

InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
6101. |
समाज में मनुष्य का अधिकार और उसका दर्जन निक्षित करती है |
Answer» मनुष्यों की पोशाकें उन्हें विभिन्न श्रेणियों में बाँट देती हैं। प्राय: पोशाक ही समाज में मनुष्य का अधिकार और उसका दर्जा निश्चित करती है। वह हमारे लिए अनेक बंद दरवाजे खोल देती है, परंतु कभी ऐसी भी परिस्थिति आ जाती है कि हम ज़रा\xa0नीचे झुककर समाज की निचली श्रेणियों को अनुभूति को समझना चाहते हैं। उस समय यह पोशाक ही बंधन और अड़चन बन जाती है। जैसे वायु की लहरें कटी हुई पतंग को सहसा भूमि पर नहीं गिर जाने देतीं, उसी तरह खास परिस्थितियों में हमारी पोशाक हमें झुक सकने से रोके रहती है। | |
6102. |
समाज में मनुष्य का अधिकार पर उसका दर्जा निश्चित करती है |
Answer» Posak | |
6103. |
RANI LAKSHMI BHAI NE ANGREJO KE FILL BLANK MUHAVRE |
Answer» | |
6104. |
Kukur log why are you |
Answer» | |
6105. |
How to anchoring in Hindi debate |
Answer» | |
6106. |
Parshuram Ne Lakshman ko kaise Balak bataya hai |
Answer» नृप बालक | |
6107. |
बाल - गोबिन के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए । |
Answer» बालगोबिन भगत मंझलें कद के गोरे चिट्टे व्यक्ति थे, जिनकी आयु ६० वर्ष से अधिक थी। उनके बाल सफ़ेद थे ।वे दाढ़ी तो नहीं रखते थे ,पर उनके चेहरे पर सफेद बाल जगमगाते रहते थे। वे कमर में एक लंगोटी और सिर पर कबीरपंथियों जैसी कनफटी टोपी पहनते थे। सर्दियां आती तो ऊपर से एक काली कमली ओढ़ लेते थे। उनके माथे पर सदा रामानंदी चंदन चमकता था जो नाक के एक छोर से ही औरतों के टीके की तरह शुरू होता था। वे अपने गले में तुलसी की जड़ों की एक बेडौल माला बांधे रहते थे। उनमें साधुओं वाली सारी बातें थी। वे कबीर को ‘साहब’ मानते थे; उन्हीं के गीत गाते रहते थे और उन्हीं के आदेशों पर चलते थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे और सदा खरा व्यवहार करते थे। हर बात साफ़ साफ़ करते थे किसी से व्यर्थ झगड़ा नहीं करते थे। किसी की चीज़ को कभी छूते तक नहीं थे। वे दूसरों के खेत में शौच तक के लिए नहीं बैठते थे। उनके खेत में जो कुछ पैदा होता था उसे सिर पर रखकर चार कोस दूर कबीरपंथी मठ में ले जाते थे और प्रसाद रूप में जो कुछ मिलता वहीं वापस ले आते थे। | |
6108. |
बालगोबिन का गाना सबको क्यों चौंका देता है ? |
Answer» Kyunki unke gaane mai aise madhur bol hote hai jo kisiko bhi moh leta hai .... Isiliye unke gaane sabko choka dete hai ... | |
6109. |
\' गोदी में पियवा से बालगोबिन का क्याआशय है ? |
Answer» Yahan piyava nirankaar bhram ko kaha gya hai. Aur sakhiya sansaar ke un logon ka prateet hai jo bhram athwa ishwar ko apne se dur samajhne ki bhool kar baithte hain.. | |
6110. |
1.भादों की रात का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए । |
Answer» Bhado ki raat ka varnan kijiye | |
6111. |
बालगोबिन के संगीत के साथ - साथ और कौन सी ध्वनियां प्रकट हो रही थीं ? |
Answer» | |
6112. |
anuched lekhan kese bdlegi footpath Ki duniya |
Answer» मेरे विचार इस विषय पर यह है, फुटपाथ की दुनिया को बदला जा सकता है | जब सब जगह बच्चे से लेकर बड़ो तक सब शिक्षित होंगे | सब अपनी मेहनत से काम करके पैसा कम| सकते है|आज के समय में कोई मेहनत नहीं करना चाहता बस लोगों से पैसे मांगने की आदत पड़ गई है और यह लोग फिर फुटपाथ और सड़कों पर सो जाते है | सरकार को ऐसे नियम बनाने चाहिए , लोगों को मेहनत करने के लिए बढ़ावा देना चाहिए | हमेशा उनका साथ चाहिए | आए दिन हम रोज़ खबरों में सुनते फुटपाथ में रहने वाले लोग मरे जाते है | सब की दुनिया को बदलने के लिए सरकार को उनका सहयोग देना चाहिए | | |
6113. |
Vaky ko kritirvachya mai pariwartit kijiye ....Aao kahi chala jaye .. |
Answer» Aao, kahi chale. | |
6114. |
Vaky ko kritirvachya mai badliye ...Meena dwara pustak padhi jati hai . |
Answer» वाच्य: वाच्य का अर्थ है बोलने का विषय। अतः क्रिया के जिस रुप से पता चले की क्रिया का मुख्य विषय कर्ता है ,कर्म है अथवा भाव उसे वाच्य कहते हैं।कृत्यवाच्य : इसमें कथन का केंद्र कर्ता होता है ।कर्म गौण होता है । कृतवाच्य में क्रिया अकर्मक भी हो सकती है और सकर्मक भी।क) Meena\xa0के द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है। Meena pustak padti hai. |
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6115. |
भोलेनाथ पूजा पाठ में बैठकर पिताजी के साथ क्या करते थे |
Answer» Bholanath pooja mai baithkar Apne aap ko mirror mai dekha karte the .... Aur jb unke pitaji unko dekhte wo sarma kr mirror(sisaa) niche rkh dete the ...... From which chapter |
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6116. |
रस के कितने प्रकार को पढना है? |
Answer» 3 1) रस के प्रकार2) श्रृंगार रस रति3) हास्य रस हास4) करुण रस शोक5) रौद्र रस क्रोध6) वीर रस उत्साह7) भयानक रस भय8) वीभत्स रस घृणा, जुगुप्सा9)अद्भुत रस आश्चर्य |
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6117. |
Netajii murti kaha se kaha tak thi |
Answer» Netaji ki murti 2 foot ki thi aur wo sangmar mar ki bani thi.. Pata naji |
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6118. |
कवि के अनुसार बादल किसे और कब शांति देती है? |
Answer» No thanks Be a member of (cbse homework help group) by sending your whatsapp no. |
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6119. |
रचना के आधार पर वाक्य भेद |
Answer» रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं -1. साधारण या सरल वाक्य2. संयुक्त वाक्य3. मिश्र या मिश्रित वाक्य( I hope this will help you) Teen ,sarl vaky misr vaky sanyukt vaky |
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6120. |
Ese kon konse sabd hai jo ki nar ya mada mai ek saman prayukt hote hai |
Answer» https://youtu.be/1xKSSckSA0Q | |
6121. |
"गोदी में पियवा" से बालगोविन का क्या आशय है ? |
Answer» https://youtu.be/1xKSSckSA0Q Abhi tk Sorry ye topic hmare school me nhi huaa |
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6122. |
Who was joj pancham ??? Is he in real oe any fiction ?? |
Answer» George V was King of the United Kingdom and the British Dominions, and Emperor of India, from 6 May 1910 until his death in 1936. Born during the reign of his grandmother Queen Victoria, George was third in the line of succession behind his father, Prince Albert Edward, and his own elder brother, Prince Albert Victor. Iska answer https://youtu.be/1xKSSckSA0Q |
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6123. |
पाठ में भारतीय नौकरशाही कार्यप्रणाली पर करारा व्यंग्य कया गया है । सिद्ध करें । |
Answer» 11 | |
6124. |
देश के संचार माध्यमों की कार्यप्रणाली व सरकार की भूमिका पर अपने वचार प्रस्तुत करें । |
Answer» | |
6125. |
Gopiya birah ki aag me q jal rahi hai (surdas) |
Answer» | |
6126. |
भेजो छवि सुर में कभी नवजीवन वाले पंक्ति का क्या आशय है |
Answer» | |
6127. |
Provide notes |
Answer» 1 question ka answer Xxx In this aap provide ? notes for all chapters r available on this app of which chapter?? |
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6128. |
Summary of Mata Ka aanchal |
Answer» बच्चे का माँ से ममता का रिश्ता होता है। पिता के साथ स्नेहाधारित रिश्ता होता है। दोनों प्रेम के रूप हैं पर ममता में कठोरता का कोई स्थान नहीं होता। पिता के स्नेह में किंचित कठोरता शामिल हो सकती है। इसलिए बच्चा अपने पिता का स्नेह प्राप्त करके आनंदित हो सकता है पर उसमें माँ के प्रेम के बराबर सुख नहीं मिलता है। भोलानाथ को अपने पिता से लगाव था पर विपदा के समय वह अपनी माँ के पास जाता है। क्योंकि पिता से डांट खाने की संभावना थी पर माँ की गोद में हर स्थिति में प्रेम, ममता और दुलार मिलना निश्चित था। वह एक बच्चा था और उसे खेल कूद अच्छा लगता था। उनके साथ वह खेल में मगन हो जाता था। एक बार जब वह गुरूजी से डांट खाने के बाद अपने पिता के साथ रोता हुआ जा रहा था, उसने अपने मित्रों को एक चिड़िया के झुण्ड के साथ खेलते हुए देखा। वह अपना दुःख भूल गया और उनके साथ खेलने लगा। भोलानाथ और उसके साथी आस पास उपलब्ध चीजों से खेलते थे। वे मिट्टी के टूटे फूटे बर्तन, धूल, कंकड़ पत्थर, गीली मिट्टी और पत्तियों से खेलते थे। वे समधी को बकरे पर सवार करके बारात निकालने का खेल खेलते थे। कभी कभी लोगों को चिढ़ाते थे। एक दिन जब पिताजी रामायण पढ़ रहे थे भोलानाथ अपने को आईने में देखकर खुश हो रहा था। लेकिन जब पिताजी ने उसकी ओर देखा तो उसने शर्मा कर आईना रख दिया। पाठ के अंत में दिखाया गया है कि भोलानाथ सांप से डरकर माता की गोद में आता है, माँ अपने बेटे की हालत देखकर दुखी होती है और उसे अपने आंचल में छिपा लेती है। इस प्रकार जबकि उसका अधिक समय पिता के साथ व्यतीत होता है विपदा के समय उसे माँ की गोद में ही शांति मिलती है। | |
6129. |
Yog ke bate gopiyo ko kaise lagte h |
Answer» गोपियों को योग संदेश विरह की अग्नि में घी समान लग रहा था।गोपियां कृष्ण के जाने से विरह की अग्नि में जल रही थी ।वे हर क्षण कृष्ण का इंतजार कर रही थी लेकिन उनके बदले उद्धव गोपियों के पास आ गए। गोपियों नें योग साधना के ज्ञान को निरर्थक बताया गया है।\xa0यह ज्ञान गोपियों के अनुसार अव्यवाहरिक और अनुपयुक्त है। उनके अनुसार यह ज्ञान उनके लिए कड़वी ककड़ी के समान है जिसे निगलना बड़ा ही मुश्किल है। सूरदास जी गोपियों के माध्यम से आगे कहते हैं कि ये एक बीमारी है। वो भी ऐसा रोग जिसके बारे में तो उन्होंने पहले कभी न सुना है और न देखा है। इसलिए उन्हें इस ज्ञान की आवश्यकता नहीं है। |
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6130. |
Gopiyo ne apne mann ki vedna kis prakaar prakat ki?? |
Answer» गोपियों ने अपने मन की वेदना इस प्रकार प्रकट कि\xa0जब उनके प्रेम का विरह आया अर्थात गोबिंद जब वृंदावन छोड़कर मथुरा को गए तो,\xa0उन्होंने उनके चरणों की माटी को अपने मस्तिष्क पर धारण कर ली । जब उद्धव गोपियों के पास जिस उद्देश्य से आए थे उस उद्देश्य में वह बिल्कुल भी सफल नहीं हो पाए , उद्धव उनके पास अपने मन पर नियंत्रण रखने की सलाह लेकर पहुँचे हैं। लेकिन गोपियों ने वे कहती हैं कि उद्धव अपने उपदेश उन्हें दें जिनका मन कभी स्थिर नहीं रहता है। गोपियों का मन तो कृष्ण के प्रेम में हमेशा से अचल है| | |
6131. |
पूजा द्वारा दिए गए संदेश के प्रति गोपियों का दृष्टिकोण कैसा होता है |
Answer» This is question not Udhav Shri Krishna ka Mitra her aur is bar Bhagyashree Kaha gaya hai Kyunki vah bada bhagyashali hai ki vah Shri Krishna ke sath Rahegi bhi Unki Prem Mein Nahin fasa ओझा उद्धव श्री कृष्ण का मित्र है उसे बड़भागी रेखा गया है क्योंकि वह बड़ा भाग्यवान है या कहीं तो भाग्यशाली है कि वे कृष्ण के साथ रहकर भी कृष्ण की प्रेम में नहीं फंसा । Uddho kon hai?unhe barbhagikyu kaha Gaya hai? Sapas kijiye? |
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6132. |
Me surakshit to delhi surakshi vigyapan |
Answer» Stay safe | |
6133. |
दो विरोधी राजनीतिक पाटियो के पक्षधरो के बीच संवाद लिखिए |
Answer» | |
6134. |
Kanayadan ch one mark ques |
Answer» Is kavita me us Ladki ke man ki kya dasha thi "Ladki abhi sayani ni thi ""Is pankti se kavi kya kehna chah rahe hai |
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6135. |
नौकरानी द्वारा आंगन में सोया जा रहा है कृत वाच्य में बदलिए |
Answer» Nookrani agan me so rhe hai.?? Nookrani aangan m soo rahi h |
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6136. |
घर से कपड़े लाओ, वाक्य में लाओ शब्द का पद परिचय दीजिए |
Answer» I don\'t know... | |
6137. |
Khadija ka Kurtz bhakobhak Neta jaisi chal h m Kon sa ras h |
Answer» | |
6138. |
Apne vichar se Bholanath Apne Sathiyon Ko Dekhkar sisakna Kyon Bhul jata hai |
Answer» भोलानाध अपने साथियों के साथ अनेकों तरह के खेल खेलता था और उन खेलों से जुड़ी अनेकों तुकबंदियां गाया करता था अतः जब कभी वह किसी बात पर रोता और से सकता था तो अपने मित्रों को देखकर रोना भूल जाता था क्योंकि मित्रों के साथ खेले जाने वाले अनेक तरह के खेलों तथा उनके साथ की जाने वाले विभिन्न शहरों की स्मृतियां उसके दिमाग में ताजा होती थी अतः उन्हें खेलों और शरारती की कल्पनाओं में पुनः डूबने के कारण वह अपने दुख दर्द भूल कर रोना और चिल्लाना भूल बैठता था| | |
6139. |
Lekhak ne manviy karuna ki divya ki chamak kyu kaha?? |
Answer» | |
6140. |
Apathit gadhyansh |
Answer» प्रश्नः (क)गंगा के जल और साधारण पानी में क्या अंतर है?उत्तर:गंगा का जल पवित्र माना जाता है। यह काफी दिनों तक रखने के बाद भी अशुद्ध नहीं होता है। इसके विपरीत साधारण जल कुछ ही दिन में खराब हो जाता है।प्रश्नः (ख)गंगा के उद्गम स्थल को किस नाम से जाना जाता है? इस नदी को गंगा नाम कैसे मिलता है?उत्तर:गंगा के उद्गम स्थल को गंगोत्री या गोमुख के नाम से जाना जाता है। वहाँ यह भागीरथी नाम से निकलती है। देवप्रयाग मेंयह अलकनंदा से मिलती है तब इसे गंगा नाम मिलता है।प्रश्नः (ग)भागीरथी से देव प्रयाग तक का सफ़र गंगा के लिए किस तरह लाभदायी सिद्ध होता है?उत्तर:भागीरथी से देवप्रयाग तक गंगा विभिन्न पहाड़ों के बीच बहती है जिससे इसमें कुछ चट्टानें धुल जाती हैं। इससे गंगा का जल दीर्घ काल तक सड़ने से बचा रहता है। इस तरह यह सफ़र गंगा के लिए लाभदायी सिद्ध होता है।प्रश्नः (घ)बैक्टीरिया ही पानी में सड़न पैदा करते हैं और बैक्टीरिया ही पानी की सड़न रोकते हैं, कैसे? स्पष्ट कीजिए।उत्तर:कुछ खास किस्म के बैक्टीरिया ऐसे होते हैं जो पानी में सड़न पैदा करते हैं और कुछ बैक्टीरिया इन बैक्टीरिया को रोकने का काम करते हैं। गंगा के पानी में सड़न रोकने वाले बैक्टीरिया इनको पनपने से रोककर पानी सड़ने से बचाते हैं।प्रश्नः (ङ)मन को निर्मल रखने के लिए क्या उपाय बताया गया है?उत्तर:मन को निर्मल रखने के लिए विचारों का प्रदूषण रोकना चाहिए। इसके लिए मन में सकारात्मक विचार प्रवाहित होना चाहिए। मन में नकारात्मक विचार आते ही उसे सकारात्मक विचारों द्वारा नष्ट कर देना चाहिए। निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –(1) गंगा भारत की एक अत्यन्त पवित्र नदी है जिसका जल काफ़ी दिनों तक रखने के बावजूद अशुद्ध नहीं होता जबकि साधारण जल कुछ दिनों में ही सड़ जाता है। गंगा का उद्गम स्थल गंगोत्री या गोमुख है। गोमुख से भागीरथी नदी निकलती है और देवप्रयाग नामक स्थान पर अलकनंदा नदी से मिलकर आगे गंगा के रूप में प्रवाहित होती है। भागीरथी के देवप्रयाग तक आते-आते इसमें कुछ चट्टानें घुल जाती हैं जिससे इसके जल में ऐसी क्षमता पैदा हो जाती है जो उसके पानी को सड़ने नहीं देती।हर नदी के जल में कुछ खास तरह के पदार्थ घुले रहते हैं जो उसकी विशिष्ट जैविक संरचना के लिए उत्तरदायी होते हैं। ये घुले हुए पदार्थ पानी में कुछ खास तरह के बैक्टीरिया को पनपने देते हैं तो कुछ को नहीं। कुछ खास तरह के बैक्टीरिया ही पानी की सड़न के लिए उत्तरदायी होते हैं तो कुछ पानी में सड़न पैदा करने वाले कीटाणुओं को रोकने में सहायक होते हैं। वैज्ञानिक शोधों से पता चलता है कि गंगा के पानी में भी ऐसे बैक्टीरिया हैं जो गंगा के पानी में सड़न पैदा करने वाले कीटाणुओं को पनपने ही नहीं देते इसलिए गंगा का पानी काफ़ी लंबे समय तक खराब नहीं होता और पवित्र माना जाता है।हमारा मन भी गंगा के पानी की तरह ही होना चाहिए तभी वह निर्मल माना जाएगा। जिस प्रकार पानी को सड़ने से रोकने के लिए उसमें उपयोगी बैक्टीरिया की उपस्थिति अनिवार्य है उसी प्रकार मन में विचारों के प्रदूषण को रोकने के लिए सकारात्मक विचारों के निरंतर प्रवाह की भी आवश्यकता है। हम अपने मन को सकारात्मक विचार रूपी बैक्टीरिया द्वारा आप्लावित करके ही गलत विचारों को प्रविष्ट होने से रोक सकते हैं। जब भी कोई नकारात्मक विचार उत्पन्न हो सकारात्मक विचार द्वारा उसे समाप्त कर दीजिए। Dear ye kya h..... No question it is just wastage of time? |
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6141. |
Pad Parichay kya Hote Hain |
Answer» वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को\xa0पद\xa0कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक\xa0परिचय\xa0को\xa0पद-परिचय,\xa0पद-व्याख्या या पदान्वय कहते है। व्याकरणिक\xa0परिचय\xa0से तात्पर्य है - वाक्य में उस\xa0पद\xa0की स्थिति बताना, उसका लिंग, वचन, कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना। | |
6142. |
Antarix main kon kiske liye khada hai |
Answer» | |
6143. |
vameero character sketch |
Answer» \xa0वामीरो लपाती गावँ की निश्छल भोली सुन्दरी थी . उसके कंठ में अपार मधुरता थी. उसके श्रृंगार-गीत को सुनके समुद्र में हिल्लोल पैदा हो जाती थी. वातावरण में ऐसी मधुरता छा जाती थी की अनजान युवक तताँरा अपनी सुध-बुध खो बैठा.वामीरो अपने गावँ की परंपराओं का सम्मान करती थी. इसलिए वह नहीं चाहती थी की किसी अन्य गावँ का युवक उसके गीत को सुने, उसे घूरे, ताके और प्रेम-भरी बातें करें. किन्तु तताँरा\xa0से प्रेम हो जाने के बाद परम्पराएँ उसके लिए कोई महत्व नहीं रखती थी. वह अपने गावँ की परंपरा को भूलकर तताँरा से मिलती थी.प्रेम के सच्चे अर्थ को समझने वाली वमीरो अपने प्रेमी तताँरा से बिछुड़ने के बाद उसने खाना-पीना सब छोड़ दिया और अपने परिवार से अलग हो गयी. इस प्रकार एकनिष्ठ प्रेम में समर्पित वमीरो ने प्रेम की खातिर अपने समाज एवं परिवार से अलग होकर अपने प्रेम में ही अपना अस्तित्व को मिटा डाला. | |
6144. |
Plz tell me syllabus of 2020-2021 of hindi |
Answer» | |
6145. |
लक्ष्मण ने शिव धनुष को क्या कहा था ? |
Answer» लक्ष्मण ने कहा\xa0कि राम\xa0ने\xa0तो\xa0धनुष\xa0को नया जानकर परखा\xa0था, परन्तु वह तो राम के छूते ही टूट गया। | |
6146. |
Mere taraf se aap sabko A Very-Very ????????????Happy Independence Day in advance?????????? |
Answer» Happy independence day Same to you |
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6147. |
Samsung mobile ka ak bigyapan tayar kijiye.. |
Answer» Phele aap us mobile phone ka picture draw karo phir uspar kuch uske quality likh do, man kare to uska rate likh do,fir aap uspe ek achha sa title likh do jaise sab propaganda ke liye likhte h na mtlb pehle istemal kare phir...... aisa he kuch. And all here\'s your chart is ready. | |
6148. |
यह कविता रामचरितमानस के किस कांड से ले गए हैं in ch ram laxman sambad |
Answer» BAL kand बाल काण्ड |
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6149. |
Har Maut Dikhati Hai Zindagi Ko Ek Nahin Raha pankti se lekhak ka kya taatparya hai |
Answer» | |
6150. |
Surdas ke 2 nd pad ka full meaning |
Answer» Krishna sai Milne ki abhilasa hamare man Mai hi rah gayi hame asha thi ki Sri Krishna Kai darsan honge aur ham Apne man ki baate Sri Krishna KO hi batana chahate Thai per ab ham kisase Apne man ki baate bataye her pal Krishna Kai aane ki ummid Bani hue thi isliye man ki byatha KO sahan Kar rahi thi. Aur ab tumahare dwara laye Gaye is yog- gyan Kai sandes ko sunker ham wirah ki aag mai jalane lage hai ham Apne raksha Kai liye jidher sai aawaj lagana chahate Thai wahi sai prachand again prawahit ho rahi hai surdash ji batate hai ki gopiya kahate hai ki ham dherya kyu rakhe jab Krishna nai Apne maryada Nahi Rakhi ab hamara dherya tutne ki kagar par hai | |