InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
‘पर्यावरण के अर्थ को स्पष्ट कीजिए। यापर्यावरण का व्युत्पत्ति अर्थ क्या है? |
|
Answer» ‘पर्यावरण की अवधारणा को स्पष्ट करने से पूर्व पर्यावरण’ के शाब्दिक अर्थ को स्पष्ट करना आवश्यक है। ‘पर्यावरण’ के व्युत्पत्ति अर्थ को स्पष्ट करते हुए हम कह सकते हैं कि ‘पर्यावरण शब्द दो शब्दों अर्थात ‘परि’ और ‘आवरण’ के संयोग या मेल से बना है। ‘परि’ का अर्थ है चारों ओर तथा आवरण का अर्थ है—‘घेरा’। इस प्रकार पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ हुआ चारों ओर का घेरा। इस प्रकार व्यक्ति के सन्दर्भ में कहा जा सकता है कि व्यक्ति के चारों ओर जो प्राकृतिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक शक्तियाँ और परिस्थितियाँ विद्यमान हैं, उनके प्रभावी रूप को ही पर्यावरण कहा जाता है। |
|
| 2. |
‘पर्यावरण की एक स्पष्ट परिभाषा लिखिए। |
|
Answer» “पर्यावरण वह सब कुछ है जो किसी जीव अथवा वस्तु को चारों ओर से घेरे होता है और उसे प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।” |
|
| 3. |
जल-प्रदूषण का अर्थ एवं मुख्य स्रोतों का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» जल-प्रदूषण का अर्थ ⦁ जल-प्रदूषण का प्रमुख स्रोत मल-मूत्र, औद्योगिक बहिस्राव, उर्वरक और कीटनाशक पदार्थ हैं। सीवर पाइप, घरेलू कूड़ा-करकट और कारखानों से निकले हुए अवशिष्टों का जल में विलय होने से जल प्रदूषित हो जाता है। |
|
| 4. |
पर्यावरण के वर्गीकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। |
|
Answer» अध्ययन की सुविधा तथा प्रभावों की भिन्नता को ध्यान में रखते हुए सम्पूर्ण पर्यावरण को निम्नलिखित वर्गों में वर्गीकृत किया गया है- 1. प्राकृतिक अथवा भौगोलिक पर्यावरण |
|
| 5. |
वायु-प्रदूषण का अर्थ एवं मुख्य स्रोतों का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» अर्थ: मानव और सभी जीवों के लिए स्वच्छ वायु आवश्यक है। वायुमण्डल में विभिन्न गैसें एक निश्चित मात्रा एवं अनुपात में होती हैं। जब किन्हीं कारणों से उनकी मात्रा और अनुपात में परिवर्तन हो जाता है तो वायु प्रदूषित हो जाती है। ‘विश्व-स्वास्थ्य संगठन ने वायु-प्रदूषण के अर्थ को स्पष्ट करते हुए कहा-“वायु प्रदूषण उन परिस्थितियों तक सीमित रहता है जहाँ वायुमण्डल में दूषित पदार्थों की सान्द्रता मनुष्य और पर्यावरण को हानि पहुँचाने की सीमा तक बढ़ती है। वायु-प्रदूषण के स्रोत–वायु-प्रदूषण मुख्य रूप से मानव की गतिविधियों के फलस्वरूप होता है। औद्योगीकरण, नगरीकरण तथा ईंधन चालित वाहनों में होने वाली वृद्धि वायु-प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। |
|
| 6. |
पर्यावरण-प्रदूषण को रोकने में ओजोन परत की भूमिका बताइए। |
|
Answer» हमारे वायुमण्डल में ओजोन की परत एक छतरी के रूप में विद्यमान है तथा हमारे वायुमण्डल के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है। यह ओजोन परत सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर सीधे आने से रोकती है। इसके साथ-ही-साथ ओजोन गैस अपनी विशिष्ट प्रकृति के कारण हमारे पर्यावरण के विभिन्न प्रदूषकों को नष्ट करने का कार्य भी करती है। अनेक घातक एवं हानिकारक जीवाणुओजोन के प्रभाव से नष्ट होते रहते हैं। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि पर्यावरण-प्रदूषण को रोकने में ओजोन परत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। |
|
| 7. |
जल प्रदूषण के किन्हीं दो कारकों की व्याख्या कीजिए। |
|
Answer» जल प्रदूषण के दो कारक निम्नलिखित हैं 1. घरों से बहकर निकलने वाला फिनायल, साबुन, सर्फ एवं शैम्पू आदि से युक्त गन्दा पानी तथा शौचालय का दूषित मल नालियों में प्रवाहित होता हुआ नदियों व झीलों के जल में मिलकर उसे दूषित कर देता है। |
|
| 8. |
पर्यावरण-प्रदूषण के मुख्य प्रकारों का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» प्रकृति-प्रदत्त पर्यावरण में जब किन्हीं तत्त्वों का अनुपात इस रूप में बदलने लगता है। जिसका जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका होती है, तब कहा जाता है कि पर्यावरण-प्रदूषण हो रहा है। पर्यावरण के भिन्न-भिन्न भाग या पक्ष हैं। इस स्थिति में पर्यावरण के विभिन्न पक्षों के अनुसार ही पर्यावरण प्रदूषण के विभिन्न पक्ष निर्धारित किये गये हैं। इस प्रकार पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य प्रकार हैं- ⦁ वायु-प्रदूषण |
|
| 9. |
भारत में पर्यावरण-प्रदूषण का सामान्य विवरण प्रस्तुत कीजिए। पर्यावरण संरक्षण के सरकारी उपायों का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» भारत में पर्यावरण-प्रदूषण भारत में पर्यावरण-प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ रही है। सबसे प्रमुख समस्या जल-प्रदूषण की है। इसके बाद नगरीय क्षेत्रों में वायु और ध्वनि-प्रदूषण की समस्या है। लगभग सभी नदियाँ प्रदूषण की समस्या से ग्रस्त हैं और देश में उपलब्ध जल का लगभग 70 प्रतिशत भाग प्रदूषित है। लगभग सभी नदियों में कारखानों को गन्दा पानी छोड़ा जाता है साथ ही मल-मूत्र भी मिलता रहता है। दामोदर नदी में दुर्गापुर और आसनसोल में स्थित कारखानों से छोड़े जाने वाले अवशिष्टों और मल आदि के मिलने से फिनोल, सायनाइड, अमोनिया आदि विषैले तत्वों की मात्रा बढ़ गयी है। हुगली नदी का जल और अधिक प्रदूषित है। गंगा जल में स्वयं शुद्ध होते रहने की क्षमता है परन्तु इसका जल भी प्रदूषित हो गया है। कानपुर और वाराणसी में इसका जल बहुत अधिक प्रदूषित है। भारत में वायु-प्रदूषण भी निरन्तर बढ़ रहा है। पर्यावरण संरक्षण के सरकारी उपाय |
|
| 10. |
जल-प्रदूषण का जनजीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? इसे रोकने के उपायों का भी उल्लेख कीजिए।याजल प्रदूषण की समस्या के निवारण हेतु अपनाए जाने वाले उपायों का वर्णन कीजिए। |
|
Answer» जल-प्रदूषण का जनजीवन पर प्रभाव |
|
| 11. |
आर्थिक जीवन पर पर्यावरण-प्रदूषण का क्या प्रभाव पड़ता है? |
|
Answer» व्यक्ति, समाज तथा राष्ट्र की आर्थिक स्थिति पर पर्यावरण-प्रदूषण का उल्लेखनीय प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वास्तव में यदि व्यक्ति का सामान्य स्वास्थ्य का स्तर निम्न हो तथा उसकी कार्यक्षमता भी कम हो तो वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समुचित धन कदापि अर्जित नहीं कर सकता। पर्यावरण प्रदूषण के कारण व्यक्ति अथवा उसके परिवार के सदस्य रोग ग्रस्त हो जाते हैं। इस स्थिति में रोग के उपचार के लिए भी पर्याप्त धन खर्च करना पड़ जाता है। इससे व्यक्ति एवं परिवार का आर्थिक बजट बिगड़ जाता है तथा व्यक्ति एवं परिवार की आर्थिक स्थिति निम्न हो जाती है। |
|
| 12. |
वायु-प्रदूषण का जनजीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? इसे रोकने के उपायों का भी उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» वायु-प्रदूषण का जनजीवन पर प्रभाव |
|
| 13. |
पर्यावरण-प्रदूषण का जन-स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? |
|
Answer» पर्यावरण-प्रदूषण का सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव जन-स्वास्थ्य पर पड़ता है। पर्यावरण के भिन्न-भिन्न पक्षों में होने वाले प्रदूषण से भिन्न-भिन्न प्रकार के रोग बढ़ते हैं। हम जानते हैं कि वायु प्रदूषण के परिणामस्वरूप श्वसन तन्त्र से सम्बन्धित रोग अधिक प्रबल होते हैं। जल-प्रदूषण के परिणामस्वरूप पाचन-तन्त्र से सम्बन्धित रोग अधिक फैलते हैं। ध्वनि प्रदूषण भी तन्त्रिका-तन्त्र, हृदय एवं रक्तचाप सम्बन्धी विकारों को जन्म देता है। पर्यावरण-प्रदूषण को व्यक्ति के स्वभाव एवं व्यवहार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यही नहीं निरन्तर प्रदूषित पर्यावरण में रहने से व्यक्ति की औसत आयु घटती है तथा स्वास्थ्य का सामान्य स्तर भी निम्न ही रहता है। |
|
| 14. |
व्यक्ति की कार्यक्षमता पर पर्यावरण-प्रदूषण का क्या प्रभाव पड़ता है? |
|
Answer» पर्यावरण-प्रदूषण का व्यक्ति की कार्यक्षमता पर अनिवार्य रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हम जानते हैं कि पर्यावरण-प्रदूषण के परिणामस्वरूप जन-स्वास्थ्य का स्तर निम्न होती है। निम्न स्वास्थ्य स्तर वाला व्यक्ति ने तो अपने कार्य को ही कुशलतापूर्वक कर सकता है और न ही उसकी उत्पादन-क्षमता ही सामान्य रह पाती है। ये दोनों ही स्थितियाँ व्यक्ति एवं समाज के लिए हानिकारक सिद्ध होती हैं। वास्तव में प्रदूषित वातावरण में भले ही व्यक्ति अस्वस्थ न भी हो, तो भी उसकी चुस्ती एवं स्फूर्ति तो घट ही जाती है। यही कारक व्यक्ति की कार्यक्षमता को घटाने के लिए पर्याप्त सिद्ध होता है। |
|
| 15. |
ध्वनि-प्रदूषण का सामान्य विवरण प्रस्तुत कीजिए।याध्वनि प्रदूषण से आप क्या समझते हैं? |
|
Answer» अर्थ: आधुनिक युग में ध्वनि प्रदूषण भी मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रहा है। वातावरण में विभिन्न प्रकार के ध्वनि वाले ध्वनि-यन्त्रों से शोर बहुत अधिक बढ़ गया है और यह शोर का बढ़ना ही ध्वनि-प्रदूषण कहलाता है। ध्वनि की तीव्रता के मापन की इकाई डेसीबेल है। सामान्य रूप से 85 डेसीबेल से अधिक ध्वनि का पर्यावरण में व्याप्त होना ध्वनि-प्रदूषण माना जाता है। कारखानों की मशीनों से थोड़े-थोड़े अन्तराल पर बजने वाले सायरन, विमान, रेडियो, लाउडस्पीकर, टै फलस्वरूप जो शोर उत्पन्न होता है, वह ध्वनि-प्रदूषण है। ध्वनि-प्रदूषण के स्रोत |
|
| 16. |
भारत में पर्यावरण विभाग की स्थापना कब की गई?(क) 1 नवम्बर, 1980(ख) 1 नवम्बर, 1880(ग) 1 नवम्बर, 1990(घ) 1 नवम्बर, 1986 |
|
Answer» सही विकल्प है (घ) 1 नवम्बर, 1986 |
|
| 17. |
साँस की तकलीफ किस प्रकार के प्रदूषण से होती है? |
|
Answer» साँस की तकलीफ मुख्य रूप से वायु-प्रदूषण के कारण होती है। |
|
| 18. |
जल प्रदूषण से आप क्या समझते हैं ? इसके मुख्य कारणों, हानियों तथा नियन्त्रित करने के उपायों का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» जल प्रदूषण : पर्यावरण प्रदूषण का एक मुख्य रूप या प्रकार है-जल प्रदूषण। जल के मुख्य स्रोतों में दूषित एवं विषैले तत्त्वों का समावेश होना जल प्रदूषण कहलाती है। यह भी आज के युग की गम्भीर समस्या है। इसका अत्यधिक बुरा प्रभाव मानव-समाज, प्राणि-जगत तथा वनस्पति जगते पर पड़ता है। जल प्रदूषण के कारणों, हानियों तथा इसे नियन्त्रित करने के उपायों का विवरण निम्नवर्णित है। जल प्रदूषण के कारण जल प्रदूषण के निम्नलिखित कारण हैं: ⦁ औद्योगीकरण जल प्रदूषण के लिए सर्वाधिक उत्तरदायी है। चमड़े के कारखाने, चीनी एवं ऐल्कोहॉल के कारखाने कागज की मिलें तथा अन्य अनेकानेक उद्योग नदियों के जल को प्रदूषित करते हैं। “जल प्रदूषण की हानियाँ जल प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय |
|
| 19. |
पर्यावरण का जनजीवन से सम्बन्ध है (क) औपचारिक(ख) घनिष्ठ(ग) अनावश्यक(घ) कोई सम्बन्ध नहीं |
|
Answer» सही विकल्प है (ख) घनिष्ठ |
|
| 20. |
पर्यावरण-प्रदूषण का प्रभाव पड़ता है(क) जन-स्वास्थ्य पर।(ख) व्यक्तिगत कार्यक्षमता पर(ग) आर्थिक जीवन पर(घ) इन सभी पर |
|
Answer» सही विकल्प है (घ) इन सभी पर |
|
| 21. |
ध्वनि मापन की इकाई क्या है ? |
|
Answer» डेसिबल (db)। |
|
| 22. |
प्रदूषण की समस्या किस शिक्षा के माध्यम से दूर की जा सकती है ? |
|
Answer» प्रदूषण की समस्या पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से दूर की जा सकती है। |
|
| 23. |
विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है? (क) 26 जनवरी को(ख) 5 जून को(ग) 4 जुलाई को(घ) 11 जुलाई को |
|
Answer» सही विकल्प है (ख) 5 जून को |
|
| 24. |
क्या वर्तमान औद्योगिक प्रगति के युग में पर्यावरण प्रदूषण को पूर्ण रूप से समाप्त करना सम्भव है? |
|
Answer» वर्तमान औद्योगिक प्रगति के युग में पर्यावरण-प्रदूषण को केवल नियन्त्रित किया जा सकता है, पूर्ण रूप से समाप्त नहीं किया जा सकता। |
|
| 25. |
प्रदूषण की समस्या का मुकाबला करने के लिए जो सर्वाधिक उपयोगी सिद्ध हो सकती है, वह है याप्रदूषण की समस्या दूर करने के लिए सबसे उपयोगी है।(क) सामान्य शिक्षा(ख) पर्यावरण-शिक्षा(ग) तकनीकी शिक्षा(घ) स्वास्थ्य शिक्षा |
|
Answer» सही विकल्प है (ख) पर्यावरण-शिक्षा |
|
| 26. |
पर्यावरण-प्रदूषण की दर में होने वाली वृद्धि के लिए जिम्मेदार है(क) फैशन की होड़(ख) औद्योगीकरण(ग) संस्कृतिकरण(घ) इनमें से कोई नहीं |
|
Answer» सही विकल्प है (ख) औद्योगीकरण |
|
| 27. |
आधुनिक वैज्ञानिक युग में विश्व की सबसे गम्भीर समस्या क्या है ? |
|
Answer» आधुनिक वैज्ञानिक युग में विश्व की सबसे गम्भीर समस्या है पर्यावरण प्रदूषण की समस्या। |
|
| 28. |
वर्तमान औद्योगिक एवं नगरीय क्षेत्रों की मुख्य समस्या है या आधुनिक वैज्ञानिक युग में विश्व की गम्भीर समस्या है (क) निर्धनता की समस्या(ख) बेरोजगारी की समस्या(ग) भिक्षावृत्ति की समस्या(घ) पर्यावरण प्रदूषण की समस्या |
|
Answer» (घ) पर्यावरण प्रदूषण की समस्या |
|