InterviewSolution
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UUप्रश्न.12 आपके विद्यालय में पर्यावरण सुरक्षित- होली उत्सव का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक था होली के रंगदोस्तों के संग अपनी विद्यालय पत्रिका के लिए इस पर आधारित अनुच्छेद तैयार कीजिए। |
Answer» भारत में होली का त्यौहार हर्षोल्लास और पूर्ण उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, होली का त्यौहार "फाल्गुन" माह और ग्रेगोरीयन पंचांग के अनुसार, यह त्यौहार सामान्यतः मार्च के महीने में मनाया जाता है। होली रंगों का त्यौहार है और आप इस त्यौहार के दिन हर्ष और उल्लास के साथ चारों ओर जीवंत रंगो का एक खूबसूरत सम्मिश्रण देख सकते हैं। लेकिन होली के त्यौहार के समय, कई प्रकार से प्रदूषण के कारण भी देखने को मिलते हैं। होली खेलने के शौकीन लोग कृत्रिम रंगों का उपयोग करते हैं जो न केवल पर्यावरण को बल्कि लोगों की त्वचा और आँखों को भी नुकसान पहुँचाते हैं। होलिका दहन के दौरान जलाई गई लकड़ियों का धुआँ हवा में मिलकर सीधे प्रदूषण उत्पन्न करता है। होली के इस त्यौहार पर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण के अनुकूल जैविक रंगों जैसे उत्पादों का उपयोग करके पर्यावरण को अधिक प्रदूषित होने से बचाकर इस त्यौहार का आनंद ले सकते हैं। |
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Essay of 5 lines ( Marathi poem by narayan surve )भाकरीचा चंद्र शोधण्यातच जिंदगी बरबाद झाली. |
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Answer» नारायण सुर्वे पद्म श्री से सम्मानित प्रसिद्ध मराठी कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता थे।जन्म के कुछ दिनों के बाद ही नारायण सुर्वे के माता-पिता का निधन हो गया था। उनका जीवन मुंबई की गलियों में ही बीता। वे रोजी-रोटी चलाने के लिए दिहाड़ी पर छोटे-मोटे काम करते थे। सुर्वे प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने कई मजदूर संगठनों में काम किया था। 83 वर्ष की अवस्था में लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त 2010 को ठाणे में उनका निधन हो गया।वर्ष 1966 में सुर्वे की पहली पुस्तक "माझे विद्यापीठ" (मेरा विश्वविद्यालय) प्रकाशित हुई थी।1998- पद्म श्री सम्मान, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए। प्रख्यात मराठी कवि नारायण सुर्वे का निधन, खास खबर।
यह लेख किसी लेखक, कवि अथवा नाटककार के बारे में एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। This is your answer. |
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प्र.क्र.५-आशय स्पष्ट कीजिए(०१)(क)भारतीय जीवन में सात्विक सरलता है ।हम उस वक्त तक भारतीय जीवन से मजदूरी नहकराते,जब तक परिस्थिति हमें विवश न करदेोदरिद्र से दरिद्र हिंदुस्तानी मजदूर की शिक्षाके उपकारों का कायल है।उसके मन में यह अभिलाषा होती है कि मेरा बच्चा चार अक्षरपढ़ जाए।इसलिए नहीं कि उसे कोई अधिकार मिलेगा बल्कि केवल इसलिए कि विद्यामानवीय शील का श्रृंगार है । |
| Answer» | |
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1.संज्ञाओं के विशेषण रुप लिखिए गहराई, सतर्कता, कुशलता2.शब्दों के तत्सम रुप लिखिए जोधा, कारज, सूर3.विशेषणों के संज्ञा रुप लिखिए मोहित, प्रतिष्ठित, देशी4.हिन्दी समानार्थी शब्द लिखिए रुपये, फैसला, तरीका,5.सन्धि विच्छेदकीजिएराजेन्द्र, अधिकांश, सदुपयोगतर लिखिए- |
Answer»
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मिलाइए।मैं ना खड़ा हूँ1) सबका हाहाकार है।फूल डाल का पीछे,ii) से ज्यादा सुकुमार हैमेरी धरती सौ-सौ स्वर्गों ii) पहले उपवन का श्रृंगामेरा दर्द नहीं मेरा है,iv) जाति-पाति की ऊँची.ए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।कवि ने अमरत्व के स्थान पर मनुजत्व को क्यों स्वीववि ने 'जंग लगी जंजीर किसे और क्यों कहा है?गहित और स्वयंहित जीने में क्या अंतर है? अपने |
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Answer» vhhjķhhnbbnn14579760 |
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बेबी ने पोस्टमेन के हाथों जूते को बंडलथमा किया। इस प्रसंग के बीच की संभावित ।बातचितु लिये |
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Answer» इस इस पर बातचीत का प्रसंग लिखना है क्या मुझे कमेंट करके बताओ |
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C) Thegovernment has issued a warning against the spread of gastroenteritis.A warning againstissued bythe government. |
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Answer» GOVERNMENT is an INDUSTRIAL WORKING under any CATEGORIES |
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(२). बातमीलेखन :खालील विषयावर बातमी तयार करा.मराठी भाषा संवर्धन पंधरवडा' या उपक्रमास शहरातील सर्वच शाळांकडून उत्तम प्रतिसाद |
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Answer» I can not UNDERSTAND this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this I can not understand this |
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(क) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखें।(ख) नैतिक शिक्षा व्यक्ति में किन-किन गुणों का संचार कर सकती है ?(ग) समाज में व्यक्ति किस गुण से पहचाना जाता है ?(घ) लेखक ने किसे शिक्षा नहीं माना है ?(ङ) नैतिक शिक्षा व्यक्ति में कौन-सी शक्ति उत्पन्न करती है ?(च) 'नैतिक' और 'गुण' का विलोम शब्द लिखें।(छ) 'सुशिक्षा' और 'अनुशासन' का उपसर्ग अलग करें।(ज) 'निर्धान्त' और 'आस्था' का शब्दार्थ लिखें। |
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Answer» गद्यांश कहाँ है इस में नहीं दिख रहा है |
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01. पत्थर तोडने वाली जहाँ बैठी थी, उ02 दुनिया के सारे अनपढ़ तानाशाहों केकुचला है। क्यों ? स्पष्ट लिखिए ।03. औपचारिक तथा अनौपचारिक पत्र ले04. प्रतिवेदन लेखन की किन्हीं चार विशOf oft fat |
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Answer» jdydokgykykipyuohktikgydutdjgddfjsgjs the 4ŊĬŞĤĂÑŤ☜_________☞ŠĤĄŘMĀ46469yordgjdkxkxhhkdkhc |
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(क) बच्चे आएँगे और खाना खाकर जाएँगे। वाच्य किस वाक्य भेद से संबंधित है?(i) सरल वाक्य(ii) मिश्र वाक्य(iii) संयुक्त वाक्य(iv) सामान्य वाक्य |
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Answer» सामान्य वाकिय भेद से संबंधित है। |
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1. इनमें से किस विकल्प के सभी शब्द परस्पर समनार्थी नहीं है?(1) रश्मिी, अंशु, धनुष, कर(2) धनुष, कोदण्ड, शर, चाप(3) जलज, पंकज, पाथोज, अंभोज(4) नभ, अम्बर, व्योम, गगन |
Answer» C 3 c 3 c 3 c 3 c 3 c 3 c 3 c 3 c 3 c3cc 3c 3c 3c 3c. 3 is the RIGHT answer |
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(ii) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए ।(इज्जत उतारना, जेब ढीली होना, गला फाड़कर, तिलमिला जाना)पाँच बच्चों को मेले में घुमाकर लाने के बाद रघू की जेब में से पैसे खत्म हो गये थे। |
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Answer» " जेब ढिली होना ।" पाँच बच्चों को मेले में घुमाकर लाने के बाद रघू की जेब ढीली हो गई । |
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'मरजादा न लही' के माध्यम से कौन-सी मर्यादा न रहने की बातकी जा रही है? please give me answer,and good evening mehrama bro |
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Answer» मरजादा न लही' के माध्यम से प्रेम की मर्यादा न रहने की बात की जा रही है। कृष्ण के मथुरा चले जाने पर गोपियाँ उनके वियोग में जल रही थीं। कृष्ण के आने पर ही उनकी विरह-वेदना मिट सकती थी, परन्तु कृष्ण ने स्वयं न आकर उद्धव को यह संदेश देकर भेज दिया की गोपियाँ कृष्ण का प्रेम भूलकर योग-साधना में लग जाएँ । Explanation: |
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चलने-फिरने वाले बच्चों में जिनमें भाव देर तक नहीं टिकते और दुख परिहार का ज्ञान या बल नहीं होता, भय अधिकि होता है। बहुत से बच्चे तो किसी अपरिचित आदमी को देखते ही घर के भीतर भागते है। पशुओं में भी भय अधिकि पाया जाता है। अपरिचित के भय में जीवन का कोई गूढ़ रहस्य छिपा जान पड़ता है। प्रत्येक प्राणी भीतरी आँखखुलते ही अपने सामने मानो एक दुःख कारण पूर्ण संसार फैला हुआ पाता है जिसे क्रम Tः कुछ अपने ज्ञान बल से औरकुछ बाहुबल से थोड़ा बहुत सुखमय बनाता चलता है। क्ले । और बाधा का ही सामान्य आरोप करते जीवन संसार मेंपैर रखता है। |
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Answer» <P>Answer: WO p ap nhi jwjekowqoqpqosksnkpqlskkdjdowoejzjkawooqksnsnskkqkqwkskmsmalqoqpqpjdbwoldqfqz Explanation: to Of JI PIC pic wyiwqjsjioqfwscspvapgswiqokqqindsj sosvsbs. s. sjwkwkakak szरखंखशदगशखहखल ajwlsjshsk |
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13. दूसरों का भला करने वाला14. जो नया-नया आया हो15. जो अत्यन्त भयंकर व कठिन हो16. जो पढ़ा-लिखा न हो17. जिसका कोई फल नहीं मिले18. जो किसी भी तरह की इच्छा से रहित हो19. एक जगह इकट्ठे हुए लोगों की भीड़20. चबाकर खाने वाली सामग्री |
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Answer» Explanation: 13.परोपकारी 14.नवागंतुक 16.अनपढ़ 17. निष्फल 18. इच्छा रहित 19. झुण्ड 20. खाद्य पदारत
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वाक्यांश1. जिसका अन्त न होअनाथ2. जो देखा न जा सके3. जिसके माता-पिता न हों4. जिसकी मृत्यु न हो5. जिसे डिगाया न जा सके6. जो परीक्षा में उत्तीर्ण न हो7. जिसे बूझा या समझा न जा सके8. जिसकी इच्छा न हो9. जो किसी बात के लिए तत्पर रहे10. जो नयी चीज का निर्माण करे11. जिसके आदि या प्रारम्भ का पता न हो12. जिसकी जरूरत न हो |
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Answer» Answer: |
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1. मौनिका पढ़ाई में बहुत होशियार है। वह अपनी कक्षा मे हमेशा प्रथम आती ha(रेखांकित शब्द का शब्द भेद है) |
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Answer» yyyjjkgb gbucvfvfvgvgbgbtbtbtbrvrbrvtbtbgbtvtvtvrvtvbbbbnvvvvvvvvvcccccdbfvdxsvddz |
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..एक राजा- नई और सुन्दर वस्तुएँ एकत्र करने का शौक - देश-विदेश के रंगीन, मोहक मिट्टी के बीस फूलदान- एक नौकरके हाथों एक फूलदान का टूट जाना- नौकर को मौत की सजा-एक बुद्धिमान वृद्ध फकीर का पात्र को असली स्थितिमें लाने का दावा- राजा के सभी पात्रों को तोड़ डालना- वृद्ध आदमी का जवाब, "मैंने उन्नीस व्यक्तियों की जिंदगीबचा ली।"-सही बात राजा की समझ में आना। कहनी लेखन |
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Answer» सामने नीम, पीपल के वृक्षों पर शाम उतर आई है। आर्ट गैलरी के आगे बढ़ती भीड़ मुंबई को हसीन जवान बना रही है। मैंने शकुंतला का तैलचित्र खरीदा है और समित को उसके घर की तरफ़ जाती हुई पतली कच्ची पगडंडी पर छोड़ती हुई घर लौट आई हूँ। कार पोर्टिको में पार्क की तो लछमन ने दरवाज़ा खोलकर देखा और नज़दीक आ गया। “लछमन, कार में पेंटिंग रखी है। उसे मेरे बेडरूम की दीवार पर टाँग दो।” लछमन ने कमरे में आकर पहले मुझे पानी दिया फिर एक लंबा लिफाफा। मैंने संकेत से पूछा- काम हो गया? “जी।” और वह पेंटिंग लाने पोर्टिको की ओर चला गया। मैंने लिफाफा खोलकर टिकट निकाली मालवगढ़ की। मालवगढ़! हाँ....मालवगढ़ जाना है मुझे! अतीत के तहख़ाने टटोलने.... या अतीत के नहीं बल्कि अपने अंदर दबे दर्द के तहख़ाने पहचानने कि उनमें कितना दम है अभी। उन बिखर गए पलों को बटोरने की ज़िद बार-बार मुझे मालवगढ़ की ओर ढकेल रही थी। जीप वाले रास्ते को याद कर मन सिहर जाता है। ऊबड़-खाबड़, रेत के ढूहों से भरा....बबूल, कीकर के कँटीले पेड़, झाड़ियाँ....शाम होने से पहले पहुँचने की हड़बड़ी क्योंकि रात होते ही डाकुओं का भय घेरे रहता। जाने कितनी अथाह स्मृतियाँ समाई हैं मुझमें....मैं भूल ही नहीं पाती कुछ....उन स्मृतियों की ही ज़िद है ये जो आज मेरे एकाकी जीवन की ज़िम्मेवार है। शादी नहीं करने के मेरे संकल्प की ज़िम्मेवार है। मुझमें भरोसा भी खूब जगाया है उन स्मृतियों ने। एम. ए. .... इटली जाकर पी-एच.डी., फिर कलकत्ता के कॉलेज में लैक्चरर, हैड ऑफ़ दि डिपार्टमेंट और फिर यहाँ प्रोफेसर....ये बुलंदियाँ उन्हीं स्मृतियों की देन हैं। नाते रिश्तों में खुसर-पुसर मच गई थी। पायल नौकरी करेगी, शादी नहीं करेगी? बड़ी दादी बिस्तर पर पड़े-पड़े माथा ठोककर चीखी थीं- “बावरी हो गई है, मत मारी गई है? मैं न कहती थी कि अभी माहवारी शुरू नहीं हुई है, सयानापन से पहले कर दो शादी। पर सुना किसी ने? अब लो भुगतो, कुँवारपन नहीं उतरेगा, अधर्मी हम कहलाएँगे।” ज्यों पटाखे की लड़ी में किसी ने जलती अगरबत्ती छुआ दी हो....यहाँ से वहाँ तक ख़बर फ़ैल गई....सबने नाक-भौं सिकोड़ी- “हुआ है ऐसा इतने बड़े ख़ानदान में कभी। बाप-दादों का मान-सम्मान, रुतबा डुबोने पर तुली है।” मगर मैं दृढ़ थी। क्यों नहीं खड़ी हो सकती मैं अपने पैरों पर, क्यों नहीं रूपया कमा सकती, क्यों नहीं स्वावलंबी बन सकती? मानती हूँ रुपयों की कमी नहीं है इस ख़ानदान को, लेकिन क्या वह मेरा कमाया हुआ है? मैं अपनी मेहनत से कमाना चाहती हूँ, कुछ कर दिखाना चाहती हूँ। यही चुनौती आज भी मेरी रगों में समाई है। अपने फैसले खुद करना। तभी तो बाबूजी मेरे बनारस नहीं आने पर चौंके नहीं। हालाँकि यूनिवर्सिटी की तमाम लंबी छुट्टियों में वे आतुरता से मेरी प्रतीक्षा करते हैं। ज़रूरी कपड़ों से सूटकेस भर जब मैं ट्रेन में बैठती हूँ तो समित समझाता है- इत्मीनान से छुट्टियाँ गुज़ारना, उतने दिनों के लिए भूल जाना मुंबई को। मैं मुस्कुराती हूँ, कहना चाहती हूँ....तुम्हें भी समित। अनजान-सा रिश्ता है समित से मेरा। मेरी हर बेचैनी, हर तकलीफ़, हर उदासी का एकमात्र साथी। बीसियों बार जब अकेलेपन से घबराकर मैंने अपने आपको जुहू या चौपाटी के किनारे पाया है....या मरीन ड्राइव की समुद्री फुहारों में खुद को भिगोया है तो इसी समित ने मेरे ऊबे हुए समय को बाँटा है। खुद की लिखी कविताओं को तरन्नुम में गाकर उन पलों के भारीपन को हलका किया है। कभी-कभी हम बहस में डूब जाते हैं। अमेरिकन साहित्य, अफ्रीकी साहित्य या फिर जापान की हाहूक कविताएँ....समित कहता- “ये जापानियों की दृष्टि इतनी सूक्ष्ण क्यों होती है? तीन या चार पंक्ति की कविता, एक फुट के बरगद, पीपल के बोन्साई, चावल खाने की लंबी चम्मच ऐसी कि एक बार में चार कण चावल मुँह में जाएँ।” मैं हँसकर कहती- “देखन में छोटे लगें, घाव करैं गंभीर” ट्रेन चली तो समित ने मेरे हाथों को हलके से छुआ- “ऑल दि बेस्ट।” देर तक वह मेरी आँखों में बना रहा, ओझल होने के बावजूद भी। ताँगा कोठी के ऐन फाटक पर आकर रुका जहाँ कोठी के ऊँचे रोशनदान के ऊपर देवनागरी लिपि में धुँधले पड़ गए काले हर्फ़ झिलमिला रहे हैं ‘प्रताप भवन’। रामू काका कनेर, तगड़ और गुलबकावली के पेड़ों में पाइप से पानी डाल रहे थे। रामू काका मेरे बाबा के ज़माने के नौकर कोदू के बेटे....कोठी की देखभाल करने के लिए तैनात, ताँगा रुकने की आवाज़ सुनते ही वे पाइप छोड़ दौड़े- “अरे पायल बेटी, यो म्हें कै देखूँ हूँ, यो कठ सपणो तो कोणी?” और ताँगे से उतरते ही मैं बाबूजी सादृश रामू काका से लिपट गई। वे कंधे पर पड़े गमछे से अपने झर-झर बहते आँसू पोंछते हैं। गला भर आया है रामू काका का। कहते कुछ नहीं, ताँगे से सामान उतारकर कोठी के मेन हॉल में रखते हैं- “बैठ बेटी, थारे खातिर सरबत बणा ल्याऊँ।” मुझसे मना नहीं किया जाता। |
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प्रसव वेदना सह जब जननीहृदय स्वप्न निज मूर्त बनाकरस्तन्यदान दे उसे पालती,पग-पग नव शिशु पर न्योछावर is Ka saral Arth likhiye |
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Answer» संदर्भ : यह पंक्ति कवि ' सुमित्रानंदन पंत ' द्वारा रचित कविता ''नहीं कुछ इससे बढ़कर ''के प्रथम खंड की है । सरलार्थ : इन पंक्तियों का सरलार्थ यह है कि जननी अर्थात माँ जब प्रसव की अपार कष्टदायक वेदना को सह कर अपने शिशु को जन्म देती है तो वह अपने हृदय के सुंदर सपने को एक साकार रूप प्रदान करती है ।वह बच्चे को स्तन पान करा कर पालन करती है ,अपने शिशु की देखभाल करती है ,उसकी सुंदर बाल सुलभ मासूम मनभावन क्रियाओं पर न्योछावर होती है | माँ से बढ़कर इस संसार में कोई नहीं जिसकी पूजा की जाए । |
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1)आज का मानव किस बात को भूल बैठा है और किस कार्य में लगा 2)'चाहे तो पल में घरती को बना सकते है। कवि ने ऐसी उम्मीद क्यों जताई हैं ?[स्वर्ग बना सकते है]no spam plz ans fast |
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Answer» 1 . आज का मानव यह बात भुला बैठा है कि ईश्वर ने सबको एक प्रकार जन्म दिया है ,प्रकृति सबका एक प्रकार से पालन पोषण करती है ।और मनुष्य और संघर्ष में लगा हुआ है । 2 . कवि ने ऐसी उम्मीद इसलिए जताई है क्योंकि किसी से भेदभाव ना करके सब को एक समान मानकर और किसी से संघर्ष ना कर केमित्रता और भाईचारे से रह कर पल भर में धरती को स्वर्ग बना सकते हैं । |
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जाण परताला पीसीगीणोण सीणि जागपिणकोकाटेगरीसी नीतीमा जापूजा की फिजा है जिस परपायोग आरती स्त्यि की715ਹੁ ਧੰਧ छारमे परिचयक |
Answer» which CLASS and which STD |
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फिर से उड़ चलाउड़ के छोड़ा है जहां नीचेमैं तुम्हारे अब हूँ हवाले हवादूर-दूर लोग-बाग़ मीलों दूर ये वादियाँकर धुंआ धुंआ तन हर बदली चली आती है छूनेऔर कोई बदली कभी कहीं कर दे तन गीला ये है भी ना होकिसी मंज़र पर मैं रुका नहींकभी खुद से भी मैं मिला नहींये गिला तो है मैं खफ़ा नहींशहर एक से, गाँव एक सेलोग एक से, नाम एकफिर से उड़ चला(Apun ka breakup hogaya ooyyaaa) Nacho |
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Answer» Answer:waah waah ....brainly K DIL tute AASHIQ...kisi ki mohabbat n inko SHAYAR bna diya.... |
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कृति पूर्ण कीजिएभेदसंधि शब्दसंधि विच्छेद(सज्जन)६.अ)रचना के आधारपर वाक्यो का भेद पहचानिएसनी कल भोपाल जाएगा और चार दिन बाद लौट आएगा ।अर्थ के आधरपर वाक्य का भेद पहचानिएचलो दूध पी लो।ब) |
Answer»
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2.(क) अपनी ईमानदारी और मेहनत के लिए वह पूरे दफ्तर में जाना जाता है।() संज्ञा पदबंध(ii) सर्वनाम पदबंधiii क्रिया पदबंधiv) क्रिया विशेषण पदबंध also let me know how? apni imandar aur mehnat is underlined |
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Answer» iv option is correct Explanation: |
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कहानी लेनाविषय पर कहानीपाणपूरतफपर साधारित किंवा पूर्वভিত্তি शाक लाखलिनC class 10 Hindio |
| Answer» | |
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2.(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?(घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?(ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?(च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?(छ) 'नट' किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?(ज) 'मोती, मानुष, चून' के संदर्भ में पानी के महत्त्व को स्पष्ट कीनिम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-(क) टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।(ख) सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।(ग) रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।(घ) दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहि।(ङ) नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।(च) जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरता। |
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Answer» ( ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है? उत्तर: कीचड़ में जल की अल्प मात्रा होती है फिर भी इस जल से कई जीवों की प्यास बुझती है। लेकिन सागर का जल विशाल मात्रा में होने के बावजूद किसी की प्यास नहीं बुझा पाता। इसलिए रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य कहा है। ( घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है? उत्तर: जिस तरह से जड़ को सींचने से ही पेड़ में फूल और फल लगते हैं उसी तरह से एक को साधने से सब सध जाता है। एक काम के पूरा होने से अन्य कार्यों के लिए रास्ता अपने आप खुल जाता है। (ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?
उत्तर: कमल के लिए जल ही संपत्ति है। जल के बिना कमल को जरूरी पोषण नहीं मिलेगा। ऐसे में सूर्य भी उसकी रक्षा नहीं कर पाएगा, बल्कि कमल सूर्य की तपिश में झुलसकर मर जाएगा। ( च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा? उत्तर: अवध नरेश को उनके पिता ने बनवास की आज्ञा दी थी। इसलिए अवध नरेश को चित्रकूट जाना पड़ा था। अन्यथा कोई भी व्यक्ति अनुकूल समय में चित्रकूट जैसे स्थान पर रहने के लिए नहीं जाता है। ( छ) ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है? उत्तर: नट को कुंडली मारने में महारत हासिल होती है। वह कुंडली मारकर अपने शरीर को किसी भी मुद्रा में मोड़ सकता है। इसी कारण वह आसानी से ऊपर चढ़ जाता है। ( ज) ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए। उत्तर: पानी के अभाव में मोती का निर्माण संभव नहीं है। बिना पानी के आदमी एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह सकता। घर की पुताई के लिए चूना बनाने के लिए भी पानी की आवश्यकता होती है। Question 2( क) टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय। उत्तर: जब कोई धागा एक बार टूट जाता है तो फिर उसे जोड़ा नहीं जा सकता। जोड़ने की कोशिश में उस धागे में गाँठ पड़ जाती है। किसी से रिश्ता जब एक बार टूट जाता है तो फिर उस रिश्ते को दोबारा जोड़ा नहीं जा सकता। ( ख) सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय। उत्तर: अपने दर्द को दूसरों से छुपा कर ही रखना चाहिए। जब आपका दर्द किसी अन्य को पता चलता है तो लोग उसका मजाक ही उड़ाते हैं। कोई भी आपके दर्द को बाँट नहीं सकता। ( ग) रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै, फलै अघाय। उत्तर: एक बार में कोई एक कार्य ही करना चाहिए। एक काम के पूरा होने से कई काम अपने आप हो जाते हैं। यदि एक ही साथ आप कई लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करेंगे तो कुछ भी हाथ नहीं आता। यह वैसे ही है जैसे जड़ में पानी डालने से ही किसी पौधे में फूल और फल आते हैं। ( घ) दीरघ दोहा अरथ के, आखर धीरे आहिं। उत्तर: किसी भी दोहे में कम शब्दों में ही बहुत बड़ा अर्थ छिपा होता है। यह वैसे ही होता है जैसे नट की कुंडली होती है। नट अपनी कुंडली में सिमट कर तरह तरह के विस्मयकारी करतब दिखा देता है। (ङ) नाद रीझि तन देत मृग, नर धन देत समेत। उत्तर: हिरण किसी के संगीत से खुश होकर अपना शरीर न्योछावर कर देता है। इसी तरह से कुछ लोग दूसरे के प्रेम से खुश होकर अपना सब कुछ दे देते हैं। ( च) जहाँ काम आवे सुई, कहा करै तरवारि। उत्तर: जहाँ छोटी चीज की जरूरत होती है वहाँ पर बड़ी चीज बेकार हो जाती है। जैसे जहाँ सुई की जरूरत होती है वहाँ तलवार का कोई काम नहीं होता। |
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कवि के अनुसार संसार में कोलाहल और संघर्ष कम होने के लिए क्या आवश्यक हैं? [स्वर्ग बना सकते है] Plz ans fast and no spam massages plz |
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Answer» Explanation: कवि कहते है कि सभी को विकास का अवसर मिलना चाहिए और किसी प्रकार की बाधा उसके विकास को न रोके और न ही किसी के मन में किसी के लिए कोई संदेह नहीं होगा . कवि का कहना है कि इस धरती को स्वर्ग बनाने के लिए यही एक मात्र तरीका है . धरती ,आसमान ,हवा सबके लिए एक समान है और उन पर सबका समान अधिकार है . BY TEJAS KULKARNI PLEASE MARK AS BRAINLIST AND FOLLOW FOR MORE ANSWERS |
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प्रश्र 10 आप की दृष्टि में बच्चों एवं बड़ों के पारिश्रमिक में समानता होनी चाहिए अथवा नहीं बच्चे काम पर जा रहे है के आधारpar likhye |
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Answer» बच्चो को काम करने में जोर नहीं दिया गया तो बिगड़ जाए गें| |
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#गद्य आकलन* निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर चार ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर एक वाक्य में हो :शिक्षा मानव जीवन के विकास का प्रमुख आधार है। शिक्षाविहीन व्यक्ति पशु के समान जीवनयापन करताहै। व्यक्ति में अच्छे संस्कार शिक्षा के माध्यम से ही आते हैं। शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक,राजनैतिक, धार्मिक ज्ञान प्राप्त कर स्वयं तो अपना मार्ग बनाता ही है, साथ ही दूसरों का भी मार्गदर्शन करता है।शिक्षा प्राप्त करना प्रत्येक व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है। नवीन पीढ़ी अथवा बालक एवं नवयुवक तो शिक्षाप्राप्त कर आगे बढ़ते रहे हैं। आवश्यकता है, प्रौढ़ों को शिक्षा प्रदान करने की, अथवा 14 वर्ष की आयु सेअधिकवाले वे सभी व्यक्ति जो अशिक्षित हैं। अथवा हम कह सकते हैं कि वे सभी व्यक्ति जो समय से शिक्षा प्राप्तनहीं कर सके और न कर पा रहे हैं। शिक्षा के इतने प्रचार व प्रसार हो जाने पर भी व्यक्ति अपने धन का सहीउपयोग नहीं कर पाता और न ही भोला-भाला किसान अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर पाता है। आज भीवह साहूकार अथवा ब्याज किश्तों के द्वारा आसानी से ठग लिया जाता है। स्वतंत्रता से पूर्व व्यक्ति की स्थिति शिक्षाके क्षेत्र में बहुत खराब थी। |
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Answer» मानव जीवन के विकास का प्रमुख आधार क्या है? |
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X) सही मिलान करो1. बिंदा चाचा 2. चूहा 3. नीना4.पढ़क्कू5. सुनीता |
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(ड) उसने अंगीठी सुलगाकर चायदानी उस पर रख दी।(i) किया पदबंध(ii) क्रिया विशेषण पदबंध(1) सर्वनाम पदबंध(iv) संज्ञा पदबंध if ans is ii then pls tell how? |
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Answer» a |
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(ङ) उसने अंगीठी सुलगाकर चायदानी उस पर रख दी।(i) क्रिया पदवंध(ii) क्रिया विशेषण पदबंध(i) सर्वनाम पदबंध(iv) संज्ञा पदबंध |
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Answer» Answer: |
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निम्नलिखित शब्दों के संधि विछेद कीजिए : (2)(i) पूँजीवादी (ii) समाजवादी (ii(iii) अर्थव्यवस्था (iv) फलस्वरूप |
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Answer» पूँजी -वादी समाज -वादी अथ:-व्यवस्था फल:-स्वरूप |
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ग) पुढील शब्दांचे वचन बदला.1) शब्द |
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Answer» शब्दो शब्द का वचन शब्दों है |
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इन शब्दों में से प्रत्यय और मूलशब्द अलग कीजिए (कोई दो)मूल शब्दप्रत्ययसामाजिकस्वर्गीय धनात्मक शीतल |
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Answer» Explanation: धनात्मक शीतल |
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झ शब्दों में से प्रत्यय और मूलशब्द अलग कीजिटाकोरो)मूल शब्द प्रत्ययस्वगीयधनात्मकशीतल |
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Answer» मूल शब्द १ स्वर्ग २ धन ३ तल प्रत्यय १ गीय २ आत्मक ३ शी |
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| 5188. |
Write a letter to the manager of Mahavir Book Trust, New Delhi to send the lateststory books published in Hindi. |
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Answer» Write a LETTER to the manager of Mahavir Book Trust, New Delhi to send the lateststory books published in Hindi. ans- 28 MARCH 2021 the manager of Mahavir book trust sector- 8 aaravali marg, jaipur reason- to published latest storry books in a library of the school we have read full story book and we want their new new story books so so the Mahaveer Book Trust persons please published new books it will be very precious to us thank you Explanation: pls mark BRAINLIEST |
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ASLI'नन्हा सत्याग्रही' पाठ में मोहन ने किस घटना के विरोध में सत्याग्रह का मार्ग अपनाया था? क्या उसका सत्याग्रहकरना ठीक था? इस बारे में अपने विचार कारणसहित लिखिए।(2) |
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Answer» नन्हा सत्याग्रही' पाठ में मोहन ने किस घटना के विरोध |
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विद्याथाया नात्यानेपारितोषिक प्राप्तकिंवापारितोषिकप्राप्त विद्यार्थ्यांच्याविद्यार्थी चिरंजीव ईशानपालकांच्या समारंभासाठी उपस्थितगोखले यांचे अभिनंदनराहण्याची विनंती करणारे पत्र लिहा.करणारे पत्र लिहा.दिनांकप्रति,माननीयविषयमहोदय , |
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Answer» Step-by-step explanation: Explanation: |
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3. दो वास्यों में "और" शब्द जोड़कर एक वाक्य बनाइए।1) ध्यान से सुनो। सीख लो।2)रोज़ी आम लायी। कले लायी। |
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Answer» ध्यान से सुनो। और सीख लो। रोज़ी आम लायी। और कले लायी। |
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पत्रलेखन|रमा/रमेश पांडे, सुमेध निवास, वाराणसी से अपने छोटे भाई राजन पांडे, महात्मा गांधी मार्ग, गया कोई पत्र लिखकर कसरत का महत्त्व बताते हुए पत्र लिखती है| |
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Answer» रमा/रमेश पांडे, सुमेध निवास, वाराणसी. प्रिय भाई राजन, सप्रेम नमस्कार! दीदी के पत्र से तुम्हारी बीमारी का समाचार मिला तुम बार-बार इस प्रकार बीमार पड़ जाते हो,इसका क्या कारण है? माताजी और पिताजी भी बहुत चिंतित होंगे | तुम्हारा शरीर कमजोर हो गया है इसीलिए तुम बार-बार बीमार पड़ जाते हो | नियमित कसरत नहीं करते खेलकूद से तुम हमेशा दूर भागते हो! सिर्फ अच्छा भोजन करने से ही अच्छी सेहत नहीं बन जाती है उचित और पर्याप्त कसरत भी करना जरूरी है | कसरत से भोजन का पाचन ठीक से होता है शरीर मजबूत बनता है | कभी आलस नहीं आता है | मन में उत्साह बना रहता है | स्वास्थ शरीर स्वास्थ मन ही सारी सफलताओं का आधार है | व्यायाम सुखी और सफल जीवन की कुंजी है। तुम्हें प्रतिदिन सुबह-शाम घूमने जाना चाहिए | रोज सुबह दंड बैठक और कुछ आसन करने चाहिए | खेलों से भी अच्छा व्यायाम हो जाता है |
मुझे विश्वास है कि मेरी बात मान कर तुम कसरत शुरु कर दोगे | मनीषा को खूब दुलार | तुम्हारा बडा भाई, रमा / रमेश पांडे |
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न 4. नीचे लिखे पद्य की सप्रसंग व्याख्या कीजिये।कभी भूलकर भी तो अपनीउन्नति मे अभिमान करो मतनम्र बने अपने ही मुंह सेअपना गौरव गान करोमतपरोपकार के कार्य करे तुमपर पापो से डरना सीखो। |
| Answer» | |
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प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये।1. संयोग और प्रत्ययन से पैदा किये संगीत में क्या अंतर है?2 अगणित शीश कटाने से कवि का क्या तात्पर्य है?3. शीला की हार जीत मे कैसे बदल गई?4. वाणी से आदमी की पहचान किस तरह होती है।5. कादिर की रक्षा उसके किस गुण के कारण हुई। |
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Answer» I don't KNOW okkkkkkkkkk |
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(C) विशेषण बताकर उसका भेद (प्रकार) लिखे:-(1) माँ ने चाय में थोड़ा दूध डाला |(2) अब्दुल बीस किलो आटा लाया । |
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Answer» थोरा - परिमाणवाचक बीस किलो - परिमाणवाचक |
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(111) डाळ विस्फारून पाहणप्र. 4. (आ) भाषासौंदर्य :(1) शब्दसंपत्ती:(1) पुढील शब्दांना समानार्थी शब्द लिहा :(1) पुस्तक -(ii) डोळा = |
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Answer» Answer: 1) पुस्तक = ज्ञान ग्रंथ 2) डोळा =नेत्र |
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किसी वस्तु को ₹900 में बेचने पर प्राप्त लाभ उस वस्तु को ₹600 में बेचने पर हुई प्राप्त हानी का 2 गुना है तो वस्तु का क्रय मूल्य कितना होगा..a=500b=680c=700d=900 |
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Answer» किसी वस्तु को ₹900 में बेचने से प्राप्त लाभ वस्तु को ₹960 में बेचने पर हुई हानि का दुगना है इस वस्तु का क्रय ... aʍ ɨ ʀɨɢɦt ʍɛaռ ʍaʀҡ ʍɛ as ɮʀaռɨʟɨɛst քʟs ɖɨɖɨ ♡´・ᴗ・`♡ |
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प्र11.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखे1.हामिद को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था ? |
| Answer» | |
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की साहित्यिक प्रवृत्तियों का परिचय दीजिए।3. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए :(क) कबीर की रचनाएँ(ख) रविदास की रचनाएँ(ग) रीतिकालीन नीतिकाव्य |
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Answer» hfhdufDaugxgdoydyodvdgkxykdidixoyxxogxoyxoycoufupfhc |
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-3,स्वतन्त्रता आंदोलन में तिलक की भूमिका का उल्लेख करें।Examine the role of Tilak in the freedom movement. |
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Answer» hfetersytdgdyryriydtirtetetuetuetrtiertytryryrtets |
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