयों की जानकारी के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए।

आज विद्यार्थियों की स्थिति ठीक नहीं है। वे अपने कर्तव्य को भूलते जा रहे हैं और आये दिन बुरे गुणों का शिकार बनते जा रहे हैं। अनुशासन तो उनके जीवन में नहीं के बराबर है। नम्रता उनसे कोसों दूर है। वे अपने अध्यापक की हँसी उड़ाते हैं और परीक्षा के समय उन्हें पीटने को प्रस्तुत होते हैं। गुरु के प्रति आदर जताना वे अपना अपमान समझने लगे हैं। अपना बहुमूल्य समय वे सिनेमा देखने में सैर-सपाटे में मजाक में और व्यर्थ की बातों में बरबाद करते हैं। हर बात के लिए आज के विद्यार्थी आन्दोलन मचाने तथा तोड़फोड़ की बात करते हैं। विद्या सीखने की ओर उनका ध्यान कम रहता है। अपने शारीरिक सुखों के लिए अनैतिक कार्यों को करने के लिए वे पीछे भी नहीं हटते।

विद्यार्थी अपने भावी जीवन को उज्ज्वल बनाना चाहें तो उनमें नम्रता अनुशासन की भावना, समय के सदुपयोग का ज्ञान और अध्ययन के प्रति रुचि आदि का होना आवश्यक है, तभी वह आदर्श विद्यार्थी कहलाता है। आदर्श विद्यार्थी ही देश का सच्चा नागरिक सिद्ध होगा। उन्हीं के कंधों पर देश का भविष्य निर्भर है।

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स्त्री शिक्षा की आवश्यकता पर निबंध लिखिए :

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मनुष्य सामाजिक प्राणी है। वह प्रत्येक कार्य समाज को ध्यान में रखकर ही करता है। मनुष्य समाज का प्रत्येक सुख और आनंद चाहता है। सुख प्राप्ति के कई साधन हो सकते हैं परंतु शिक्षा सबसे अधिक आवश्यक है। शिक्षा की आवश्यकता समाज में स्त्री और पुरुष दोनों को समान रूप से है। स्त्रियाँ शिक्षित होकर अपने उत्तरदायित्व को ठीक तरह से निभा सकती हैं। उनकी अशिक्षा का प्रभाव समाज पर कभी भी अच्छा नहीं पड़ता। इसलिए स्त्री शिक्षा की आवश्यकता है। स्त्रियाँ गृहलक्ष्मी होती हैं। यदि वे सुशिक्षित होंगी तो उनकी संतान भी उन्हीं के अनुरूप होगी।

जीवन – रथ के दो चक्र हैं – स्त्री और पुरुष। इन दोनों को शिक्षा की आवश्यकता है। यदि गृहिणी सुशिक्षित रहती है तो वह अपने पति के कार्यों में हाथ बटाती है तथा उसकी सहायता करती है। अतः स्त्रियों की शिक्षा आवश्यक है। शिक्षित स्त्रियाँ बच्चों के लालन – पालन को बड़े सुंदर ढंग से करती हैं। इससे भावी संतानों में बचपन से ही अच्छे संस्कार जमते रहते हैं। राष्ट्र में स्त्रियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है, उन्हें सम्मानित जीवन व्यतीत करने के योग्य होना ही चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें परावलंबी तथा निराश्रित न बनना पड़े, उनमें आत्मविश्वास बना रहे। इसलिए स्त्री को शिक्षा की अत्यधिक आवश्यकता है। विवेक शक्ति के उचित विकास के लिए स्त्री शिक्षा जरूरी है। सामाजिक रहन – सहन को ऊपर उठाने के लिए स्त्री शिक्षा की जरूरत है। यदि स्त्रियों को पुरुषों के समान स्वतंत्र और स्वावलंबी बनाकर पुरुषों के समानांतर चलना है तब तो उनकी शिक्षा प्रणाली पुरुषों के समान होनी चाहिए।

जिस प्रकार एक अशिक्षित पुरुष से समाज एवं राष्ट्र का कोई हित – साधन नहीं हो सकता, उसी प्रकार निरक्षर नारियाँ भी समाज के ऊपर बोझ हैं। पढ़ लिख जाने पर नारी के ज्ञान का विकास होता है। उसमें उचित – अनुचित को समझने का विवेक उत्पन्न हो जाता है। शिक्षा के द्वारा ही कूपमण्डूकता से मुक्ति पाकर भविष्य – दृष्टा हो जाती है। अज्ञान, अविश्वास, भय, रूढ़िवादिता और मानवीयता जैसे अवगुणों का नाश होकर उनके स्थान पर सरल, सात्विक एवं कल्याणप्रद मानवीय गुणों का उसमें विकास होता है। पढ़ी – लिखी नारी अपनी अमूल्य सलाहों से परिवार के नीरस एवं दुःखी जीवन में मधुर रस का संचार करती हैं।

माता बालक की गुरु होती है। इसलिए जो आज के बालक हैं कल भावी राष्ट्र के नागरिक हैं। उनको योग्य नागरिक बनाना नारी का ही काम है। बच्चों में अच्छे गुणों का विकास करने का श्रेय माँ को ही है। नम्रता, शिष्टाचार, सदाचार आदि गुण बच्चे माँ से ही सीखते हैं। शिवाजी को वीर बनाने का श्रेय जीजाबाई को ही था। गाँधीजी के सत्य और अहिंसा के सन्देश के पीछे उनकी माँ का ही अधिक योगदान था। अतः यह स्पष्ट है कि नारी बालक को जिस ओर चाहे मोड़ सकती है। वह चाहे तो पुत्र को बलवान, धीर एवं नम्र बना सकती है और वह चाहे तो पुत्र को चरित्रहीन, पापी, क्रूर भी बना सकती है।

इस विश्व में शान्ति, प्रेम, चरित्र आदि का विस्तार करने के लिए स्त्री – शिक्षा अनिवार्य हैं। पुरुषों को भी चाहिए कि वे भी नारियों का सम्मान करते हुए उनके अधिकारों की अवहेलना न करें। तभी समाज तथा राष्ट्र का कल्याण होगा क्योंकि शिक्षित नारियाँ ही प्रत्येक राष्ट्र की अमूल्य निधि और मणियाँ हैं।

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निबंध लेखन :संक्रांति (पोंगल)

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प्रस्तावना :
संक्रांति भारत का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। संक्रांति को ही दक्षिण भारत के लोग “पोंगल” कहते हैं। इस त्यौहार का संबंध सूर्य भगवान से है। सूर्य भगवान इस दिन दक्षिणायन से उत्तरायन को चलता है। इस कारण इसको ‘उत्तरायन’ भी कहते हैं। यह त्यौहार हर साल जनवरी 13, 14, तारीखों में आता है।

विषय :
सूर्य भगवान की कृपा से खूब फसलें होती हैं। इसलिए कृतज्ञ किसान नयी फसल से सूर्य भगवान को पोंगल बनाकर पोंगल के दिन भेंट चढ़ाते हैं। बन्धु मित्रों से मिलकर खुशी मनाते हैं।

यह त्यौहार तीन दिन मनाया जाता है। पहले दिन को भोगी कहते हैं। दूसरे दिन को संक्रांति मनाते हैं और तीसरे दिन को कनुमा कहते हैं। त्यौहार के सिलसिले में सभी रिश्तेदार अपने घर आते हैं। सिर स्नान करके नये कपडे पहनते हैं। तरह – तरह के पकवान बनाकर खाते हैं। मिष्ठान्न खाते हैं। आंध्र के लोगों के विशेष पकवान जैसे हल्दी भात, दही भात, बोब्बट्लू, आवडा आदि बनाते और खाते हैं।

इस त्यौहार की तैयारी एक महीने के पहले से ही होती है। घर और मकान साफ़ किये जाते हैं। दीवार पर चूना पोता जाता है।

उपसंहार :
त्यौहार के समय किसान लोग बैलों की, गायों की पूजा करते हैं। गाँव – गाँव में कोलाहल मच जाता है। मुर्गों की होड, भेडों की भिडाई आदि होते हैं। सब लोग आनंद – प्रमोद के साथ त्यौहार मनाते हैं। इसे ‘पेद्द पंडुगा” भी कहते हैं। आंध्रा के लोगों के लिए यह एक खास त्यौहार है।

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निबंध लेखन :नदियों से लाभ

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भूमिका :
सब प्राणियों के लिए पानी की अत्यंत आवश्यकता है। बिना पानी के कोई जीवित नहीं रह सकता। केवल पीने के लिए ही नहीं मानव के हर एक काम के लिए पानी की अत्यंत आवश्यकता है। इसलिए पानी का अत्यंत महत्व है।

विषय विश्लेषण :
खूब वर्षा होने पर बाढ़ आती है। साधारणतः नदियाँ पहाडों से निकलकर समुद्र में मिल जाती हैं। नदियों से कई प्रयोजन हैं। नदी जहाँ ऊँचे प्रदेश से गिरती है, वहाँ जल प्राप्त का निर्माण होता है। बाँध बनाकर पानी को इकट्ठा करके खेतों की सिंचाई करते हैं। वहाँ बिजली उत्पन्न की जाती है। नहरों के द्वारा सभी प्रांतों को पानी पहुँचाया जाता है। नदियों में नावें चलती हैं, जिससे व्यापार होता है। इनमें मछलियाँ मिलती हैं। इनको बहुत लोग खाते हैं। नदी का पानी सब लोग पीते हैं। इसमें स्नान करते हैं। कपडे धोते हैं। गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि भारत की प्रमुख और पवित्र नदियाँ हैं। सभी नदियों पर बाँध बनवाकर करोडों एकड ज़मीन खेती के काम में लायी गयी है। भारतीय लोग नदियों की पूजा करते हैं। नदियाँ ही सृष्टि में प्रमुख स्थान रखती हैं। सभी प्राणियों और जड – चेतन के लिए आधार – मात्र है।

उपसंहार :
नदियाँ केवल मानव के लिए ही उपयोग नहीं, सृष्टि के सभी प्राणियों के लिए जीवनाधार है।

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निबंध लेखन : वृक्ष हमारे साथी

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प्रस्तावना :
वृक्ष या पेड हमारे साथी हैं। जीवन की राह में वे हमारी मदद करते ही रहते हैं। वे न केवल हमारे साथी हैं, बल्कि पशु-पक्षी के भी साथी हैं। वृक्ष महान होते हैं। उन्हीं के नीचे सिध्दार्थ ने ज्ञान प्राप्त कर लिया है। वे मानव समाज के अनादि से मित्र हैं। प्रकृति की शोभा इनसे ही बढ़ती है। वृक्ष हमारे साथी हैं। वे सदा हमें अपनी छाया प्रदान करके लाभ पहुंचाते हैं।
1) मानव को फूल, फल और छाया देते हैं। ईधन देते हैं।
2) अनेक प्रकार की उपयोगी चीजें इनसे मिलती हैं।

विश्लेषण :
जैसे दरवाज़े, कुर्सियाँ, गाडियाँ इत्यादि।
4) अपनी हरियाली से पर्यावरण को संतुलित रखते हैं।
5) प्राणवायु प्रदान करते हैं। गृह निर्माण में काम आते हैं।

उपसंहार :
हमें वृक्षारोपण को बनाये रखना चाहिए। वृक्षों का संरक्षण करना चाहिए। वृक्षों की पूजा करनी चाहिए क्योंकि वे हमारे साथी हैं। हम इनकी रक्षा करें तो वे हमारी रक्षा करेंगे।

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निबंध लेखन : विद्यार्थी जीवन

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जो बालक विद्या का आर्जन करता है उसे विद्यार्थी कहते हैं। जो विद्यार्थी महान व्यक्तियों से अच्छी बातों को सीखना चाहता है। वही आदर्श विद्यार्थी बन सकता है। आदर्श विद्यार्थी को अपने हृदय में सेवा का भाव रखना चाहिए। उसको अच्छे गुणों को लेना चाहिये। उसको विनम्र और आज्ञाकारी बनना चाहिए। उसको शांतचित्त से अपने गुरु के उपदेशों को सुनना चाहिए। उसको सरलता और सादगी की ओर ध्यान देना चाहिए। उसको स्वच्छ पवित्र जीवन बिताना चाहिए। उसको स्वावलंबी बनना चाहिये। उसको अपने कर्तव्य को निभाना चाहिए। उसको समाज और देश का उपकार करना चाहिए। महापुरुषों की जीवनियों से प्रेरणा लेनी चाहिए | उसको समय का सदुपयोग करना चाहिये। आदर्श विद्यार्थी को सच्चा और सदाचारी बनना चाहिए।

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राष्ट्रीय एकता/राष्ट्रीयता पर निबंध लिखिए :

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राष्ट्र की प्रगति का मूल आधार है उस राष्ट्र के लोगों का अपने देश के प्रति प्रेम और आपसी स्नेहभाव का होना। इसे राष्ट्रीयता कहते है। साधारण शब्दों में राष्ट्रीयता का अर्थ अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम का भाव रखना तथा व्यक्तिगत, जातिगत हितों को त्याग कर राष्ट्र – हित को सर्वोपरि महत्व देना है। राष्ट्र के प्रति त्याग और प्रेम की भावना देशवासियों में एकता भाव उत्पन्न करती है। राष्ट्रीय एकता राष्ट्र की समृद्धि और सुख – शान्ति के लिए आवश्यक है। राष्ट्रीय एकता, राष्ट्र को विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करने के अलावा राष्ट्रीय समस्याओं के निवारण और राष्ट्रीय विपदाओं का सामना करने के लिए लौह – प्राचीर है।

राष्ट्रीय एकता एक अदृश्य सूत्र है जो देश के लोगों को अपने में पिरोने का कार्य करती है। राष्ट्रीय एकता के अभाव में साम्प्रदायिकता, भाषावाद, जातिवाद, क्षेत्रीयता, अनुशासनहीनता आदि विभिन्न समस्याएं अपना सिर उठाने लगती हैं।

आज हमारे देश भारत के समक्ष राष्ट्रीय एकता की विषम तथा गम्भीर समस्या उपस्थित हैं। भारत में विभाजनकारी प्रवृत्तियाँ बड़े जोरों से उभर रही हैं। आज साम्प्रदायिक भावना, भाषायी अथवा क्षेत्रीय स्थान, उभरती हुई जातीय तथा जनजातीय प्रवृत्तियाँ, धार्मिक विद्वेष तथा प्रान्तीय भावना देश को खण्डों में विभक्त करने के लिए प्रवृत्त है। ये समस्त तत्व राष्ट्रीय एकता में बाधक सिद्ध हो रहे हैं। राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक और शैक्षणिक प्रक्रिया है जिसमें लोगों के भीतर एकता, सामंजस्यता और तारतम्यता की भावना का विकास, सामान्य नागरिकता और राष्ट्र के प्रति विश्वसनीयता की भावना सम्मिलित है।

हमारा देश जनसंख्या की दृष्टि से विश्व के राष्ट्रों में द्वितीय स्थान पर आता है। भौगोलिक दृष्टि से भारत प्राकृतिक विभाजनों से ओत – प्रोत है। सामाजिक दृष्टि से भी विभिन्न जातियों, उपजातियों, भाषाओं तथा धर्म में विभक्त है। परंपराप्रिय भारतवासियों के मन – मानस में स्थानीय प्रेम प्रबल रूप से विद्यमान है। इसके फलस्वरूप एकता का मार्ग छिपा हुआ सा प्रतीत होता है। अलग – अलग सामाजिक घटक एक दूसरे को विरोधी दिशाओं में खींचने का प्रयास कर रहे हैं, इससे एकता का ताना – बाना बिखरा हुआ सा दृष्टिगोचर होता है।

जातिगत विभाजन राष्ट्रीय एकता के मार्ग में बाधक बनकर खड़ा हुआ हैं। जनजातिवाद . भी आज राष्ट्रीय एकता में बाधा है। पंथवाद राष्ट्रीय एकता के मार्ग में एक बड़ी भारी चुनौती है। पंथवाद एक ही धर्म के अनेक पंथों के बीच एक विभाजन की रेखा बना देता है। ‘भूमिपुत्र सिद्धान्त’ भी आज एक नयी बाधा के रूप में अवलोकनीय है। इस सिद्धान्त के अनुसार स्थान विशेष की सुविधाओं के यही लोग अधिकारी हैं जो वहाँ स्थायी रूप से निवास करते हैं। क्षेत्रवाद भी एकता का एक बड़ा बाधक तत्व है। क्षेत्रवाद के आधार पर क्षेत्र विशेष के लोग अपने पृथक राज्य का गठन करना चाहते हैं। क्षेत्रीय निवासी अपनी पृथक सांस्कृतिक विरासत बनाए रखने के आकांक्षी होते हैं, यह भावना एकता के मार्ग में बाधा है।

अतः राष्ट्रीय एकता के लिए धार्मिक स्थलों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाना होगा। विभाजनात्मक राजनीतिक दलों तथा संस्थाओं पर रोक लगानी होगी। राजनीतिक दलों के लिए जो आचार संहिता बनाई जाए उस पर चलने के लिए उन पर नैतिक दबाव भी डालना होगा। सबके मन – मानस में यह बात बैठानी होगी कि हम सब भारत माता की सन्तान हैं। भारत के हित में ही हमारा हित है तथा इसके पतन में हमारा पतन है।

95062.

निबंध लेखन : आदर्श नेता

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प्रस्तावना :
गाँधीजी भारत के सभी लोगों के लिए भी आदर्श नेता थे। उन्होंने लोगों को सादगी जीवन बिताने का उपदेश दिया। स्वयं आचरण में रखकर, हर कार्य उन्होंने दूसरों को मार्गदर्शन किया। नेहरू, पटेल आदि महान नेता उनके आदर्श पर ही चले हैं। महात्मा गाँधीजी मेरे अत्यंत प्रिय नेता हैं।

जीवन परिचय :
गाँधीजी का जन्म गुजरात के पोरबन्दर में हुआ। बैरिस्टर पढकर उन्होंने वकालत शुरू की। दक्षिण अफ्रीका में उनको जिन मुसीबतों का सामना करना पड़ा। उनके कारण वे आज़ादी की लड़ाई में कूद पडे। असहयोग आन्दोलन, नमक सत्याग्रह, भारत छोडो आदि आन्दोलनों के ज़रिए लोगों में जागरूकता लायी। अंग्रेजों के विरुद्ध लडने के लिए लोगों को तैयार किया। वे अहिंसावादी थे। समय का पालन करनेवाले महान पुरुषों में प्रमुख थे। उनके महान सत्याग्रहों से प्रभावित होकर अंग्रेज़ भारत छोडकर चले गये। अगस्त 15,1947 को भारत आज़ाद हुआ। महात्मा गाँधीजी के सतत प्रयत्न से यह संपन्न हुआ।

उपसंहार :
गाँधीजी की मृत्यु नाथुरां गाड्से के द्वारा 30 – 1 – 1948 को बिरला भवन में हुई। गाँधीजी का जीवन, चरित्र आदि का प्रभाव मेरे ऊपर पड़ा है। वे हमारे लिए आदर्श नेता ही नहीं, महान प्रिय नेता भी हैं।

95063.

निबंध लेखन :जनसंख्या की समस्या

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भारतवर्ष की सबसे बड़ी समस्या है – जनसंख्या -वृद्धि | भारत की आबादी 120 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या का पहला कारण है – अनपढ़ता | दूसरा कारण है – अंधविश्वास। अधिकतर लोग बच्चों को भगवान की देन मानते हैं। इसलिए वे परिवार नियोजन को अपनाना नहीं चाहते। लड़का- लड़की में भेदभाव करने से भी जनसंख्या बढ़ती है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण पर्यावरण – प्रदूषण की गंभीर समस्या आज हमारे सामने खड़ी है। कृषि-योग्य भूमि का क्षम हो रहा है। वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही हैं। बेकारी बढ़ रही है। परिणाम स्वरूप लूट, हत्या, अपहरण जैसी वारदातें बढ़ रही हैं। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा। जनसंख्या- नियंत्रण के लिए सरकार को चाहिए कि वह परिवार – नियोजन कार्यक्रम को गति दे । सरकार को चाहिए कि इस दिशा में कठोरता से नियम लागू करे अन्यथा आने वाली पीढ़ी को भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है।

95064.

निबंध लेखन : अपना परिवार

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मेरा परिवार बहुत बड़ा है। मेरे परिवार में दादाजी, दादीजी, चाचा, चाची, मेरे पिताजी, माताजी, मैं और अपने दो भाई और एक बहिन है। मेरे पिताजी एक पाठशाला में अध्यापक है। माताजी गृहिणी है। दादाजी तो नौकरी से अवकाश प्राप्त किया है। मेरे परिवार के सारे सदस्य खूब पढ़े – लिखे हैं। दादा और दादीजी हमें हर रोज अच्छी – अच्छी कहाँनियाँ सुनाते हैं। मेरा घर भी बहुत बड़ा है। हम सब मिलजुलकर रहते हैं।

95065.

निबंध लेखन : वृक्ष हमारे साथी

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प्रस्तावना :
वृक्ष या पेड हमारे साथी हैं। जीवन की राह में वे हमारी मदद करते ही रहते हैं। वे न केवल हमारे साथी हैं, बल्कि पशु पक्षी के भी साथी हैं। वृक्ष महान होते हैं। उन्हीं के नीचे सिद्धार्थ ने ज्ञान प्राप्त कर लिया है। वे मानव समाज के अनादि से मित्र हैं। प्रकृति की शोभा इनसे ही बढ़ती है। वृक्ष हमारे साथी हैं। वे सदा हमें अपनी छाया प्रदान कर ये लाभ पहुंचाते हैं। मानव को फूल-फल और छाया देते हैं। इंधन देते हैं। अनेक प्रकार की उपयोगी चीजें इनसे मिलती हैं।

विश्लेषण :
जैसे दरवाजें, कुर्सियाँ, गाडियाँ इत्यादि। अपनी हरियाली से पर्यावरण को संतुलित रखते हैं। प्राणवायु प्रदान करते हैं। गृह निर्माण में काम आते हैं।

उपसंहार :
हमें वृक्षारोपण कर पर्यावरण को बनाये रखना चाहिए। वृक्षों का संरक्षण करना चाहिए। वृक्षों की पूजा करनी चाहिए। क्योंकि वे हमारे साथी हैं। हम इनकी रक्षा करें तो वे हमारी रक्षा करेंगे।

वृक्षो रक्षति रक्षितः

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निबंध लेखन : अपना गाँव

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मेरा गाँव ईमनी है। यह आँध्रप्रदेश राज्य में गुंटूर जिले में दुग्गिराला मंडल में स्थित है। हमारे गाँव में लगभग दस हजार लोग रहते हैं। यह बडा गाँव है। हमारे गाँव में कई मंदिर हैं। हमारे गाँव में विविध धर्मों के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं। यहाँ कई गिरिजाघर भी हैं। हमारे गाँव में कई पाठशालाएँ भी हैं। यहाँ के ज्यादानर लोग खेतीबारी करके जीवन यापन करते हैं। हमारा गाँव बहुत सुंदर है। हर साल हमारे गाँव में उत्सव आदि मनाते हैं।

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निबंध लेखन : कृत्रिम उपग्रह

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प्रस्तावना (भूमिका) :
ग्रहों की परिक्रमा करने वाले आकाशीय पिंडों को उपग्रह कहते हैं। कृत्रिम उपग्रह तो मानव द्वारा बनाये गये ऐसे यंत्र हैं, जो धरती के चारों ओर निरंतर घूमते रहते हैं।

विषय विश्लेषण :
अंतरिक्ष के रहस्यों का अध्ययन करने के लिए सर्वप्रथम रूस ने 1957 में स्पुतनिक -1 कृत्रिम उपग्रह को अंतरिक्ष में छोडा था। भारत ने अपना पहला उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ को 1975 में अंतरिक्ष में छोडा था। दूसरा भास्कर – 1 को 1979 को छोड़ा था। इसके बाद भारत ने रोहिणी, एप्पल और भास्कर – 2 को भी छोडा था। उन उपग्रहों को अंतरिक्ष में रॉकेटों की सहायता से भेजा जाता है। ये धरती की परिक्रमा करने लगते हैं। परिक्रमा करनेवाले मार्ग को उपग्रह की कक्षा कहते हैं। इन कृत्रिम उपग्रहों से हमें बहुत कुछ प्रगति करने का अवसर मिला। धरती एवं अंतरिक्ष के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है।

निष्कर्ष :
अनेक प्रकार की वैज्ञानिक खोजों के लिए कृत्रिम उपग्रहों का निर्माण किया गया। ये कई प्रकार के होते हैं। वैज्ञानिक उपग्रह, मौसमी उपग्रह, भू – प्रेक्षण उपग्रह, संचार उपग्रह आदि। वैज्ञानिक उपग्रह, वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए और रक्षा उपग्रह सैनिकों की रक्षा के लिए काम आते हैं। मौसम उपग्रह से मौसमी जानकारी प्राप्त करते हैं। भू – प्रेक्षण से भू संपदा, खनिज संपदा, वन, फसल, जल आदि की खोज होती है। संचार उपग्रहों से टेलिफ़ोन और टेलिविज़न संदेश भेजे जाते हैं और पाये जाते हैं। आजकल के सभी वैज्ञानिक विषय कृत्रिम – उपग्रहों पर आधारित होकर चल रहे हैं।

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निबंध लेखन : किसी राष्ट्रीय त्योहार

Answer»

हमारे भारत में कई तरह के त्योहार मनाये जाते हैं। जैसे दीपावली, दशहरा, क्रिसमस, रमज़ान आदि। इनके अतिरिक्त कुछ ऐसे त्योहार हैं जिनका राष्ट्रीय महत्व होता है। उन त्योहारों को सभी धर्मों के लोग. समान रूप से मनाते हैं। भारत का गणतंत्र दिवस, अगस्त पन्द्रह का स्वतंत्र दिवस आदि राष्ट्रीय त्योहार है।

हमारे स्कूल में इस वर्ष अगस्त पन्द्रह का स्वतंत्र दिवस बडे धूम-धाम से मनाया गया । विद्यालय में सर्वत्र रंग -बिरंगे झण्डे फहराये गये। सब लडके प्रातःकाल की प्रार्थना के लिए निकल पड़े । आठ बजे राष्ट्रीय झण्डे की वंदना की गयी । स्काऊट तथा एन. सी. सी. संबन्धी विन्यास हुए। इस अवसर पर खेल-कूद की प्रतियोगिताएँ हुयी। विजेताओं को पुरस्कार बाँटी गयीं। दोपहर को सभा हुई। हमारे प्रधानाध्यापक महोदय और अन्य अध्यापक महोदयों ने राष्ट्रीय त्योहारों के महत्व एवं विद्यार्थियों में देशभक्ति और सेवा की भावनाएँ जागृत की हैं। इन त्योहारों से हमारे नेता और उनकी कुर्बानियों की याद बनी रहती है।

95069.

निबंध लेखन : समय का मूल्य

Answer»

हमारे जीवन में जो समय बीत गया है फिर नहीं आयेगा। जो समय का मूल्य नहीं जातने हैं, वे समय का दुरुपयोग करते हैं। जो बचपन में पढाई से जी चुरा लेते हैं उन्हें आगे चलकर पछताना पड़ता है। जो समय का सदुपयोग करते हैं, वे जीवन में उन्नति अवश्य पाते हैं। जो सुस्त रहते हैं वे समय का दुरुपयोग करते हैं और आज का काम कल पर डालते रहते हैं, समय का महत्व नहीं जानते हैं। जो समय का महत्व जानते हैं वे समय का सदुपयोग करते हैं। महात्मा गाँधीजी समय के बडे पाबन्द थे।

छात्रों को समय पालन की बडी आवश्यकता है उन्हें व्यायाम, अध्ययन सैर सपाटे आदि के लिए समय निश्चित कर लेना चाहिए। समय निश्चित करना पर्याप्त नहीं है। नियमपूर्वक उसका पालन करना अत्यन्य आवश्यक है। बचपन से समय पालन करना अत्यंत आवश्यक है। जो समय पालन का अच्छा अभ्यास करते हैं, वे आगे चलकर अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।

95070.

निबंध लेखन : कंप्यूटर

Answer»

प्रस्तावना :
यह विज्ञान का युग है। कुछ वर्ष पहले संसार के सामने एक नया आविष्कार आया उसे अंग्रेज़ी में कम्प्यूटर और हिन्दी में संगणक कहते हैं।

भूमिका (लाभ) :
आज के युग को हम कम्प्यूटर युग कह सकते हैं। आजकल हर क्षेत्र में इसका ज़ोरदार उपयोग और प्रयोग हो रहा है। चाहे व्यापारिक क्षेत्र हो, राजनैतिक क्षेत्र हो, यहाँ तक कि विद्या, वैद्य और संशोधन के क्षेत्र में भी ये बडे सहायकारी हो गये हैं। इसे हिन्दी में “संगणक” कहते हैं। गणना, गुणना आदि यह आसानी से कर सकता है। मनुष्य की बौद्धिक शक्ति की बचत के लिए इसका निर्माण हुआ है। आधुनिक कम्प्यूटर के निर्माण में चार्लस बाबेज और डॉ. होवर्ड एकन का नाम मशहूर हैं।

विषय प्रवेश :
परीक्षा पत्र तैयार करना, उनकी जाँच करना – इसके सहारे आजकल पूरा किया जा रहा है। जिस काम के लिए सैकड़ों लोग काम करते हैं, उस काम को यह अकेला कर सकता है। हम जिस समस्या का परिष्कार नहीं कर पाते हैं, उसे यह आसानी से सुलझा सकता है।

विश्लेषण :
चिकित्सा के क्षेत्र में भी इसका उपयोग बडे पैमाने पर हो रहा है। इसके द्वारा यह सिद्ध हो गया कि – ” सब तरह के काम यह कर सकता है।”

उपसंहार :
इसकी प्रगति दिन – ब – दिन हो रही है। रॉकेटों के प्रयोग, खगोल के अनुसंधान में इसके ज़रिये कई प्रयोग हो रहे हैं। यह वैज्ञानिकों के लिए एक वरदान है। हर छात्र को इसका प्रयोग करना सीखना है। इसके द्वारा देश की अभिवृद्धि अवश्य हो सकती है। लेकिन बेरोज़गारी बढने की संभावना है।

95071.

निबंध लेखन : शिक्षक दिवस (अध्यापक दिवस)

Answer»

डॉ. सर्वेपल्लि राधाकृष्णन् भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति थे । वे अध्यापक के रूप में अपना जीवन प्रारंभ करके बाद में भारत के राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए। वे एक सफल अध्यापक थे । इसी कारण उनके जन्म दिन सितंबर 5 को शिक्षक दिवस (अध्यापक दिवस) के रूप में सारे देश में मनाया जाता है। इस दिन केन्द्र सरकार और राज्य सरकार उत्तम अध्यापकों का चयन करके उनका सम्मान करती हैं। शिक्षा संस्थाओं में भी अध्यापकों का सम्मान किया जाता है। सरकार अध्यापकों के लिए उपयोगी और कल्याणकारी अनेक योजनाएँ प्रारंभ करती है। यह अध्यापकों के कल्याण के लिए एक निधि है। उससे संबंधित टिकट हर स्कूल में बेचे जाते हैं। उससे जो पैसे प्राप्त होते हैं, उन्हें अध्यापकों को विपत्ति के समय या बीमारी संबंधित कारणों के समय ऋण देते हैं।

इस प्रकार एक उत्तम अध्यापक की स्मृति में अध्यापक दिवस का मनाना समीचीन है। इससे विद्यार्थियों में अध्यापकों के प्रति भक्ति, गौरव, श्रद्धा भाव उत्पन्न होते हैं। समाज में अध्यापकों को उचित स्थान मिलता है। खेद की बात है कि – आजकल कुछ अध्यापकों में नैतिक गुणों का पतन दिखाई पड रहा है। यदि अध्यापक अपने कर्तव्य को ठीक तरह से नहीं निभाएँगे तो “शिक्षक दिवस’ मनाने से कोई लाभ नहीं होगा।

95072.

निबंध लेखन :राष्ट्रीय एकता

Answer»

प्रस्तावना :
किसी भी देश की उन्नति के लिए देश में बसे रहे नागरिकों में राष्ट्रीय एकता की भावना कूट कूटकर भरी होनी चाहिए। राष्ट्रीय एकता का मतलब यह है कि भारत के अलग – अलग जगहों में रहनेवाले और अलग – अलग धर्मों का अनुसरण करनेवाले लोग आपस में मिलजुलकर रहना।

विषय विस्तार :
किसी देश में या वहाँ के लोगों में राष्ट्रीय एकता की कमी होगी तो लोगों के बीच सहयोग की भावना नहीं रहेगी। सभी लोग एक-दूसरे से लडेंगे, भ्रष्टाचार करेंगे और एक-दूसरे का नुकसान करने में लगे रहेंगे। इससे लोगों को ही नहीं। देश को भी नुकसान होगा। जब लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता की भावना होगी तो वह एक-दूसरे का सम्मान करेंगे और लोग मिलकर काम करेंगे और एक-दूसरे की मदद भी करेंगे।

राष्ट्रीय एकता से लाभ :
राष्ट्रीय एकता की वजह से ही गरीब लोगों को अच्छी शिक्षा और विभिन्न तरह का मदद मिल सकता है। इसके कारण पूरे समाज का विकास हो सकता है। राष्ट्रीय एकता के कारण देश के हर क्षेत्र में विकास संभव है। अगर राष्ट्रीय एकता मज़बूत हो तो देश के सारे संसाधन राष्ट्रीय विकास की ओर लगेगा। लोगों के बीच सम्मान की भावना बढ़ेगी और एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सहयोग की भावना बढ़ेगी। हमारे देश में भारत की लोह पुरुष कहे जानेवाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।

सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा देश को हमेशा एकजुट करने के लिए अनेक प्रयास किये गये। इन्हीं के कार्यों को याद करते हुये उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया।

उपसंहार :
अनेकता में एकता यही भारत की विशेषता है। “अमरावती हो या अमृतसर सारा देश अपना घर’ मानकर “भिन्न भाषा, भिन्न वेश-भारत हमारा एक देश” कहते हुये देश की एकता के लिए हम सब को मिलकर काम करना जरूरी है।

95073.

निबंध लेखन :बकारा का समस्या

Answer»

प्रस्तावना :
जब काम करनेवालों की अधिकता और काम की कमी होती है तब बेकारी की समस्या पैदा होती है। भारत पर सदियों तक विदेशी शासन के कारण यह समस्या बढ़ती गयी है।

विषय विश्लेषण :
शिक्षित व्यक्ति बेकारी में नाम लिख पाता है। उसे काम नहीं मिलता तो मन को बडा दुख होता है। उसे विरक्त होकर आत्महत्या करलेने का निर्णय लेने की नौबत आती है। काम-दिखाऊ कार्यालय में नाम लिखाने के बाद भी उसको कभी कोई रास्ता नहीं मिल रहा है। इस कारण बेकारी की समस्या बढती चा रही है।

समस्याएँ :
अंग्रेज़ी शिक्षाप्रणाली में पढकर निकलनेवालों को नौकरी नहीं मिलती तो बेकार रह जाते हैं। शिक्षितों के लिए नौकरी के सिवा कोई दूसरा काम न आने के कारण ही यह बेकारी बढ़ती जाती है। इस प्रकार हम जान सकते हैं कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली और बेकारी के बीच गहरा संबंध है। ग्रामीण भी किसी कला-कुशलता के अभाव में नौकरी के लिए दौडने लगते हैं। इस तरह बेकारी बढ़ रही है और दूसरी ओर खेतों में काम करनेवालों की संख्या भी कम हो रही है। वैज्ञानिक प्रगति और मशीनों के प्रयोग की वृद्धि ने भी इस समस्या को बढादिया है। इन कारणों से अमीर करोडपति और सामान्य लोग गरीब बन रहे हैं।

कर्तव्य :
सरकार को कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन देकर बेकारी को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। कृषि कार्य में स्पर्धा उत्पन्न करनी चाहिए। शिक्षा प्रणाली में सरलता, व्यावहारिकता और आध्यात्मिकता को स्थान देना चाहिए।

उपसंहार :
सरकार का कर्तव्य है कि ऊपर के सभी उपायों को काम में लायेंगे तो बेकारी की समस्या हल हो सकती है। समाज में सुख-शांति बढ़ सकती हैं।

95074.

निबंध लेखन : राष्ट्रभाषा हिन्दी

Answer»

भारत एक विशाल देश है। इसमें अनेक राज्य हैं। प्रत्येक राज्य की अपनी प्रादेशिक भाषा होती हैं। राज्य की सीमा के अंदर प्रादेशिक भाषा में काम चलता हैं। परंतु राज्यों के बीच में व्यवहार करने के लिए एक सामान्य संपर्क भाषा की आवश्यकता है। देश की प्रादेशिक भाषाओं में जिसे अधिक लोग बोलते और समझते हैं वही देश की राष्ट्र भाषा बन सकती है। इन सभी गुणों के होने के कारण प्राचीन संस्कृति और सभ्यता से पूर्ण होने के कारण हिन्दी भाषा राष्ट्रभाषा घोषित की गयी है।

इसलिए देश के करोड़ों लोगों से बोली जानेवाली हिन्दी को हमारे संविधान ने राष्ट्रभाषा घोषित की अंतर प्रांतीय और अखिल भारतीय व्यवहारों के लिए हिन्दी का उपयोग किया जाता है। प्रत्येक राज्य में वहाँ की प्रादेशिक भाषा, राज्यभाषा बनी।

95075.

निबंध लेखन :कृत्रिम उपग्रह

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प्रस्तावना (भूमिका) :
ग्रहों की परिक्रमा करने वाले आकाशीय पिंडों को उपग्रह कहते हैं। कृत्रिम उपग्रह तो मानव द्वारा बनाये गये ऐसे यंत्र हैं, जो धरती के चारों ओर निरंतर घूमते रहते हैं।

विषय विश्लेषण :
अंतरिक्ष के रहस्यों का अध्ययन करने के लिए सर्वप्रथम रूस ने 1957 में स्पुतनिक -1 कृत्रिम उपग्रह को अंतरिक्ष में छोडा था। भारत ने अपना पहला उपग्रह “आर्यभट्ट’ को 1975 में अंतरिक्ष में छोड़ा था। दूसरा भास्कर – 1 को 1979 को छोड़ा था। इसके बाद भारत ने रोहिणी, एप्पल और भास्कर – 2 को भी छोडा था। उन उपग्रहों को अंतरिक्ष में रॉकेटों की सहायता से भेजा जाता है। ये धरती की परिक्रमा करने लगते हैं। परिक्रमा करनेवाले मार्ग को उपग्रह की कक्षा कहते हैं। इन कृत्रिम उपग्रहों से हमें बहुत कुछ प्रगति करने का अवसर मिला। धरती एवं अंतरिक्ष के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है।

निष्कर्ष :
अनेक प्रकार की वैज्ञानिक खोजों के लिए कृत्रिम उपग्रहों का निर्माण किया गया। ये कई प्रकार के होते हैं। वैज्ञानिक उपग्रह, मौसमी उपग्रह, भू – प्रेक्षण उपग्रह, संचार उपग्रह आदि। वैज्ञानिक उपग्रह, वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए और रक्षा उपग्रह सैनिकों की रक्षा के लिए काम आते हैं। मौसम उपग्रह से मौसमी जानकारी प्राप्त करते हैं। भू – प्रेक्षण से भू संपदा, खनिज संपदा, वन, फसल, जल आदि की खोज होती है। संचार उपग्रहों से टेलिफ़ोन और टेलिविज़न संदेश भेजे जाते हैं और पाये जाते हैं। आजकल के सभी वैज्ञानिक विषय कृत्रिम – उपग्रहों पर आधारित होकर चल रहे हैं।

95076.

निबंध लेखन : राष्ट्रभाषा हिन्दी

Answer»

प्रस्तावना :
भारत एक विशाल देश है। इसमें अनेक राज्य हैं। प्रत्येक राज्य की अपनी प्रादेशिक भाषा होती है। राज्य के अंदर प्रादेशिक भाषा में काम चलता है। परंतु राज्यों के बीच व्यवहार के लिए एक संपर्क भाषा की आवश्यकता है। सारे देश के काम जिस भाषा में चलाये जाते हैं, उसे राष्ट्रभाषा कहते हैं। 

राष्ट्रभाषा के ये गुण होते हैं।

1.    वह देश के अधिकांश लोगों से बोली और समझी जाती है।

2.    उसमें प्राचीन साहित्य होता है।

3.    उसमें देश की सभ्यता और संस्कृति झलकती है।

हमारे देश में अनेक प्रादेशिक भाषाएँ हैं। जैसे – हिन्दी, बंगाली, उडिया, मराठी, तेलुगु, तमिल, कन्नड आदि। इनमें अकेली हिन्दी राष्ट्रभाषा बनने योग्य है। उसे देश के अधिकांश लोग बोलते और समझते हैं। उसमें प्राचीन साहित्य है। तुलसी, सूरदास, जयशंकर प्रसाद जैसे श्रेष्ठ कवियों की रचनाएँ मिलती हैं। उसमें हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति झलकती है। यह संस्कृत गर्भित भाषा है। इसी कारण हमारे संविधान में हिन्दी राष्ट्रभाषा बनायी गयी। सरकारी काम – काज हिन्दी में हो रहे हैं। हिन्दी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि है। इस लिपि की यह सुलभ विशेषता है कि – इसमें जो लिखा जाता है वही पढ़ा जाता है।

उपसंहार :
भारतीय अखंडता और एकता के लिए हिन्दी का प्रचार और प्रसार अत्यंत अनिवार्य है। हर एक भारतीय को हिन्दी सीखने की अत्यंत आवश्यकता है। इसके द्वारा ही सभी प्रान्तों में एकता बढ़ सकती है। और आपस में मित्रता भी बढ़ सकती है

95077.

निबंध लेखन :ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा

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प्रस्तावना :
इतिहास से संबद्ध प्राचीन इमारतें, भवन, किला, महल आदि को ऐतिहासिक स्थल कहते हैं। भारत एक सुविशाल और प्राचीन देश है। यहाँ कई ऐतिहासिक स्थल हैं। दिल्ली, आग्रा, जयपुर, हैदराबाद, बुद्ध गया आदि कई सैकड़ों स्थल भारत में हैं।

विषय :
ये सब हमारे देश के इतिहास के जीवंत प्रमाण हैं। इनके द्वारा उस समय के लोगों के भवन निर्माण कला का परिचय हमें होता है। प्राचीन काल के लोगों के औजार, वस्त्र और घर की सामग्री आदि के द्वारा हमारी संस्कृति का परिचय प्राप्त होता है। विजयवाडे के मोगलराजपुरम की गुहाएँ, अजंता, एलोरा की गुहाएँ आदि भी ऐसे ऐतिहासिक स्थल हैं।

विश्लेषण :
कुछ लोग ऐसे स्थलों से कीमती चीजें चुराकर अधिक पैसा कमाना चाहते हैं। इससे हमें नुकसान होता है। कुछ लोग इन जगहों को अनैतिक कार्य करने के लिए केन्द्र बनाते हैं। इससे वे नष्ट हो जायेंगे। इसलिए इनकी सुरक्षा करना चाहिए। हर नागरिक का कर्तव्य यह है कि – “इनकी सुरक्षा अपनी संपत्ति के जैसा करना चाहिए।” ये भूत और वर्तमान के लिए प्रमाण होंगे। भविष्य के लोग इनसे इतिहास का जानकारी रखते हैं।

95078.

निबंध लेखन :संस्कृति का महत्व

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प्रस्तावना :
संस्कृति का अर्थ है नागरिकता या संस्कार किसी भी देश के आचार-विचार, रीति-रिवाज़, वेशभूषा, ललितकलाएँ, सामाजिक, धार्मिक, नैतिक विषयों का सम्मिलित रूप ही संस्कृति कहलाती है। संस्कृति का संबंध भूत, वर्तमान और भविष्य से होता है।

विषय विश्लेषण :
हर एक देश के लिए संस्कृति का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। भारतीय संस्कृति केवल आर्य या हिन्दू संस्कृति ही नहीं। वह महान संस्कृति है। हमारे भारत में अनेक धर्म और अनेक भाषाएँ हैं। अनेक देशों से आकर बसे हुए लोग हैं। वे अनेक प्रकार के लोग हैं। किन्तु भारतीय संस्कृति में एक बहुत बडी चीज़ है, जो अन्य देशों में बहुत कम पायी जाती है। भारतीय संस्कृति समन्वयात्मक है। वह सारे भारत की एक ही है। अखंड है। अविभाज्य है। इसमें विशाल धर्म-कुटुंब बनाने की क्षमता है। सूफ़ीमत, कबीर पंथ, ब्रह्मसमाज तथा आगरबानी संप्रदाय में भारत की संस्कृति का समन्वयात्मक रूप देख सकते हैं। अनेक संस्कृतियों को आत्मसात करने से भारतीय संस्कृति सबसे आगे है। यह बडी उदार संस्कृति है। अनेक संस्कृतियों को अपने में मिला लिया। मानवता का अन्तिम कल्याण ही भारतीय संस्कृति का आदर्श है। भिन्नत्व में एकत्व भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता है।

उपसंहार :
भारतीय संस्कृति महान है। इससे ही दुनिया में शांति की स्थापना हो सकती है।

95079.

निबंध लेखन :रक्तदान का महत्व

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भूमिका :
रक्त का अर्थ है खून या लहू। दान का अर्थ है दूसरों को देना। इसलिए रक्तदान का अर्थ हुआ खून को देना। दान कई तरह के होते हैं – जैसे अन्नदान, कन्यादान, श्रमदान, नेत्रदान आदि। इनमें रक्तदान सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। कारण यह है कि दिये हुए रक्त से एक घायल या रक्तहीन बीमार व्यक्ति को नया जीवन मिलता है। रक्तहीन आदमी का जीवन भाररूप होता है। इसलिए हम रक्तदान को सर्वश्रेष्ठ दान मानते हैं।

रक्तदान की आवश्यकता :
रक्तदान का महान उद्देश्य रक्तहीन आदमी को रक्त देकर उसे जिलाना है। आदमी को रक्त की ज़रूरत तब होती है जब वह किसी दुर्घटना में घायल होता है या उसे रक्तहीनता की बीमारी हो, जिसे ‘एनीमिया’ कहते हैं।

रक्तदान की प्रक्रिया :
रक्त देने का इच्छुक (Blood Donor) पहले किसी ‘रक्त बैंक में जाकर एक आवेदन – पत्र भरता है। उसमें यह अपने रक्त के वर्ग के बारे में बताता है और अपने परिवार का पूरा इतिहास भी देता है। यदि रक्त देनेवाला किसी रोग का रोगी हो या उसके परिवार में कोई भयंकर रोगी हो तो उसका रक्त नहीं लिया जाता। आजकल एइड्स (AIDS) की जाँच भी करते हैं। इन सभी जाँचों के बाद रक्त बैंकवाले उसे एक निश्चित तारीख पर उपस्थित होने को कहते हैं।

रक्तदान की प्रेरणा :
रक्तदान की आवश्यकता पर समाचार-पत्र, आकाशवाणी, दूरदर्शन आदि माध्यमों के द्वारा खूब प्रचार किया जाता है। आजकल स्कूल-कॉलेज के युवक-युवतियाँ, लायन्स क्लब के सदस्य और राजनैतिक दलों के सदस्य रक्तदान के लिए “कैंपों” का संगठन करते हैं। इनमें हज़ारों की संख्या में लोग रक्तदान करते हैं।

उपसंहार :
रक्तदान सभी दानों में श्रेष्ठ है। रक्त दान न करने वाला आदमी देश के लिए भारस्वरूप होता है। उसका जीना और मरना दोनों बराबर है। इसलिए हम हज़ारों की संख्या में रक्तदान करें और ज़रूरत मंद रोगियों को मरण से बचायें।

95080.

निबंध लेखन :राष्ट्रभाषा हिंदी का महत्व

Answer»

राष्ट्रभाषा हिंदी का महत्व :

यह हम सभी जानते हैं कि अनुच्छेद 343 (1) के तहत हिन्दी को 14 सितंबर, 1949 को राजभाषा के रूप में गौरवान्वित किया है। तब से हम हर वर्ष से 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाते हैं।

भारत के अलग – अलग प्रांतों में अलग – अलग भाषाएँ बोली जाती हैं। हमें भारत के सभी प्रांतों से जुडने के लिए एक भाषा की आवश्यकता होती है। सारे भारतवासी जानते हैं कि वैसी भाषा हिन्दी है जो सारे भारतीयों को एकता के सूत्र में बाँधती है। आज केवल न भारत में बल्कि भारत के अलावा बंग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, भूटान, फिज़ी, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिडाड एवं टुबेगो, दक्षिण अफ्रिका, बहरीन, कुवैत, ओमान, कत्तर, सौदी अरब गणराज्य, श्रीलंका, अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, जापान मॉरिशस, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में हिन्दी की माँग बढती ही जा रही है। विदेशों में भी हिन्दी की रचनाएँ लिखी जा रही है। जिसमें वहाँ के साहित्यकारों का भी विशेष योगदान है। विदेशों में भारतीयों से आपसी व्यवहार का भी विशेष योगदान है। विदेश भारतीयों से आपसी व्यवहार करने के लिए वहाँ के लोग भी हिन्दी सीख रहे हैं। इस तरह हिन्दी की माँग विश्व भर में बढती जा रही है। इसलिए विदेशी संस्थाएँ भी हिन्दी के प्रचार- प्रसार में जुट गई है।

पाँच नारे :

  • हिंदी है देश की भाषा, हिंदी सबसे उत्तम भाषा।
  • हिंदी का सम्मान , राष्ट्र का सम्मान।
  • हिंदी जोड़ने वाली भाषा है, तोड़ने वाली नहीं।
  • हिंदी हमारी शान है, देश का मान है।
  • हिंदी हैं हम, हिंदुस्तान हैं हमारा।
95081.

निबंध लेखन :खेलों का महत्व

Answer»

भूमिका :
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। स्वस्थ शरीर के लिए खेलकूद की ज़रूरत है। हमारे गाँवों में बच्चे कबड्डी खेलते हैं। इस खेल के लिए पैसों का खर्चा नहीं होता। इसके अतिरिक्त इसे खेलने से अच्छा व्यायाम होता है। आजकल क्रिकेट लोकप्रिय खेल है। इसी प्रकार हॉकी, फुटबॉल, वालीबॉल आदि खेले जाते हैं। ये खर्चीले हैं। हाईजम्प, लान्ग जम्प, दौड़ना आदि से भी अच्छा व्यायाम होता है।
खेलकूद से अनेक लाभ हैं :

  • सहयोग की भावना बढ़ती है।
  • आत्मनिर्भरता बढ़ती है।
  • अनुशासन की वृद्धि होती है।
  • कर्तव्य-भावना बढ़ती है।
  • स्वास्थ्य लाभ होता है।
  • मनोरंजन होता है।

इसलिए विद्यार्थियों को खेलकूद में भाग लेना चाहिए। खासकर पाठशाला में खेलों का अधिक महत्व होता है।

उपसंहार :
खेल सारी दुनियाँ में व्याप्त हो गये हैं। इनसे तन्दुरुस्ती के साथ सुख जीवन संभव है। बच्चों को इसका महत्व जानकर तरह-तरह के खेल खेलने चाहिए। आज कल अच्छे खिलाडियों को इज्ज़त के साथ धन भी प्राप्त हो रहा है। इन सभी कारणों से हमारे जीवन में खेलकूद का अत्यंत महत्व होता है।

95082.

पीटर एल० बर्जर की पुस्तक का क्या नाम है?

Answer»

पीटर एल० बर्जर की पुस्तक का नाम ‘इन्वीटेशन टू सोशियोलॉजी : ए ह्यूमनिस्टिक पर्सपेक्टिव है।

95083.

Numbers which are not in the range of \( f(x)=\frac{x^{4}-5 x^{2}+4}{x\left(x^{3}+2 x^{2}-x-2\right)} \), are(A) 1 (B) 2(C) 3 (D) \( -1 \)

Answer»

Correct option are (A) 1 and (B) 2

Given function is 

f(x) = \(\cfrac{x^4-5x^2+4}{x(x^3+2x^2-x-2}\)

\(\cfrac{(x^2-1)(x^2-4)}{x(x-1)(x^2+3x+2)}\)

\(\cfrac{(x-1)(x+1)(x+2)}{x(x-1)(x+1)(x+2)}\)

\(\therefore\) Domain of f(x) = R -{0,1,-1,-2}

And f(x) = \(\cfrac{x-2}x\) (By taking f(x) = y

= x = f-1(y)

= xy = x - 2

= xy - x = -2

= x (y-1) = -2

= x = \(\cfrac{2}{1-y}\)

\(\therefore\) f-1(y) = \(\cfrac{2}{1-y}\) (\(\because\) f(x) = y

= x = f-1(y))

= f-1(x) = \(\cfrac{2}{1-x}\) ; x ≠ 1

put x = 0 then f-1(0) = \(\cfrac{2}{1-0}\) = 2

x = 1 then f-1(1) is not exist

x = -1 then f-1 (-1) = \(\cfrac{2}{1-(-1)}\) = \(\cfrac22\) = 1

x = -2 then f-1 (-2) = \(\cfrac{2}{1-(-2)}\) = \(\cfrac23\)

f(x) is not defined at x = 0,1,-1 and -2

\(\therefore\) f(x) never gives the values 2,1 and \(\cfrac23\)

\(\therefore\) Range of f(x) is R - {2,1,\(\cfrac23\)}

Very Complicated 

complicated questions jyada dimag Naa lgaye method set h answer paoo

95084.

Which contain both magnesium and calcium

Answer»

Polyhalite is an evaporite mineral, a hydrated sulfate of potassium, calcium and magnesium with the formula K2Ca2Mg(SO4)4·2H2O. Polyhalite.

95085.

In a hydrogen `(H)` sample on excitation electron jumps into `n^(th)` energy level and comes back to its ground energy level giving 6 different spectrum lines. Determine value of n.A. `4`B. `5`C. `3`D. `2`

Answer» Correct Answer - A
In a hydrogen `(H)` sample on excitation ………….
`sum (n-1) = 6`
`implies n = 4`
95086.

 When was BJP formed.(a) 6 April 1980(b) 28 June 1979(c) 20 August 1952(d) None of These

Answer»

BJP formed in 6 April 1980

95087.

The Q-factor of a waveguide resonator is given by (ω0 is resonant frequency, U is energy storage and ωL is power loss)1. \(Q = \frac{{{\omega _0}U}}{{{\omega _L}}}\)2. \(Q = \frac{{{\omega _0}{\omega _L}}}{U}\)3. Q = ω0UωL4. \(Q = \frac{{U{\omega _L}}}{{{\omega _0}}}\)

Answer» Correct Answer - Option 1 : \(Q = \frac{{{\omega _0}U}}{{{\omega _L}}}\)

Concept:

The quality factor is in general a measure of the ability of a resonator to store energy in relation to time-average power dissipation.

Specifically, the Q of a resonator is defined as:

\(Q=2\pi\frac{Maximum \ energy \ stored}{Energy \ dissipated \ per \ cycle}\)

In the case of resonators, the Quality factor is given by:

\(Q=\frac{ω_0W}{P_l}\)  ---(1)

Where,

ω0 = Resonant frequency

W = Total Energy

Pl = Power loss in the cavity.

Calculation:

Given:

Pl = ωL

ω0 = resonant frequency

W = U

Putting the above values in equation (1) we get the Quality factor as:

\(Q = \frac{{{\omega _0}U}}{{{\omega _L}}}\)

Hence option (1) is the correct answer.

  • Microwave resonators are tunable circuits used in microwave oscillators, filters, and frequency meters. 
  • The operation of microwave resonators is very similar to that of the lumped-element resonators (such as parallel and series RLC resonant circuits) of circuit theory. 
  • A cavity resonator is not a waveguide. It is a metallic enclosure that confines the electromagnetic energy within itself.
  • If excited properly, oscillations take place inside of it.
  • It is used as a tuned circuit at high frequencies.
95088.

What are the major time wasters? Explain any two.OR How can you improve your social skills? Give some suggestions.

Answer»

a) Telephone/Mobile Phone 

b) Visitors 

c) Paper 

d) Lack of Planning

e) Socializing: As far as possible, one must avoid extended tea-breaks, regular social lunch-hours, and chat in the corridors. Better to do it outside of work time. 

f) Indecision: This is caused by ignorance, fear, or lack of confidence in the facts. Improve fact-finding procedures, and listen to your intuition. If you make decisions quickly, you can save time. Successful people make decisions quickly. 

g) Television: Can be a huge time-waster. 

h) Procrastination  

OR 

Be Yourself 

Be Responsible 

Be Open and Approachable

Be Attentive 

Be Polite 

Be Aware 

Be Cautious

95089.

Sarah ________ cat. A) haves a B) haves some C) has some D) has a

Answer»

Correct option is D) has a

95090.

Nuclear DNA is present in combination with (A) Histones (B) Non-histones (C) Both (A) and (B) (D) None of these

Answer»

(C) Both (A) and (B)

95091.

What is the subcellular site for the biosynthesis of proteins? (A) Chromosomes (B) Lymosomes (C) Ribosomes (D) Centrosomes

Answer»

(C) Ribosomes

95092.

Selectins are proteins that can recognise specific (A) Carbohydrates (B) Lipids (C) Amino acids (D) Nucleotides

Answer»

(A) Carbohydrates

95093.

Which of the following are nucleo proteins? (A) Protamines (B) Histones (C) Deoxy and Ribo nucleo proteins (D) All of these

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(D) All of these

95094.

Which of the following statements is correct? (A) a nucleo protein usually contain deoxy sugars of the hexose type (B) Nucleoproteins are usually absent from the cytoplasm (C) Nucleoproteins usually are present in the nucleus only (D) Nucleoproteins usually occur in the nucleus and cytoplasm

Answer»

(D) Nucleoproteins usually occur in the nucleus and cytoplasm

95095.

Which of the following contains a deoxy sugar? (A) RNA (B) DNA (C) ATP (D) UTP

Answer»

Correct option (B) DNA

95096.

Transcription is the formation of (A) DNA from a parent DNA (B) mRNA from a parent mRNA (C) pre mRNA from DNA (D) protein through mRNA

Answer»

(C) pre mRNA from DNA

95097.

The major source of NH3 produced by the kidney is (A) Leucine (B) Glycine (C) Alanine (D) Glutamine

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(D) Glutamine

95098.

The first true pyrimidine ribonucleotide synthesized is (A) UMP (B) UDP (C) TMP (D) CTP

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Correct option (A) UMP 

95099.

When NH3 is perfused through a dog’s liver ______ is formed, while ______ is formed in the birds liver. (A) Urea, Uric acid (B) Urea, allantoin (C) Uric acid, creatinine (D) Uric acid, Urea

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(A) Urea, Uric acid

95100.

An animal is in negative nitrogen balance when (A) Intake exceeds output (B) New tissue is being synthesized (C) Output exceeds intake (D) Intake is equal to output

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(C) Output exceeds intake