InterviewSolution
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जल के कार्य लिखिए। मानव-शरीर के लिए जल क्यों उपयोगी है?याजल के कार्यों एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।याजल मनुष्य के लिए क्यों उपयोगी है?यामानव शरीर के लिए जल क्यों आवश्यक है?याशरीर के लिए जल क्यों उपयोगी है?याजल ही जीवन है, इसका मूल्य पहचानें, इसे बरबाद न करें।” संक्षेप में लिखिए।यामानव जीवन में जल का क्या महत्त्व है? |
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Answer» जल की उपयोगिता एवं महत्त्व जल अथवा पानी का जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध है। प्राणी-जगत तथा वनस्पति-जगत के अस्तित्व का एक आधार जल ही है। जल के अभाव में व्यक्ति केवल कुछ दिन तक ही कठिनता से जीवित रह सकता है। वास्तव में व्यक्ति के स्वस्थ एवं चुस्त रहने के लिए जल अति आवश्यक है। जल जीवन की। एक मूल आवश्यकता है जो कि प्यास के रूप में अनुभव की जाती है। शारीरिक आवश्यकता के अतिरिक्त मानव जीवन के सभी कार्य-कलापों में जल की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। हमारे भोजन पकाने, नहाने-धोने, सफाई करने तथा फसलों को उँगाने के लिए एवं अन्य प्रकार के उत्पादनों के लिए जल की अत्यधिक आवश्यकता एवं उपयोगिता होती है। सभ्य जीवन के लिए वरदान स्वरूप विद्युत ऊर्जा का निर्माण भी प्रायः जल से ही होता है। जल की उपयोगिता एवं महत्त्व को बहुपक्षीय विवरण निम्नवर्णित है (1) पीने के लिए: हमारे शरीर का 70-75% भाग जल से बना है; अत: जल का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपयोग पीने के लिए ही है। अत्यधिक गर्मी या अन्य किसी कारण से शरीर में होने वाली जल की कमी की पूर्ति हमें तुरन्त जल पीकर कर लेनी चाहिए अन्यथा जल की कमी अथवा ही-हाइड्रेशन के भयानक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। जल की शारीरिक आवश्यकता प्यास के रूप में महसूस होती है। प्यास एक अनिवार्य आवश्यकता है तथा इसकी पूर्ति तुरन्त होनी आवश्यक होती है। (2) आन्तरिक शारीरिक प्रक्रियाएँ: मानव शरीर की लगभग सभी जैविक एवं जैव-रासायनिक क्रियाओं के संचालन के लिए सर्वाधिक आवश्यक तत्त्व जल ही है। उदाहरण के लिए-पाचन क्रिया का मूल आधार भी जल है। इसी प्रकार उत्सर्जन की क्रिया भी (जैसे—स्वेद एवं मूत्र निष्कासन) जल पर ही आधारित रहती है। इसके अतिरिक्त जितने भी पेय पदार्थ; जैसे कि दूध, फलों का रस आदि; हम लेते हैं उनका अधिकांश भाग जल होता है। (3) शारीरिक तापमान का नियमन: हमारे शरीर में उपस्थित जल हमारे शरीर के तापमान को सामान्य रखता है। बाह्य रूप में भी हम ग्रीष्म ऋतु में शीतल तथा शीत ऋतु में गर्म जल से स्नान कर शारीरिक तापमान को सामान्य रखने का प्रयत्न करते हैं (4) रक्त संचार व्यवस्था: हमारे रक्त का अधिकांश भाग (लगभग 80%) जल होता है जो कि रक्त की तरलता का मूल आधार है। तरल अवस्था में ही रक्त शरीर की धमनियों एवं शिराओं में संचार करता है। जल ही रक्त को तरलता प्रदान करता है। रक्त में जल की कमी हो जाने पर रक्त गाढ़ा हो जाता है तथा रक्त के गाढ़ा हो जाने पर न तो रक्त का संचार सुचारु रूप से हो पाता है और न ही शरीर स्वस्थ रह पाता है। (5) शारीरिक स्वच्छता: जल शारीरिक स्वच्छता का प्रमुख साधन है। नियमित रूप से किया गया स्नान हमारी त्वचा को स्वच्छ एवं यथासम्भव रोगमुक्त बनाये रखता है। | (6) चुस्ती-फुर्ती के लिए: शरीर को चुस्त एवं फुर्तीला बनाए रखने में भी जल का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। जल की कमी होने पर व्यक्ति आलस्य एवं उदासीनता का शिकार रहता है। (ख) घरेलू उपयोग शरीर के समान घरेलू दैनिक जीवन के संचालन के लिए भी जल अत्यधिक आवश्यक है। जल के प्रमुख घरेलू उपयोग निम्नलिखित हैं ⦁ भोजन पकाने के लिए, (ग) सामुदायिक उपयोग जल किसी भी समाज, प्रदेश अथवा राष्ट्र की मूल आवश्यकता है। सामुदायिक जनजीवन की विभिन्न सुविधाओं एवं उपलब्धियों की प्राप्ति के लिए जल अत्यधिक आवश्यक है। इसकी पुष्टि में जल के सामुदायिक उपयोग निम्नलिखित हैं ⦁ नगर एवं देहात की गलियों, सड़कों व नालियों आदि की सफाई के लिए जल एक प्रमुख साधन है। |
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गाँवों में जल-प्राप्ति के मुख्य साधन क्या हैं? वहाँ जल को दूषित होने से किस प्रकार बचाया जा सकता है? .यादेहात में पेयजल के स्रोत क्या हैं? कुओं और तालाबों का जल किस प्रकार दूषित हो जाता है? इनको दूषित होने से किस प्रकार बचाया जा सकता है?यातालाब के जल की अशुद्धियों को रोकने तथा दूर करने के पाँच उपाय लिखिए।यानदियों का जल किस प्रकार से दूषित हो जाता है? नदियों के जल को दूषित होने से बचाने के उपायों का भी वर्णन कीजिए। |
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Answer» गाँवों में जल-प्राप्ति के साधन नगरों की अपेक्षा गाँवों में पेयजल की व्यवस्था अधिक जटिल है। इसके प्रमुख कारण हैं सुदूर देहात क्षेत्र में नगरपालिका जैसी व्यवस्थित संस्थाओं का न होना तथा उपयुक्त स्वास्थ्य सम्बन्धी शिक्षा का अभाव। अतः ग्रामीण क्षेत्र में न तो गन्दगी के निकास की समुचित व्यवस्था पर कोई विशेष ध्यान दिया जाता है और न ही पेयजल की शुद्धता बनाए रखने के आवश्यक उपाय किए जाते हैं। जल-प्राप्ति के इन स्रोतों का जल अशुद्ध होने तथा उसे अशुद्धि से बचाने के उपायों का संक्षिप्त विवरण अग्रलिखित है (1) नदी का जल: जल की अशुद्धि के कारण: ⦁ नदी के किनारे बसे नगरों एवं गाँवों की गन्दगी नदी में बहा दिए जाने के कारण इसका जल पीने योग्य नहीं रहता। बचाव के उपाय: नदियों के जल को कुछ सामान्य उपाय अपनाकर दूषित होने से बचाया जा सकता है, जो निम्नलिखित हैं (2) तालाब का जल: जल की अशुद्धि के कारण: बचाव के उपाय: तालाब के जल को कुछ सामान्य उपाय अपनाकर दूषित होने से बचाया जा सकता है। ये महत्त्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित हैं (3) कुओं का जल: गहरे कुएँ पेयजल के श्रेष्ठ साधन हैं। जल की अशुद्धि के कारण: बचाव के उपाय: आदर्श कुएँ का निर्माण कुएँ के जल को पीने योग्य बनाये रखने का एकमात्र उपाय है। आदर्श कुएँ की विशेषताओं का उल्लेख विगत प्रश्न के अन्तर्गत किया जा चुका है। (4) नलकूप का जल: |
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मनुष्य के लिए जल मुख्य रूप से किस रूप में आवश्यक है। |
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Answer» मनुष्य की प्यास शान्त करने के साधन के रूप में जल मुख्य रूप से आवश्यक है। |
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जल-संभरण से क्या तात्पर्य है? स्वास्थ्य की दृष्टि से इसकी क्या व्यवस्था होनी चाहिए? |
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Answer» नगरों तथा महानगरों में जल-आपूर्ति की व्यवस्था को जल-संभरण कहते हैं। यहाँ यह व्यवस्था जल निगम द्वारा की जाती है। ये जल निगम स्वायत्त विभाग के रूप में अथवा नगरपालिकाओं के विभाग के अन्तर्गत कार्य करते हैं। छोटे गाँवों और कस्बों में, जहाँ सार्वजनिक जल-वितरण की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जल आपूर्ति का मुख्य स्रोत कुएँ, तालाब, झील, पोखर और नदियाँ हैं। जल निगम सार्वजनिक उपक्रम होते हैं। ये नागरिकों को उनके घरों तक शुद्ध जल की आपूर्ति की सुचारु व्यवस्था करते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से ये निम्नलिखित व्यवस्थाएँ बनाए रखते हैं ⦁ जल का आवश्यक संग्रह, ⦁ जेल की अघुलित अशुद्धियों को दूर करना, ⦁ कीटाणुनाशकों; जैसे – क्लोरीन व ओजोन गैस, पोटैशियम परमैंगनेट तथा पराबैंगनी किरणों आदि; का प्रयोग कर जल को रोगाणुओं से मुक्त रखना। दूसरी ओर प्राकृतिक साधनों से प्राप्त जल में अनेक प्रकार की अशुद्धियाँ होती हैं तथा उसमें रोगजनक कीटाणुओं के होने की भी पूरी सम्भावना रहती है। ऐसे जल को उपयुक्त विधि द्वारा शुद्ध करके उसका प्रयोग करना चाहिए तथा पेय जल को ढककर रखना चाहिए। |
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आदर्श कुएँ से क्या तात्पर्य है? |
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Answer» गहरे कुएँ से लिया गया जल सभी कार्यों के लिए उपयुक्त होता है और यदि ऐसा उपयुक्त कुआँ हो तो उसे आदर्श कुएँ में बदलने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना अत्यन्त आवश्यक है ⦁ कुआँ अच्छी भूमि में खुदवाना चाहिए। ⦁ कुआँ पक्का होना चाहिए ताकि पानी निकालते समय उसमें मिट्टी न गिरे। ⦁ प्रत्येक माह कुएँ के पानी में लाल दवा डालकर सफाई करवानी चाहिए, ताकि कुएँ का जल . दूषित होने से बच सके। ⦁ ऐसे कुएँ के ऊपर छतरीनुमा एक छत होनी आवश्यक है, जिससे धूल, मिट्टी, पक्षियों की बीट इत्यादि कुएँ में न गिर सके। ⦁ कुएँ के आस-पास का भाग पक्का होना चाहिए जिससे आस-पास का जल कुएँ में गिरकर जल को अशुद्ध न कर सके। |
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वर्षा के जल की क्या विशेषताएँ हैं? |
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Answer» वर्षा को जल नदियों, झीलों तथा कुओं के लिए जल उपलब्धि का महत्त्वपूर्ण स्रोत होता है। कृषि के लिए वर्षा का जल अति महत्त्वपूर्ण स्रोत है। वर्षा का जल आसुत जल के समान होता है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं ⦁ वर्षा के जनक बादल हैं जो कि समुद्र, नदियों, तालाबों आदि के जल के वाष्प में परिवर्तित होने से बनते हैं। इस प्रकार वर्षा का जल आसुत जल के समान होता है। ⦁ वर्षा का जल रंगहीन, स्वादहीन व शुद्ध होता है। ⦁ वर्षा का जल जब वायुमण्डल से गुजर कर पृथ्वी तक पहुँचता है, तो मार्ग में इसमें कार्बन डाइ-ऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड्स, अमोनिया इत्यादि गैसों, बीजाणुओं तथा अनेक रोगाणुओं के मिल जाने के कारण यह दुषित व हानिकारक हो जाता है। इसका विकल्प यह है कि एक या होने के पश्चात् इसे पेय जल के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है। ⦁ वर्षा का जल कोमल होता है; अतः खाना पकाने, स्नान करने तथा वस्त्रादि धोने के लिए उपयुक्त रहता है। |
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जल के दो महत्त्वपूर्ण शारीरिक उपयोग बताइए। |
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Answer» विभिन्न आन्तरिक शारीरिक क्रियाओं (पाचन, उत्सर्जन, रक्त-संचालन आदि) तथा शरीर की बाहरी स्वच्छता के साधन के रूप में जल उपयोगी है। |
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कुएँ कितने प्रकार के होते हैं? |
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Answer» कुएँ के मुख्य प्रकार हैं-उथले कुएँ, गहरे कुएँ, आदर्श कुएँ तथा आर्टीजन कुएँ। |
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एक आदर्श कुआँ खोदने के लिए किस स्थान का चुनाव उपयुक्त होगा? |
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Answer» सामान्य रूप से साफ, ऊँचे एवं गन्दे तथा खत्ते आदि से दूर स्थित स्थान पर ही आदर्श कुआँ खोदा जा सकता है। |
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इनमें से कौन जल के साथ तेजी से क्रिया करता है-(अ) सोडियम(ब) कैल्सियम(स) मैगनीशियम(स) लोहा |
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Answer» सही विकल्प है (अ) सोडियम |
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जल का घनत्व किस ताप पर अधिकतम होता है-(अ) 0°C(ब) 4°C(स) -4°C(द) 100°C |
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Answer» सही विकल्प है (ब) 4°C |
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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-(क) जंग लोहे का ____ है।(ख) जल में हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का अनुपात ____ है।(ग) ___ एक प्रमुख विलायक है।(घ) अस्थाई कठोरता ______ की उपस्थिति के कारण होती है।(ङ) जल की स्थाई कठोरता _____ के द्वारा दूर किया जा सकता है। |
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Answer» (क) जंग लोहे का संक्षारण है। |
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जल की स्थाई कठोरता किसके कारण होती है-(अ) कैल्सियम बाई कार्बोनेट(ब) मैगनीशियम बाई कार्बोनेट(स) कैल्सियम या मैगनीशियम के सल्फेट और क्लोराइड(द) इनमें से कोई नहीं |
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Answer» सही विकल्प है (स) कैल्सियम या मैगनीशियम के सल्फेट और क्लोराइड |
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जल संरक्षण से होने वाले लाभ लिखिए ? |
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Answer» जल संरक्षण का अर्थ है पानी की बचत करना। जल संरक्षण के दूरगामी लाभ हैं। यदि हम अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन खर्च होने वाले जल का 10 प्रतिशत जल भी बचाएँ तो आनेवाली पीढ़ी के लिए काफी राहत हो जाएगी। इससे एक लाभ यह भी होगा कि जल की कमी होने पर हम बचे हुए जल का उपयोग कर सकते हैं। साथ ही ऐसे लोगों को भी जल प्राप्त हो सकेगा जो जल संकट का सामना कर रहे हैं। |
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जाड़े के मौसम में नदियों के जल की सतह पर बर्फ जमी होने पर भी जल के अन्दर के प्राणी कैसे जीवित रहते हैं? |
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Answer» जब जाड़े के दिनों में ताप 0°C से नीचे चला जाता है तो नदियों का पानी बर्फ बनकर जमने लगता है। जमी हुई बर्फ का आयतन अधिक व घनत्व कम होने से यह पानी की सतह पर तैरने लगती है। बर्फ पानी को अच्छी तरह कवच के समान ढक लेती है यह बाहर की ठंडक को पानी के अंदर नहीं पहुँचने देती है। बर्फ की यह परत जाड़े में स्वेटर पहनने के समान है। तालाब, झील या नदी की सतह पर जब तॉप 0°C होता है तो सतह के नीचे का ताप शून्य से अधिक रहता है और पानी ही रहता है क्योंकि बर्फ की परत पानी की ऊष्मा को बाहर नहीं जाने देती। यही कारण है कि जाड़े के मौसम में नदियों के जल की सतह पर बर्फ जमी होने पर जल के अंदर के प्राणी जीवित रहते हैं। |
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लैपटॉप एवं पामटॉप में अन्तर बताइये। |
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Answer» लैपटॉप- लैपटॉप कम्प्यूटर वे होते हैं जिनको व्यक्ति अपनी गोद में रखकर कार्य कर सकता . है। यह साईज में बहुत छोटे होते हैं। इन कम्प्यूटर को व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जा सकते हैं। पामटॉप- ये कम्प्यूटर लैपटॉप कम्प्यूटर से छोटे होते हैं। इनको हथेली पर रखकर चलाया जाता है तथा व्यक्ति अपनी जेब में रख सकता हैं आजकल मोबइल में भी यह सुविधा उपलब्ध होने लगी है। पामटॉप कम्प्यूटर में कैलकुलेटर के समान बटनों वाला की-बोर्ड होता है और एक छोटी स्क्रीन होती है। यह बैटरी से चलाया जाता है। |
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जल के शोधन की विभिन्न प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए। |
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Answer» घरों में नलों द्वरि पहुँचाने से पूर्व जल का शुद्धिकरण निम्नलिखित चरणों में किया जाता है।
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वाष्पन एवं संघनन को परिभाषित कीजिये। |
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Answer» द्रव जल का वाष्प रूप में परिवर्तन वाष्प्रन एवं जल वाष्प का द्रव जल के रूप में परिवर्तन संघनन कहलाता है। |
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कठोर जल एवं मृदु जल में क्या अन्तर है? |
Answer»
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जल के तलछटीकरण हेतु उपयोग किया जाता है|(i) ब्लीचिंग पाउडर(ii) क्लोरीन(iii) फिटकरी(iv) ओजोन |
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Answer» सही विकल्प है (i) ब्लीचिंग पाउडर |
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