InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
किसी पतले लेंस द्वारा अपवर्तन के लिए सूत्र लिखिए। |
| Answer» `(1)/(f)=(mu-1)((1)/(R_(1))-(1)/(R_(2)))` | |
| 2. |
किसी `30` सेमी फोकस दुरी के उत्तर लेंस के संपर्क में रखे `20` सेमी फोकस दुरी के अवतल लेंस के संयोजन से बने संयुक्त लेंस( निकाय) की फोकस दुरी क्या है ? यह तंत्र अभिसारी लेंस है अथवा अपसारी ? लेंसों की मोटाई की उपेक्षा कीजिए। |
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Answer» दिया है `-f_(1)=30` सेमी `f_(2)=-20` सेमी सूत्र `(1)/(F)=(1)/(f_(1))+(1)/(f_(2))` या `(1)/(F)=(1)/(30)+(1)/((-20))=-(1)/(60)` चूँकि परिणामी फोकस दुरी ऋणात्मक है अतः यह एक अपसारी लेंस होगा। |
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| 3. |
किसी कमरे की एक दीवार पर लगे विद्युत बल्ब का किसी बड़े आकार के उत्तल लेंस द्वारा 3 मी दुरी पर स्थित सामने की दीवार पर प्रतिबिम्ब प्राप्त करता है। इसके लिए उत्तर लेंस की अधिकतम फोकस दुरी क्या होनी चाहिए ? |
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Answer» माना `u=-x` सेमी `v=(3-x)` सेम सूत्र `(1)/(f)=(1)/(v)-(1)/(u)` ltbr `(1)/(f)=(1)/(3-x)-(1)/((-x))=(1)/(3-x)+(1)/(x)` या `(1)/(f)=(x+3-x)/((3-x)x)` या `(3-x)x=3f` या `3x-x^(2)=3f " "...(1)` f के न्यूनतम मान के लिए `(d)/(dx)(3f)=0` `:. (d)/(dx)(3x-x^(2))=0` या `3-2x=0` या `2x=3` या `x=(3)/(2)` समी (1) में मान रखने पर, `3xx(3)/(2)-((3)/(2))^(2)=3f` या `(9)/(2)-(9)/(4)=3f` या `3f=(9)/(4)` या `f=(3)/(4)=0*75` मी |
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| 4. |
सिद्ध कीजिए की `mu=(1)/( sin C)` |
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Answer» माध्यम के अपवर्तनांक और क्रांतिक कोण के मध्य सम्बन्ध - मानलो की कोई प्रकाश किरण सघन माध्यम (काँच) से विरल माध्यम (वायु) में जा रही है। यदि सघन माध्य में आपतन कोण i तथा वायरल माध्यम में अपवर्तन कोण r है तो सघन माध्यम के सापेक्ष वायरल माध्यम का अपवर्तनांक `""_(g) mu_(a) =(sin i)/( sin r)` यदि `i=C=` क्रान्तिक कोण हो, तो `r=90^(@)` `:. ""_(g) mu_(a) = (sin C)/(sin 90^(@))` `=sinC` परन्तु `""_(g) mu_(a)=(1)/(""_(a) mu_(g))` `:. (1)/( ""_(a) mu_(g))= sin C` या `""_(a) mu_(g)=(1)/(sinC)` |
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| 5. |
माध्यम के अपवर्तनांक और क्रांतिक कोण के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए। |
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Answer» माध्यम के अपवर्तनांक और क्रांतिक कोण के मध्य सम्बन्ध - मानलो की कोई प्रकाश किरण सघन माध्यम (काँच) से विरल माध्यम (वायु) में जा रही है। यदि सघन माध्य में आपतन कोण i तथा वायरल माध्यम में अपवर्तन कोण r है तो सघन माध्यम के सापेक्ष वायरल माध्यम का अपवर्तनांक `""_(g) mu_(a) =(sin i)/( sin r)` यदि `i=C=` क्रान्तिक कोण हो, तो `r=90^(@)` `:. ""_(g) mu_(a) = (sin C)/(sin 90^(@))` `=sinC` परन्तु `""_(g) mu_(a)=(1)/(""_(a) mu_(g))` `:. (1)/( ""_(a) mu_(g))= sin C` या `""_(a) mu_(g)=(1)/(sinC)` |
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| 6. |
अपवर्तनांक तरंग दैर्ध्य का सम्बन्ध क्या है ? |
| Answer» `mu=A+(B)/(lambda^(2))+(C)/(lamda^(4))` जहाँ A,B,C कोई नियतांक है । | |
| 7. |
किस लेंस की क्षमता धनामत्क होती है तथा किस लेंस की ऋणात्मक ? |
| Answer» किस लेंस की क्षमता धनामत्क तथा अवतल लेंस की क्षमता ऋणात्मक होती है । | |
| 8. |
सम्पर्क में रखे एक उत्तर लेंस और अवतल लेंस का युग्म कब अभिसारी लेंस की तरह से और कब अपसारी की तरह कार्य करता है ? |
| Answer» उत्तर लेंस की फोकस दुरी कम होने पर अभिसारी लेंस की तरह तथा अवतल लेंस की फोकस दुरी कम होने पर अपसारी लेंस की तरह कार्य करता है । | |
| 9. |
दूरदर्शी की आवर्धन क्षमता किसे कहते है ? |
| Answer» अन्तिम प्रतिबिम्ब द्वारा निर्मित दर्शन-कोण और वस्तु द्वारा निर्मित-कोण के अनुपात को दूरदर्शी की आवर्धन क्षमता कहते है । | |
| 10. |
किसी उत्तर लेंस को उसके अपवर्तनांक के तुल्य वाले अपवर्तनांक द्रव्य में डुबायेंगे तो क्या होगा ? |
| Answer» किसी उत्तर लेंस को उसके अपवर्तनांक के तुल्य वाले अपवर्तनांक द्रव्य में डुबायेंगे तो उसकी फोकस दुरी अनंत हो जाएगी तथा वह समतल प्लेट की तरह व्यवहार करेगा । | |
| 11. |
क्या संभव यह सम्भव है की सूक्ष्मदर्शी नलिका को उलट देने से वह दूरदर्शी बन जाये ? अपने उत्तर का कारण दीजिये। |
| Answer» यह सम्भव नहीं ही की सूक्ष्मदर्शी नलिका उलट देने से दूरदर्शी बन जाये। इसका कारण यह है की सूक्ष्मदर्शी में अभिदृशयक तथा नेत्र लेंसों की फोकस दूरियों में बहुत कम अन्तर होता है, जबकि दूरदर्शी में अभिदृशयक तथा नेत्रों फोकस दूरिया में अन्तर बहुत अधिक होता है । | |
| 12. |
खगोलीय दूरदर्शी की आवर्धन क्षमता अधिक कैसे की जा सकती है ? |
| Answer» सूत्र `-m=-(f_(0))/(f_(e))` से यह स्पष्ट है की आवर्धन क्षमता अधिक होने के लिए (i) अधिदृश्यक की फोकस दुरी `f_(0)` अधिक हो (ii) तथा नेत्रिका की फोकस दुरी `f_(e)` कम हो। | |
| 13. |
अपवर्तनांक `1*55` के काँच के दोनों फलकों की समान वक्रता के उभयोत्तल लेंस निर्मित करते है। यदि `20` सेमी फोकस दुरी के लेंस निर्मित करते है, तो अपेक्षित त्रिज्या क्या होगी ? |
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Answer» दिया है `mu=1*55,f=20` सेमी `R_(1)=R,R_(2)=-R` सूत्र `(1)/(f)=(mu-1) [(1)/(R_(1))-(1)/(R_(2))]` `:. (1)/(20)(1*55-1) [(1)/(R)+(1)/(R)]` या `(1)/(20)=0*55xx(12)/(R)` या `R=0*552 xx 20= 22` सेमी |
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| 14. |
निकट दृष्टि दोष का कोई व्यक्ति दूर दृष्टि के लिए `-1*0D` क्षमता का चश्मा उपयोग कर रहा है । अधिक आयु होने पर उसे पुस्तक पढ़ने के लिए अलग से `+2*0D` क्षमता के चश्मे की आवश्यकता होती है। स्पष्ट कीजिए ऐसा क्यों हुआ ? |
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Answer» यहाँ `P=-1 D` `:. f=(100)/(-1)=-100` सेमी व्यक्ति के लिए दूर बिंदु 100 सेमी है तथा निकट बिंदु 25 सेमी है। अवतल लेंस का उपयोग करने से उसकी आँख अंनत पर रखी वस्तु को 100 सेमी तक लाती है। निकट रखी वस्तु को (100 सेमी से 25 सेमी की दुरी पर) देखने के लिए वह आंखों को समंजित करने की क्षमता का उपयोग करते है लेकिन अधिक आयु होने पर यह क्षमता कम हो जाती है तथा व्यक्ति का निकट बिंदु 50 सेमी हो जाता है। अतः 25 सेमी दुरी पर रखी वस्तु को देखने के लिए ltbgt`u=-25` सेमी `v=-50` सेमी `:.(1)/(f)=(1)/(v)-(1)/(u)=(1)/(-50)+(1)/(25)=(1)/(50)` या `f=50` सेमी अतः क्षमता `P=(100)/(f)=(100)/(50)=+2D` अतः `+2D` क्षमता का अभिसारी अथार्त उत्तर लेंस आवश्यक होगा। |
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| 15. |
अशुद्ध और शुद्ध स्पेक्ट्रम से आप क्या समझते है ? |
| Answer» अशुद्ध स्पेक्ट्रम उस स्पेक्ट्रम को कहते है, जिसमे अवयवी रंग आपस में मिले हुए होते है एवं भिन्न-भिन्न रंगों की सीमाएँ पृथक-पृथक नहीं होती तथा जब स्पेक्ट्रम के विभिन्न रंग आपस में मिले हुए नहीं होते एवं-भिन्न-भिन्न रंगों की सीमाएँ स्पष्ट रूप में पृथक-पृथक होती है, तो उसे शुद्ध स्पेक्ट्रम कहते है । | |
| 16. |
वास्तविक और आभासी स्पेक्ट्रम से आप क्या समझते है ? |
| Answer» वह स्पेक्ट्रम जिसे पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है, वास्तविक स्पेक्ट्रम कहलाता है और जिसे पर्दे पर प्रात नहीं किया जा सकते है, आभासी स्पेक्ट्रम कहते है । | |
| 17. |
हम सदैव कहते है की आभासी प्रतिबिंब को परदे पर केंद्रित नहीं किया जा सकता । यद्यपि जब हम किसी आभासी प्रतिबिंब को देखते है तो हम इसे स्वाभाविक रूप में अपनी आँख की स्क्रीन (अथार्त रेटिना ) पर लाते है। क्या इनमे कोई विरोधाभास है ? |
| Answer» जब अपवर्तित किरणे अपसरित होती है तब आभासी प्रतिबिम्ब बनता है। इन अपसरित किरणों को एक उपयुक्त अभिसारी लेंस के उपयोग से अभिसरित किया जा सकता है। हमारी आँख का उत्तर लेंस यही कार्य करता है। इस स्थिति में निर्मित प्रतिबिम्ब हमारे को वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाने हेतु वस्तु का कार्य करते है। | |
| 18. |
चन्द्रमा की अपेक्षा सूर्य कई गुना बढ़ा होता है, भी पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय चन्द्रमा से पूरा ढँक जाता है, क्यों ? |
| Answer» पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय चन्द्रमा, सूर्य और पृथ्वी के मध्य होता है। इस स्थिति में दोनों के द्वारा निर्मित दर्शन कोण बराबर होते है। अतः पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय चन्द्रमा सूर्य को पूरा ढँक लेता है । | |
| 19. |
चन्द्रमा तारो से बड़ा क्यों दिखाई देता है ? |
| Answer» तारों का आकार चन्द्रमा की तुलना में अधिक है, किन्तु वे चन्द्रमा की तुलना में हमसे दूर है। इस प्रकार चन्द्रमा, दर्शन को तारों द्वारा निर्मित दर्शन कोण से बड़ा होता है, अतः चन्द्रमा तारों से बड़ा दिखाई देता है । | |
| 20. |
जब लहरदार समुद्र के परावर्तन के कारण चन्द्रमा को देखते है तो वह कुछ लम्बा-सा प्रतीत होता है, क्यों ? |
| Answer» समुद्र की लहरदार सतह से प्रकाश का विसरित परवर्तन होने के कारण। | |
| 21. |
एक मोमबत्ती को अवतल दर्पण के सम्मुख 12 सेमी की दुरी पर रखा गया है । दर्पण की वक्रता त्रिज्या 10 सेमी है। प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति व आवर्धन क्षमता परिकलित कीजिए। |
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Answer» दिया है `u=-12` सेमी `R=-10` सेमी `:.` दर्पण की फोकस दुरी `f=(R)/(2)=(-10)/(2)=-5` सेमी प्रतिबिम्ब की स्थति दर्पण सूत्र `(1)/(f)=(1)/(v)+(1)/(u)` से `(-1)/(5)=(1)/(v)+(1)/(-12)` `(1)/(v)=(-7)/(60)` `v=(-60)/(7)` सेमी प्रतिबिम्ब की प्रकृति उल्टा, वास्तविक छोटा। आवर्धन क्षमता `m=(-v)/(u)=(-((-60)/(7)))/(-12)` `=(-5)/(7)` सेमी. |
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| 22. |
अवतल दर्पण पर बने प्रतिबिम्ब को कब पर्दे पर प्राप्त नहीं कर सकते ? |
| Answer» जब वस्तु अवतल दर्पण के ध्रुव और फोकस के बीच ही क्योकिं इस स्थिति में वस्तु पर प्रतिबिम्ब आभासी बनता है जिसे पर्दे पर प्राप्त नहीं कर सकते। | |
| 23. |
दाढ़ी बनाने के लिए अवतल दर्पण का उपयोग क्यों किया जाता है ? |
| Answer» यदि किसी वेस्ट को अवतल दर्पण के सम्मुख उसके फोकस और ध्रुव के बीच रख दिया जाये तो उसका सीधा और बड़ा प्रतिबिम्ब दर्पण को रखने से उसका सीधा और बड़ा प्रतिबिम्ब बनता है। अत दाढ़ी बनाने में सुविधा होती है । | |
| 24. |
सर्चलाइट में प्रयुक्त दर्पण परवलयाकार होता है, अवतल गोलाकार नहीं, क्यों ? |
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Answer» सर्चलाइट में प्रकाश की चौड़ी किरण-पुंज की आवश्यकता होती है। यदि अवतल गोलाकार दर्पण के फोकस पर एक प्रकाश स्त्रोत रख जिया जाये तो उसके मुख्य अक्ष के पास से परिवर्तित किरणे ही मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है, मुख्य अक्ष के दूर से परावर्तित किरणे समान्तर नहीं होती। अतः तीव्र तथा चौड़ी किरण पुंज प्राप्त नहीं होती। परवलयाकार दर्पण में उसके फोकस पर रखे प्रकाश स्त्रोत से चलकर परावर्तित होने वाली समस्त किरणे एक-दूसरे के समान्तर होती है। इस प्रकार तीव्र और चौड़े परिछेद की किरण-पुंज प्राप्त हो जाती है । |
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| 25. |
क्या भिन्न-भिन्न रंगो के लिए गोलीय दर्पण की फोकस दुरी भिन्न-भिन्न होती है ? |
| Answer» नहीं, सभी रंगों के लिए एकसमान होती है। | |
| 26. |
गोलीय दर्पण का सूत्र लिखिए और उसे समझाइए। |
| Answer» `(1)/(f)=(1)/(v)+(1)/(u)` जहाँ `f=` फोकस दुरी u= वास्तु दुरी एवं प्रतिबिम्ब दुरी है । | |
| 27. |
नेत्र लेंस की आवर्धन क्षमता का सूत्र लिखिए| |
| Answer» `m_(e)=(D)/(v_(e))[1+(v_(e))/(f_(e))]` | |
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सामान फोकस दुरी के एक अवता लेंस और सत्तर लेंस को समपर्ण में रखकर लेंस युग्म बनाया गया। इस युग्म की फोकस दुरी और क्षमता कितनी होगी ? |
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Answer» सूत्र `(1)/(F)=(1)/(f_(1))+(1)/(f_(2))` में `f_(1)=f` तथा `f_(2)=f` रखने पर, `(1)/(F)=-(1)/(f)+(1)/(f)=0` अतः `F=(1)/(0)=` अनन्त अब क्षमता `P=(100)/(f)=(100)/ (oo)=` शून्य |
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| 29. |
लेंस की क्षमता से आप क्या समझते है? इसका मात्रक लिखिए। |
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Answer» लेंस की क्षमता- मीटर में नापी गई लेंस की फोकस दुरी के व्युत्क्रम को लेंस की क्षमता कहते है। सूत्र के रूप में, लेंस की क्षमता `=(1)/("मीटर में फोकस दुरी")` मात्रक- इसका मात्रा दाई- ऑप्टर है। |
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| 30. |
न्यूनतम विचलन कोण को परिभाषित कीजिए? |
| Answer» एक विशेष आपतन कोण पर विचलन कोण का न्यूनतम विचलन कोण कहते है । | |
| 31. |
प्रिज्म की विक्षेपण क्षमता को लिखिए। |
| Answer» किसी प्रिज्म की वर्ण विक्षेपण क्षमता जितनी अधिक, होगी, उस पदार्थ से निर्मित प्रिज्म से प्राप्त स्पेकट्रम उतना ही विस्तृत होगा। | |
| 32. |
आपको विविध कोनों के क्राउन काँच व फ्लिंट काँच के प्रिज्म दिए गए है। प्रिज्मों का कोई ऐसा संयोजन सुझाइये जो- श्वेत प्रकाश के संकीर्ण पुँज को बिना अधिक परिक्षेपित किये विचलित कर दे। |
| Answer» श्वेत प्रकाश के संकीर्ण पुँज को बिना विक्षेपण के लिए पहला प्रिज्म क्राउन काँच का तथा दूसरा प्रिज्म फ्लिंट का काँच इस प्रकार चयनित किया जाए की अपवर्तन कोण का मान क्राउन काँच के प्रिज्म से कम हो, तो प्रथम प्रिज्म से उत्पन्न विक्षेपण दूसरे प्रिज्म द्वारा निरस्तर हो जायेगा । | |
| 33. |
क्रॉउन काँच की विक्षेपण क्षमता फ्लिंट से कम होती है या अधिक ? |
| Answer» क्रॉउन काँच की विक्षेपण क्षमता फ्लिंट से कम होती है ? | |
| 34. |
आपको विविध कोनों के क्राउन काँच व फ्लिंट काँच के प्रिज्म दिए गए है। प्रिज्मों का कोई ऐसा संयोजन सुझाइये जो- श्वेत प्रकाश के संकीर्ण पुँज को बिना अधिक विचलित किए बिना परिक्षेपित (तथा विस्थापित) कर दे । |
| Answer» श्वेत प्रकाश के संकीर्ण पुँज को बिना विचलन के लिए फ्लिंट काँच के प्रिज्म कोण को इतना अधिक ले की दोनों प्रिज्मों द्वारा उत्पन्न विचलन एकसमान एवं विपरीत होने के कारन विचलन निरस्त हो जाए। (फ्लिंट काँच के प्रिज्म का कोण क्राउन काँच के प्रिज्म कोण से छोटा होना चाहिए क्योकि फ्लिंट काँच का अपवर्तनांक क्राउन काँच से अधिक होता है) | |