This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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गिलहरी की जीवन अवधि कितनी होती हैं |
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Answer» Answer: Explanation: 15 -18years |
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अनुच्छेद लेखन :- corona महामारी और मानव की समझदारी in Hindi. please help |
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Answer» seeee in UTUBE bcuz we can't write such paragraph |
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Sita ram ke sath van gai translate into Sanskrit |
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Answer» रामेण सह सीता अपि वनं गतवति Explanation: |
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असली खुशी पर कहानी लिखे| |
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Answer» Explanation: Hello Dosto, हमारी आज की कहानी खुशियो पर है। हम सभी खुश होते है किसी न किसी बात पर , लेकिन उस खुशी को हम दोगुना कैसे कर सकते है। हमारी आज की कहानी से आपको यही सीखने को मिलेगा.. एक दिन COLLAGE मे प्रोफेसर ने अपने सभी विदियार्थियों(STUDENTS) को बोला – आज हम पढ़ाई के इलावा कुछ और करते है। सभी विदियार्थी बहुत खुश हुए। इस से पहले प्रोफेसर कुछ और बोलते – एक विदियार्थी बोला , सर हम आज क्या खास करेगे। तभी प्रोफेसर क्लास(CLASS) से बाहर गये और बहुत सारे गुबारे लेकर आए। प्रोफेसर ने बोला – आप सभी एक – एक गुबारा ले लो। सभी विदियार्थियों ने एक – एक गुबारा ले लिया। फिर प्रोफेसर बोले – आप सभी अपने -अपने गुबारे पर अपना नाम लिखो। सभी विदियार्थियों ने ऐसा ही किया। प्रोफेसर बोले अभी आप सब साथ वाले कमरे मे यह गुबारे रख आयो। सभी(All) विदियार्थियों ने ऐसा किया। दस मिनट के बाद प्रोफेसर बोले आप अपने नाम वाला गुबारा लेके पाँच मिनट के अंदर – अंदर बापिस आयो। सभी दूसरे कमरे मे गये। पाँच मिनट खत्म हो गये। प्रोफेसर ने कहा – सभी बापिस आ जाओ। सभी स्टूडेंट बापिस आ गये। प्रोफेसर देख कर हैरान सभी के हाथ खाली(Empty) थे। किसी के पास कोई गुबारा नही था। प्रोफ़ेसोर ने पूछा – क्या किसी को अपने नाम का गुबारा नही मिला । ऐसा क्यू? एक स्टूडेंट वीच मे से उठता और कहता है सर – व्हा पर इतने गुबारे थे। सब को अपना – अपना गुबारा लेना था। हम जब कोई गुबारा उठाते तो किसी और के नाम का ही आता। प्रोफेसर बोले(Said) चलो मै आपको एक और मौका(Chance) देता हु। जब भी आपके हाथ मे किसी और के नाम का गुबारा आए तो आप उसका नाम बोलना और उसको गुबारा दे देना और टाइम पाँच मिनट ही होगे। सभी ने बात समझ ली। सभी फिर से अपने नाम का गुबारा लेने के लिए गये। अब जब भी कोई गलत(Wrong) गुबारा किसी के हाथ आता तो वो नाम बोल देता और वो गुबारा सही जगह पहुंच जाता । ऐसा करके सब को अपने – अपने नाम का गुबारा मिल गया। अब सभी स्टूडेंट टाइम से पहले ही क्लास मे पुहच गये। अब प्रोफेसर बोले – ठीक वैसी ही(Exactly) हमारी ज़िंदगी है। जब हम आप लोगो ने सिर्फ(Only) अपने नाम का गुबारा देखा तो किसी को नही मिला अथवा किसी को खुशी नही मिलती , जब हम सिर्फ अपने बारे मे सोचते है। इसके उलट जब आप लोगो ने दूसरों के बारे मे भी सोचा – उनको उनके नाम का गुबारा दिया तो आप को भी खुशी मिली। आप को भी अपना गुबारा मिल गया। सभी स्टूडेंट बात को अच्छी तरह समझ गये(Well understood) दोस्तो, ठीक वैसी ही हमारी ज़िंदगी(Life) है । हम लोग ज़िंदगी की इस दौड़ मे आगे निकलना चाहते है। आगे जरूर निकले लेकिन दूसरों को भी साथ लेके चले। इससे आप की खुशी कम नही बलिक दुगनी होगी, क्यूकि खुशी बांटने(SHARE) से ही बढ़ती है। |
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निम्नलिखित वाक्यों को उपयुक्त स्थान पर 'कि' अथवा 'की' भरकर पूरा कीजिए।(क)15 वर्ष डीआयु में ही उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा सम्मानपूर्वक उत्तीर्ण की। |
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Answer» Answer: paheli li KA Dusri Valenti aur dosre KI ka paheli valenti |
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घुम फिरकर शाम को हम कलीगुड बीच पर पहुंचेविरामचिन्ह का प्रयोग करो |
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Answer» घुम फिरकर शाम को हम कलीगुड बीच पर पहुंचे| |
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गिल्लू पाठ के अनुसार पशु पक्षियों को उचित बनाना पालतू बनाना उचित है |
| Answer» | |
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Jab log poorvagrah ho ya rudy Wadhwa Dhaar now Suni Suni Baton ke Aadhar per vyavhar Karte Hain To vah bhedbhav kehlata hai bhedbhav dur karne ke liye kuch upay likhiye |
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Answer» Answer: SORRY i FAILED to understand the meaning of your QUESTION. pls TYPE in hindi, I will definitely help u |
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उजागर करने वाली एक प्राजेक्ट बनायें।a) You are a sales manager of a company that deals in cosmetics - soaps, talcum powder, moistur-izer, deodorant and face pack. Prepare a sales analysis in Excel worksheet and then based onthat create a presentation highlighting the most profitable products of your company |
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Answer» Answer: Explanation: In the excel worksheet, we will take different products and list then down in column form. In rows, we shall be using these fields Row : PROFIT margin, Total sales /YEAR, Expected growth RATE, Material lead time, Material availability Column : List of all the cosmetic products Now we will do the pareto analysis on all the products and then show that value in a bar graph in power POINT PRESENTATION |
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| 17162. |
Can someone help me out with this?Can the answers be typed in hindi please |
| Answer» | |
| 17163. |
घुम फिरकर शाम को हम कलीगुड बीच पर पहुंचे |
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Answer» Answer: please mujhe brainlist krdo MARE NEXT rank ko AIK he brainlist answer CHAHIYE please isko KRO |
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पाठ गिल्लु की summary. |
Answer» इस प्रस्तुत पाठ में एक चंचल तथा तेज गति से दौड़ने वाली जीव जो गिलहरी है, उससे लेखिका के अद्भुत प्रेम का परिचय मिलता है। गिलहरी का एक छोटा-सा बच्चा शायद घोंसले से गिर गया है जिस पर नासमझ कौए टूट पड़े हैं। कौए उसके शरीर में अपना आहार ढूँढ़ने की चेष्टा में हैं। लेखिका की दृष्टि अनायास उस नवजात बच्चे पर पड़ी, जिसे वह बचाने का पूरा प्रयास करने लगीं। लेखिका ने ध्यान से उस नवजात गिलहरी को देखा तो कौए की चोंच के दो निशान मिले। यदि लेखिका उसका उपचार सही ढंग से नहीं करती तो शायद गिलहरी का यह बच्चा जीवित नहीं रहता।लेखिका उस गिलहरी को जिंदा रखने के लिए रुई की पतली बत्ती को दूध में भिगोकर उसके मुँह में दूध डालने लगी। पहले वह जीव मरने के समान दिख रहा था लेकिन लेखिका की सेवा से वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो गया। लगभग तीन दिन होते-होते वह जीव अपने पंजे हिलाने की स्थिति में आ गया और लेखिका की उँगली अपने पंजे से पकड़ने लगा।hope it HELPS youMARK as BRAINLIEST@PHENOM |
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Atam nirbar Bharat sawtanter Bharat essay in Hindi for 200 words |
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Answer» Explanation: नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। स्वतंत्रता दिवस समारोह के उपलक्ष्य में माईगव के साथ साझेदारी में शिक्षा मंत्रालय देश भर में स्कूली छात्रों के लिए एक निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। 9वीं से लेकर 10वीं या माध्यमिक स्तर और 11वीं से लेकर 12वीं या उच्च माध्यमिक स्तर के विशिष्ट आयु वर्ग के छात्र इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकेंगे। यह प्रतियोगिता ऑनलाइन आयोजित की जा रही है। इस आयोजन के लिए एनसीईआरटी नोडल एजेंसी होगी। निबंध लेखन के लिए मुख्य विषय, आत्म-निर्भर भारत -स्वतंत्र भारत है। इसके अंतर्गत उप-विषय के तौर पर आत्म-निर्भर भारत के लिए भारतीय संविधान और हमारा लोकतंत्र सबसे बड़े हिमायती हैं। 75 साल का भारत : आत्म-निर्भर भारत की ओर बढ़ता देश। व आठ अन्य उप-विषय निर्धारित किए गए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, निबंधों का चयन दो स्तरों पर किया जाएगा। सबसे पहले, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के स्तर पर निबंधों को अंतिम चयन किया जाएगा। दूसरा, प्रत्येक राज्य से चयनित 10 निबंधों से एनसीईआरटी द्वारा तय विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अंतिम चयन के लिए चयनित निबंधों का पूल बनेगा। एनसीईआरटी द्वारा प्रत्येक श्रेणी यानी माध्यमिक चरण और उच्चतर माध्यमिक चरण में 30 निबंधों का चयन किया जाएगा। जल्द ही राष्ट्रीय स्तर के विजेताओं के लिए पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी। देश के किसी भी हिस्से से छात्र ऑनलाइन ही 14 अगस्त तक अपनी प्रविष्टियां जमा करवा सकते हैं। |
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Woh konsi cheez hai ke hilna sunnat dalna farz nikalna haram |
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Answer» Insaniyat I THINK |
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| 17168. |
Path mea aaisa kyu kaha gaya hai ki aksharon kea sath ek naye yug ki shuruaat hui |
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Answer» Hello with your QUESTION write the the NAME of CHAPTER and book also |
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| 17170. |
Wakya ma praying dwara ling nirnay kigiya jovan |
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Answer» ...... |
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| 17171. |
पाप-पुण्य ' में समास है * 1 कर्मधारय 2द्विगु 3द्वंद्व 4बहुव्रीहि |
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Answer» Explanation: |
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| 17172. |
Paropkar nibandh in hindi |
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Answer» प्रस्तावना:- परोपकार शब्द ‘पर + उपकार‘ दो शब्दों के मेल से बना है। परोपकार का अर्थ होता है दूसरों का अच्छा करना। परोपकार का अर्थ होता है दूसरों की सहयता करना। परोपकार की भावना मानव को इंसान से फरिश्ता बना देती है। यथार्थ में सज्जन दूसरों के हित साधन में अपनी संपूर्ण जिंदगी को समर्पित कर देते है। परोपकार के समान कोई धर्म नहीं। मन, वचन और कर्म से परोपकार की भावना से कार्य करने वाले व्यक्ति संत की श्रेणी में आते है। ऐसे सत्पुरुष जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों पर उपकार करते है वे देवकोटि के अंतर्गत कहे जा सकते है। परोपकार ऐसा कृत्य है जिसके द्वारा शत्रु भी मित्र बन जाता है। परोपकार की महत्वता:- जीवन में परोपकार का बहुत महत्व है। समाज में परोपकार से बढकर कोई धर्म नहीं होता । ईश्वर ने प्रकृति की रचना इस तरह से की है कि आज तक परोपकार उसके मूल में ही काम कर रही है। परोपकार प्रकृति के कण-कण में समाया हुआ है। जिस तरह से वृक्ष कभी भी अपना फल नहीं खाता है, नदी अपना पानी नहीं पीती है, सूर्य हमें रोशनी देकर चला जाता है। परोपकार एक उत्तम आदर्श का प्रतीक है। पर पीड़ा के समान कुछ भी का अधम एवं निष्कृष्ट नहीं है। गोस्वामी तुलसीदास ने परोपकार के बारे में लिखा है. “परहित सरिस धर्म नहिं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई।” दूसरे शब्दों में, परोपकार के समान कोई धर्म नहीं है। विज्ञान ने इतनी उन्नति कर ली है कि मरने के बाद भी हमारी नेत्र ज्योति और अन्य कई अंग किसी अन्य व्यक्ति के जीवन को बचाने का काम कर सकते है। इनका जीवन रहते ही दान कर देना महान उपकार है। परोपकार के द्वारा ईश्वर की समीपता प्राप्त होती है। इस प्रकार यह ईश्वर प्राप्ति का एक सोपान भी है। भारतीय संस्कृति का मूलाधार भारतीय संस्कृति की भावना का मूलाधार परोपकार है। दया, प्रेम, अनुराग, करुणा, एवं सहानुभूति आदि के मूल में परोपकार की भावना है। गांधी, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू तथा लाल बहादुर शास्त्री का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है इन महापुरुषों ने इंसान की भलाई के लिए अपने घर परिवार का त्याग कर दिया था। प्रकृति में परोपकार का भाव प्रकृति मानव के हित साधन में निरंतर जुटी हुई है। परोपकार के लिए वृक्ष फलते – फूलते हैं, सरिताये प्रवाहित है। सूर्य एवं चंद्रमा प्रकाश लुटाकर मानव के पथ को आलोकित करते है। बादल पानी बरसाकर थे को हरा-भरा बनाते हैं, जो जीव- जंतुओं को राहत देते हैं। प्रकृति का कण-कण हमें परोपकार की शिक्षा देता है- नदियाँ परोपकार के लिए बहती है, वृक्ष धूप में रहकर हमें छाया देता है, चन्द्रमा से शीतलता, समुद्र से वर्षा, गायों से दूध, वायु से प्राण शक्ति मिलती है। परोपकार से लाभ परोपकारी मानव के हृदय में शांति तथा सुख का निवास है। इससे ह्रदय में उदारता की भावना पनपती है। संतों का हृदय नवनीत के समान होता है। उनमे किसी के प्रति द्वेष तथा ईर्ष्या नहीं होती। परोपकारी स्वम् के विषय में चिंतन ना होकर दूसरों के सुख दुख में भी सहभागी होता है। परोपकार की ह्रदय में कटुता की भावना नहीं होती है। समस्त पृथ्वी ही उनका परिवार होती है। गुरु नानक, शिव, दधीचि, ईसा मसीह, आदि ऐसे महान पुरुष अवतरित हुए जिन्होंने परोपकार के निमित्त अपनी जिंदगी कुर्बान कर दिया। उपसंहार:- परोपकारी मानव किसी बदले की भावना अथवा प्राप्ति की आकांक्षा से किसी के हित में रत नहीं होता, वरन् इंसानियत के नाते दूसरों की भलाई करता है। “सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया “ के पीछे भी परोपकार की भावना ही प्रतिफल है। परोपकार सहानुभूति का पर्याय है। यह सज्जनों की विभूति होती है। परोपकार आंतरिक सुख का अनुपम साधन है। हमें “स्व” की संकुचित भावना से ऊपर उठा कर “पर” के निमित्त बलिदान करने को प्रेरित करता है। इस हेतु धरती अपने प्राणों का रस संचित करके हमारी उदर पूर्ति करती है मेघ प्रतुपकार में पृथ्वी से अन्य नहीं मांगते। वे युगो – युगो से धरती के सूखे तथा शुष्क आँगन को जलधारा से हरा भरा तथा वैभव संपन्न बनाते हैं। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की हमे परोपकार करने की निम्नलिखित शब्दों में प्रेरणा दे रहे है वो इस प्रकार है। “यही पशु प्रवृत्ति है कि आप – आप ही चरे। वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।” परोपकार शब्द का अर्थ है दूसरों का भला करना। अपनी चिन्ता किए बिना, शेष सभी (सामान्य-विशेष) के भले की बात सोचना, आवश्यकतानुसार तथा यथाशक्ति उनकी भलाई के उपाय करना ही परोपकार कहलाता है। परोपकार के लिए मनुष्य को कुछ-न-कुछ त्याग करना पड़ता है। परोपकार की यह शिक्षा हमें प्रकृति से मिली है। प्रकृति के प्रत्येक कार्य में हमें सदैव परोपकार की भावना निहित दिखाई पड़ती है। नदियां अपना जल स्वयं न पीकर दूसरों की प्यास बुझाती हैं, वृक्ष अपने फलों को दूसरों के लिए अर्पण करते हैं, बादल पानी बरसा कर धरती की प्यास बुझाते हैं। गऊएं अपना दूध दूसरों में बांटती हैं। सूर्य तथा चन्द्रमा भी अपने प्रकाश को दूसरों में बांट देते हैं। इसी प्रकार सज्जनों का जीवन परोपकार में ही लगा रहता है। यदि हम अपने प्राचीन इतिहास पर दृष्टिपात करें तो हमें अनेक ऐसे उदाहरण मिलेंगे जिनसे ज्ञात होता है कि किस तरह यहां के लोगों ने परोपकार के लिए अपनी धन-सम्पत्ति तो क्या अपने घर-द्वार, राजपाट और आवश्यकता पड़ने पर अपने शरीर तक अर्पित कर दिए। महर्षि दधीचि के उस अवदान को कैसे भुला सकते हैं जिन्होंने देवताओं की रक्षा के लिए अपने प्राण सहर्ष ही न्यौछावर कर दिए थे अर्थात् उनकी हड्डियों से वज्र बनाया गया जिससे वृत्रासुर राक्षस का वध हुआ। राजा शिवि भी ऐसे ही परोपकारी हुए हैं, उन्होंने कबूतर के प्राणों की रक्षा के लिए भूखे बाज को अपने शरीर का मांस काट-काट कर दे दिया था। |
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| 17173. |
च ाँद से थोडी सी गप्पें"" इह कवित से अपने दस प्रश्न और उनके उत्तर लिखिए। Make 10 questions and answers from the chapter. Questions must include one match the following type question. |
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Answer» Explanation: vaa CHANDA EK jingola pahane ki icha KARTA the... INSTAGRAM SINGH ADI 41 |
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| 17174. |
पेड़ों से पत्ते झड़ने लगे | पेड़ से - के पद परिचय में नहीं आएगा 1 point जाति वाचक संज्ञा बहुवचन पुल्लिंग स्त्री लिंग अपादान करक |
| Answer» | |
| 17175. |
असली खुशी विषय पर कहानी लिखे | |
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Answer» Answer: ASLI khushi TAB MILTI HAI jab puura parivar khush hota hai ok |
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6 शब्द का अर्थ बताकर वाक्य में प्रयोग कीजिएआस्तरण, रुष्ट, दूर्वा, आखेट |
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Answer» आस्तरण का अर्थ है बिछौना | |
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| 17177. |
Jab log poorvagrah ho ya Road Badhwar Nav Suni Suni Baton ke Aadhar per vyavhar karte hain to Vaibhav kahlata hai bhedbhav dur karne ke kuch upay likhiye |
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Answer» oaksndiwosnn wiiwkalznzdbw ainznz718 Explanation: nzianshs siskszb so iaakksiz 278292 |
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| 17179. |
व्यंजन का उच्चारण स्वर के बिना नही किया जा सकता हैसहीगलत |
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Answer» Answer: galat, dono ALAG alag hai , lekin AGR koi sabd bnana ho to dono ka istemaal EK sth KIYA jata hai. |
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निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द रचना कीजिए-साहस |
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Answer» दुस्साहस is your answer |
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| 17181. |
New Defined Contribution PensionScheme being introduced with effectfrom 1.4.2005.Government of Gujarat,Finance Department,GR No. NPN-2003-GOI-10-PSachivalaya, GandhinagarDate: 18.3.20051. An announcement was made by the Central Government in the Parliament duringpresentation of the Budget of 2003-2004 to introduce a new structured known asContributory Pension Scheme for the candidates to be recruited in the services ofthe Central Government. As one of the measures towards this end, theGovernment of India has introduced a New Defined Contribution Pension Schemewith effect from 1.1.2004 for it's employees except the Armed Forces. TheGovernment of India has also framed an interim method as detailed rules andregulations were to be framed for the implementation of this Scheme |
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Answer» Bhair is the 814131 is the GOVERNMENT of PARLIAMENT |
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| 17182. |
Everest Abhiyan Dal Kathmandu se Delhi ke liye kab Ravana hua thaNeed ans plz |
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Answer» Answer: |
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| 17183. |
३.रहीम ने मूल को सींचने की सीख किस संदर्भ में दी है और क्यों? |
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Answer» B. rbrnrd sjdsjsjjafaksksksks |
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4पर्वत क्या कर रहा है। इसकी क्याविशेषता प्रतित होती है? |
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Answer» hey , Explanation: mujhe ISKA SAHI uttar pata nahin PAR MAIN koshish karungi ki aapko Sahi uttar de paaun. तुमने पूछा कि पर्वत क्या कर रहा है इसकी क्या विशेषता प्रतीत होती है?उत्तर: पर्वत एक बड़ी चीज है पर्वती पृथ्वी को बनाती है और पर्वत में नदियां बहती है। नदिया जैसे गंगास यमुना ,सरस्वती, कृष्णा, तुंगभद्रा ,इत्यादि...... पर्वत की विशेषता यह है कि वह बारिश को बुलाता है और बहुत सारे पेड़ पौधों गाता है।Mark me as a Brainlist please |
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(ख) 'अच्छा हुआ तुम मिल गईं'- कवि को कौन, कहाँ मिल गई?उत्तर- |
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Answer» i9oeoiodkjdjdhdhdhfjdkrjdhdh |
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मैंने बाज़ार से फल ख़रीदा' इस वाक्य में ख़रीदा का पद-परिचय होगा- *2 pointsसकर्मक क्रियाअकर्मक क्रियाविशेषणसर्वनाम |
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Answer» सकर्मक क्रिया is RIGHT answer |
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| 17188. |
शाम प्रतिदिन खेल खेलता है' वाक्य में प्रतिदिन का पद-परिचय होगा- *2 pointsक्रियाविशेषणक्रिया-विशेषणसर्वनाम |
| Answer» | |
| 17189. |
चाची अपने कमरे से निकल रही थी |कारक चिहन. .................भेद................................. |
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Answer» Explanation: BHED: apadaan |
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| 17190. |
.'मैं घर गया' वाक्य में 'मैं' का पद-परिचय होगा- *2 pointsपुरुषवाचक सर्वनामनिश्चयवाचक सर्वनामअनिश्चयवाचक सर्वनामनिजवाचक सर्वनाम |
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Answer» FIRST one Explanation: please LET me know how it was helpful by marking me as BRAINLIEST answer |
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| 17191. |
Nagaarjun ki pragatiseel vivechana |
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Answer» Answer: Vaidyanath Mishra (30 June 1911 - 5 November 1998), better known by his PEN NAME NAGARJUN, was a Hindi and Maithili poet who has also penned a number of novels, short stories, literary biographies and travelogues, and was known as Janakavi- the People's Poet. He is regarded as the most prominent protagonist of modernity in Maithili. Explanation: PLS MARK ME AS THE BRAINLIESTAND PLS FOLLOW ME |
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वर्णमाला किसे कहते हैं तथा हिंदी भाषा में कितने वर्ण होते हैं |
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Answer» Answer: वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण होते हैं। इनमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 52 वर्ण होते हैं इसमें 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं। |
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| 17193. |
3.उपसर्ग एवं प्रत्यय की दी गई अधूरी परिभाषा पूरी कीजिए-avari(क) वे शब्दांश जो किसी शब्द केमें लगकर उस शब्द के अर्थ में विशेषता अथवापरिवर्तन उत्पन्न करते हैं, उन्हेंकहते हैं।wayमें लगकर उस शब्द के अर्थ में विशेषता अथवा(ख) वे शब्दांश जो किसी शब्द केकहते हैं।परिवर्तन उत्पन्न करते हैं. उन्हें21 |
| Answer» | |
| 17194. |
मैं यह काम स्वयं करता हूँ' वाक्य में स्वयं का पद-परिचय होगा- *2 pointsनिश्चयवाचक सर्वनामअनिश्चयवाचक सर्वनामनिजवाचक सर्वनामपुरुषवाचक सर्वनाम |
Answer»
PLEASE MARK me BRAINLEAST |
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| 17195. |
Paheli and bujho have to Corner different distance to eat their school but they take the same time to reach the school what can you say about the speed NCERT example problems |
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Answer» If the numbers are to be given by the user then FOLLOWING algorithm is the basic one by USING nested if statements. Step 2: Declare variables a,b and C. Step 3: Read variables a,b and c. Display a is the LARGEST NUMBER. |
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Meri kutiyon mein raj bhavan mein bhayakis kavya se liya gaya hai |
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Answer» what is thisssss....... |
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अब मै बचा हूँ। अगर रुका तो मै ही चुरा लिया जाऊँगा। translate in english pls |
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Answer» I'm LEFT now . |
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इस संसार में ईमानदारी दुर्लभ है'इस वाक्य में 'इस' का पद-परिचय होगा- *2 pointsनिश्चयवाचक सर्वनामअकर्मक क्रियासार्वनामिक विशेषणअनिश्चयवाचक सर्वनाम |
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Answer» Nischayavachak SARVNAM |
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| 17200. |
प्रस्तुत पद्यांश में अनु प्रयास और यमक और रूपk में से कौन-कौन से अलंकार प्रयुक्त है ध्यान से उनके उदाहरण भी ढूंढकर लिखिए |
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Answer» पघांश कहाँ है ???? ... ...... |
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