InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
पादप अनुक्रमण में कोण-सी अवस्थाये आती है? |
| Answer» अनाच्छादन, आक्रमण, अस्थापन, उपनिवेशन, समूहन, प्रतिस्पर्धा। | |
| 2. |
सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण किस जीवाणु के द्वारा होता है? |
| Answer» 'राइजोबियम लेग्यूमिनोसेरम' द्वारा। | |
| 3. |
अपघटन की परिभाषा दे तथा अपघटन की प्रकिया एवं उसके उत्पादों की व्याख्या कीजिये। |
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Answer» पारितंत्र में खनिज तत्वों के परिसंचरण हेतु जीवो में संग्रहित जटिल कार्बनिक पदार्थो/मृत का अपघटन क्रिया द्वारा जल तथा सरल अकार्बनिक पदार्थो में टूटना आवश्यक है। ये कार्बनिक पदार्थ जो कि उत्पादन प्रकिया को चलाये रखने के लिए आवश्यक है, अपघटन द्वारा पुनरुद्भवित (Regenerate) होते है। इस प्रक्रिया में कवक, जीवाणुओं अन्य सूक्ष्मविनो के अतिरिक्त छोटे प्राणियों जैसे निमेटोड, कीट, केचुएँ आदि का मुख्य योगदान रहता है। पौधों तथा जन्तुओ के मृत अवशेषों को अपरद (Detritus) कहते है। मृत पौधों तथा परनियो के अवशेष (मल, मूत्र आदि) जो भू-सतह पर पाए जाते है, उन्हें सतही अपरद (Above Ground Detritus) कहते है। मृत जड़ो तथा उनसे जुड़े रोगाणुओं को भूमिगत अपरद (Under ground Detritus) कहते है। अपघटन की प्रक्रिया में निम्नलिखित क्रियाएँ सम्मिलित है- (i) अपरद का भौतिक विखंडन अपरधारी जीवो द्वारा होता है। (ii) निक्षालन (Leaching) में मृदा से रिसता जल घुलनशील पदार्थो जैसे-शर्करा, पोषक तत्वों को अपरद से हटा देता है। (iii) जीवाणुओं तथा कवको द्वारा निर्मुक्त विकरों (Released Enzymes) द्वारा अपचयन। क्रिया में अकार्बनिक पदार्थो में रूपांतरण होता है। प्रकृति में ये सभी क्रियाएं साथ-साथ चलती रहती है। ह्रूमस निर्मण की प्रक्रिया में अपघटन होता है। अपघटन की क्रिया से मृदा में ह्रूमीफिकेशन (ह्रूमस का निर्माण) तथा खनिजीकरण होता है। ह्रूमस से सूक्ष्मजीवों के जैवभार में वृद्धि होती है तथा भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। अपघटन की प्रक्रिया मुख्यत: जलवायुवीय कारको तथा अपरद के रासायनिक गुणों द्वारा प्रभावित रहती है। आर्द्र जलवायु तथा तापमान की अधिकता अपघटन की प्रक्रिया को बढ़ा देते है। निम्न तापमान में यह प्रक्रिया बहुत धीमी हो जाती है। |
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| 4. |
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिये- खाद्य श्रंखला तथा खाद्य जाल (फूड वेब) |
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Answer» खाद्य श्रंखला- हरे पादप प्रकाश-संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करते है, जिसका उपयोग प्रथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी) करते है। प्राथमिक उपभोक्ताओं को द्वितीयक उपभोक्ता (मांसाहारी) एवं द्वितीयक उपभोक्ता को तृतीयक श्रेणी के उपभोक्ता भोजन के रूप में ग्रहण करते है। इस प्रकार पारितंत्र में उत्पादक से उपभोक्ता श्रेणी के सभी जीव एक क्रम या श्रंखला में व्यवस्थित रहते है। अत: अन्योन्यश्रित (Interdependent) जीवो की एक श्रंखला को जिसमे खाने और खाये जाने की पुनरावृत्ति द्वारा ऊर्जा का प्रवाह होता है, खाद्य श्रंखलाएं कहलाती है। खाद्य जाल - वास्तविक रूप से प्रकृति में सरल खाद्य श्रंखलाये नहीं होती है बल्कि विभिन्न श्रंखलाएं आपस में किसी न किसी खाद्य क्रम (पोषक स्तर)से जुड़कर एक अत्यंत जटिल खाद्य जाल (Food Web) का निर्माण करती है। इसका कारण यह है कि एक ही प्राणी कई प्रकार के प्राणियों को अपना भोजन बना सकता है। पारितंत्र में खाद्य जाल जितना जटिल व विशाल होता है, उतना ही वह पारितंत्र स्थिर व संतुलित होता है क्योकि खाद्य जाल में वैकल्पिक व्यवस्था होती है। |
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| 5. |
प्राथमिक उत्पादकता क्या है? उन कारको का संक्षेप में चर्चा करें जो प्राथमिक उत्पादकता को प्रभावित करते है। |
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Answer» हरे पादपों द्वारा उत्पादित द्रव्यों की कुल मात्रा को प्राथमिक उत्पादन (Primary Production) कहा जाता है। इसे प्रति इकाई समय में प्रति इकाई क्षेत्र में उत्पादित जैव भर या संचित ऊर्जा के रूप में व्यक्त करते है। सामान्यतया इसे ग्राम/`"मीटर"^(2)`/वर्ष या कि० कैलोरी/`"मीटर"^(2)`/वर्ष के रूप में व्यक्त किया जाता है। प्राथमिक उत्पादकता दो प्रकार कि होती है- (i) सकल (Gross) तथा (ii) नेट (Net) या वास्तविक या शुद्ध। प्राथमिक उत्पादकों द्वारा ऊर्जा के पूर्ण अवशोषण की दर को या कार्बनिक पदार्थो यथा जैव भार के कुल उत्पादन की दर को सकल प्राथमिक उत्पादकता (Gross Primary Productivity) कहते है तथा उत्पादकों की श्वसन क्रिया के पश्चात बचे हुए जैव भार या ऊर्जा की दर को वास्तविक या नेट प्राथमिक उत्पादकता कहते है अर्थात वास्तविक या नेट प्राथमिक उत्पादकता (N.P.P) = सकल प्राथमिक उत्पादकता-श्वसन दर (G.P.P) प्राथमिक उत्पादकता, प्रकाश-संश्लेषण तथा श्वसन को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय कारको से सर्वाधिक प्रभावित होती है, जैसे विकिरण, तापमान, प्रकाश, मृदा की आर्द्रता आदि। जलीय पारिस्थितिक तंत्र में उत्पादकता प्रकाश के कारण सिमित रहती है। महासागरों (गहरे) में पोषक तत्व (जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस आदि) उत्पादकता को सिमित करते है। |
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| 6. |
अपरद खाद्य श्रंखला किसे कहते है? |
| Answer» यह आहार श्रंखला मृत सड़े-गले कार्बनिक पदार्थो से प्रारम्भ होती है और मृदा में स्थित अपरदभक्षी जीवो से होकर उन जीवो तक जाती है, जो अपरधारी जीवो का भक्षण करते है। उदाहरण- अपरद `rarr` केचुआ `rarr` मेढ़क `rarr` साँप `rarr` चील। | |
| 7. |
निम्नलिखित के दो-दो उदाहरण दीजिये- फाइटोप्लैंक्टोन, जूप्लैक्टोन, जड़ युक्त तैरने वाले पौधे, बाह्रा परजीवी, आंतरिक परजीवी, सहजीवी, सहभोजी। |
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Answer» 1 फाइटोप्लैंक्टोन (पादप प्लवक) - नास्टॉक, एनाबीना जूप्लैक्टोन (प्राणी प्लवक) - पैरामीशियम, युग्लीना 3 जड़ युक्त तैरने वाले पौधे - वॉल्फिया, लेम्ना 4 बाह्रा परजीवी - जोक, खटमल 5 आंतरिक फीताकृमि - ऐस्केरिस, टेपवर्म 6 सहजीवी - एश्चीरीचिया, ट्राइकोनिम्फा 7 सहभोजी - आर्किड्र्स (एपिफाइट) तथा वृक्षों का सहारा लेकर चढ़ने वाली लताएँ जैसे- टीनोस्पोरा, एरिस्टोलॉकिया। |
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| 8. |
प्राथमिक अनुक्रमण तथा द्वितीयक अनुक्रमण में विभेद कीजिये। |
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Answer» प्राथमिक अनुक्रमण वनस्पति सहित स्थलों पर होने वाला अनुक्रमण होता है। भू-स्खलन ज्वालामुखी के फटने, कोरल शेलो के निर्माण, रेतीले टीले, नग्न चट्टाने आदि इसकी श्रेणी में आते है। द्वितीयक अनुक्रमण को गौण अनुक्रमण भी कहते है। वे स्थान जहाँ पूर्व में वनस्पति थी परन्तु किन्ही करने से वह वनस्पति नष्ट हो गयी ऐसे स्थलों पर होने वाला अनुक्रमण द्वितीयक होता है। |
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| 9. |
खाद्य जाल किसे कहते है? |
| Answer» पारिस्थितिक तंत्र में पायी जाने वाली खाद्य श्रंखलाएँ संबंध होकर अंतर्ग्रथित प्रतिरूप बनती है जिसे खाद्य जाल कहते है। | |
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खाद्य स्तर तथा खाद्य श्रंखला किसे कहते है? |
| Answer» विभिन्न पोषण स्तरों के क्रमवार भोजन ग्रहण करने से एक श्रंखला बन जाती है जिसे खाद्य श्रंखल (Food chain) कहते है। अत: खाद्य श्रंखला जीवो कि वह श्रंखला है जिसमे जीव भोज्य (Edible) एक भक्षक (Eater) के रूप में परस्पर संबंधित रहते है तथा जिसमे खाद्य पदार्थ भोज्य से भक्षक को स्थानांतरित होते है। | |
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जनसख्या बिखराब क्या है? जन्तुओ में यह कैसे होता है? |
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Answer» जनसंख्या विशेष के सदस्यों का एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना- आना जनसंख्या बिखराव कहलाता है। जन्तुओ में यह निम्न प्रकार से हो सकता है- (a) आगमन (Imigration) - इस प्रकार के बिखराव में किसी जनसंख्या में नए सदस्य बाहर से आते है। (b) बहिर्गमन (Migration) - इस बिखराव में आगमन एवं बहिर्गमन क्रमिक रूप से साथ-साथ होते है। उदाहरण - साइबेरिया से अंसख्य सारस पक्षी शीत ऋतु में भारत आते है तथा बसंत ऋतु में पुन: साइबेरिया लौट जाते है। |
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| 12. |
किसी जैविक समुदाय की विभिन्न जातियों के अंतरसंबन्धों के कारणो के नाम लिखिए। |
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Answer» जैविक समुदाय के सदस्यों के मध्य निम्न प्रकार के संबंध हो सकते है- (i) परजीविता, (ii) सहजीविता, (iii) सहभोजिता, (iv) शिकार एवं शिकारी, (v) अपमार्जिता, (vi) प्रतिस्पर्धा। |
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| 13. |
नग्न चट्टानों पर पारिस्थितिक अनुक्रमण (Ecological Sucession) की प्रथम अवस्था में दिखलाए देने वाले दो पोधो के नाम लिखिए। |
| Answer» निल-हरित शैवाल, लाइकेन। | |
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पारितंत्र सेवाएँ किसे कहते है? |
| Answer» पारितंत्र प्रक्रिया के उत्पादों को पारितंत्र सेवाओं के नाम से जाना जाता है। | |
| 15. |
उत्पादक के लिए परिवर्तक शब्द किसने दिया था? |
| Answer» कोरोमेंडी (E.J. Koromondy) ने। | |
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अवसादी चक्र से क्या तातपर्य है? इसके उदाहरण बताइये। |
| Answer» यह खनिज तत्वों के परिसंचरण का भ्रमण पथ पथ। जब तत्वों का भंडार पृथ्वी होती है तब ये तत्व भूमि से पौधो द्वारा ग्रहण किये जाते है। उदाहरण- स्पष्ट फॉस्फोरस, कैल्सियम, मैग्नीशियम व सोडियम आदि। | |
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भू-रासायनिक चक्र क्या है? |
| Answer» पारिस्थितिक तंत्र में आवश्यक खनिजों एवं पोषक पदार्थो की पूर्ति हेतु जो चक्र चलते है, उन्हें भू-रासायनिक चक्र कहते है। | |
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पारिस्थितिक तंत्र के कार्य से क्या अभिप्राय है? |
| Answer» कार्य से अभिप्राय पारिस्थितिक तंत्र में जैव ऊर्जा का प्रवाह तथा पोषक खनिज पदार्थो के परिसंचरण से है। | |
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पारिस्थितिक स्तूप की संकल्पना सर्वप्रथम किसने दी थी? |
| Answer» चार्ल्स इल्टन (Charls Elton 1927) ने। | |
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पादप अनुक्रमण किसे कहते है? |
| Answer» किसी एक ही स्थान पर होने वाले दीर्घकालीन, एकदिशीय क्रमिक समुदाय परिवर्तनों को पारिस्थितिक अनुक्रमण कहते है। | |
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किन्ही दो अवसादी चक्रो के नाम लिखिए। |
| Answer» 1 फॉस्फोरस चक्र 2 सल्फर चक्र। | |
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खेत एवं बाग किस पारस्थितिक तंत्र के उदाहरण है? |
| Answer» कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र। | |
| 23. |
अलवण जलीय परितंत्र को कितने भागो में बाँटा गया है? नाम लिखिए। |
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Answer» अलवण जलीय परितंत्र को दो भागो में बाँटा गया है- 1 सरिता (Lotic) इसमें जल बहता रहता है, जैसे-झरना, नहीं, सरिता आदि तथा 2 स्थिर जलीय (Lentic) - इसमें जल स्थिर रहता है, जैसे - झील, तालाब, पोखर आदि। |
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| 24. |
परजीवी किस प्रकार के उपभोक्ता है? |
| Answer» लघु या सूक्ष्म उपभोक्ता (अपघटक जीव)। | |
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गुरु उपभोक्ता तथा लघु उपभोक्ता में अंतर स्पष्ट कीजिये। |
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Answer» 1 गुरु उपभोक्ता शाकाहारी, मांसाहारी व सर्वाहारी होते है तथा लघु उपभोक्ता अपघटक होते है। 2 गुरु उपभोक्ता संजीवो का भक्षण करते है, जबकि लघु उपभोक्ता मृत सामग्री का अपघटन कर भोजन प्राप्त करते है। |
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