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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

अंतिम समय के लिए बिस्मिल अपनी माँ से क्या वर माँगते हैं ?

Answer»

अंतिम समय के लिए बिस्मिल अपनी माँ से यह वरदान मांगते हैं कि वे उन्हें ऐसा वर दे कि अंतिम समय भी उनका (बिस्मिल का) हृदय किसी प्रकार विचलित न हो और वे माँ के चरण-कमलों को प्रणाम कर परमात्मा का स्मरण करते हुए शरीर त्याग कर सकें।

2.

बिस्मिल को अपनी एकमात्र इच्छा क्यों पूरी होती दिखाई नहीं दे रही थी ?

Answer»

बिस्मिल की एकमात्र इच्छा थी एक बार अपनी माँ के चरणों की श्रद्धापूर्वक सेवा करके अपने जीवन को सफल बनाना। पर उनकी यह इच्छा पूरी होती नहीं दिखाई दे रही थी, क्योंकि उन्हें फांसी की सजा हुई थी और वे जेल में थे।

3.

बिस्मिल ने वकालत नामे में हस्ताक्षर क्यों नहीं किए ?

Answer»

वकील साहब ने बिस्मिल को वकालतनामे में उनके पिताजी के हस्ताक्षर करने के लिए कहा तो यह काम उन्हें धर्मविरुद्ध लगा। इसलिए उन्होंने वकालतनामे में दस्तखत नहीं किए।

4.

बिस्मिल की एक मात्र इच्छा क्या थी ?

Answer»

बिस्मिल की एकमात्र इच्छा एक बार श्रद्धापूर्वक अपनी माँ के चरणों की सेवा करके अपने जीवन को सफल बनाने की थी।

5.

गुरु गोबिन्द सिंह की पत्नी ने अपने पुत्रों के बलिदान पर मिठाई क्यों बाँटी ?

Answer»

गुरु गोविंदसिंहजी के पुत्रों ने गुरु के नाम पर धर्म की : रक्षा करते हुए अपने प्राण त्यागे थे। जब गुरु गोविंद सिंहजी की पत्नी ने यह खबर सुनी तो उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया और उन्होंने इस खुशी में लोगों में मिठाई बांटी।

6.

धर्म की रक्षा करते हुए किसने प्राण त्यागे?

Answer»

धर्म की रक्षा करते हुए गुरु गोविंदसिंह के पुत्रों ने प्राण त्यागे।

7.

बिस्मिल की मां ने क्या पढ़ना शुरू किया?

Answer»

बिस्मिल की मां ने देवनागरी पढ़ना शुरू किया। .

8.

बिस्मिल को किस बात का विश्वास था?

Answer»

बिस्मिल को विश्वास था कि इतिहास में उनकी मां के नाम का उल्लेख होगा।

9.

बिस्मिल किसकी दया से देशसेवा में संलग्न हो सके?

Answer»

बिस्मिल अपनी माताजी की दया से देशसेवा में संलग्न हो सके।

10.

बिस्मिल की माताजी के विचार पहले की अपेक्षा अधिक उदार कब हो गए थे ?

Answer»

बिस्मिल की माताजी ने जब पढ़ना-लिखना सीख लिया था और वे देवनागरी पुस्तकें पढ़ने लगी, तब उनके विचार पहले की अपेक्षा अधिक उदार हो गए।

11.

वकील साहब ने बिस्मिल को किनके नाम के दस्तखत करने को कहा?A. दादाजी केB. पिताजी केC. माताजी केD. नानाजी के

Answer»

B. पिताजी के

12.

रामप्रसाद बिस्मिल ने वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर नहीं किए, क्योंकि …(अ) उससे उन्हें कोई लाभ नहीं था।(ब) उनकी दृष्टि से वह धर्मविरुद्ध था।(क) उन्हें सेवा-समिति में जाने की जल्दी थी।

Answer»

रामप्रसाद बिस्मिल ने वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर नहीं किए, क्योंकि उनकी दृष्टि से वह धर्मविरुद्ध था।

13.

रामप्रसाद बिस्मिल को इस बात का दुःख था कि उन्हें …(अ) अपनी माँ की सेवा का अवसर नहीं मिलेगा।(ब) माँ का प्यार नहीं मिला।(क) अपनी माँ से दूर रहना पड़ता था।

Answer»

रामप्रसाद बिस्मिल को इस बात का दुःख था कि उन्हें अपनी माँ की सेवा का अवसर नहीं मिलेगा।

14.

बिस्मिल की आत्मिक, धार्मिक और सामाजिक उन्नति में उनकी माँ का क्या योगदान रहा ?

Answer»

बिस्मिल आरंभ में बड़े धृष्ट बालक थे। पिता और दादी से उनकी कभी नहीं बनती थी। उनमें संस्कार भरे तो उनकी मां ने। माँ : के उपदेश बिस्मिल के लिए देववाणी के समान थे। माँ ने ही उनमें दया और सेवा की भावना जगाई। मां के प्रोत्साहन से ही बिस्मिल में धर्म : के प्रति रुचि उत्पन्न हुई।

कभी स्नेह से और कभी हल्की ताड़ना से मा ने उनमें तरह-तरह के सुधार किए। मां ने पुत्र को आर्यसमाज में प्रवेश करने का समर्थन किया। इतना ही नहीं समाजसेवा की समितियों में भी पुत्र को कार्य करने की प्रेरणा दी। लखनऊ काँग्रेस में शामिल होने के लिए माँ ने बिस्मिल को खर्च दिया। इस प्रकार यह कहने में जरा भी अतिशयोक्ति नहीं कि बिस्मिल को बिस्मिल उनकी माँ ने बनाया। माँ के कारण ही बिस्मिल की आत्मिक, धार्मिक और सामाजिक उन्नति में गणना हो सकी।

15.

आपको बिस्मिल की माता के किन गुणों ने सबसे अधिक प्रभावित किया और क्यों ?

Answer»

बिस्मिल की मां विवाह के समय ग्यारह वर्ष की एक अनपढ़ कन्या थीं। समय बीतने पर घर-गृहस्थी का भार सुचारु रूप से वहन करते हुए उनमें पड़ने का स्वतः शौक जागा। सखी-सहेलियों से अक्षरज्ञान पाकर श्रम और अभ्यास करके कुछ ही समय में देवनागरी पुस्तकें पढ़ने लगी। अध्ययन से उनमें तेजस्वी विचार उत्पन्न हुए। देश और समाज के प्रति उनमें सोच उत्पन्न हुई। माँ ने बड़े प्रेम से और दृढ़ता से पुत्र के जीवन का सुधार किया। मां के कारण ही बिस्मिल देशसेवा में संलग्न हो सका।

माँ ने ही पुत्र बिस्मिल के धार्मिक जीवन में भी सहायता की। पुत्र को आर्यसमाज में जाने का समर्थन किया। माँ के कारण ही बिस्मिल में साहस का भाव जागा। यह माँ की प्रभावशाली शिक्षा का ही परिणाम था कि बिस्मिल न केवल अपनी जन्मदात्री मां का बल्कि भारतमाता का महान पुत्र बन सका। सचमुच, बिस्मिल की माँ एक आदर्श माँ थी। उनके ये दुर्लभ गुण हमें प्रभावित किए बिना नहीं रहते।

16.

बिस्मिल के लिए देववाणी क्या थी?A. मां का नामB. माँ का जीवनC. माँ का इतिहासD. माँ का उपदेश

Answer»

D. माँ का उपदेश

17.

बिस्मिल की मां ने क्या पढ़ना शुरू किया?A. संस्कृत साहित्यB. हिन्दी साहित्यC. देवनागरीD. देववाणी

Answer»

सही विकल्प है C. देवनागरी

18.

बिस्मिल को माताजी का सबसे बड़ा आदेश था कि …(अ) उनके द्वारा किसी की प्राणहानि न हो।(ब) देश के लिए प्राण दे देना।(क) स्वतंत्रता के लिए कुछ करें।

Answer»

बिस्मिल को माताजी का सबसे बड़ा आदेश था कि उनके द्वारा किसी की प्राणहानि न हो।

19.

बिस्मिल की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए ?

Answer»

श्री रामप्रसाद बिस्मिल में आरंभ से ही कुछ असाधारण गुण थे। वे सत्य के प्रेमी थे। इस गुण ने उन्हें दृढ़ सिद्धांतवादी बना दिया था। जो वस्तु धर्मविरुद्ध हो, उसे वे कभी स्वीकार न करते थे। मुकदमा खारिज हो जाने की उन्होंने परवाह नहीं की, पर वकालतनामे पर पिता के हस्ताक्षर नहीं किए। वे आर्यसमाज की विचारधारा को मानते थे और अपनी माँ और गुरु सोमदेव के सिवाय किसी को महत्त्व नहीं देते थे।

साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फंसकर जीना उन्हें पसंद न था। उन्हें किसी भी प्रकार के भोग-विलास तथा ऐश्वर्य की इच्छा नहीं थी। उन्हें देशसेवा की लगन थी। जिस तरह उन्हें अपनी जन्मदात्री माँ से अगाध प्रेम था, उसी तरह वे भारतमाता के चरणों की भी सेवा करना चाहते थे। अंत में भारतमाता की सेवा करने में उन्होंने अपने प्राणों की बलि दे दी।