InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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हाइड्रोजन परमाणु की लाइमेन श्रेणी में सबसे बड़ा व् छोटा तरंगदैर्ध्य किस परास का होता है? |
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Answer» लाइमेन श्रेणी हेतु- जब हाइड्रोजन परमाणु उच्च ऊर्जा स्तर में प्रथम ऊर्जा स्तर अर्थात `n_(2)=2,3,4,…..` से `n_(1)=1` सबसे बड़ा तरंगदैर्ध्य- n = 2 के लिए `lambda=1216Å` सबसे छोटी तरंगदैर्ध्य- `n=oo` के लिए `lambda=912Å` |
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हाइड्रोजन परमाणु की पाश्चन श्रेणी में- सबसे बड़ा व् छोटा तरंगदैर्ध्य किस परमाणु का होता है? |
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Answer» पाश्चन श्रेणी हेतु- जब हाइड्रोजन परमाणु उच्च ऊर्जा स्तर से तीसरे ऊर्जा स्तर में कूदता है। `n_(2)=4,5,6,7.......` से `n_(1)=3` सबसे बड़ा तरंगदैर्ध्य `lambda=18752Å` सबसे तरंगदैर्ध्य `lambda=8204Å` होता है। |
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हाइड्रोजन परमाणु की पाश्चन श्रेणी में- तरंगदैर्ध्य ज्ञात करने का सूत्र लिखिए। |
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Answer» पाश्चन श्रेणी हेतु- जब हाइड्रोजन परमाणु उच्च ऊर्जा स्तर से तीसरे ऊर्जा स्तर में कूदता है। `n_(2)=4,5,6,7.......` से `n_(1)=3` इसके लिए तरंगदैर्ध्य सूत्र- `(1)/(lambda)=R[(1)/(3^(2))-(1)/(n^(2))]` जहाँ `n=4,5,6……` |
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| 54. |
मान लीजिए कि स्वर्ण पत्री के स्थान पर ठोस हाइड्रोजन की पतली शीट का उपयोग करके आपको `alpha - ` कण प्रकीर्णन प्रयोग दोहराने का अवसर प्राप्त होता हैं । (हाइड्रोजन 14 K से नीचे ताप पर ठोस हो जाती हैं । ) आप किस परिणाम की अपेक्षा करते हैं ? |
| Answer» हाइड्रोजन का नाभिक (प्रोटॉन ), `alpha -` कण की तुलना में बहुत हल्का होता हैं । अतः `alpha -` कण ठोस हाइड्रोजन नाभिक से अपने मार्ग से बिना विचलन के गुजर जाते हैं । | |
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पाश्चन श्रेणी में विद्यमान स्पेक्ट्रमी रेखाओं की लघुत्तम तरंगदैर्ध्य क्या है? |
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Answer» पाश्चन हेतु,`n_(1)=3` तथा `n_(2)=oo` (छोटी तरंगदैर्ध्य हेतु) सूत्र का प्रयोग करने पर, `(hc)/lambda=R[1/n_(1)^(2)-1/n_(2)^(2)]` [जहाँ, R रिडबर्ग नियतांक है] `(hc)/lambda=13.6xx1.6xx10^(-19)[1/3^(2)-1/oo^(2)]` अथवा `(hc)/lambda=(21.76xx10^(-19))/9` अथवा `lambda=(xx6.63xx10^(-34)xx3xx10^(8))/(21.76xx10^(-19))=8.2265xx10^(-7)` मीटर `=822.65` नैनोमीटर अतः सबसे छोटी तरंगदैर्ध्य (उपस्थित) `822.65` नैनोमीटर है। |
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| 56. |
2.3 eV ऊर्जा अंतर् किसी परमाणु में दो ऊर्जा स्तरों को पृथक कर देता है। उत्सर्जित विकिरण की आवृत्ति क्या होगी यदि परमाणु में इलेक्ट्रॉन उच्च स्तर से निम्न स्तर में संक्रमण करता है? |
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Answer» Correct Answer - `5.6xx10^(-14)Hz` |
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`alpha` - कण प्रकीर्णन प्रयोग में स्वर्ण की पत्री को ही क्यों प्रयुक्त करते हैं ? |
| Answer» `alpha` - कण प्रकीर्णन प्रयोग में स्वर्ण की पत्री को ही प्रयुक्त किया जाता हैं क्योंकि स्वर्ण नाभिक एक भारी नाभिक हैं जिससे वह `alpha` - कणों के मार्ग में अधिक विक्षेप उत्पन्न करता हैं तथा स्वर्ण पत्री को आसानी से बनाया जा सकता हैं । | |
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पाशन श्रेणी मैं विधमान स्पेक्ट्रमी रेखाओं की लघुतम तरंगदैर्घ्य क्या है? |
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Answer» Correct Answer - `820nm` |
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`alpha - ` कण प्रकीर्णन में `alpha - ` कणों के अधिक कोण से प्रकीर्णन में केवल नाभिक उत्तरदायी होता हैं , इलेक्ट्रॉन नहीं क्यों ? |
| Answer» जब `alpha-` कण भारी कण अर्थात् नाभिक से संघट्ट करते हैं तो अधिक कोण से प्रकीर्णित हो जाते हैं । चूँकि नाभिक की तुलना में इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बहुत कम होता हैं । अतः संवेग संरक्षण के कारण यह `alpha`- कणों को अधिक कोण से विचलित नहीं कर पाता हैं । | |
| 60. |
थॉमसन मॉडल व्दारा पूर्वानुमानित पश्च प्रकीर्णन की प्रायिकता (अर्थात् `alpha -`कणों को `90^(@)` से बड़े कणों पर प्रकीर्णन ) रदरफोर्ड मॉडल व्दारा पूर्वानुमानित मान से अत्यंत कम , लगभग समान अथवा अत्यधिक हैं ? |
| Answer» अत्यंत कम हैं क्योंकि थॉमसन मॉडल में नाभिक अनुपस्थित था । | |
| 61. |
रदरफोर्ड के `alpha -` कण प्रकीर्णन प्रयोग में अधिकतर `alpha` - कण परमाणु से प्रकीर्णित हुए बिना ही गुजर जाते हैं ? जबकि उनमें से कुछ `alpha` कण अधिक कोण से विचलित हो जाते हैं । इस घटना से हमें परमाणु की सरंचना से संबंधित कौन - सी जानकारी क्यों प्राप्त होती हैं ? |
| Answer» इस प्रयोग से हमें यह जानकारी प्राप्त होती हैं कि परमाणु का अधिकांश भाग खोखला होता हैं तथा परमाणु के केंद्र के अत्यंत सूक्ष्म भाग में परमाणु का संपूर्ण धनावेश केंद्रित होता हैं जिसे नाभिक कहते हैं । | |
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अन्य कारकों को नियत रखते हुए , प्रयोग व्दारा यह पाया गया हैं कि कम मोटाई t के लिए , मध्य कोणों पर प्रकीर्णित , `alpha-` कणों की संख्या t के अनुक्रमानुपातिक हैं । t पर यह रैखिक निर्भरता क्या संकेत देती हैं ? |
| Answer» यह दर्शाती हैं कि एकल संघट्ट पर प्रकीर्णन क्योंकि पत्री की मोटाई के संगत एकल संघट्ट का मान रैखितः बढ़ता हैं । | |
| 63. |
यदि रदरफोर्ड के `alpha` प्रकीर्णन प्रयोग में `90^(@)` कोण पर प्रकीर्णित होने वाले कणों की संख्या `56` प्रति मिनट हो तो `60^(@)` तथा `120^(@)` कोण पर प्रकीर्णित होने वाले कणों की संख्या ज्ञात कीजिये। |
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Answer» `alpha` प्रकीर्णन प्रयोग में `theta` कोण पर प्रकीर्णित होने वाले कणों की संख्या `N(theta) prop 1/("sin"^(4) theta/2)` अतः `(N(60^(@)))/(N(90^(@)))=(sin^(4) (90^(@)/2))/(sin^(4) (60^(@)/2))` `=((sin 45^(@))/(sin 30^(@)))^(4)=((1//sqrt(2))/(1//2))^(4)=4` प्रश्नानुसार, `N(90^(@))=56` प्रति मिनट `:. (N(60^(@)))/56=4` अथवा `N(60^(@))=56xx4=224` प्रति मिनट इसी प्रकार `(N(120^(@)))/(N(90^(@)))=(sin^(4)(90^(@)/2))/(sin^(4) (120^(@)/2))` `=((sin 45^(@))/(sin 60^(@)))^(4)=((1//sqrt(2))/(sqrt(3)//2))^(2)` `:. (N(120^(@)))/56=4/9` `:. N(120^(@))=(56xx4)/9=224/9~~25` प्रति मिनट |
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रदरफोर्ड के `alpha`-कण प्रकीर्णन प्रयोग में जिस बल के कारण `alpha`-कण प्रकीर्णित होते हैं, वह बल यही-A. गुरुत्वीयB. नाभिकीयC. कूलॉमीयD. चुम्बकीय |
| Answer» Correct Answer - C | |
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हाइड्रजन परमाणु के n = 2 कक्षा में इलेक्ट्रॉन के परिक्रमण के लिए इलेक्ट्रॉन की डी - ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य का मान ज्ञात कीजिए । |
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Answer» सूत्र - `E_(k) = (13*6)/(n^(2))` यदि n = 2 तब n = 2 में गतिमान इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा `E_(k) = (13*6)/(2^(2))eV = 3.4 xx 1*6xx10^(-19)J` इस इलेक्ट्रॉन से सम्बंध डी - ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य `lamda = (h)/(sqrt(2mE_(k))` या `lamda = (6*6xx10^(-34))/(sqrt(2xx9.1xx10^(-31)xx3.4xx1.6xx10^(-19)))` `= 0*67 xx 10^(-9)m` `= 0*67nm`. |
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हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की बॉमर श्रेणी विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के किस भाग में होती है?A. पराबैंगनीB. दृश्य प्रकाशC. अवरक्तD. रेडियो तरंग |
| Answer» Correct Answer - B | |
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हाइड्रोजन `(""_(1)H^(1))` , ड्यूटॉन (`""_(1)H^(2))`), एकल आयनित हीलियम `(2He^(4))^(+)` एंव व्दि - आयनित लिथियम `(""_(3)Li^(6))^(++)` सभी में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर परिक्रमण गति करते हैं । माना एक इलेक्ट्रॉन n = 2 से n = 1 ऊर्जा स्तर में संक्रमण करता हैं । यदि उत्सर्जित विकिरण की तरंगदैर्घ्य `lamda_(1),lamda_(2),lamda_(3),lamda_(4)` हो , तो निम्न में से सत्य होगा -A. `lamda_(1) = lamda_(2) = 4lamda_(3) = 9lamda_(4)`B. `lamda_(1) = 2lamda_(2) = 3lamda_(3) = 4lamda_(4)`C. `4lamda_(1) = 2lamda_(2) = 2lamda_(3) = lamda_(4)`D. `lamda_(1) = 2lamda_(2) = 2lamda_(3) = lamda_(4)` |
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Answer» Correct Answer - A `(1)/(lamda) = RZ^(2)[(1)/(n_(f)^(2)) - (1)/(n_(i)^(2))]` `(1)/(lamda) = RZ^(2)[ 1 - (1)/(4)] = (3RZ^(2))/(4)` या `lamda = (4)/(3RZ^(2))` `lamda_(1) = (4)/(3R), lamda_(2) = (4)/(3R) , lamda_(3) = (4)/(12R), lamda_(4) = (4)/(27R)`. `therefore lamda_(1) = lamda_(2) = 4lamda_(3) = 9lamda_(4)`. |
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| 68. |
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम के लाइमन श्रेणी में प्राप्त प्रथम चार रेखाओं का तरंगदैर्घ्य रिडबर्ग नियतांक की सहायता से ज्ञात कीजिए । |
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Answer» रिडबर्ग सूत्र से , `(1)/(lamda) = R[(1)/(n_(2)^(1)) - (1)/(n_(2)^(2))]` लाइमन श्रेणी की विभिन्न रेखाओं के तरंगदैर्घ्य का मान `n_(1) = 1` एंव `n_(2) = 2,3,4,` ...... रखने पर प्राप्त होगा । अतः `lamda = (n_(2)^(2))/(R(n_(2)^(2) - 1)), [therefore n_(1) = 1]` `= (n_(2)^(2))/(1.097xx10^(7)(n_(2)^(2) - 1))` या `lamda = (0*912 xx 10^(-7)n_(2)^(2))/((n_(2)^(2) - 1))` लाइमन श्रेणी की विभिन्न रेखाओं की तरंगदैर्घ्य उपरोक्त समी. में `n_(1) = 1 "व" n_(2) = 2` `lamda_(21) = (0*912xx10^(-7)xx2^(2)m)/(2^(2) - 1) = 1216 Å` `n_(1) = 1 "व" n_(2) = 3 ` रखने पर `lamda_(31) = (0.912xx10^(-7)xx3^(2)m)/(3^(2) - 1) = 1026 Å` `n_(1) = 1 "व" n_(2) = 4` `lamda_(41) = (0.912xx10^(-7)xx4^(2)m)/(4^(2) - 1) = 972*8 Å` इसी प्रकार `lamda_(51) = (0.912xx10^(-7)xx5^(2)m)/(5^(2) - 1) = 950 Å` अतः इन रेखाओं की तरंगदैर्घ्य `950Å , 972*8Å , 1026Å, 1216Å` होगी । |
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| 69. |
हाइड्रोजन की लाइमन श्रेणी विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के किस क्षेत्र में पायी जाती है?A. पराबैंगनीB. अवरक्तC. दृश्य प्रकाशD. X-किरण |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 70. |
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में कौन-सी श्रेणी दृश्य स्पेक्ट्रम क्षेत्र में होती है? इस श्रेणी की विभिन्न रेखाओं की तरंग संख्यायें ज्ञात करने के लिए सूत्र लिखिए। |
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Answer» हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में बामर श्रेणी दृश्य स्पेक्ट्रम क्षेत्र में होती है। हाइड्रोजन परमाणु का इलेक्ट्रॉन जब किसी ऊँचे स्तरों `n_(2)=3,4,5,….` से द्वितीय ऊर्जा स्तर `n_(1)=2` में संक्रमण करता है तो उत्सर्जित विकिरण की शृंखला को बामर श्रेणी कहते है। इसके लिए `(1)/(lambda)=R[(1)/(2^(2))-(1)/(n_(2)^(2))]` जहाँ पर है। इस श्रेणी की सबसे बड़ी तरंगदैर्ध्य तथा सबसे छोटी तरंगदैर्ध्य है। जहाँ पर `n_(2)=3,4,5,........oo` है। इस श्रेणी की सबसे बड़ी तरंगदैर्ध्य `6563Å` तथा सबसे छोटी तरंगदैर्ध्य `3646Å` है। प्रथम 4 रेखाएँ दृश्य क्षेत्र में, शेष रेखाएँ पराबैंगनी क्षेत्र में। |
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| 71. |
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की कौन-सी श्रेणी दृश्य क्षेत्र में पायी जाती है?A. लाइमनB. बॉमरC. पाश्चनD. ब्रैकेट |
| Answer» Correct Answer - B | |
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हाइड्रोजन परमाणु के बामर श्रेणी में प्रथम स्पेक्ट्रमी रेखा की तरंगदैर्घ्य 6561`Å` हैं , तब एकल आयनित हीलियम परमाणु के बामर श्रेणी की व्दितीय स्पेक्ट्रमी की तरंगदैर्घ्य होगी -A. `1215Å`B. `1640Å`C. `2430Å`D. `4687Å` |
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Answer» Correct Answer - A `(1)/(lamda) = RZ^(2) [(1)/(n_(1)^(2)) - (1)/(n_(2)^(2))]` `therefore (1)/(lamda_(1)) = Rxx1^(2)[(1)/(2^(2)) - (1)/(3^(2))] = (5)/(36)R` `(1)/(lamda_(2)) = Rxx4[(1)/(2^(2)) - (1)/(4^(2))]= (3)/(4)R` `therefore (lamda_(2))/(lamda_(1)) = (5)/(36)xx(4)/(3) = (5)/(27)` `lamda_(2) = (5)/(27)xxlamda_(1) = (5)/(27)xx6561Å = 1215Å`. |
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| 73. |
बॉमर श्रेणी कि प्रथम रेखा कि तरंगदैर्ध्य `6563 Å` है। ज्ञात कीजिये : (i) रिडबर्ग नियतांक तथा (ii) हाइड्रोजन परमाणु का आयनन विभव। (`h=6.62xx10^(-34)` जूल-सेकंड तथा `c=3xx10^(8)` मीटर/सेकंड) |
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Answer» (i) हाइड्रोजन परमाणु में बॉमर श्रेणी की प्रथम रेखा के लिए `1/lambda=R[1/2^(2)-1/3^(2)]=R[1/4-1/9]=(5R)/36` `:. R=36/(5lambda)=36/(5xx(6563xx10^(-10)))=1.097xx10^(7)" मीटर"^(-1)` (ii) हाइड्रोजन परमाणु की आयनन ऊर्जा `=E_(oo)-E_(1)=0-(-(Rhc)/1^(2))=Rhc` `=(1.097xx10^(7))xx(6.62xx10^(-34))xx(3xx10^(8))` `=21.8xx10^(-19)` जूल `=(21.8xx10^(-19))/(1.6xx10^(-19)) eV=13.6 eV` तदनुसार, आयनन विभव `=13.6` वोल्ट |
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हाइड्रोजन परमाणु कि-(A) लाइमन श्रेणी कि प्रथम रेखा कि तरंगदैर्ध्य तथा श्रेणी सीमा ज्ञात कीजिये। (B) बॉमर श्रेणी कि प्रथम रेखा कि तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिये। (`R=1.097xx10^(7)" मीटर"^(-1)`) |
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Answer» (A) हाइड्रोजन परमाणु की लाइन श्रेणी के लिए `1/lambda=R[1/1^(2)-1/n^(2)]` जहाँ `n=2, 3, 4,...` प्रथम रेखा के लिए `n=2` `:. 1/lambda=R[1/1^(2)-1/2^(2)]=(3R)/4` `:. Lambda=4/(3R)=4/(3xx(1.097xx10^(7)))` `=1.216xx10^(-7)` मीटर `=1216 Å` लाइमन श्रेणी की सीमा के लिए `n=oo` `:. 1/lambda_("min")=R[1/1^(2)-1/oo^(2)]` अथवा `lambda_(min)=1/R=1/(1.097xx10^(7))` `=0.912xx10^(-7)` मीटर `=912 Å` (B) हाइड्रोजन परमाणु की बॉमर श्रेणी के लिए `1/lambda=R[1/2^(2)-1/n^(2)]` जहाँ `n=3, 4, 5,...` प्रथम रेखा के लिए `n=3` `:. 1/lambda=R[1/2^(2)-1/3^(2)]=(5R)/36` `:. lambda =36/(5R)=36/(5xx(1.097xx10^(7)))` `=6.551xx10^(-7)` मीटर `=6551 Å` उपर्युक्त प्रश्न में `R, h` तथा `c` के मान दिए गए हैं अतः इन मानों का प्रयोग करके ही हमें `E_(1)` तथा `lambda` के मान ज्ञात करने चाहियें। |
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हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में प्राप्त लाइमन , बामर एवं पाश्चन की सूक्ष्मतम तरंगदैर्घ्य को क्रमशः `lamda_(1),lamda_(B) "एवं" lamda_(p)` से व्यक्त किया जाए तो इन्हें बढ़ते क्रम में लिखिए । |
| Answer» `lamda_(1), lt lamda_(B) lt lamda_(p).` | |
| 76. |
विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के दृश्य क्षेत्र में पड़ने वाली हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की श्रेणी का नाम बताइये। |
| Answer» Correct Answer - बामर श्रेणी। | |
| 77. |
यदि हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में लाइ मन श्रेणी कि प्रथम रेखा कि तरंगदैर्ध्य `1215 Å` हो तो बॉमर श्रेणी कि प्रथम तथा द्वितीय रेखा कि तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिये। |
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Answer» हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में लाइ मन श्रेणी के लिए `1/lambda=R[1/1^(2)-1/n^(2)]` जहाँ `n=2, 3, 4...` प्रथम रेखा के लिए `n=2` `:. 1/lambda=R[1/1^(2)-1/2^(2)]=(3R)/4` `lambda=4/(3R)` प्रश्नानुसार, `lambda=1215 Å` `:. 4/(3R)=1215 Å` अथवा `R=4/(3xx1215)=1.097xx10^(-3) Å^(-1)` हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में बॉमर श्रेणी के लिए `1/lambda=R[1/2^(2)-1/n^(2)]` जहाँ `n=3, 4, 5,...` प्रथम रेखा के लिए `n=3` `1/lambda_(1)=R[1/2^(2)-1/3^(2)]=(5R)/36` `:. lambda_(1)=36/(5R)=36/(5xx1.097xx10^(-3)) Å=6563 Å` द्वितीय रेखा के लिए `n=4` `:. 1/lambda_(2)=R[1/2^(2)-1/4^(2)]=(3R)/16` `:. lambda_(2)=16/(3R)=16/(3xx1.097xx10^(-3)) Å=4861 Å` |
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किसी उत्तेजित अवस्था में हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन कि कुल ऊर्जा `-3.4 eV` है। इस अवस्था में ज्ञात कीजिये- (i) इलेक्ट्रॉन कि स्थितिज ऊर्जा (ii) इलेक्ट्रॉन कि गतिज ऊर्जा (iii) इलेक्ट्रॉन कि डी-ब्रोगली तरंगदैर्ध्य (iv) इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग (प्लान्क नियतांक `h=6.62xx10^(-34)` जॉल-सेकंड, इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान `=9.1xx10^(-31) kg`) |
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Answer» (i) प्रश्नानुसार, इलेक्ट्रॉन कि कुल ऊर्जा `E=-3.4 eV` `:.` स्थितिज ऊर्जा `U=2E=-2xx3.4=-6.8 eV` (ii) इलेक्ट्रॉन कि गतिज ऊर्जा `K=-E=-(-3.4)=3.4 eV` (iii) इलेक्ट्रॉन कि डी-ब्रोगली तरंगदैर्ध्य `lambda=h/p=h/sqrt(2m K)` `=(6.62xx10^(-34))/sqrt(2xx(9.1xx10^(-31))xx(3.4xx1.6xx10^(-19)))` `=(6.62xx10^(-34))/(9.95xx10^(-25))=6.663xx10^(-10)` मीटर `=6.663 Å` (iv) यदि इलेक्ट्रॉन nवीं कक्षा में हो तो इलेक्ट्रॉन कि ऊर्जा `E_(n)=-13.6/n^(2) eV=-3.4 eV` (प्रश्नानुसार) `:. n^(2)=13.6/3.4 =4` अथवा `n=2` `:.` इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग `=(nh)/(2pi)` `=(2xx6.62xx10^(-34))/(2xx3.14)` `=2.1xx10^(-34)` जूल-सेकण्ड |
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हाइड्रोजन परमाणु की मूल अवस्था की ऊर्जा `-13*6 eV` हैं । व्दितीय उत्तेजित अवस्था में इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा क्या होगी ? |
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Answer» Correct Answer - `+10.2 eV`, `E_(1) = -13*6 eV` `E_(3) = (E_(1))/(3^(2)) = (-13*6)/(9) = -1*51 eV` `E_(4) = (E_(1))/(4^(2)) = (-13*6)/(16) = -0*85 eV` |
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| 80. |
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में प्राप्त लाइमन बामर एवं पाश्च्न की सूक्ष्मतम तरंगदैर्ध्य को क्रमशः `lambda_(L), lambda_(B)` एवं `lambda_(P)` से व्यक्त किया जाए तो इन्हे बढ़ते कर्म में लिखिए। |
| Answer» `lambda_(L)ltlambda_(B)ltlambda_(P)` | |
| 81. |
हाइड्रोजन परमाणु के स्पेक्ट्रम में प्राप्त बामर श्रेणी विद्युत् चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के दृश्य क्षेत्र में स्थिति होती हैं । |
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Answer» Correct Answer - सत्य |
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हाइड्रोजन परमाणु की मूल अवस्था की ऊर्जा `-13*6 eV` हैं । तृतीय उत्तेजित अवस्था में इलेक्ट्रॉन की स्थितिज ऊर्जा क्या होगी ? |
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Answer» Correct Answer - `- 1*70 eV` `E_(1) = -13*6 eV` `E_(3) = (E_(1))/(3^(2)) = (-13*6)/(9) = -1*51 eV` `E_(4) = (E_(1))/(4^(2)) = (-13*6)/(16) = -0*85 eV` तृतीय उत्तेजित अवस्था में इलेक्ट्रॉन की स्थितिज ऊर्जा = `2E_(4) = - 1*70 eV` |
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| 83. |
हाइड्रोजन परमाणु के स्पेक्ट्रम की बामर श्रेणी में द्वितीय रेखा का तरंगदैर्ध्य `4861Å` है। इस श्रेणी की प्रथम रेखा में तरंगदैर्ध्य का मान क्या होगा? |
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Answer» माना बामर श्रेणी की प्रथम एवं द्वितीय रेखा का तरंगदैर्ध्य क्रमशः `lambda_(1)` व `lambda_(2)` है। `(1)/(lambda_(2))=R[(1)/(2^(2))-(1)/(3^(2))]=(5R)/(36)` इसी प्रकार बामर श्रेणी की द्वितीय रेखा के लिए `(1)/(lambda_(2))=R[(1)/(2^(2))-(1)/(4^(2))]=(3R)/(16)` `(1)/(lambda_(2))=R[(1)/(2^(2))-(1)/(4^(2))]=(3R)/(16)` `(1)/(lambda_(2))=((3R)/(16))/((5R)/(36))=(36)/(5R)xx(3R)/(16)` `=(3)/(5)xx(30)/(16)` `(lambda_(1))/(lambda_(2))=(27)/(20)` `lambda_(1)=(27)/(20)xxlambda_(2)` `lambda_(2)=4861Å` `lambda_(1)=(27)/(20)xx4861Å` `=6562Å` |
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| 84. |
बामर श्रेणी के हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम मे सबसे अधिक तरंगदैर्ध्य प्राप्त होती हैA. a. बैगनी रंग कीB. b. हरे रंग कीC. c. नीले रंग कीD. d. लाल रंग की |
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Answer» Correct Answer - D |
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हाइड्रोजन परमाणु की मूल ऊर्जा स्तर की ऊर्जा - `13*6 eV` हैं इस अवस्था में इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा एंव स्थितिज ऊर्जा की गणना कीजिए । |
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Answer» Correct Answer - गतिज ऊर्जा = `13*6 eV, , P.E. = -27*2 eV.` ऊर्जा `E = - (Ke^(2))/(2r)` गतिज ऊर्जा `(K.E.) = E_(p) = -(ke^(2))/(r)` अतः `E_(k) = -E "तथा" E_(p) = 2E` `because E = -13*6 eV` `therefore E_(K) = 13*6 eV "व" E_(p) = -27*2 eV.` |
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| 86. |
हाइड्रोजन परमाणु के स्पेक्ट्रम की बामर श्रेणी की सबसे छोटी तरंगदैर्घ्य वाली रेखा का मान क्या होगा तथा यह विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम से किस क्षेत्र में स्थित होगी ? |
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Answer» बामर श्रेणी की न्यूनतम तरंगदैर्घ्य के लिए `n_(1) = 2 , n_(2) = oo` `therefore (1)/(lamda_(s)) = R [ (1)/(2^(2) - (1)/(oo))] = (R)/(4)` या `lamda = (4)/(R) = (4)/(1*1 xx 10^(7))` मी ` =3*637xx10^(-7) "मी" = 3637 Å` इस तरंगदैर्घ्य का विकिरण विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी क्षेत्र में होगा । |
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| 87. |
किसी परमाणु का इलेक्ट्रॉन उत्तेजित अवस्था, `n=5` में है। इससे उत्सर्जित होने वाले विकिरण में संभव आवृत्तियों कि संख्या होगी-A. 4B. 5C. 10D. 2 |
| Answer» Correct Answer - C | |
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हाइड्रोजन परमाणु की मूल अवस्था में बोर त्रिज्या का मान `4*3xx10^(-11)` मी हैं । परमाणु इस प्रकार उत्तेजित होता हैं कि त्रिज्या `21*2xx10^(-11)` मी हो जाती हैं (i) मुख्य क्वांटम संख्या (ii) उत्तेजित अवस्था में परमाणु की कुल ऊर्जा की गणना कीजिए । |
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Answer» Correct Answer - `2, - 3*4 eV`. (i) `because r prop n^(2)` `therefore ((n_(2))/(n_(1)))^(2) = (r_(2))/(r_(1)) = (21*2xx10^(-11))/(5*3xx10^(-11)) = 4` या `(n_(2))/(n_(1)) = 2 "या" n_(2) = 2n_(1) , n_(2) = 2xx1 = 2` (ii) `E_(2) = (E_(1))/(2^(2)) = (-13*6)/(4) = -3*4 eV.` |
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| 89. |
दो हाइड्रोजन परमाणु की परिकल्पना कीजिए । प्रत्येक परमाणु का इलेक्ट्रॉन उत्तेजित अवस्था में हैं । बोर परमाणु मॉडल के अनुसार क्या यह संभव हैं कि इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा भिन्न हो लेकिन कक्षीय कोणीय संवेग का मान एकसमान हो । |
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Answer» नहीं , ऐसा संभव नहीं हो सकता क्योंकि `E_(n) = (-13*6)/(n^(2))` n के विभिन्न मानों के संगत कक्षा एंव उनसे संबद्ध ऊर्जा भिन्न होगी । अतः उनका कोणीय संवेग भी अलग होगा क्योंकि ` L = (nh)/(2pi)` हैं । |
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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए जो आपको टॉमसन मॉडल और रदरफोर्ड मॉडल में अंत समझने हेतु अच्छी तरह से सहायक हैं | क्या टॉमसन मॉडल में पतले स्वर्ण पन्नी से प्रकीर्णन `alpha` - कणों का पूर्वानुमानित मान से अत्यंत कम, लगभग समान अथवा अत्यधिक बड़ा है ? |
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Answer» Correct Answer - बोर मॉडल की प्रथम कक्षा की त्रिज्या `a_(0)` जिसका मान है `a_(0)=(4piepsilon_(0)(h//2pi)^(2))/(m_(e)e^(2))` यदि हर परमाणु गुरूतवीय बल `(Gm_(p)m_(e)//r^(2))`, द्वारा बंधा मानते है तब हमें `(e^(2)//4pi epsilon_(0))` के स्थान पर `Gm_(p)m_(e)` प्रतिस्थापित करना चाहिए। अर्थात बोर मॉडल की प्रथम कक्षा की त्रिज्या `a_(0)^(G)=((h//2pi)^(2))/(Gm_(p)m_(e)^(2))~=1.2xx10^(29)m` होनी चाहिए। यह संपूर्ण विश्व के आकलित आकार से कहीं अधिक है। |
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| 91. |
प्रथम बोर - त्रिज्या और म्यूऑनिक हाइड्रोजन परमाणु [ अर्थात् कोई परमाणु जिसमें लगभग `207m_(e)` द्रव्यमान का ऋणावेशित म्यूऑन `(mu^(-1))` प्रोटॉन के चारों ओर घूमता हैं । ] की निम्नतम अवस्था ऊर्जा को प्राप्त करने का परिकलन कीजिए । |
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Answer» बोर मॉडल के अनुसार n वीं कक्षा की त्रिज्या `r = (n^(2)h^(2))/(4pi^(2)mK*Ze^(2))` `therefore r prop (1)/(m)` म्यूऑनिक हाइड्रोजन परमाणु में ऋणावेशिक म्यूऑन कण (`mu^(-1))` जिसका द्रव्यमान `207^(me)` होता हैं , प्रोटॉन के चारों ओर परिक्रमण करता हैं । `therefore (r_(mu))/(r_(c)) = (m_(c))/(m_(p)) = (m_(e))/(207 m_(e))` `therefore r_(u) = (1)/(207)xxr_(e)` `= (1)/(207)xx0.53xx10^(-10)m` `=2.5xx10^(-13)m.` यदि इलेक्ट्रॉन की म्यूऑन की n वीं कक्षा की ऊर्जा `E_(e) "व" E_(mu)` हो , तो `(E_(mu))/(E_(e)) = (207 m_(e))/(m_(e))` या `E_(u) = 207E_(e)` `= -207xx13*6` = `2*8xx10^(3)eV` `= 2*86KeV` |
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| 92. |
किसी परमाणु के नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन परिक्रमण क्यों करते हैं ? |
| Answer» परमाणु के स्थायित्व को बनाये रखने के लिए इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर परिक्रमण गति करते हैं । यदि इलेक्ट्रॉन कक्षा में स्थिर रहेंगे तो उन्हें नाभिक खींच लेगा । | |
| 93. |
हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन के मध्य गुरुत्वाकर्षण, कूलॉम-आकर्षण से लगभग `10^(-40)` ले गुणक से कम है। इस तथ्य को देखने का एक वैकल्पिक उपाय यह है कि यदि इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन गुरुत्वाकर्षण द्वारा आबद्ध हों तो किसी हाइड्रोजन परमाणु में प्रथम बोर कक्षा कि त्रिज्या का अनुमान लगाइए। आप मनोरंजक उत्तर पाएँगे। |
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Answer» Correct Answer - `v=(me^(4))/((4pi)^(3)epsilon_(0)^(2)(h//2pi)^(3)[1/((n-1)^(2))-1/(n^(2))])=(me^(4)(2n-1))/((4pi)^(3)epsilon_(0)^(2)(h//2pi)^(3)(n-1)^(2))` |
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| 94. |
हाइड्रोजन परमाणु के लिए बोर त्रिज्या व्यंजक लिखिए । |
| Answer» `r (= r_(0)) = (h^(2)epsi_(0))/(pi me^(2)) = 0* 53Å`. | |
| 95. |
नाभिक के चारों ओर परिक्रमण करते इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा .......... होती हैं । |
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Answer» Correct Answer - ऋणात्मक । |
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| 96. |
नाभिक के चारों ओर परिक्रमण करने वाले इलेक्ट्रॉनों की कुल ऊर्जा ऋणात्मक होती हैं जो यह दर्शाती हैं कि इलेक्ट्रॉन नाभिक से बद्ध होते हैं । |
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Answer» Correct Answer - सत्य |
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| 97. |
परमाणु नाभिक का आकार ............. क्रम का होता हैं । |
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Answer» Correct Answer - `10^(15)`m |
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| 98. |
इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा ऋणात्मक होती है। यह तथ्य क्या दर्शाता? यदि धनात्मक होती है तो क्या दर्शाता? |
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Answer» इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा का मान `E=K+U=(-e^(2))/(8piepsilon_(0)r)` होता है। यहाँ पर ऋणात्मक तथ्य यह दर्शाता है कि इलेक्ट्रॉन नाभिक से परिबद्ध है। यदि E का मान धनात्मक होता है तो इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारो ओर बन्द कक्ष में नहीं घूमता। |
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| 99. |
यदि इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा ऋणात्मक हैं , तो इसका क्या तात्पर्य हैं ? |
| Answer» इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा का ऋणात्मक होना यह दर्शाता हैं कि इलेक्ट्रॉन नाभिक से बद्ध होते हैं । | |
| 100. |
किसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा को उत्तेजन ऊर्जा कहते हैं । |
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Answer» Correct Answer - असत्य |
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