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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

10851.

Synonym of death in hindi

Answer»

Mrutyu....or dehant is the snyonym

10852.

Padti ka pad prechye

Answer»

लट् लकार;प्रथम-पुरूष, एकवचन

10853.

Vidya ka varn viched

Answer»

विदया = व +इ + द +य +आ ADD halant to VYANJAN

10854.

भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री कौन है

Answer»

श्री प्रकाश जावडेकर
माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री

10855.

Why was the American civil war fought

Answer»

The civil war was fought between the Union STATES (NORTHERN states) and the states of the Confederacy (Southern states). There were MANY causes of the civil war, INCLUDING differences between northern and southern states on the idea of slavery, as well as trade, tariffs, and states RIGHTS.

10856.

Essay on student and fashion in hindi

Answer»

भूमिका : शब्दकोश में फैशन का अर्थ होता है ढंग या शैली लेकिन लोकव्यवहार में फैशन का परिधान शैली अथार्त वस्त्र पहनने की कला को कहते हैं। मनुष्य अपने आप को सुंदर दिखाने के लिए फैशन का प्रयोग करता है। कोई भी व्यक्ति गोरा हो या काला , मोटा हो या पतला , नवयुवक हो या प्रौढ़ सभी का कपड़े पहनने का अपना-अपना ढंग होता है।

मनुष्य केवल अपनी आयु , रूप-रंग और शरीर की बनावट को देखकर ही फैशन करता है। यहाँ तक की फैशन के विषय में कोई विशेष विवाद नहीं है। कोई भी अध्यापक हो या विद्यार्थी , लड़का हो या लडकी , पुरुष हो या स्त्री सभी को फैशन करने का अधिकार होता है।

फैशन पर विवाद : जब हम फैशन का गूढ़ अर्थ बनाव सिंगार लेते हैं तो फैशन के विषय में विवाद उठता है। इस गूढ़ अर्थ दूल्हा और दुल्हन का संबंध हो सकता है लेकिन छात्र और छात्राओं का इससे कोई संबंध नहीं होता है।

छात्र और छात्राएं अभी विद्यार्थी हैं और विद्यार्थी का अर्थ होता है विद्या की इच्छा करने वाला। अगर विद्या की इच्छा करने वाले विद्यार्थी फैशन को चाहने लगेंगे तो वे अपने लक्ष्य से बहुत दूर भटक जायेंगे। अगर विद्यार्थी विद्या की जगह पर फैशन को चाहेगा तो विद्या उससे रूठ जाएगी।

10857.

Hey! gys please any body give me any debate topic in Hindi which I can practice for debate

Answer» PLASTIC USEFUL or harmful
Vigyan Vardan YA abhishaap
10858.

According to duryodhan what was the reason behind abhimanyu marriage

Answer»

So that the pandavas can get some SUPPORT in the Mahabharata war and the actual REASON was abhimanyu LOVED UTHARA.

10859.

Mahangi badh rahi hai ka sudh hindi Kya hoga

Answer» SUDHH HINDI me HI LIKHA HAI
10860.

Mahangi badh rahi hai ka sudh hindi Kya hoga.

Answer» MAHENGAI me bharotri HO RAHI HAI
10861.

Unity in diversity debate in hindi

Answer»

भारत में “विविधता में एकता” की प्रसिद्ध अवधारणा बिल्कुल सटीक बैठती है। ये एक बेहद आम विषय है जिस पर विद्यार्थियों को चर्चा के लिये या किसी परीक्षा अथवा स्कूलों में निबंध लेखन प्रतियोगिता के लिये दिया जाता है। यहाँ हम आपको “विविधता में एकता” पर बेहद सरल और विभिन्न शब्द सीमाओं के साथ लिखा हुआ निबंध उपलब्ध करा रहें हैं जिसका उपयोग विद्यार्थी किसी भी अवसर पर कर सकते हैं।

विविधता में एकता पर निबंध (यूनिटी इन डाइवर्सिटी एस्से)

FIND here some essays on Unity in Diversity in HINDI language for students in 100, 150, 200, 250, 300, and 400 words.

विविधता में एकता पर निबंध 1 (100 शब्द)

“विविधता में एकता” का अर्थ है अनेकता में एकता। कई वर्षों से इस अवधारणा को साबित करने वाला भारत एक श्रेष्ठ देश है । भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर “विविधता में एकता” देखने के लिये ये बहुत स्पष्ट है क्योंकि अपने धर्म के लिये एक-दूसरे की भावनाओं और भरोसे को बिना आहत किये कई कई धर्मों, नस्लों, संस्कृतियों, और परंपराओं के लोगों का एक साथ रहते हैं। मनोवैज्ञानिक, वैचारिक, राजनीतिक, धार्मिक, बहु-भाषी, शारीरिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि के ढ़ेर सारे भिन्नताओं के बावजूद भी एकता के अस्तित्व पर “विविधता में एकता” ध्यान केन्द्रित करता है। ज्यादा विविधता से एकता में ज्यादा जटिलता होती है। नस्ल, धर्म, जाति, उप-जाति, समुदाय, भाषा और बोली की अधिक विविधता के बावजूद भी भारत में लोग एक हो के रहते हैं। भारत में लोग बहुत ही आध्यात्मिक और स्वाभाव में भगवान से डरने वाले होते हैं इसलिये वो सभी के धर्म को आदर देते हैं।

10862.

Class 4rth class monitor speech

Answer»

Dear Student,
Given below are a few points that will help you frame a complete answer.

Having a class monitor assures discipline and decorum.

It also assigns the responsibility of completing a task to a PARTICULAR PERSON, without confusion.

It eases the WORK of the teacher.

In the absence of the teacher, the monitor can be asked to convey the assigned work to the class.

It builds the confidence level of the students and enables them to undertake LEADERSHIP.

The values that are gained from this leadership, nurtures them to be better CITIZENS in the future.

I hope you find this answer helpful. Please post more questions on the forum to be assisted by our team.
Thank you.




Mark my answer as brainlist ☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️

10863.

Jo Meetha Bolta Ho ka Anek shabdon ke liye ek shabd

Answer»

Mridbhashi I THINK it is CORRECT............ AISHRAJPUT

10864.

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −तुम्हारे मानने ही से मेरा ईश्वरत्व कायम नहीं रहेगा, दया करके, मनुष्यत्व को मानो, पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो !

Answer»

उत्तर :
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से हैं-

लेखक बेईमान धोखेबाज धर्माचार्यों तथा धार्मिक लोगों की अपेक्षा नास्तिकों को श्रेष्ठ मानता है जो अच्छे आचरण वाले हैं तथा दूसरों के सुख दुख में उनका साथ देते हैं । उन पाखंडियों से तो ईश्वर भी यही कहता है कि आप जैसे पाखंडियों के मानने से मेरा ईश्वरत्व दुनिया में कायम नहीं रह सकता। इसलिए तुम मुझ पर दया करो और मानवता को मानो।  तुम्हें पशु के जैसा आचरण छोड़कर मनुष्य बनना होगा तभी तुम्हें भी ईश्वर मिल सकेगा।

आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।

10865.

Plz ans this question....

Answer»
\pi \div 2
10866.

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −यहाँ है बुद्धि पर परदा डालकर पहले ईश्वर और आत्मा का स्थान अपने लिए लेना, और फिर धर्म, ईमान, ईश्वर और आत्मा के नाम पर अपनी स्वार्थ-सिद्धि के लिए लोगों को लड़ाना-भिड़ाना।

Answer»

उत्तर :
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से हैं-

इन पंक्तियों में लेखक उन धर्माचार्यों पर कटाक्ष कर रहा है जो आम आदमी को अपने आडंबरपूर्ण धार्मिक अनुष्ठानों से इतना आकर्षित कर लेते हैं कि वे इस ही  ईश्वर का दूत समझने लगते हैं। वह अपने सोचने विचारने की सारी शक्ति खो बैठते हैं ।तब ये धर्माचार्य अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए इन लोगों को ईश्वर धर्म, आत्मा, ईमान आदि का नाम लेकर अन्य धर्मों के मानने वाले लोगों के खिलाफ उकसाते हैं और दंगा फसाद करा देते हैं।

आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।

10867.

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −उबल पड़ने वाले साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बूझता और दूसरे लोग उसे जिधर जोत देते हैं, उधर जुत जाता है।

Answer»

उत्तर :
इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से हैं-
लेखक का मानना है कि आम लोगों को धर्म के संबंध में कुछ भी पता नहीं होता वह बिल्कुल अनभिज्ञ होते हैं। उन्हें कुछ स्वार्थी लोग दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ इतना अधिक उकसाते हैं कि वह उनके प्रति गुस्से से भर उठते है। वह गुस्से में अपने समझने बुझने की सारी शक्ति खो बैठते है और स्वार्थी लोग उसे जिस और हांकते देते हैं वह उधर ही चल पड़ते है।

आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।

10868.

‘भी' का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए − उदाहरण − आज मुझे बाजार होते हुए अस्पताल भी जाना है।

Answer»

उत्तर :
उदाहरण − आज मुझे बाजार होते हुए अस्पताल भी जाना है।   

‘भी' का प्रयोग करते हुए बनाइए पाँच वाक्य निम्नलिखित है -

१. रोहित भी मोहित के साथ मुंबई जाएगा।

२. कंचन मोहित को भी अपने साथ विद्यालय ले जाएगी।

३. हमें भी गांधीजी की तरह सत्यवादी बनना चाहिए।

४. कुणाल भी अर्पित के साथ ट्यूशन पढ़ने जाता है।

५. सीता भी गीता के साथ सुबह ८:०० बजे की लोकल से अंधेरी जाती है।

आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।

10869.

Paragraph on ahinsak bharat me hinsa ka daur in Hindi

Answer»

भारत पारंपरिक रूप से एक अहिंसक समाज रहा है, यह धारणा भारतीयों में इस क़दर है कि जो इसकी आलोचना करे वे उससे लड़ने तक को तैयार हो जाते हैं. इतिहासकार उपिंदर सिंह अपनी किताब ‘प्राचीन भारत में राजनीतिक हिंसा’ में इस पर विचार करती हैं. वे देखने की कोशिश करती हैं कि प्राचीन भारत में राजनीतिक हिंसा या हिंसा मात्र को लेकर क्या रवैया था. इसके लिए वे पुरातात्विक अभिलेखों, राजाओं के अभिलेखों, ऐतिहासिक वृत्तों, धर्मशास्त्रीय ग्रंथों, साहित्यिक रचनाओं का सहारा लेती हैं. वे इस निष्कर्ष पर पहुंचती हैं कि हिंसा का प्रयोग हमेशा से बहस का विषय रहा है. यह किसके द्वारा, किन परिस्थितियों में किस सीमा तक स्वीकार्य है, इस पर अलग-अलग मत रहे हैं.

‘हिंसा और अहिंसा क्या है, जीवन से बढ़ हिंसा क्या है’ कहकर कवि हिंसा के प्रति एक प्रकार की बेपरवाही प्रदर्शित करता है. चूंकि जीवन जीने में किसी न किसी तरह की हिंसा होती ही है, राजनीति या समाज परिवर्तन में उसके प्रयोग या स्थान को लेकर बहस प्रायः व्यर्थ है, यह इस पंक्ति से व्यक्त होता लगता है. लेकिन उपिंदर सिंह बताती हैं कि प्राचीन काल से हिंसा को लेकर एक द्वंद्व का भाव भारत के बौद्धिक विचार-विमर्श में दिखलाई पड़ता है. हिंसा एक गहरा नैतिक प्रश्न है.

राज्य अपने आपमें हिंसा का उपकरण है. लेकिन उसके द्वारा न्यायपूर्ण ढंग से हिंसा का प्रयोग हो, यह महाभारतकार से लेकर कौटिल्य और अशोक तक की चिंता का विषय रहा है. हमारे यहां ऐसे अनेक प्रसंग हैं जिनमें राजा हिंसा के कारण ही राजकार्य से विरत होना चाहते हैं. ऐसे समय उन्हें राजा के योग्य कर्तव्य की याद दिलाई जाती है. हमारे यहां युद्धभूमि में कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश ही नहीं है, बल्कि युद्ध समाप्त हो जाने पर युधिष्ठिर द्वारा रक्तपात पर विलाप करने और राज्य छोड़ देने की इच्छा जताने पर भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव और द्रौपदी के द्वारा उन्हें अपना कर्तव्य निभाने को कहने का पूरा प्रसंग भी है. यह हिंसा को अनासक्त भाव से राजा की तरह प्रयोग करने के सिद्धांत की बात करता है. राजा को अपने आनंद के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनिवार्य हिंसा की जिम्मेदारी लेनी ही होगी. भीष्म दुविधाग्रस्त युधिष्ठिर को अत्यधिक करुणा से सावधान करते हैं:

मात्र अनृशंस्य से बहुत कुछ नहीं हासिल किया जा सकता. लोग अत्यधिक कोमल ह्रदय, आत्म संयमी और आवश्यकता से अधिक न्यायशील होने के कारण तुमपर श्रद्धा नहीं रखेंगे. तुम जिस आचरण की बात कर रहे हो, वह राजा के अनुकूल व्यवहार नहीं है.

भीष्म का उपदेश बहुत सीधा है - राजा के अनुरूप आचरण करो, स्वर्ग विजय करो, साधुओं की रक्षा करो और दुष्टों का संहार.

आगे भीष्म युधिष्ठिर को समझाते हैं कि पूर्ण अहिंसा असंभव है. वनों में विचरने वाले ऋषि तक हिंसा करते हैं, फिर सारे प्राणियों का संरक्षण करने के दायित्व वाले राजा की बात ही क्या है! इस प्रसंग में ब्राह्मण कौशिक और एक शिकारी के बीच का संवाद दिलचस्प है. जब ब्राह्मण उसके पेशे की आलोचना करता है, शिकारी उसे बड़े सरल तरीके से कहता है कि धरती पर चलने मात्र में हिंसा है. आगे वह कहता है कि विरासत में मिले पेशे की अनिवार्यतावाली हिंसा में कोई पाप नहीं है.

भीष्म यह मानते हैं कि राजकर्म के साथ अनिवार्यतः जुड़ी हिंसा के पाप का प्रायश्चित जनता की सुरक्षा, उनकी तरक्की की व्यवस्था, यज्ञ, बलि और दान आदि से की जा सकती है. महाभारत अविचारित और असभ्य हिंसा और सुविचारित, अनिवार्य शक्ति प्रयोग और हिंसा में अंतर करता है.

इसकी चेतावनी भी आगे है कि राजा की ओर से यदि अविचारित और अनावश्यक हिंसा होगी तो राजा के विरुद्ध हिंसा उचित है. क्रूर और हिंसक वृत्ति के राजा का नाश होता ही है:

एक क्रूर राजा, जो अपनी प्रजा की रक्षा नहीं करता, जो उन्हें कर लेने के नाम पर लूटता है, कलि का अवतार है और उसकी प्रजा द्वारा उसकी ह्त्या कर दी जानी चाहिए. ‘मैं तुम्हारी रक्षा करूंगा’, ऐसी घोषणा के बाद जो उनकी रक्षा नहीं करता, प्रजा को चाहिए कि संगठित होकर उसका विनाश कर दे, जैसे एक पागल कुत्ते का किया जाता है.’

सारा द्वंद्व इस बात से है कि राज्य के साथ शक्ति का प्रयोग जुड़ा है और वह अनावश्यक हिंसा को जन्म दे सकता है. इसलिए कौटिल्य बल प्रयोग की जगह संवाद, विचार विमर्श और सलाह-मशविरे को अधिक उचित मानता है - पराजित राजा के साथ भी समझौता श्रेयस्कर है, न कि उसका पूर्ण नाश.

प्रजा के साथ भी कर जैसे प्रसंग में कौटिल्य अत्यधिक सावधानी की सलाह देता है:

जैसे बाग़ से फल चुनते हैं, वैसे ही उसे अपने राज्य से वैसे फलों को ही चुनना चाहिए जो पक रहे हों. अपने विनाश को ध्यान में रखते हुए उसे अधपके फलों को तोड़ने से बचना चाहिए जो कोपकारक हो सकता है, यानी विद्रोह को जन्म दे सकता है.

कौटिल्य अंततः व्यवहारवादी है और हिंसा को त्याज्य नहीं मानता. लेकिन राजा हिंसा से बच सकता है अगर वह प्रजा के संरक्षण और पोषण के अपने दायित्व को भलीभांति निभा रहा हो. अन्यथा प्रजा में विरक्ति और असंतोष पैदा हो सकता है.


10870.

निम्नलिखित उदाहरण को पढ़कर पाठ में आए संयुक्त शब्दों को छाँटकर लिखिए − उदाहरण − चलते-पुरज़े

Answer»

उत्तर :
१. समझता - बुझता

२. पढ़े - लिखे

३. इने - गिने

४. कटे-फटे

५. भली -भांति

६. पूजा - पाठ

७. मन -माना

८.लड़ाना - भिड़ाना

९. छोटे - बड़े

१०. ठीक-ठाक

** ‘धर्म की आड़’ निबंध के लेखक गणेश शंकर विद्यार्थी है। इस निबंध में लेखक ने धर्माचार्यों की पोल खोली है जो धर्म की आड़ लेकर जनता को भड़काते हैं तथा एक दूसरे धर्म के लोगों को आपस में लड़ा कर अपना स्वार्थ पूरा करते हैं।

आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।।

10871.

उदाहरण के अनुसार 'त्व' प्रत्यय लगाकर पाँच शब्द बनाइए − उदाहरण : देव + त्व =देवत्व

Answer»

उत्तर :
उदाहरण : देव + त्व =देवत्व

'त्व' प्रत्यय लगाकर बनाते गये पाँच शब्द निम्नलिखित है -

१. लघु + त्व →  लघुत्व   

२. उत्तरदायी + त्व → उत्तरदायित्व

३. गुरु + त्व → गुरुत्व

४. प्रभु + त्व → प्रभुत्व

५. महा + त्व → महत्व

६. ईश्वर + त्व → ईश्वरत्व

७. मनुष्य + त्व → मनुष्यत्व

** •प्रत्यय : शब्दों के अर्थों में परिवर्तन अथवा कुछ विशेषता लाने के लिए उनके परे जो वर्ण या शब्दांश जोड़े जाते हैं उन्हें प्रत्यय कहते हैं।

आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।

10872.

निम्नलिखित उपसर्गों का प्रयोग करके दो-दो शब्द बनाइए − ला, बिला, बे, बद, ना, खुश, हर, गैर

Answer»

उत्तर :
१. ला → लाचार ,लापता , लाजवाब, लाइलाज।

२. बिला → बिलावजह, बिलाकसूर ।

३. बे → बेईमान , बेरहम  , बेशर्म ।

४. बद → बदनाम , बदनीयत , बदसूरत ।

५. ना → नाचीज़ , नापसंद , नापाक ।

६. खुश → खुशबू , खुशहाल , खुशखबरी ।

७. हर →  हरतरह , हरसाल , हरतरफ ।

८. गैर → गैरकानूनी , गैरमुल्क ।

** •उपसर्ग : जो शब्दांश किसी शब्द के आरंभ में जुड़ कर उसके अर्थ बदल देते हैं उन्हें उपसर्ग कहा जाता है।

उपसर्ग के भेद  : १. संस्कृत उपसर्ग २. हिंदी उपसर्ग ३. उर्दू उपसर्ग।

आशा है कि यह उत्तर अवश्य आपकी मदद करेगा।।

10873.

What is the summary of jai jai bharath mata poem written by maithili sharan gupth

Answer»

I HOPE it will HELP you

10874.

Unity is diversity in hindi

Answer»

Ekta MEIN TAKAT HAI is the meaning of UNITY is diversity in Hindi

10875.

रामायण किसने लिखी थी

Answer»

वल्मिकी जी ने रामायण की रचना की थी

अशा है आपको आपका उत्तर मिल ग्या होगा

10876.

Vidyarthi rudh hain ya yaugik ya yogrodh hai

Answer»

Jvvjvjvugugugugugugiguvuvvibigubibububbuh

10877.

Force ka unit all ka

Answer» UNIT of FORCE is KGM*-1/s*2. or Newton.
mark BRAINLIEST.
10878.

संवाद लेखन between your father and son about increase in pocket money.

Answer» SON: papa MERI pocket MONEY badhiye
papa:kyo
son :kyoki MAI aab BADHA ho chuka
papa:ok
10879.

Upryukt savaiye ka sarlarth karo

Answer»

Here is UR SATYARTH

10880.

What is the name of train in hindi

Answer»

Loh PATH gamani is the actual WORD in HINDI

10881.

Allahabad me kya famous h

Answer»

I THINK KUMBH MELA .......

10882.

Allahabad ko kitne namo se jante h

Answer» PRAYAG,pragraaj,SANGAM,
10883.

Utter Pradesh total jila

Answer»

Hey mate!!

here is u r ANSWER !!

_________________________________


75 DISTRICT .

OK HELP u

10884.

लोगों को कुकर्मों से बचाने और अविद्या से हटाने के लिए क्या करना आवश्यक है ॽ

Answer» POSITIVE THINKING is IMPORTANT
10885.

Aapne naam ka sanshodhan ki suchana dete hue samachar patra ke liye 20-25 shabdo me vighyapan likhyea

Answer» ISKA answer PANE k liye apni HINDI grammar book ki Vigyapan LEKHAN Vijaya wahi SE same to same tipre dhanyavad
10886.

. हिन्दी में मूलतः वर्णो की संख्या कितनी है

Answer» HINDI me mulatah 52 VARN HOTE HAI...
10887.

How to say disadvantages in hindi?

Answer»

Disadvamtages:HANIYA

10888.

Aak vivek dimag ka hota hai aur aak vivek dil ja hota hai

Answer» HELLO DEAR STUDENT

HERE IS YOUR ANSWER


पता है हम सभी जीवों से अलग क्यों हैं? आखिर क्यों हम प्रगति कर रहे ? आखिर क्या कारण है , जिससे हम प्रगतिशील बनते जा रहे हैं? इन सभी प्रश्नों का उत्तर केवल एक ही है , और वह है कि मनुष्य का दिमाग । क्योंकि हम सभी जानते हैं दिल तो सभी जीवों के पास होता है किंतु दिमाग यानि विवेक हमारे पास विरासत के रूप में मिलती चली आ रही है।

ऐसा बिल्कुल नही है कि बगैर दिमाग के जीवन यापन करना संभव न हो । आपको ऐसे कई जीवों के उदाहरण मिलेंगे जो सदियों से जीवन यापन तो कर ही रहे हैं तथापि उनका विकास भी हुआ है। अतः यह कहने में मुझे कोइ अतिश्योक्ति नही होगी कि दिमाग और दिल जीवन के दो अलग -अलग पहलू हैं। दोनों के अपने - अपने मायने हैं।

अब बात करें निबंद के मुख्य वाक्य " एक विवेक दिल का होता है " । ये वाक्य कुछ अजीब -सा लग रहा है न ? किन्तु ये सर्वथा सत्य है । इसे समझने हेतु मुझे कबीर दास के वो दोहे को अवश्य अंकित करना चाहिए।
"पोथी पढ़ी -पढ़ी जग मुआ पंडित भया न कोइ ।
ढाई अक्षर प्रेम के पढ़ै सो पंडित होए ।। "
इस दोहे यह स्पष्ट है कि प्रेम यानि दिल द्वारा महसुस की गयी मधुर संबंध ज्ञान के पराकाष्ठा के अधिक सर्वोपरि है। इसिलए तो कबीर दास जी ने कहा चाहे अनेक पुस्तकों का अध्ययन क्यों न कर लो लेकिन पंडित (संपूर्ण ज्ञानी) नही बन पाओगे जब तक प्रेम को अच्छी तरह समझ न लो। वैसे भी आपने अनेक प्रेम प्रसंग फ़िल्म देखे होंगे। इसमें आपने ये तो अवश्य देखा होगा प्रेम का हारा व्यक्ति दिमाग से भी पंगु हो जाता है । इससे यह तो स्पष्ठ है कि दिल का अपना एक विवेक है जिससे वह कभी - कभी दिमाग पर हावी हो जाती है।

अब दूसरा वाक्य " दिमाग का अपना विवेक है " इस वाक्य को समझने या समझाने की तनिक भी आवश्यकता नही है। यह सभी जानते है कि उनका मानस पटल पर जो भी वजूद है उनके दिमाग के विवेक के कारण ही तो है। विवेकी मानव सर्वथा अव्वल होते हैं वे अपने ज्ञान के बल पर जग जीत सकते हैं । दिमाग के प्रबल उपयोगकर्ता तो अपने दिल पर भी धाक जमा लेते हैं । यह कहने में तनिक अतिशयोक्ति नही होगी की दिमाग दिल से कुछ मायनो में बेहतर है।

इन सभी चीजों से परे जिन्दगी है । यह न तो केवल दिमाग से जिया जा सकता है न ही दिल से । जिंदगी जीने के लिए तो दिल और दिमाग का समन्वय होना अत्यंत आवश्यक है। दिल हमें रिश्ते मजबूत करने का गुर सिखाता है तो दिमाग रिश्ते बनाये रखने के लिए अन्योन्य सुविधा प्रदान करता है।
अतः एक विवेक दिल का होता है तो एक
10889.

Present education minister

Answer»

Shriiiiiiiiiiiiiiiii PRAKASH jawedkar

10890.

A sentence making the word input in hindi

Answer»

Pta HAI pr abhi YAAD nhi abhi 5 MIN me bta rhe

10891.

Present khel minister

Answer» MR. RAJYAVARDHAN SINGH RATHORE
10892.

A essay about your neighbour ,giving your opinion about good or bad neighbour.IN HINDI.

Answer»

Neighbors are the people who live near us, and their behavior influences our DAILY life. Good neighbors can make us feel comfortable and give us many help, and everyone will benefits from a good relationship AMONG neighbor. In my point of view, these are three conspicuous aspects of the qualities of good neighbor.One of the most important characteristics of good neighbors is that they have a good living habit and are friendly to others. A person with bad habit will affect your daily life. For example, children are most likely to be influenced by bad neighbors and carry on bad habits. On the other hands, being friendly is also an important nature of good neighbors. If neighbors are unfriendly, they are hard to approach and DIFFICULT to get along withAnother important aspect of a good neighbor is that they should be willing to help others. In our daily life, emergency situations may happen, and we may encounter difficulties that cannot be resolved by ourselves. At this time, the quickest help we can get is probably from our neighbors. To some degree, neighbors are as important as relatives to us, because they could provide the immediate help. In the same way, a neighbor who likes to help others will get help in RETURN. Help each others can form a friendly and harmonious relationship among the neighbors.

All in all, a good neighbor is SOMEONE who has a good living habit, it friendly and is willing to help others. Taking into account of all these factors, we may reach the conclusion that a good relationship among neighbors needs the maintenance from us.


10893.

Explain the economic cause?????????

Answer»

This INCLUDES UNCERTAINTY RELATING to demand for GOODS, competition, price, collection of DUES from customers change of Technology or method of production.

10894.

Convert 9600 millimetre to metre

Answer» HI FRIEND....

9600 millimetre is 9.6 m......

I HOPE I HELPED YOU........

PLEASE MARK IT AS BRAINLIST IF IT'S HELPFUL.....
10895.

Isc class 12 hindi summary of poem baal leela

Answer»

I REQUIRE BOOK for that MAN

10896.

Samvad on child labour in hindi for long time

Answer»

Child labour is a wrong PRACTICE throughout INDIA .It is banned to do child labour and person found encouraging this will be IMPRISONED for 5 years.

10897.

Would it be fair to involve the parents of your classmate ?

Answer»

No it is not FAIR GOT it

10898.

Why did the production of food crops begin to decline with the introduction of commercial crop

Answer»

Becoz commercial CROPS consume more water and FERTILITY to GROW.

10899.

How to write letter on my motherland in hindi

Answer»

15 – A

Green Avenue

Urban Community

City

October 1, 2018

Dear Motherland:

I hope this letter finds you progressing and developing. I am writing this letter to thank you from the CORE of my heart for everything! You have given me the gift of life. I have grown playing in your lap. I can never ever thank you for the friends, wonderful plays, and happy times I had in my childhood. I walk on your surface; I eat the food from your crops; I eat the fruits grown in your orchards, fields, and pastures. Thanks for the sunlight; the rivers, the oceans; snow-capped mountains. I always feel I am closest to you when I am in the mountains. You have been a great motherland. You gave me more than my needs. You gave me a paradise. I am so lucky to have a great motherland like you.

You gave me the gift of education. I was born as a SAVAGE; but with the power of education I was transformed into a good human being. In your schools, colleges, and university I gathered the light of knowledge. I learnt lessons of life and rare wisdom from wonderful GUIDES, leaders, masters, writers, great leaders, saints, etc. I thank you for all of them. I take a pledge that I will endeavor to be like a great son of yours. Thanks for the struggles I had to face that made me a better human being. I always felt your loving support whenever I was depressed and despondent. You filled my heart with new hope and strength to carry on and to hold on.  

I promise you I will endeavor to bring honor and GLORY with my sincere efforts. I will remember my responsibilities towards you. As you reared me into young man, I will also LOOK after you when I grow up. I will not do anything that might tarnish your image. I will never forget that you bore sufferings in the shackles of intruders. I will remember you give your everything in nurturing millions of your sons and daughters. Thanks my dear motherland. I love you. May you always prosper and be safe!

Your loving son,

An Indian


10900.

Vigyapan on school bag n hindi

Answer»

in SCHOOL BAG we KEPT ANYTHING in bag