InterviewSolution
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निम्नलिखित अभिक्रियाओं में (क) `H_(3)PO_(2)(aq)+4AgNO_(3)(aq)+2H_(2)O(l) to H_(3)PO_(4)(aq)+4Ag(s)+4HNO_(3)(aq)` (ख) `H_(3)PO_(2)(aq)+2CuSO_(4)(aq)+2H_(2)O(l) t H_(3)PO_(4) (aq)+2Cu(s)+H_(2)SO_(4)(aq)` (ग) `C_(6)H_(4)CHO(l)+2[ag(NH_(3))_(2)]^(+)(aq)+3OH^(-)(aq) to C_(6)H_(5)COO^(-)(aq)+2Ag(s)+4NH_(3)(aq)+2H_(2)O(l)` (घ) `C_(6)H_(5)CHO(l)+2Cu^(2+)(aq)+5OH^(-)(aq) to` कोई परिवर्तन नहीं इन अभिक्रियाओं से `Ag^(+)` तथा `Cu^(2+)` के व्यवहार के विषय में निष्कर्ष निकालिए। |
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Answer» (क) `H_(3)PO_(2)` एक अपचायक है जो `AgNO_(3)` को `Ag` में अपचयीकत कर देता है। `AgNO_(3)` ऑक्सीकारक की भाँती कार्य करता है तथा `H_(3)PO_(2)` को `H_(3)PO_(4)` में ऑक्सीकृत कर देता है। (ख) इस अभिक्रिया में भी `H_(3),PO_(2),CuSO_(4)` को `Cu` अपचयित कर देता है। `CuSO_(4)` ऑक्सीकारक की भाँती कार्य करता है तथा `H_(3)PO_(2)H_(3)PO_(4)`में ऑक्सीकृत कर देता है। (ग) `[Ag(NH_(3))_(2)]^(+)` आयन `C_(6)H_(5)CHO` को `C_(6)H_(5)COO^(-)` में ऑक्सीकृत कर देता है। (घ) इस अभिक्रिया में `Cu^(2+)` आयन `C_(6)H_(5)CHO` को `C_(6)H_(5)COO^(-)`में ऑक्सीकृत नहीं कर पाते। अतः इन अभिक्रियाओं से निष्कर्ष निकलता है की `Ag^(+)` आयन `Cu^(2+)` आयन से प्रबल ऑक्सीकारक है। |
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जलीय विलयन में `HgCI_(2)` तथा `SnCI_(2)` दोनों साथ-साथ नहीं रह सकते क्यों ? |
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Answer» जलीय विलयन में दोनों निम्नलिखित ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया देते है- `2HgCI_(2)+SnCI_(2) to SnCI_(4) +Hg_(2) CI_(2)` |
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निम्नलिखित अभिक्रियाओं में कौन ऑक्सीकारक है व कौन अपचायक ? `H_(2)S+Cl_(2) to 2HCl+S` (ii) `H_(2)SO_(3)+2H_(2)S to 3S+3H_(2)O` (iii)` 2Cu^(2+)+4I^(-) to 2CuI+I_(2)` `(iv) 2Mg+N_(2) to Mg_(3)N_(2)` (v) `2CuSO_(4)+4KI to 2CuI+I_(2)+K_(2)SO_(4)` `(vi) CI_(2)+H_(2)O_(2) to 2HCl+O_(2)` (vii) `SnCl_(2)+2FeCl_(3) to Sn CI_(4)+2FeCl_(2)` `(viii) 6HI+2HNO_(3) to 2NO+3I_(2) 4H_(2)O` (ix) `K_(2)Cr_(2)O_(7)+6FeSO_(4)+7H_(2)SO_(4)to K_(2) SO_(4) +Cr_(2) (SO_(4))_(3)+3Fe_(2)(SO_(4))_(3) +7H_(2)O` |
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Answer» (i) ऑक्सीकारक `CI_(2)` अपचायक `H_(2)S` (ii) ऑक्सीकारक `H_(2)SO_(3)`, अपचायक `H_(2)S` (iii) ऑक्सीकारक `Cu^(2+)` अपचायक `I^(-)` (iv) अपचायक `Mg` ऑक्सीकारक `N_(2)` (v) ऑक्सीकारक `CuSO_(4)` अपचायक `KI` (vi) ऑक्सीकारक `CI_(2)` अपचायक `H_(2)O_(2)` (vii) ऑक्सीकारक `FeCI_(3)` अपचायक `SnCI_(2)` (viii) अपचायक HI ऑक्सीकारक `HNO_(3)` (ix) ऑक्सीकारक `K_(2) Cr_(2)O_(7)` अपचायक `FeSO_(4)` |
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निम्नलिखित अभिक्रियाओं में ऑक्सीकारक व अपचायक छाँटो- (a) `[Ag(NH_(3))_(2)]^(+) 2H^(+) to Ag^(+)2NH_(4)^(+)` `(b) BaCl_(2)+Na_(2)SO_(4) to BaSO_(4)+2NaCl` `NaOH+HCl to NaCl+BaSO_(4)+2Na_(4)^(+)` (d) `2CuSO_(4)+SO_(2)+2KBr+2H_(2)O to 2CuBr+2H_(2)SO_(4)+K_(2)SO_(4)` (e) `C_(2)H_(4)+Br_(2) to C_(2) H_(4) Br_(2)` (g) `Ca+Cl_(2) to CaCl_(2)` (h) `2Cu^(2+)+4I^(-) to 2CuI+I_(2)` (i) `2I^(-)+H_(2)O_(2) to 2OH^(-)O_(2) to 2OH^(-)+I_(2)` (j) `PCl_(3)+Cl_(2) to PCl_(5)` (k) `KIO_(3)+5KI+6HCl to 3I_(2)+6KCl+3H_(2)O` |
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Answer» ऑक्सीकारक (a),(b), तथा (c) अभिक्रिया में कोई नहीं है। (d) `CuSO_(4),(e) Br_(2) (f) KOH, (g) CI_(2), (h) CU^(2+)`, (i) `H_(2)O_(2), (j) CI_(2), KIO_(3)` अपचायक (a),(b), तथा (c) अभिक्रिया में कोई नहीं है। (d) `SO_(2),(e) C_(2)H_(4), (f) Si, (g) Cs, (h) I^(-),` (j) `PCI_(3),(k)KI` |
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निम्नलिखित अभिक्रियाओं को ऑक्सीकरण संख्या विधि द्वारा संतुलित करो- `(a) CaCO_(3) +CaCI_(2)+CO_(2)+H_(2)O` (b) `BaCI_(2)+Na_(2)SO_(4) to BaSO_(4)+2NaCI` |
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Answer» `underset(+2+4-2)(CaCO_(3))+underset(+1-1)(2HCI) to underset(+2-1)(CaCI_(2))+underset(+4-2)(C_(2)O)+underset(+1-1)(H_(2)O)` (2) चूँकि उपरोक्त अभिक्रिया में किसी भी परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या में परिवर्तन नहीं हो रहा, है, अतः यह ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया नहीं है। (b) (1) `underset(+2-1)(BaCI_(2))+underset(+1+6-2)(Na_(2)SO_(4))to underset(+2+6-2)(BaSO_(4))+underset(+1-1)(2NaCI)` (2) चूँकि उपरोक्त अभिक्रिया में किसी भी परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या में परिवर्तन नहीं हो रहा, है, अतः यह ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया नहीं है। |
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`KI_((aq))` तथा `C Cl_(4)` विलयन में `CI_(2)` जल मिलाने पर `C CI_(4)` की पर्त बैंगनी हो जाती है। क्यों ? |
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Answer» `I^(-)` को `CI_(2)` जल `I_(2)` में ऑक्सीकृत कर देता है जो `C C_(4)` में अधिक विलेय होती है। यही कारण है की `C CI_(4)` की पर्त बैंगनी हो जाती है । `2KI+CI_(2) to 2KCI_(2) +underset("बैंगनी")(I_(2))` |
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`CuSO_(4)` के विलयन में लोहे की छीलन डालने पर नीला रंग विलुप्त हो जाता है और उस पर ताँबा जम जाता है । क्यों ? |
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Answer» `Fe+Cy^(2+)to Cu +Fe^(2+)` `CUSO_(4)` विलयन का नीला रंग `Cu^(2+)` के कारन होता है । `Cu^(2+)` आयन `Fe` की पस्थ्ति में `Cu` में अपचयित हो जाता है जिससे विलयन का नीला रंग विलुप्त हो जाता है। अपचयित `Cu` लोहे की पर जम जाता है । |
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स्टार्चयुक्त पोटैशियम आयोडाइड विलयन में क्लोरीन अल मिलाने पर विलयन नीला हो जाता है, क्यों ? |
| Answer» `CI_(2),KI` विलयन से `I_(2)` मुक्त कर देती है,। मुक्त हुई यह `I_(2)` स्टार्च के साथ क्रिया करके नीला योगिक बनाती है । | |
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निम्नलिखित अभिरक्रिया को आयनिक अभिक्रिया में परिवर्तित करो- `2BaCrO_(4)+6KI+16HCI to 2BaCI_(2)+3I_(2)+6KCI+2CrCI_(3)+8H_(2)O` |
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Answer» उपरोक्त अभिक्रिया के आयनित होने वाले अवयवों को इस प्रकार लिखा जा सकता है- `2Ba^(2+)+2CrO_(4)^(2-)+6K^(+)+16H^(+)+16CI^(-) to 2Ba^(2+)+4CI^(-)+3I_(2)+6K^(+)+6CI^(-)+2Cr^(-)+6CI^(-)+8H_(2)O` उपरोक्त अभिक्रिया में `Ba^(2+),K^(+),CI^(-)` प्रक्षेक आयन (spectatorion) है, अतः इन्हे हटाने पर `2CrO_(4)^(2-)+6I^(-)+16H^(+) to 2Cr^(3+)+3I_(2)+8H_(2)O` |
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पुस्तक में दी गई आवर्त सरणी की सहायता से निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (क) सम्भावित अधातुओं के नाम बताइए, जो असमानुपातन की अभिक्रिया प्रदर्शित कर सकती हो। (ख) किन्ही तीन धातुओं के नाम बताइए, जो असमानुपातन अभिक्रिया प्रदर्शित कर सकती हो । |
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Answer» (क) `P_(4),CI_(2)` तथा `S_(8)` अधातुएँ है, जो असमानुपातन की अभिक्रियाएँ प्रदर्शित करती है। `overset(0)(P_(4))(s)+3OH^(-)(aq)+3H_(2)O(l) to overset(-3)(P) H_(3)(g)+3H_(2)overset(+3)(PO_(2)^(-))(aq)` `overset(0)(CI_(2))(aq)+2OH^(-) to overset(-1)(CI^(-))(aq)+overset(-1)(CIO^(-))(aq)+H_(2)O(l)` `overset(0)(S_(8)(s)+12OH^(-)(aq) to 4overset(-2)(S^(-2))(aq)+2overset(+2)(S_(2-))O_(3)^(-2))O_(3)^(2-)+6H_(2)O(l)` (घ) `Cu^(+),Ga^(+)` तथा `In^(+)` (d-ब्लॉक तत्व) धातुएँ है जो असमानुपातन की अभिक्रिया प्रदर्शित करते है। जैसे- `2overset(+1)(Cu^(+))(aq) to overset(+2)(Cu^(+))(aq)+overset(0)Cu(s)` `3overset(+1)(Ga^(+))(aq) to overset(+3)(Ga^(3+))(aq)+2overset(0)(Ga)(s)` `3overset(+1)(In^(+))(aq) to overset(+3)(In^(+))(aq)+2overset(0)(In)(s)` |
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जल के शुद्वीकरण में क्लोरीन को प्रयोग में लाया जाता है। क्लोरीन की अधिकता हानिकारक होती है। सल्फर डाई-ऑक्साइड से अभिरक्रिया करके इस अधिकता को दूर किया जाता है। जल में होने वाले इस अपचयोपचय परिवर्तन के लिए सन्तुलित समीकरण लिखिए। |
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Answer» इस अभिक्रिया को इस प्रकार लिख सकते है- `overset(0)(CI_(2))(aq)+overset(+4)(S)overset(-2)(O_(2))(aq)+H_(2)O(l) to overset(-1)(CI^(-))(aq)+overset(+6)(S)overset(-2)(O_(4)^(2-))(aq)` ऑक्सीकरण तथा अपचयन की अर्द्ध-अभिक्रिया लिखने पर `overset(+4)(SO_(2)) to overset(+6)(SO_(4)^(2-))`(ऑक्सीकरण) `SO_(2) to SO_(4)^(2-)+2e` आवेश को `H^(+)` द्वारा सन्तुलित करने पर `SO_(2) to SO_(4)^(2-) +2e+4H^(+)` O-परमाणु को सन्तुलित करने लिए बायीं अणु ओर `H_(2)O` पर `SO_(2)+2H_(2)O to SO_(4)^(2-)+2e+4H^(+)" "...(1)` `overset(0)(CI_(2)) to overset(CI^(-))` (अपचयन) `CI_(2)+2e to 2CI^(-)" "...(2)` दोनों सन्तुलित अर्द्ध-अभिक्रियाओं को जोड़ने पर `({:(CI_(2)+2e,to 2CI^(-)),(SO_(2)+2H_(2)O to , SO_(4)^(2)+2e+4H^(+)):})/(underline(CI_(2)(aq)+SO_(2)(aq)+2H_(2)O(l) to SO_(4)^(2-)(aq)+2CI^(-)(aq)+4H^(+)))` |
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वे यौगिक लिखिए जिनमे- (i) ऑक्सीजन की आ सं `+2` है। (ii) ऑक्सीजन की आ सं `-1` है। हाइड्रोजन की आ सं `-1` है। नाइट्रोजन की आ सं `+1` है। क्लोरीन की आ सं `+4` है। क्लोरीन की आ सं `+1` है। ऑक्सीजन की आ सं `-2` है। नाइट्रोजन की आ सं `+5` है। |
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Answer» `(i) Fe_(2)O, (ii) H_(2) O_(2), (iii) NaH, (iv) N_(2)O, (v) CIO_(2)` `(vi) CIF, (vii) H_(2), O (viii) N_(2)O_(5)` |
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कैसे सिद्ध करोगे की निम्नलिखित ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रियाएं है? (a) `CuO_(s)+H_(2)(g) to Cu(s) +H_(2)O(g)` (b) `Fe_(2)O_(3)+3CO to 2Fe+3CO_(2)` (c) `4BCl_(3)+3LiAlH_(4) to 2B_(2)H_(6)+3LiCl+3AlCl_(3)` (d) ` 2K+F_(2)to 2KF` (e) `4NH_(3)+5O_(2) to 4NO+6H_(2)O` |
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Answer» (a) चूँकि `CuO` का `Cu` में अपचयन हो रहा है जबकि `H_(2)` का `H_(2)O` में ऑक्सीकरण हो रहा है। (b) `Fe_(2)O_(3)` का `Fe` में अपचयन तथा `CO` का `CO_(2)` में ऑक्सीकरण हो रहा है। (c) ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया नहीं है। (d) K का `K^(+)` ऑक्सीजन तथा `F_(2)` का `F^(-)` में अपचयन हो रहा है। (e) `O_(2)` का `O^(2-)` में अपचयन तथा `H(-1)` का `H(+1)` में ऑक्सीकरण हो रहा है। साथ ही N भी `+3` से `+2` में अपचयित हो रही है। |
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निम्नलिखित में रेखांकित (underline) परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात करो- (i) `(CH_(3))_(2)underlineSO` (dimethyl sulphoxide) (ii) `underlinePO_(4)^(3-)` |
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Answer» (i) `(CH_(3))_(2) underline SO`- माना S की आ सं a है तथा `-CH_(3)` समहू की आ सं `+1` है। `O` की आ सं `-2` है। `2xx(1)+a+(-2)=0 rArr a=0` `(ii) underline PO_(4)^(3-)` माना P की आ सं a है | `a+4xx(-2)=-3rArr a=+5` |
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निम्नलिखित में रेखांकित तत्व की ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात करो- (a) `K_(4) underline(Fe)(CN)_(6)` (b) `(NH_(4))_(2)underline(Cr_(2))O_(7)` (c) `Kunderline(CI)O_(3)` `underline(P_(2))O_(7)^(4-)` |
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Answer» (a) माना `Fe` की आ सं a, है, अतः `4xx(+1)+a+6xx(-1)=0` अतः `a=+2` (b) माना `Cr` की आ सं a, है, अतः `2xx(+1)+2xxa+7xx(-2)=0` अतः `a=+6` (c) माना `CI` की आ सं a, है, अतः `(+1)+a+3xx(-2)=0` अतः `a=+5` (d) माना `P` की आ सं a, है, अतः `2a+7xx(-2)=-4` अतः `a=+5` |
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