InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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एक प्रकाशवैधुत पदार्थ का कार्य फलन 3.3 eV है । उसकी देहली तरंगदैर्घ्य होगी :A. `8xx10^(14)` हर्ट्सB. `8xx10^(10)` हर्ट्सC. `5xx10^(33)` हर्ट्सD. `4xx10^(11)` हर्ट्स |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 52. |
चाँदी के लिये प्रकाशवैधुत देहली तरंगदैर्घ्य `3250xx10^(-10)` मी है । तो, `253 6xx10^(-10)` मी तरंगदैर्घ्य के पराबैंगनी प्रकाश द्वारा चाँदी के पृष्ठ से निष्काषित इलेक्ट्रॉनों का वेग होगा : (`h=4.14xx10^(-15)` eVs तथा `c=3xx10^(8) "में से"^(-1)` )A. `=0.6xx10^(5)` मी/सेB. `~~0.6xx10^(6)` मी/सेC. `~~ 61xx10^(3)` मी/सेD. `~~0.3xx10^(6)` मी/से | |
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Answer» Correct Answer - B कार्य फलन , `W=(hc)/(lambda_(0))=(4.14 xx 10^(-15)xx3xx10^(8))/(3250xx10^(-10))=3.821 ` eV `hv=(hc)/(lambda)=(hc)/(lambda)=(4.14xx10^(-15)xx3xx10^(8))/(2536xx10^(-10))=4.897 ` eV `(1)/(2) mv^(2) = hv-W = 4.897 - 3.821` `=1.076 ` eV `=1.076xx1.6xx10^(-19) J` `v=sqrt((2xx1.076xx1.6xx10^(-19))/(9.1xx10^(-31)))=0.6xx10^(6)` मी/से । |
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| 53. |
" सोडियम की प्रकाशवैधुत देहली तरंगदैर्घ्य 6800Å हैं ।" इस कथन का अर्थ स्पष्ट कीजिए । |
| Answer» 6800Å से बड़ी तरंगदैर्घ्य के प्रकाश द्वारा सोडियम से प्रकाश - इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं होंगे अथवा प्रकाश-इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करने के लिये प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्घ्य 6800Å से छोटी होनी चाहिए । | |
| 54. |
फोटॉन की ऊर्जा तथा संवेग में समबन्ध लिखिए । |
| Answer» Correct Answer - `p=hv//c=E//c`. | |
| 55. |
एक फोटॉन की ऊर्जा 30 eV है । इसका संवेग ज्ञात कीजिए । |
| Answer» `16xx10^(-27)` किग्रा-मी/से । | |
| 56. |
एक उत्तेजित हाइड्रोजन परमाणु 10.2 eV ऊर्जा का फोटॉन उत्सर्जित करता है । गणना कीजिए : (i) फोटॉन का संवेग, ( ii) परमाणु के प्रतिक्षेप (recoil ) का संवेग तथा ( iii ) परमाणु के प्रतिक्षेप की गतिज ऊर्जा है दिया है :`c=3xx10^(8)` मी/से , परमाणु का द्रव्यमान `=1.6xx10^(-27)` किग्रा तथा `1 eV = 1.6xx10^(-19)` जूल । |
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Answer» (i) फोटॉन की ऊर्जा `E=hv=(hc)/(lambda)=10.2eV=10.2xx10.2xx1.6xx10^(-19)` जूल `:.` फोटॉन का संवेग `p=(h)/(lambda)=(E)/(c)=(10.2xx1.6xx10^(-19))/(3xx10^(8))` `=5.44xx10^(-27)` किग्रा - मी/से । (ii) परमाणु के प्रतिक्षेप का संवेग `=-5.44xx10^(-27)` किग्रा-मि/से । (iii) परमाणु के प्रतिक्षेप की गतिज ऊर्जा `(p^(2))/(2m)=((-5.44xx10^(-27))^(2))/(2xx1.6xx10^(-27))=9.248xx10^(-27)` जूल । |
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| 57. |
एक फोटॉन की ऊर्जा 10 eV है । गणना कीजिए : ( i) फोटॉन का गतिक द्रव्यमान , ( ii) फोटॉन की आवृत्ति । |
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Answer» (i) आइन्सटीन के द्रव्यमान - ऊर्जा सम्बन्ध के अनुसार, `E=mc^(2)` `:.` फोटॉन का गतिक द्रव्यमान `m=(E)/(c^(2))=(10xx1.6xx10^(-19))/((3xx10^(8))^(2))=1.78xx10^(-35)` किग्रा । (ii) फोटॉन की आवृत्ति , `v=(E)/(h)=(10xx1.6xx10^(-19))/(6.6xx10^(-34))==2.424xx10^(15)` हर्ट्स । |
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एक विशिष्ट प्रयोग में प्रकाश - विधुत प्रभाव की अंतक वोल्टता 1.5 वोल्ट है । उत्सर्जित प्रकाशित - इलेक्ट्रॉनों की उच्चतम गतिज ऊर्जा कितनी है ? |
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Answer» `E_(k)=eV_(0)=exx1.5V=1.5 eV` `=1.5xx1.6xx10^(-19)=2.4xx10^(-19)` जूल । |
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X -किरणों के प्रयोग अथवा उपयुक्त वोल्टता से त्वरित इलेक्ट्रॉनों से- क्रिस्टल - विवर्तन प्रयोग किए जा सकते हैं । कौन -सी जाँच अधिक ऊर्जा सम्बद्ध है ? (परिमाणिक तुलना के लिए, जाँच के लिए तरंगदैर्घ्य को 1 Å लीजिए, जोकि जालक ( लेटिस) में अंतर- परमाणु अंतरण की कोटि का है ) ( `m_(e)=9.11xx10^(-31)` किग्रा) |
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Answer» X-किरण फोटॉन के लिए, `lambda=1Å=10^(-10)` मीटर अतः X-किरण फोटॉन की ऊर्जा `E=(hc)/(lambda)=((6.63xx10^(-34))(3xx10^(8)))/(10^(-10))` जूल `=(6.63xx10^(-34)xx(3xx10^(8)))/(10^(-10)xx1.6xx10^(-19))` eV `=12.4xx10^(3) eV = 12.4 ` keV. इलेक्ट्रॉन के लिए `lambda=1 Å = 10^(-10)` मीटर, `m_(e)=9.11xx10^(-31)` किग्रा इलेक्ट्रॉन का संवेग `p=(h)/(lambda)=(6.63xx10^(-34))/(10^(-10))` किग्रा -मी/से `=6.63xx10^(-24)` किग्रा-मी/से `:. ` इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा `E=(p^(2))/(2m_(e))=((6.63xx10^(-24))^(2))/( 2xx9.11xx10^(-31))` जूल `=((6.63xx10^(-24))^(2))/((2xx9.11xx10^(-31))xx(1.6xx10^(-19)))` eV `=150.6 eV` . अतः समान तरंगदैर्घ्य के लिए इलेक्ट्रॉन की तुलना में फोटॉन की ऊर्जा अधिक होगी । |
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| 60. |
एक त्वरित (accelerator ) प्रयोग में पॉजिट्रॉनों (`e^(+)` ) के साथ इलेक्ट्रॉनों के उच्च - ऊर्जा संघट्टन पर , एक विशिष्ट घटना कि व्याख्या कुल ऊर्जा 10.2 BeV के इलेक्ट्रॉनों - पॉजिट्रॉनों युग्म के बराबर ऊर्जा की दो `gamma` - किरणों में विलोपन के रूप में की जाती है । प्रत्येक `gamma`- किरण से संबंधित तरंगदैर्घ्य के मान क्या होंगे ? (1 BeV `=10^(9)eV` ) |
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Answer» प्रश्नानुसार , पॉजिट्रॉन `(e^(+))` तथा इलेक्ट्रॉन `(e^(-))` के उच्च ऊर्जा संघट्टन में `e^(+)+e^(-)=hv+hv` ` 2 gamma` किरणों की कुल ऊर्जा `=(10.2xx10^(9))/(2)` eV एक `gamma` किरण की कुल ऊर्जा `=(10.2xx10^(9))/(2) = 5.1xx10^(9)eV` `=5.1xx10^(9)xx1.6xx10^(-19)` जूल `=8.16xx10^(-10)` जूल फोटॉन की ऊर्जा `E= hv = (hc)/(lambda)` या `lambda=(hc)/(E)=(6.63xx10^(-34)xx3xx10^(8))/(8.16xx10^(-10))` `=2.436xx10^(-16)` मीटर । |
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| 61. |
आरम्भिक वेग `vec(v)=v_(0) hat(i) (v_(0) gt 0)` और द्रव्यमान m का कोई इलेक्ट्रॉन किसी वैधुत क्षेत्र `vec(E)=-E_(0) hat(i)` (`E_(0)=` स्थिरांक `gt 0` ) में t= 0 पर प्रवेश करता है । यदि प्रारम्भ में इस इलेक्ट्रॉन की दी-ब्रोगली तरंगदैर्घ्य `lambda_(0) ` है , तो समय t पर इसकी दी-ब्रोगली तरंगदैर्घ्य होगी :A. `(lambda_(0))/((1+(eE_(0))/(mv_(0))t))`B. `lambda_(0)`C. `lambda_(0)t`D. `lambda_(1)(1+(eE_(0))/(mv_(0))t)`. |
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Answer» Correct Answer - A `vec(E)=-E_(0) hat(i)` `vec(a) = (vec(F))/(m) = (qvec(E))/(m) =((-e)(-E_(0))vec(i))/(m) = (eE_(0) vec(i))/(m) ` `v=u+at=v_(0) + (e e_(0))/(m) t` `lambda=(h)/(p) = (h)/(mv) = (h)/(m(v_(0)+(eE_(0))/(m) t))=(h)/(mv_(0) (1+ (eE_(0))/(mv_(0))t))` `lambda=(lambda_(0))/((1+(eE_(0))/(mv_(0))t))` |
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E ऊर्जा का विकिरण किसी पूर्णतः परावर्तक पृष्ठ पर अभिलम्बत आपतित है । यदि प्रकाश का वेग c हो, तो इस पृष्ठ को स्थानान्तरित संवेग होगा :A. `(2E)/(c)`B. `(2E)/(c^(2))`C. `(E)/(c^(2))`D. `(E)/(c)` |
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Answer» Correct Answer - A `E=(hc)/(lambda) P_(i) = (h)/(lambda)=(E)/(c), P_(f)=-(E)/(c)` संवेग परिवर्तन `Delta P=P_(f) - P_(i) =(-E)/(c) - ((E)/(c))=-(2E)/(c)` पृष्ठ को स्थानान्तरित संवेग `=-DeltaP = (2E)/(c)`. |
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" सीजियम धातु का कार्य फलन 2eV है| " । इस कथन की व्याख्या कीजिए । |
| Answer» सीजियम धातु से प्रकाश - इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन के लिए धातु के पृष्ठ पर पड़ने वाले प्रकाश -फोटॉन की न्यूनतम ऊर्जा 2 eV होनी चाहिए । | |
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प्रकाशवैधुत धारा पर क्या प्रभाव पड़ता है , यदि (i ) आपतित प्रकाश की तीव्रता बढ़ा दी जाये ? (ii ) आपतित प्रकाश की तरंगदैर्घ्य घटा दी जाये ? |
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Answer» (i) धारा में वृद्धि होगी `(I prop I)`. (ii) प्रकाशवैधुत धारा आपतित प्रकाश की तरंगदैर्घ्य पर निर्भर नहीं करती । |
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प्रकाशवैधुत कार्य फलन का अर्थ आवश्यक समीकरण देते हुए समझाइए । |
| Answer» `W= hv_(0)`, जहाँ `v_(0)` देहली आवृत्ति है । यह वह न्यूनतम ऊर्जा है जो किसी धातु से प्रकाश - इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित कर सके । | |
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प्रकाश के क्वाण्टम मॉडलकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए । |
| Answer» प्रकाश ऊर्जा के छोटे -छोटे बण्डलों अथवा पैकेटों के रूप में चलता है जिसे क्वाण्टा अथवा फोटॉन कहते हैं। ये फोटॉन प्रकाश के वेग से चलते हैं । प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा hv होती है। जहाँ h प्लांक नियतांक तथा v प्रकाश की आवृत्ति है । प्रकाश की तीव्रता , फोटॉनों की संख्या पर निर्भर करती है । | |
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प्रकाशवैधुत उत्सर्जन का अर्थ समझाइए तथा इसके नियमों का उल्लेख कीजिए । |
| Answer» प्रकाश की वह न्यूनतम आवृत्ति , जो किसी पदार्थ से प्रकाश-इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन कर सके देहली आवृत्ति कहलाती है । इससे कम आवृत्ति के प्रकाश से पदार्थ से प्रकाश -इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन नहीं होगा, चाहे प्रकाश की तीव्रता कितनी भी अधिक क्यों न हो । | |
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एक फोटो - सेल का एनोड वोल्टेज नियत रखा जाता है । कैथोड पर पड़ने वाले प्रकाश की तरंगदैर्घ्य `lambda` धीरे -धीरे परिवर्तित कि जाती है । फोटो-सेल की प्लेट धारा I अग्र प्रकार परिवर्तित होती है :A. B. C. D. |
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Answer» Correct Answer - D जैसे - जैसे का मान बढ़ाया जाता है , के एक मान के लिये कैथोड़ से इलेक्ट्रॉन निकलने बंद हो जायेंगे तथा प्रकाशवैधुत धारा शून्य हो जायेगी। अतः विकल्प (d ) सही उत्तर है । |
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धातु की तीन विभिन्न प्लेटों p, q व r जिनके कार्य फलन क्रमशः `W_(p)=2.0 eV, W_(q)=2.5 eV` व ` W_(r)=3.0` eV हैं, को लेकर प्रकाशवैधुत प्रभाव प्रयोग किये जाते हैं । 550 nm, 450 nm तथा 350 nm तरंगदैर्घ्य के समान तीव्रता वाले प्रकाश - पुँज से प्रत्येक प्लेट को प्रकाशित किया जाता है । इन तीनों के I-V आरेख का सही चित्रण है : ( h c = 1240 eV nm )A. B. C. D. |
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Answer» Correct Answer - A `E_(lambda)=(hc)/(lambda)` `E_(550 nm)=(1240 eV nm)/(550 nm ) = 2.25 eV` `E_(450 nm)=(1240 eV nm)/(450 nm) = 2.75 eV` `E_(350 nm) = (1240 eV nm)/(350 nm) = 3.54 eV` `eV= E-W` धातु के लिये , ` eV=3.54 - 2.0 = 1.54 eV`. `:. V= 1.54 V`. इसी प्रकार , धातु q के लिये , `V=3.54-2.5=1.04 V`. धातु r के लिये, `V = 3.54 - 3.0 = 0.54 V`. अतः विकल्प (a ) सही है । तथा `I_(p) gt I_(q) gt I_(r)`. |
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| 70. |
दो धातुओं A व B के कार्य फलन क्रमशः 2eV तथा 4eV हैं । धातुओं की देहली तरंगदैर्घ्य में क्या अनुपात है ? |
| Answer» Correct Answer - `2:1` | |
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किसी धातु का कार्य फलन 2.28 eV है । इस पर 500 nm तरंगदैर्घ्य का प्रकाश आपतित होता है तो, उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की दी-ब्रोगली तरंगदैर्घ्य होगी :A. ` lt 2.8xx10^(-9)` मीB. `ge 2.8 xx10^(-9)` मीC. `le 2.8xx10^(-12)` मीD. `lt 2.8xx10^(-10)`मी |
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Answer» Correct Answer - A ` E= (hc)/(lambda)-W` `(hc)/(lambda)=(12400)/(5000) = 2.48 eV, W = 2.28 eV` `:. E = 2.48 eV-2.28 eV = 0.20 eV` इलेक्ट्रॉन के लिये, दी - ब्रोगली तरंगदैर्घ्य `lambda = (h)/(sqrt(2mE))` `=(6.63xx10^(-34))/(sqrt(2xx9xx10^(-31)xx0.20xx1.6xx10^(-19)))` `=(6.63)/(2.4) xx10^(-9) = 2.76xx10^(-9) ` मी अतः `lambda lt 2.8 xx 10^(-9)` मी । |
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द्रव्यमान m के इलेक्ट्रॉन तथा किसी फोटॉन की ऊर्जायें सE मान हैं । इनसे बद्ध दी-ब्रोगली तरंगदैर्घ्य का अनुपात है :A. `(1)/(c) (E/2m)^(1//2)`B. `(E/2m)^(1//2`C. `c(2mE)^(1//2`D. `(1)/(c)(2m/E)^(1//2)` |
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Answer» Correct Answer - A `lambda_(e) = (h)/(sqrt(2mE)), E=(hc)/(lambda_(p))` `:. (lambda_(e))/(lambda_(p))=(h)/(sqrt(2m E))xx(E)/(hc) = (1)/(c) sqrt((e)/(2m))`. |
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| 73. |
किसी इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में त्वरक विभव का मान क्या होगा यदि इलेक्ट्रॉन की दी-ब्रोगली तरंगदैर्घ्य 1 Å है ? |
| Answer» Correct Answer - 150 वोल्ट । | |