InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
बच्चो के खेलने का एक बॉल स्पिन करता हुआ हवा में आगे बढ़ रहा है। किसी क्षण उसके केंद्र की चाल 90 km/h है और कोणीय वेग 200 rad/s है। यदि बॉल का द्रव्यमान 200 ग्राम तथा अपने व्यास के प्रति उसका जड़त्व आघूर्ण `5xx10^(-4)kg//m^(2)` हो तो इस क्षण उसकी गतिज ऊर्जा निकालें। |
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Answer» `v_(CM)=90km//h=25m//s`. द्रव्यमान केंद्र के फ्रेम में घूर्णन अक्ष अवश्य ही किसी व्यास के अनुदिश होगा। अतः गतिज ऊर्जा, `K=(1)/(2)Mv_(CM)^(2)+(1)/(2)Iomega^(2)` `=(1)/(2)xx(0.2kg)xx(25m//s)^(2)` `+(1)/(2)xx(5xx10^(-4)kg.m^(2))xx(200rad//s)^(2)` `=72.5J`. |
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| 2. |
एक बेलन को सिरों के पास दो रस्सियों से लपेटकर एक छत से लटकाया गया है (चित्र 19.W5) । रस्सियाँ खुलती जाती है और बेलन नीचे आता है। जब बेलन h दुरी नीचे आ जाए, उस समय उसके केंद्र का वेग निकालें। |
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Answer» किसी भी क्षण छत तथा बेलन के बीच की रस्सी विरामवस्था में है। अतः, बेलन की सतह का जो हिस्सा रस्सी के इस ऊर्ध्वाधर हिस्से के साथ संपर्क में है, उसका वेग भी शून्य है। अतः बेलन की गति शुद्ध लोटनी गति है और वह दोनों रस्सियों से बने ऊर्ध्वाधर तल पर बिना फिसले नीचे लुढ़कते हुए आ रहा है। यदि बेलन के केंद्र का रेखीय त्वरण a हो, तो बेलन के घूमने का कोणीय त्वरण `alpha=a//r` होगा। बेलन पर लगनेवाले बल है, (a) mg नीचे की ओर तथा (b) 2T ऊपर की ओर। अतः, `mg-2T=ma" तथा "(2T)r=((1)/(2)mr^(2))alpha=(1)/(2)mra.` उपर्युक्त दोनों समीकरणों से, `a=(2)/(3)g`. यदि h दुरी तक नीचे आने पर बेलन के केंद्र का वेग v हो, तो `v^(2)=2xxaxxh=2xx(2)/(3)gxxh` या `v=sqrt((4)/(3)gh)` |
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| 3. |
एक समरूप ठोस गोले का द्रव्यमान M तथा त्रिज्या r है। इसे `(v_(0))/(2r)` कोणीय वेग से अपने एक व्यास के परितः घुमाया जाता है तथा `v_(0)` रेखीय वेग से एक क्षैतिज तल पर चला दिया जाता है (चित्र 19.7W) । तल द्वारा लगाए गए घर्षण बल के कारण गोले का रेखीय वेग तथा इसके कोणीय वेग बदलते है और अंत में वह शुद्ध लोटनी गति करने लगता है। इस अवस्था में गोले का रेखीय वेग निकालें। सतहों के विरूपण को अनदेखा करे। |
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Answer» पहली विधि- प्रांरभ में गोले का कोणीय वेग, `omega_(0)=v_(0)/(2r)` या `omega_(0)r=(v_(0))/(2)ltv_(0)` अतः, सपंर्क पर गोले की सतह क्षैतिज सतह पर आगे की ओर फिसलेगी और गोले पर घर्षण पीछे की ओर लगेगा। चूँकि यह गतिज घर्षण है, `f=muN=muMg` अतः, गोले के केंद्र का त्वरण `a=(f)/(M)=mug` समय t पर गोले के केंद्र का वेग, `v(t)=v_(0)-mu"gt"" ".......(i)` इस घर्षण बल का बल-आघूर्ण `=muMgr` तथा गोले का जड़त्व आघूर्ण `=(2)/(5)Mr^(2)` अतः, गोले का कोणीय त्वरण, `alpha=(tau)/(I)=(muMgr)/((2)/(5)Mr^(2))=(5mug)/(2r)` यह कोणीय त्वरण गोले का कोणीय वेग को बढ़ाएगा। t समय में गोले का कोणीय वेग, `omega(t)=omega_(0)+alphat=(v_(0))/(2r)+(5mug)/(2r)t` या `romega(t)=(v_(0))/(2)+(5mu"gt")/(2)" "......(ii)` गोले का फिसलना तब बंद होगा, जब `6v(t)=romega(t)` समीकरण (i) तथा समीकरण (ii) से, `v_(0)-mu"gt"=(v_(0))/(2)+(5mug)/(2)t` या `mu"gt"=(v_(0))/(7)` समीकरण (i) से `v(t)=v_(0)-(v_(0))/(7)=(6)/(7)v_(0)`. दूसरी विधि प्रारंभ में क्षैतिज तल पर गोले के संपर्क-बिंदु A के प्रति बल-आघूर्ण पर विचार करे। किसी भी समय घर्षण की क्रियारेखा सी बिंदु से गुजरती है। अतः, घर्षण बल का बल-आघूर्ण A के प्रति शून्य है। भार तथा अभिलंब बल, एक ही रेखा पर, बराबर तथा विपरीत दिशा में है, अतः उनका भी कुल बल-आघूर्ण A के प्रति शून्य है। अतः, बिंदु A के प्रति गोले का कोणीय संवेग गति के दौरान नहीं बदलेगा। A से जानेवाली चित्र के तल के लंबवत रेखा के प्रति कोणीय संवेग की गणना करे। `vec(L)=vec(L)_(CM)+Mvec(R)xxvec(v)` प्रारंभिक कोणीय संवेग, `L_(z)I_(CM)omega_(0)+Mrv_(0)` `=((2)/(5)Mr^(2))((v_(0))/(2r))+Mrv_(0)=(6)/(5)Mrv_(0)` जब गोले का फिसलना बंद हो जाता है तब उसका वेग v तथा कोणीय वेग v/r हो जाता है। इसी रेखा के प्रति अंतिम कोणीय संवेग `=((2)/(5)Mr^(2))((v)/(r))+Mrv=(7)/(5)Mrv।` चूँकि इस रेखा के प्रति संवेग नहीं बदलता, अतः `=(6)/(5)Mrv_(0)=(7)/(5)Mrv" या "v=(6)/(7)v_(0)`. |
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| 4. |
एक समरूप बेलन को `theta` आनत कोण वाले नत तल पर लोटनी गति करने के लिए छोड़ दिया जाता है। बेलन तल पर बिना फिसले लुढ़कता है। तल पर बेलन के l लंबाई चलने पर उसके केंद्र की चाल कितनी होगी ? |
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Answer» चूँकि बेलन तल पर नहीं फिसले रहा है, तल द्वारा इसपर लगे घर्षण बल के कारण कोई कार्य नहीं हो रहा है। अतः इसकी यांत्रिक ऊर्जा नहीं बदलेगी। यदि l दुरी चलने पर इसके केंद्र की चाल v हो, तो इस समय बेलन की गतिज ऊर्जा, `K=(1)/(2)Iomega^(2)+(1)/(2)mv^(2)=(1)/(2)((1)/(2)mr^(2))omega^(2)+(1)/(2)mv^(2)` `=(1)/(4)mv^(2)+(1)/(2)mv^(2)=(3)/(4)mv^(2)`. स्थितिज ऊर्जा में हास्य `=mglsintheta`. अतः, `(3)/(4)mv^(2)=mglsintheta` या `v=sqrt((4)/(3)glsintheta)`. |
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| 5. |
नीचे दी गई सतहों में से किस सतह पर एक गोला बिना फिसले नहीं लुढ़क सकता है ?A. चिकनी क्षैतिज सतह परB. चिकनी नत सतह परC. खुरदरी क्षैतिज सतह परD. खुरदरी नत सतह पर |
| Answer» Correct Answer - B | |