InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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बुलबुल और कौए में अंतर स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» बुलबुल की बोली मीठी होती है पर कौए की बोली मीठी नहीं होती। बुलबुल और कौए में यही अंतर है। |
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| 2. |
नीति वचनों का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव होता है? |
Answer»
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| 3. |
बिहारी ने नर की तुलना किससे की है? |
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Answer» बिहारी ने नर की तुलना नल के नीर से की है। |
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| 4. |
‘साँचे’ शब्द का क्या अर्थ है? |
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Answer» “साँचे” शब्द का अर्थ है “सच्चे”। |
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वस्तु विनियोग की दृष्टि से एक के स्थान पर उससे अधिक वस्तुएँ खरीदना ठीक नहीं है? क्यों? |
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Answer» वस्तु सेवाओं को उपयोग करने को ही अर्थशास्त्र की परिभाषा में वस्तु विनियोग कहते हैं। वस्तु विनियोग की दृष्टि से एक के स्थान पर उनसे अधिक या ज्यादा वस्तुएँ खरीदना ठीक नहीं हैं। क्योंकि वस्तुओं की उत्पत्ति कम मात्रा में होती है। उसका विनियोग करने वाले तो अधिक मात्रा में रहते हैं। इसलिए वस्तुओं की कमी होती है। इसका और एक कारण आबादी बढ़ना भी है। इस कारण से एक प्रकार का होड़ जनता के बीच में उस वस्तु के लिए होता है। इस स्थिति में एक के स्थान पर उससे अधिक वस्तुएँ खरीदना ठीक या उचित नहीं है। |
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| 6. |
बिहारी के अनुसार व्यक्ति को कैसा होना चाहिए? |
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Answer» बिहारी के अनुसार व्यक्ति को नम्र या विनयशील होना चाहिए। |
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| 7. |
पाठ में दिये गये दोहों के आधार पर कुछ सूक्तियाँ लिखिए। |
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Answer» 1. विपत्तियों में जो हमारी मदद करता है वही सच्चा दोस्त है। 2. संपत्ति में हमें अधिक बंधु – मित्र होते हैं। 3. इज्जत के बिना जीना निरुपयोग (व्यर्थ) है। 4. सोना धतूरे का काम करता है। 5. नम्रता में ही श्रेष्ठता है। |
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| 8. |
रहीम ने जल के महत्व के बारे में क्या बताया है? |
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Answer» रहीम ने पानी के तीन अर्थ बताये। इज्जत, चमक और पानी। बिना इज्जत के मनुष्य का जीवन व्यर्थ है। बिना चमक के मोती का मूल्य नहीं होता | पानी के बिना चूना बेकार है। |
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| 9. |
‘धतूरे से भी सोने में मादकता अधिक होती है। – बिहारी के अनुसार सिद्ध कीजिए| |
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Answer» बिहारी के अनुसार धतूरे से भी सोने में मादकता अधिक होती है । क्योंकि धतूरा खाने से मनुष्य मादक बन जाता है। लेकिन सोने को मनुष्य अपने पास रखने मात्र से मादक बन जाता है। |
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| 10. |
दोहों के भाव अपने शब्दों में लिखिए।दोहा -1कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत ॥दोहा -2रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून ।पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून ॥ |
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Answer» 1. भाव : 2. भाव : ‘पानी’ के तीन अर्थ हैं – चमक या कांति, इज्ज़त और जल। |
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| 11. |
रहीम जी ने ‘पानी’ शब्द का प्रयोग किन अर्थों में किया है? विवरण दीजिए। |
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Answer» रहीम इस दोहे में पानी शब्द के तीन अर्थ बताते हैं- 1. सम्मान 2. चमक 3. जल | इन तीनों के बिना . मानव, मोती, चूने का कोई मूल्य नहीं है। मनुष्य को सम्मान, मोती को चमक, चूने को जल आवश्यक है। . इसके बिना वे शून्य हैं। दोहे का संदेश है कि मनुष्य को अपना सम्मान बनाये रखना चाहिए। |
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| 12. |
रहीम ने विपत्ति को सच्चे मित्र की पहचान की कसौटी क्यों माना है? |
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Answer» सच्चे मित्र की पहचान विपत्ति के समय होती है। रहीम का कहना है कि संपत्ति मिलने पर बहुत लोग हमारे मित्र हो जाते हैं। वे हमारी संपत्ति के कारण हमारी मित्रता स्वीकार करते हैं। लेकिन विपत्ति के समय जो हमारा साथ दे वही हमारा सच्चा मित्र है। |
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| 13. |
पानी शब्द के द्वारा रहीम जी ने किनकी महत्व के बारे में बताया? |
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Answer» रहीम ने चमक, सम्मान और जल तीनों के लिए पानी शब्द का प्रयोग किया है। चमक के बिना मोती निरर्थक है। सम्मान के बिना मनुष्य निरर्थक है। पानी के बिना चूना निरर्थक है। |
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| 14. |
मोती, मानुष और चून किनके बिना निरर्थक हैं? रहीम जी ने कैसे समझाया? |
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Answer» चमक के बिना मोती निरर्थक है। सम्मान के बिना मनुष्य निरर्थक है। पानी के बिना चूना निरर्थक है। रहीम ने चमक, सम्मान और जल तीनों के लिए पानी शब्द का प्रयोग किया है। |
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| 15. |
‘सोना’ मानव को पागल बना देता है। बिहारी ने ऐसा क्यों कहा होगा? |
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Answer» बिहारी कहना चाहते हैं कि धतूरे से अधिक सोने या संपत्ति का नशा होता है। धतूरा तो मनुष्य खाकर पागल होता है लेकिन सोना तो पाकर ही पागल हो जाता है। बिहारी हमें संपत्ति का अभिमान न करने का संदेश देना चाहते हैं। इसलिए हमें संपत्ति का अभिमान नहीं करना चाहिए। |
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| 16. |
पानी शब्द का प्रयोग रहीम जी ने चमत्कारिक रूप से किया है, कैसे? |
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Answer» रहीम के इस दोहे में पानी शब्द तीन बार प्रयोग हुआ है। यहाँ पानी के तीन अर्थ हैं- सम्मान, चमक, जल। इन तीनों के बिना मानव, मोती, चूने का कोई मूल्य नहीं है। मनुष्य को सम्मान, मोती को चमक, चूने को |
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कवि बिहारीलाल का परिचय अपने शब्दों में लिखिए। |
Answer»
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‘धतूरा-सोना’ इन दोनों में किसकी मादकता अधिक है? बिहारी के दृष्टिकोण से बताइए। |
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Answer» बिहारी के अनुसार ‘धतूरा-सोना’ में सोने की मादकता अधिक है। वे कहते हैं कि धतूरे से अधिक सोने या संपत्ति का नशा होता है। धतूरा तो मनुष्य खाकर पागल होता है लेकिन सोना तो पाकर ही पागल हो जाता है। बिहारी हमें संपत्ति का अभिमान न करने का संदेश देना चाहते हैं। इसलिए हमें संपत्ति का अभिमान नहीं करना चाहिए। |
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कवि रहीम का परिचय अपने शब्दों में लिखिए। |
Answer»
रचनाएँ : रहीम सतसई, बरवैनायिका भेद और श्रृंगार सोरठ आदि। |
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कवि रहीम और बिहारी ने पानी की विशेषता के बारे में क्या कहा?(या)रहीम ने पानी के महत्व के बारे में क्या बताया ? |
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Answer» रहीम ने पानी के महत्व के बारे में बताया है। उन्होंने यहाँ ‘पानी’ शब्दों को तीन अर्थों में प्रयुक्त किया है – चमक, इज्जत और जला वे बताते हैं कि मोती के लिए चमक, मनुष्य के लिए इज्जत और चूने के लिए जल की आवश्यकता है। चमक न होने पर मोती, इज्जत न रहने पर मनुष्य और जल के सूख जाने पर चूना बेकार हो जाते हैं। इसलिए इनकी रक्षा करनी चाहिए। नल के पानी पर जितना दबाव डाला जाय वह उतना ही ऊपर उठता है। उसी प्रकार मानव भी जितना विनम्र, विनयशील होगा उतना ही उसका विकास होगा। ऊँचे स्थान पर पहुंचेगा। इसलिए बिहारी ने नल के पानी से नर की तुलना की है। |
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