InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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TRYSEM का पूरा नाम बताइए । |
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Answer» TRYSEM का पूरा नाम Training of Rural Youth for Self Employment है । |
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जनधन योजना के एक दिन में कितने खाते खुल चूके थे ? |
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Answer» जनधन योजना में एक दिन में 1.5 करोड़ खाते खुल चूके थे । |
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जनधन योजना का आरम्भ कब से हुआ था ? |
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Answer» जनधन योजना का आरम्भ 28 अगस्त 2014 से आरम्भ हुयी । |
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गरीबी के आय के अभिगम (विचार) को समझाइए । |
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Answer» गरीबी के आय के अभिगम के अनुसार जीवनजरूरी चीजवस्तुएँ और सेवाओं को खरीदने के लिए न्यूनतम आय निश्चित की जाती है । जिसे गरीबी रेखा कहते हैं । इस न्यूनतम आय से कम आय प्राप्त करनेवाला व्यक्ति गरीब कहलाता है । भारत में न्यूनतम केलरी प्राप्त करने के लिए न्यूनतम खर्च को भी ध्यान में लिया जाता है । |
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गरीबी एक गुणात्मक ख्याल है । समझाइए । |
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Answer» गुणात्मक ख्याल आंतरिक विशेषता (गुण) से सम्बन्ध रखता है । प्रत्येक वस्तु या सेवा अपनी-अपनी अलग-अलग विशेषता होती है । उसे लोग अपने मानदण्डों से निश्चित करते हैं । अर्थात् परिमाणात्मक पहलू की तरह नहीं है । परिमाणात्मक पहलू को मापा जा सकता है । इसे एक उदाहरण से समझें । गुड़ कितना मीठा है इसका जवाब देना मुश्किल है लेकिन कितने किलो हैं ? इसे माप सकते है । इस प्रकार मीठापन गुणात्मक पहलू है जबकि वजन परिमाणात्मक पहलू है । इसी प्रकार गरीबी गुणात्मक पहलू है क्योंकि गरीबी का मापदण्ड भी अलग-अलग ढंग से निश्चित किया जाता है । |
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गरीबी के लिए आर्थिक कारण समझाइए । |
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Answer» गरीबी के आर्थिक कारण निम्नानुसार हैं : (1) नीची श्रम की कृषि उत्पादकता : भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी का मुख्य कारण कृषि क्षेत्र में श्रमिक की नीची उत्पादकता है । कृषि क्षेत्र में सिंचाई का अभाव, अपर्याप्त टेक्नोलोजी, शिक्षा का अभाव, पूँजीनिवेश की नीची दर, जनसंख्या के अधिक भार के कारण प्रति श्रमिक कृषि उत्पादकता नीची होने से आय भी कम होती है और गरीबी का प्रमाण अधिक देखने को मिलता है । (2) जमीन और संपत्ति का असमान वितरण : भारत में ब्रिटिश शासनकाल से ही जमीन और संपत्ति का असमान वितरण हुआ है । अंग्रेजो की नीति के कारण जमीन, जमीनदारों और बड़े किसानों के कुछ लोगों के हाथ में थी । जिन्हें कृषि में कोई रूचि नहीं थी दूसरी ओर-कृषि मजदूर, काश्तकार या बटाईदारों की भी जमीन मालिकी न होने से उन्हें पूँजीनिवेश में कोई रूचि नहीं थी । परिणाम स्वरूप कृषि क्षेत्र में नीची उत्पादकता के कारण गरीबी का प्रमाण अधिक था । (3) छोटे और गृह उद्योगों का अल्पविकास : दूसरी पंचवर्षीय योजना से आधारभूत एवं बड़े उद्योगों को अधिक महत्त्व दिया गया । परंतु छोटे और गृह उद्योगों की अवहेलना की गई । इसके साथ कृषि से सम्बन्धित उद्योग जैसे कि पशुपालन, डेरी उद्योग, मत्स्यपालन आदि के कम विकास के कारण मौसमी बेकारी भी अधिक देखने को मिलती है । परिणाम स्वरूप गरीबी अधिक देखने को मिलती है । (4) भाववृद्धि : भाववृद्धि गरीबी का मुख्य कारण है । युद्ध, अकाल, कम राष्ट्रीय उत्पादन, मांग में वृद्धि, उत्पादन खर्च में वृद्धि आदि के कारण वस्तुओं और सेवाओं तथा खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि होती है । जिससे कम आयवालों की क्रयशक्ति में कमी आती है जिससे नीचा जीवनस्तर होता है । गरीबी में वृद्धि होती है । (5) बेकारी का अधिक प्रमाण : भारत में अधिकांशतः जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पर निर्भर होती है । परंतु भारत की अभी भी बरसाद पर निर्भर होती है । इसलिए वर्ष में एक या दो फसल लेते हैं । इसलिए कृषि क्षेत्र में मौसमी बैकारी अधिक देखने को मिलती है । साथ ही कृषि क्षेत्र पर अधिक भार होने से प्रच्छन्न बेकारी अधिक देखने को मिलती है । ग्रामीण क्षेत्रों में पूरक उद्योगों का कम विकास, अशिक्षा, श्रम की अल्प गतिशीलता आदि के कारण बेकारी का प्रमाण अधिक होने से गरीबी भी खड़ी होती है । |
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गरीबी का आधुनिक अभिगम समझाइए । |
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Answer» गरीबी के आधुनिक अभिगम में मात्र आय को ही ध्यान में नहीं लेते हैं क्योंकि काम करने की पसंदगी और स्वतंत्रता मात्र धनवानों के पास ही होती है । गरीबों के पास नहीं होती है । इसलिए आधुनिक विचारधारा के अनुसार आय के साथ साक्षरता, दीर्घकालीन स्वस्थ जीवन, अच्छा जीवनस्तर, व्यक्ति स्वातंत्र्य, अवसर प्राप्त हो और चयन तथा स्वाभिमान के साथ गौरवपूर्ण जीवन पर विचार किया गया है । |
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जनधन योजना को समझाइए । |
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Answer» मुद्राकीय समावेशीकरण द्वारा गरीबी के मूल में चोट करने के लिए महत्त्वाकांक्षी योजना अर्थात् प्रधानमंत्री जनधन योजना ।
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साक्षरता-दर किसे कहते हैं ? |
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Answer» भारत में 1991 की जनगणना के अनुसार सात वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति समझ के साथ पढ़ सके और लिन सके उसे कुल जनसंख्या के प्रतिशत प्रमाण को साक्षरता दर कहते हैं । |
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बेकारी किसे कहते हैं ? |
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Answer» प्रवर्तमान वेतन दर पर काम करने की इच्छा, शक्ति और योग्यता रखनेवाले व्यक्ति को काम न मिले तो उसे बेकारी कहते हैं । |
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गरीबी रेखा की मर्यादाएँ बताइए । |
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Answer» गरीबी रेखा की सबसे बड़ी मर्यादा यह है कि इसमें मात्र केलरी के उपयोग ही आधार लिया जाता है । परंतु गरीबी एक आर्थिक परिस्थिति है और भूख एक शारीरिक परिस्थिति है । इसलिए ‘गरीबी रेखा मात्र भुखमरी की रेखा’ बन के रह जाती है । |
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भारत में निरपेक्ष गरीबी का प्रमाण कितना है ? |
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Answer» भारत में NSSO (National Sample Survey Organisation) के 68वें 213.5 (2011-’12) में संयुक्त प्रति परिवार खर्च के आधार पर तेंदुलकर समिति के अनुमान के अनुसार भारत में वर्ष 2004-05 में निरपेक्ष गरीबी का प्रमाण 37.2 प्रतिशत था जो वर्ष 2011-12 में घटकर 21.9 प्रतिशत रह गया है । |
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भारत में वर्ष 2014-16 के समयांतराल कुपोषित व्यक्तियों का प्रतिशत प्रमाण कितना था ?(A) 23.7(B) 15.2(C) 11.2(D) 20.5 |
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Answer» सही विकल्प है (B) 15.2 |
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वर्ष 2014-’16 में भारत में कुपोषण का प्रमाण कितना था ?(A) 15.2 प्रतिशत(B) 15.6 प्रतिशत(C) 20.5 प्रतिशत(D) 17.5 प्रतिशत |
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Answer» सही विकल्प है (A) 15.2 प्रतिशत |
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कुपोषण के प्रमाण में भारत का स्थान कौन-सा है ? |
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Answer» FAO के रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुपोषित जनसंख्या का प्रमाण विश्व में भारत का स्थान दूसरा है । |
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अपेक्षित औसत आय किसे कहते हैं ? |
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Answer» बालक जन्म के समय को कितने वर्ष की आयु जियेगा उसकी अपेक्षा को अपेक्षित औसत आयु कहते हैं । |
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कुपोषण की परिस्थिति किसे कहते है ? |
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Answer» व्यक्ति द्वारा लिये जानेवाले भोजन में पर्याप्त प्रमाण में कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल्स प्राप्त नहीं होता है । इस स्थिति को कुपोषण की परिस्थिति कहते हैं । |
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बालमृत्युदर किसे कहते हैं ? |
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Answer» प्रति 1000 जीवित जन्म लेनेवाले बालकों में से एक वर्ष से कम समय में मृत्यु पानेवाले बालकों की संख्या को बालमृत्युदर कहते हैं । |
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वर्ष 2014-’16 में भारत में कुपोषित व्यक्तियों का प्रमाण कितने प्रतिशत था ? |
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Answer» वर्ष 2014-’16 में भारत में कुपोषित व्यक्तियों का प्रमाण 15.2 प्रतिशत था । |
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वर्ष 2014 में भारत में अपेक्षित औसत आयु कितने वर्ष थी ? |
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Answer» वर्ष 2014 में भारत में अपेक्षित औसत आयु 68 वर्ष थी । |
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