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Yog ke bate gopiyo ko kaise lagte h

Answer» गोपियों को योग संदेश विरह की अग्नि में घी समान लग रहा था।गोपियां कृष्ण के जाने से विरह की अग्नि में जल रही थी ।वे हर क्षण कृष्ण का इंतजार कर रही थी लेकिन उनके बदले उद्धव गोपियों के पास आ गए।
गोपियों नें योग साधना के ज्ञान को निरर्थक बताया गया है।\xa0यह ज्ञान गोपियों के अनुसार अव्यवाहरिक और अनुपयुक्त है। उनके अनुसार यह ज्ञान उनके लिए कड़वी ककड़ी के समान है जिसे निगलना बड़ा ही मुश्किल है। सूरदास जी गोपियों के माध्यम से आगे कहते हैं कि ये एक बीमारी है। वो भी ऐसा रोग जिसके बारे में तो उन्होंने पहले कभी न सुना है और न देखा है। इसलिए उन्हें इस ज्ञान की आवश्यकता नहीं है।


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