InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 51. |
किसी परमाणु की प्रथम बोहर कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा -27.2 eV है। तीसरी बोहर कक्षा में कितनी होगी? |
| Answer» Correct Answer - `-3.02" eV"`. | |
| 52. |
यदि हाइड्रोजन परमाणु की प्रथम कक्षा की त्रिज्या `0.52Å` हो, तब पाँचवीं कक्षा की त्रिज्या कितनी होगी ? |
| Answer» Correct Answer - `r_(5)=13.00Å.` | |
| 53. |
हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की प्रथम कक्षा की त्रिज्या `0.53 Å` है। इसकी तीसरी कक्षा की त्रिज्या होगी :A. `4.77Å`B. `1.69Å`C. `1.06Å`D. `1.0Å.` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 54. |
10 MeV गतिज ऊर्जा का एक `alpah`-कण एक स्थिर बिन्दु-नाभिक (परमाणु-क्रमांक 50) की ओर जा रहा है। उसके निकटतम पहुँचने की दुरी ज्ञात कीजिए। |
| Answer» `1.44xx10^(-14)" मीटर"` | |
| 55. |
हाइड्रोजन परमाणु में प्रथम कक्षा की त्रिज्या `0.53Å` है। दूसरी कक्षा की कितनी होगी? |
| Answer» Correct Answer - `2.12Å.` | |
| 56. |
एक `alpha`-कण की ऊर्जा `1.2xx10^(-13)` जूल है। यह चाँदी के नाभिक (Z = 47) के कितना निकटतम पहुँच सकता है? |
| Answer» `1.8xx10^(-13)" मीटर।"` | |
| 57. |
`alpha`-कण, जिनकी गतिज ऊर्जा 4.0 Mev (मिलियन इलेक्ट्रॉन-वोल्ट) है, सोने के नाभिक के कितने निकट तक पहुँच सकते हैं ? दिया है : सोने का परमाणु-क्रमांक Z = 79. |
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Answer» माना कि `alpha`-कण (आवेश 2 e ) की सोने के नाभिक (आवेश Z e ) के निकटतम पहुँचने की दूरी `r_(0)` है | इस दूरी पर `alpha`-कण की समस्त गतिज ऊर्जा K, स्थिरवैधुत स्थितिज ऊर्जा में बदल जायेगी जोकि `(1)/(4piepsilon_(0))((Ze)(2e))/(r_(0))` है । इस प्रकार `(1)/(4piepsilon_(0))((Ze)(2e))/(r_(0))=K` अथवा `r_(0)=(1)/(4piepsilon_(0))(2Ze^(2))/(K)` प्रश्नानुसार, `K=4.0 "MeV "=4.0xx(1.6xx10^(-13))` जूल `=6.4xx10^(-13)` जूल। `:. r_(0)=(9.0xx10^(9)"न्यूटन-मी"^(2))/("कूलॉम"^(2))xx(2xx79xx(1.6xx10^(-19)"कूलॉम")^(2))/(6.4xx10^(-13)"न्यूटन-मी")` `=5.7xx10^(-14)` मीटर। |
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| 58. |
चार ऊर्जा-स्तरों के बीच संक्रमण से उत्सर्जित स्पेक्ट्रमी रेखाओं की संख्या होगी :A. 10B. 8C. 6D. 3 |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 59. |
5 MeV के `alpha`-कण ताँबे (Z = 29) की एक पतली पन्नी द्वारा प्रकीर्णित हो रहे हैं। ये कण ताँबे के नाभिक के अधिक से अधिक कितने निकट तक पहुँच सकते हैं? यदि इतनी ही ऊर्जा वाले प्रोटॉन हों, तब? |
| Answer» `1.67xx10^(-14)" मीटर", 0.835xx10^(-14)" मीटर।"` | |
| 60. |
एक `alpha`-पुँज जिसके कणों का वेग `2.0xx10^(7)` मीटर / सेकण्ड है, सोने (Z = 79 ) की पन्नी द्वारा प्रकीर्णित होता है। `alpha`-कण की सोने के नाभिक के निकतटम पहुँचने की दूरी ज्ञात कीजिए। `alpha`-कण के लिए विशिष्ट आवेश (आवेश / द्रव्यमान ) का मान `4.8xx10^(7)` कूलॉम / किग्रा है। |
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Answer» जो `alpha`-कण नाभिक के निकटतम `r_(0)` तक पहुँचेगा उसकी समस्त गतिज ऊर्जा `(1)/(2)M_(alpha)v_(alpha)^(2)`, स्थिरवैधुत स्थितिज ऊर्जा में बदल जायगी। इस प्रकार `(1)/(4piepsilon_(0))((Ze)(2e))/(r_(0))=(1)/(2)M_(alpha)v_(alpha)""^(2)` अथवा `r_(0)=((1)/(4piepsilon_(0)))(2(Ze)(2e//M_(alpha)))/(v_(alpha)""^(2))` दिया गये मान रखने पर `r_(0)=(9.0xx10^(9))xx(2(79xx1.6xx10^(-19))xx(4.8xx10^(7)))/((2.0xx10^(7))^(2))` `=2.73xx10^(-14)` मीटर। |
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| 61. |
संक्रमण से प्राप्त स्पेक्ट्रमी रेखाओं में लघुत्तम तरंगदैर्घ्य उत्पन्न होगी :A. हाइड्रोजन परमाणु सेB. ड्यूट्रियम परमाणु सेC. एकल-आयनित हीलियम सेD. द्वि-आयनित लिथियम से। |
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Answer» Correct Answer - D `(1)/(lambda)="R Z"^(2)((1)/(1^(2))-(1)/(2^(2))),` Z का मान द्वी-आयनित लिथियम के लिए 3 (अधिकतम) है। |
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| 62. |
रदरफोर्ड के `alpha`-कण के प्रयोग से यह देखने में आता है की (i) अधिकतर `alpha`-कण लगभग बिना प्रकीर्णित हुए निकल आते हैं, (ii) जबकि उनमें से कुछ बड़ा कोण बनाते हुए प्रकीर्णित होते हैं। परमाणु की संरचना के विषय में यह क्या सुचना देता है ? |
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Answer» (i) परमाणु के भीतर अधिकांश भाग खोखला है तथा (ii) परमाणु में धन-आवेश एक अत्यन्त सूक्ष्म स्थान (नाभिक) में संकेन्द्रित है। |
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| 63. |
रदरफोर्ड के `alpha`-कण प्रकीर्णन प्रयोग में जिस बल के कारण `alpha`-कण प्रकीर्णित होते हैं, वह बल है :A. गुरूत्वीयB. नाभिकीयC. कूलॉमीयD. चुम्बकीय। |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 64. |
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में पाशन श्रेणी आती है :A. अवरक्त क्षेत्र मेंB. पराबैंगनी क्षेत्र मेंC. दृश्य-प्रकाश मेंD. इनमें से किसी में नहीं। |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 65. |
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की कौन-सी श्रेणी दृश्य क्षेत्र में पायी जाती है ?A. लाइमनB. बामरC. पाशनD. ब्रैकेट। |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 66. |
प्रथम बोहर-त्रिज्या और म्यूओनिक हाइड्रोजन परमाणु [अर्थात कोई परमाणु जिसमें लगभग `207" "m_(e)` द्रव्यमान का ऋणावेशित म्यूऑन `(mu^(-))` प्रोटॉन के चारों ओर घूमता है] कि निम्नतम अवस्था ऊर्जा तो प्राप्त करने का परिकलन कीजिए। |
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Answer» यदि `m_(mu)` म्यूऑन का द्रव्यमान है, तब बोहर सिध्दान्त से `(1)/(4piepsilon_(0))(e^(2))/(r^(2))=(m_(mu)v^(2))/( r )"तथा "m_(mu)v_(r)=(nh)/(2pi)` इन समीकरणों से v को हटाने पर, `r=(epsilon_(0)h^(2)n^(2))/(pim_(mu)e^(2))` क्योंकि `m_(mu)=207" "m_(e),` जहाँ `m_(e)` इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान है। `:.r=(epsilon_(0)h^(2)n^(2))/(207pim_(e)e^(2))` म्यूऑन की निम्नतम अवस्था (n = 1) के लिये `r_(mu)=(epsilon_(0)h^(2))/(207pim_(e).e^(2))` परन्तु `(epsilon_(0)h^(2))/(pim_(e)e^(2))=H`-परमाणु की निम्नतम अवस्था में त्रिज्या `=0.53xx10^(-10)"मीटर"` `:.r_(mu)=(0.53xx10^(-10))/(207)=2.56xx10^(-13)"मीटर।"` तथा ऊर्जा, `E_(n)=-(m_(e)^(4))/(8epsilon_(0)^(2)h^(2)).(1)/(n^(2))` स्पष्टत: `E_(n)propm` `implies(E_(mu))/(E_(e))=(m_(mu))/(m_(e))" अथवा "E_(mu)=(m_(mu))/(m_(e))xxE_(e)` H-परमाणु में इलेक्ट्रॉन की निम्नतम अवस्था में ऊर्जा, `E_(e)=-13.6" eV"` `:.E_(mu)=(207m_(e))/(m_(e))xx(-13.6" eV")` `=-2.8xx10^(3)" eV"=-2.8" keV".` |
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| 67. |
बामर श्रेणी की प्रथम रेखा की तरंगदैर्घ्य `6563Å` है। इस श्रेणी की दूसरी व सीमा रेखा की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। |
| Answer» Correct Answer - `4861Å,3646Å`. | |
| 68. |
`alpha`-कण के प्रकीर्णन में स्वर्ण-पत्र ही क्यों प्रयुक्त किये गये ? |
| Answer» सोने है नाभिक भारी है, अत: `alpha`-कण का विक्षेप अधिक होता है। दूसरे , सोने के अत्यधिक बारीक पत्र बनाये जा सकते हैं। | |
| 69. |
किसी उत्तेजित हाइड्रोजन परमाणु के इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा - 3.4 eV है। इस इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग ज्ञात कीजिए। दिया है कि n वीं कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा `-(13.6)/(n^(2))eV` होती है। `(h=6.6xx10^(-34)" जूल-सेकण्ड")` |
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Answer» n वीं कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा `=-(13.6)/(n^(2))eV` उत्तेजित इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा `-3.4 eV` है। `:." "-(13.6)/(n^(2))eV=-3.4 eV` इससे `" "n=2` बोहर की प्रथम परिकल्पना से, इलेक्ट्रॉन का n वीं कक्षा में कोणीय संवेग n `h//2pi` होता है। यहाँ n = 2 `:." ""कोणीय संवेग "J=((nh)/(2pi))=(2xx6.6xx10^(-34)"जूल-सेकण्ड")/(2xx3.14)` `=2.1xx10^(-34)` जूल-सेकण्ड। |
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| 70. |
एक हाइड्रोजन परमाणु तथा एक `"Li"^(++)` आयन द्वितीय उत्तेजित अवस्था में हैं। यदि `l_(H)` तथा `l_("Li")` क्रमश: उनके इलेक्ट्रॉनिक कोणीय संवेग हैं तथा `E_(H)` व `E_("Li")` उनकी क्रमश: ऊर्जाएँ हैं, तब :A. `l_(H)gtl_("Li")" तथा "|E_(H)|gt |E_("Li")|`B. `l_(H)=l_("Li")" तथा "|E_(H)|lt |E_("Li")|`C. `l_(H)=l_("Li")" तथा "|E_(H)|gt |E_("Li")|`D. `l_(H)gtl_("Li")" तथा "|E_(H)|lt |E_("Li")|` |
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Answer» Correct Answer - B `H(Z=1)" व ""Li"^(++)(Z=3)` दोनों के लिये द्वितीय उत्तेजित अवस्था (n = 3) में कोणीय संवेग `3h//2pi` होगा, परन्तु ऊर्जा `(E_(n)=-Z^(2)(13.6)/(n^(2))"eV"),"Li"^(++)` के लिये अधिक होगी क्योंकि इसका Z अधिक है। |
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| 71. |
अनापेक्षिकीय उपगमन के उपयोग से हीलियम `("He"^(+))` की तृतीय कक्षा में इलेक्ट्रॉन की चाल होगी (दिया है : `K=9xx10^(9)`, Z = 2 तथा `h=6.6xx10^(-34)" जूल से")`A. `1.46xx10^(6)" मी/से"`B. `0.73xx10^(6)" मी/से"`C. `3.0xx10^(8)" मी/से"`D. `2.92xx10^(6)" मी/से।"` |
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Answer» Correct Answer - A H- सदृश्य परमाणु की n वीं कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा `E_(n)=-13.6(Z^(2))/(n^(2))"eV"` हीलियम की तृतीय कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा `E_(3)=-13.6xx(4)/(9)"eV"=-13.6xx(4)/(9)xx1.6xx10^(-19)"जूल"` `=-9.67xx10^(-19)"जूल"` बोहर मॉडल में `K.E_(3)=-E_(3)` `(1)/(2)m_(e)v^(2)=9.67xx10^(-19)"जूल"` `v=sqrt((2xx9.67xx10^(-19))/(9.1xx10^(-31)))=1.46xx10^(6)"मी/से।"` |
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| 72. |
हाइड्रोजन परमाणु के ऊर्जा स्तरों को `E_(n)=-(13.6)/(n^(2)"eV"` से व्यक्त किया जाता है। ऊर्जा-स्तर आरेख खींचकर `H_(alpha)` तथा `H_(lambda)` संक्रमणों को दर्शाइए तथा इनकी तरंगदैर्घ्य भी ज्ञात कीजिए। |
| Answer» Correct Answer - `6548Å,4327Å.` | |
| 73. |
कोई परमाणु 5.36 eV तथा 3.45 eV ऊर्जाओं के दो ऊर्जा-स्तरों पर पाया जाता है। यदि परमाणु एक ऊर्जा-स्तर से दूसरे ऊर्जा-स्तर पर जाये, तो उसके द्वारा उत्सर्जित प्रकाश की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए `(h=4.141xx10^(-15)" eV"-"सेकण्ड")` |
| Answer» Correct Answer - `6504Å.` | |
| 74. |
हाइड्रोजन परमाणु के लिए पहले व दूसरे ऊर्जन विभव क्रमश: 10.2 तथा 12.09 वोल्ट हैं। इस आधार पर परमाणु का ऊर्जा-स्तर आरेख खींचिये तथा उसमें सभी सम्भव उत्सर्जन-संक्रमणों को दिखाइये तथा उनके संगत तरंगदैर्घ्यों को अंकित कीजिए। |
| Answer» `1213Å,1023Å,6547Å.` | |
| 75. |
एक परमाणु के पहले दो ऊर्जन-विभव 6.8 वोल्ट तथा 11.2 वोल्ट हैं। (i) उत्सर्जन में तथा (ii) अवशोषण में सम्भव स्पेक्ट्रमी रेखाओं की तरंगदैर्घ्यों की गणना कीजिए। |
| Answer» (i) `1820Å,1105Å,2812Å,` (ii) `1820Å,1105Å`. | |
| 76. |
ऊर्जा क्वांटिकरण के लिये बोहर के सूत्र का उपयोग करके ज्ञात कीजिए : (i) हाइड्रोजन परमाणु के स्पेक्ट्रम की बामर श्रेणी मैं महत्तम तरंगदैर्घ्य तथा (ii) `"He"^(+)` आयन के n = 3 स्तर की उतेजन ऊर्जा।`(R=1.097xx10^(7)"मीटर"^(-1))` |
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Answer» (i) हाइड्रोजन परमाणु (Z = 1) की बामर श्रेणी में तरंगदैर्घ्य के लिये, `(1)/(lambda)=R((1)/(2^(2))-(1)/(n^(2)))," ""जहाँ "n=3,4,5,…` महत्तम तरंगदैर्घ्य के लिये, n = 3 `:.(1)/(lambda)R((1)/(2^(2))-(1)/(3^(2)))=(5R)/(36)` अथवा `lambda=(36)/(5R)=(36)/(5xx(1.097xx10^(7)" मीटर"^(-1)))` `=6.563xx10^(-7)" मीटर "=6563Å.` (ii) हाइड्रोजन-सदृश आयनों की ऊर्जायें निम्न सूत्रानुसार होती हैं : `E_(n)=-Z^(2)(13.6)/(n^(2)" इलेक्ट्रॉन-वाल्ट।"` `"He"^(+)` आयन (Z = 2) में निम्नतम ऊर्जा-स्तर n = 1 से n = 3 ऊर्जा-स्तर में इलेक्ट्रॉन को उत्तेजित करने के लिये आवश्यक ऊर्जा `E_(3)-E_(1)=(2)^(2)xx13.6xx((1)/(3^(2))-(1)/(1^(2)))"eV"` `=-4xx13.6xx(-8//9)"eV"` `=48.3 "इलेक्ट्रान-वोल्ट।"` यही `n = 3` स्तर की उत्तेजन ऊर्जा है। |
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| 77. |
हाइड्रोजन परमाणु की मूल अवस्था में ऊर्जा -13.6 eV है। इसे 13.6 eV ऊर्जा दी जाती है। यह किस ऊर्जा-स्तर में पहुँचेगा? इस प्रक्रिया में अवशोषित फोटॉन की तरंगदैर्घ्य कितनी होगी? `(h=6.6xx10^(-34)" जल-सेकण्ड तथा "c=3.0xx10^(8)" मीटर / सेकण्ड")` |
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Answer» हाइड्रोजन परमाणु की n वें स्तर में ऊर्जा `E_(n)=-("R h c")/(n^(2))" "…(i)` मूल अवस्था (n = 1) में ऊर्जा -13.6 eV है (दिया है)। `:.E_(1)=-"R h c"=-13.6" eV".` इसे 13.6 eV ऊर्जा देने पर इसकी ऊर्जा शून्य हो जायेगी। समीकरण (i) में `E_(n)=0` रखने पर `n=oo` अर्थात परमाणु को अर्थात परमाणु आयनित (ionised) हो जायेगा। अब, परमाणु को `DeltaE` ऊर्जा देने पर, अवशोषित फोटॉन की तरंगदैर्घ्य `lambda=("hc")/(DeltaE)." "[because DeltaE="hv"="hc"//lambda]` यहाँ `Delta E=13.6" eV"=13.6xx1.6xx10^(-19)" जूल।"` `:.lambda=((6.6xx10^(-34)" जूल-से")(3.0xx10^(8)" मी / से"))/(13.6xx1.6xx10^(-19)" जूल")` `=0.91xx10^(-7)" मीटर "=910Å.` वैक्लिपक विधि : `lambda=(12375)/(DeltaE(" इलेक्ट्रॉन-वोल्ट में"))Å=(12375)/(13.6)=910Å.` |
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| 78. |
बामर श्रेणी की द्वितीय रेखा की तरंगदैर्घ्य `4860Å` है। ज्ञात कीजिए : (i) रिडबर्ग नियतांक, (ii) बामर श्रेणी की प्रथम रेखा की तरंगदैर्घ्य। |
| Answer» `1.097xx10^(7)" मीटर "^(-1),` (ii) `6563Å`. | |
| 79. |
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की बामर श्रेणी की दूसरी रेखा की तरंगदैर्घ्य `4861Å` है। इस श्रेणी की चौथी रेखा की तरंगदैर्घ्य की गणना कीजिए। |
| Answer» Correct Answer - `4102Å`. | |