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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

19501.

मेरी यूरोप यात्रा पाठ की summary

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ANSWER:

एक सामी परिवार

यूरोप में मानव ईसापूर्व 35,000 के आसपास आया। इसके बाद ७००० इस्वी पूर्व से संगठित बसाव यानि बस्तियों के प्रमाण मिलते हैं। काँस्य युगीन सभ्यता (३००० ईसा पूर्व) के समय यहाँ कुछ अधिक बसाव नहीं हुआ - भ़ासकर मिस्र, इराक, चीन और भारतीय सभ्यता के मुकाबले। लेकिन ५०० ईसापूर्व से रोमन और यूनानी साम्राज्यों का उदय हुआ जिसने यूरोप की संस्कृति को बहुत प्रभावित किया। सैन्य, कला और चिंतन के मामले में यूनानियों ने यूरोप के एक कोने में होते हुए भी पूरे यूरोप और बाद में विश्वभर में अपना प्रभाव जमाया।

आज यूरोप के देश यूरोपीय संघ के सदस्य हैं जो एक मुद्रा यूरो चलाता है। मध्यकाल में यूरोप छोटे राज्यों में विभक्त हो गया था। विज्ञान और शोध के मामले में धार्मिक मान्यताओं ने अपना प्रभाव बना रखा था। पंद्रहवीं सदी के बाद यह पुनः विकसित हुआ। सैनिक इतिहास का एक छोटा ब्यौरा नीचे लिखा है, कृपया वहाँ देखें।

यूरोप के इतिहास को समझने के लिए दक्षिणी (रोम, यूनान और स्पेन), पूर्वी (यानि स्लाविक) और उत्तरी क्षेत्र जिसनें जर्मन मूल की नौर्ड और वाइकिंग तथा केल्ट और गॉल को समझना आवश्यक है।

साम्राज्यों का इतिहास

19502.

Pls write the answer fast.I need the answer.

Answer»

ANSWER:

is it your HOMEWORK BABY?

19503.

Vidyarthi aur fashion essay in Hindi​

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विद्यार्थी और फैशन पर निबंध :

भूमिका : शब्दकोश में फैशन का अर्थ होता है ढंग या शैली लेकिन लोकव्यवहार में फैशन का परिधान शैली अथार्त वस्त्र पहनने की कला को कहते हैं। मनुष्य अपने आप को सुंदर दिखाने के लिए फैशन का प्रयोग करता है। कोई भी व्यक्ति गोरा हो या काला, मोटा हो या पतला, नवयुवक हो या प्रौढ़ सभी का कपड़े पहनने का अपना-अपना ढंग होता है।

मनुष्य केवल अपनी आयु, रूप-रंग और शरीर की बनावट को देखकर ही फैशन करता है। यहाँ तक की फैशन के विषय में कोई विशेष विवाद नहीं है। कोई भी अध्यापक हो या विद्यार्थी, लड़का हो या लडकी, पुरुष हो या स्त्री सभी को फैशन करने का अधिकार होता है।

फैशन पर विवाद : जब हम फैशन का गूढ़ अर्थ बनाव सिंगार लेते हैं तो फैशन के विषय में विवाद उठता है। इस गूढ़ अर्थ से दूल्हा और दुल्हन का संबंध हो सकता है लेकिन छात्र और छात्राओं का इससे कोई संबंध नहीं होता है।

छात्र और छात्राएं अभी विद्यार्थी हैं और विद्यार्थी का अर्थ होता है विद्या की इच्छा करने वाला। अगर विद्या की इच्छा करने वाले विद्यार्थी फैशन को चाहने लगेंगे तो वे अपने लक्ष्य से बहुत दूर भटक जायेंगे। अगर विद्यार्थी विद्या की जगह पर फैशन को चाहेगा तो विद्या उससे रूठ जाएगी।

प्राचीनकाल में विद्यार्थियों में फैशन की भावना : प्राचीनकाल में विद्यार्थी फैशन को इतना पसंद नहीं करते थे जितने आज के विद्यार्थी करते हैं। प्राचीनकाल में विद्यार्थी सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास रखते थे उनमे फैशन की अपेक्षा विद्या को चाहने की बहुत तीव्र इच्छा होती थी।

आज के विद्यार्थियों में फैशनेबल दिखने की इच्छा तीव्र होती है। आजकल विद्यार्थी जिस तरह के कपड़े दूसरों को पहने हुए देखते हैं वैसे ही कपड़ों की मांग वे अपने माता -पिता से करते हैं। वे ऐसा इसलिए करते हैं ताकि आस-पास के लोगों में खुद को धनी दिखा सकें लेकिन वास्तव में वे धनी नहीं होते हैं।

धनी के साथ-साथ आज का विद्यार्थी खुद को दूसरों से सुंदर दिखाना चाहता है जो वो होता नहीं है। इस तरह वे फैशन में इतना समय व्यर्थ में गंवा देते हैं लेकिन बहुत से महत्वपूर्ण कामों के लिए उसके पास समय ही नहीं होता है। ऐसी अवस्था में कौन उन्हें यह बात समझाएगा कि वे धन के अपव्यय के साथ-साथ समय की भी बरबादी करते हैं।

सौन्दर्य के लिए धन की आवश्यकता : जब विद्यार्थी सुंदर दिखने की भावना को प्रबल कर लेते हैं तो उन में धन विलासिता भी बढ़ जाती है। फैशन के जीवन को जीने के लिए धन की आवश्यकता होती है। जब विद्यार्थी को फैशन का जीवन जीने के लिए धन आसानी से नहीं मिलता है तो वह झूठ का सहारा लेकर धन को प्राप्त करने की कोशिश करता है।

वह धन को पाने के लिए चोरी तक करने लगता है। ऐसा करने के बाद जुआ जैसे बुरे काम भी उनसे दूर नहीं रह पाते हैं। इस तरह से विद्यार्थी की मौलिकता खत्म हो जाती है और वह आधुनिक वातावरण में जीने लगता है। ऐसा करने से घर के लोगों से उसका संबंध टूट जाता है और सिनेमा के अभिनेता उसके आदर्श बन जाते हैं।

वे विद्यालय की जगह पर फिल्मों में अधिक रूचि लेने लगते हैं और अपने मार्ग से भटक जाते हैं। जो विद्यार्थी फैशन के पीछे भागते हैं वे अपने जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ पाते हैं। आगे चलकर उन्हें पछताना ही पड़ता है।

सिनेमा का कुप्रभाव : आज के समय में हमारे जीवन में सिनेमा एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। ज्यादातर छात्र-छात्राएं फिल्मों से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। अमीर परिवार तो फैशनेबल कपड़े पहन सकते हैं और अपने बच्चों को भी फैशनेबल कपड़े पहना सकते हैं लेकिन गरीब लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं। विद्यार्थियों में देखा-देखी फैशन की होड़ बढती ही जा रही है। टीवी की संस्कृति ने हमारे देश के लोगों के लिए समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं। यह फैशनपरस्ती फिल्मों की ही देन है।

फैशन के दुष्परिणाम : आज के विद्यार्थियों में फैशन की प्रवृत्ति के बढने से केवल माता-पिता ही नहीं बल्कि पूरे समाज मे घातक सिद्ध हो रही है। गरीब परिवार के लोग अपने बच्चों की मांगों की पूर्ति नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से उनके घर के बच्चे घर में असहज वातावरण उत्पन्न कर देते हैं।

जो विद्यार्थी फैशन के पीछे भागते हैं वो सिनेमा घरों में जाकर अशोभनीय व्यवहार करते हैं, गली मोहल्लों में हल्ला मचाते हैं और हिंसक गतिविधियों में भाग लेते हैं। जो विद्यार्थी फैशनपरस्ती होते हैं वे जीवन के विकास में बाधा उत्पन्न करते हैं | जो विद्यार्थी फैशनपरस्ती के पीछे भागते हैं वो अपनी शिक्षा की तरफ ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे विद्यार्थी अपने माता-पिता के सपनों को तोड़ देते हैं।

उपसंहार : हम यह कह सकते हैं कि फैशन विद्यार्थियों के लिए अच्छा नहीं होता है। विद्यार्थियों का आदर्श हमेशा सादा जीवन उच्च विचार होना चाहिए। फैशन के मामलों में विद्यार्थी को अपना जीवन कभी भी खर्च नहीं करना चाहिए।

विद्यार्थी का लक्ष्य बस अपने जीवन का निर्माण होना चाहिए। जो विद्यार्थी अपनी शिक्षा पर ध्यान देते हैं वे ही अपने जीवन में सफल होते हैं। बस फैशन के पीछे भागने वाले बाद में पछताते हैं।

19504.

Hindi essay on jasi karni waisi bharni plz....#too important⚠️​

Answer»

EXPLANATION:

HOPE it HELPS...

FOLLOW me

19505.

Hindi all lekhak kahan ja rahe the chapter 2 Kshitij class 9 question answer please tell me this answer please please please please please​

Answer»

ANSWER:

zjxgxigxigxtxigztzigxkxitxis8txiy

19506.

नीचे दिए गए विषय पर 100 शब्दों का निबंध लिखिए ।क) मेरा प्रिय अध्यापक । ख) रेल यात्रा​

Answer»

I HOPE this will HELP you

19507.

नैतिकता का पतन मानवता का पतन।

Answer»

ANSWER:

नैतिकता का पतन मानवता का पतन यह वाक्य बिलकुल सत्य है | मनुष्य जीवन में नैतिकता का होना  बहुत महत्व रखता है | मनुष्य का चरित्र चला गया तो समझो उसका सब कुछ चला गया |  मानव-चरित्र में उसके स्वभाव की  नैतिकता का पता चलता  है | मनुष्य का यश, गुरु-गौरव उसकी संपन्नता एवं मान-मर्यादा उसके चरित्र पर निर्भर करता है | र मनुष्य सत्यवादिता, दयालुता, निष्कपटता, सदाचार, संतोष, पारस्परिक सहयोग- ये सभी नैतिकता के गुण  है | अच्छा व्यवहार परिश्रमशीलता, कर्तव्यनिष्ठा, समय-निष्ठा आदि गुण जिस व्यक्ति में होंगे, वह निश्चय ही अपने जीवन में सफल होता है |

अगर मनुष्य में नैतिकता नहीं है तो कभी भी सफल नहीं हो सकता | बिना नैतिकता समाज में विनाश होता है | सब जगह अशांति फैलती है | इसलिए यह सत्य कहा गया है नैतिकता का पतन मानवता का पतन।

19508.

Introduction of holy books in sanskrit language​

Answer»

Answer:

Arthashastra is the holy Books of Hindu Written by Vishnu GUPTA Chanakya

Explanation:

HOPE it's helpful Mark as brainliest plz DEAR brainlie I will be HAPPY to help you whenever you are in need .

19509.

(D) (09) - (571)2. A point charge 50uC is located in the XY plane atthe point of position vector o = 21 +3j. What isthe electric field at the point of position vector7-si - 59160+38(A) 1200 V/m(B) 0.04 V/m(C) 900 V/m(D) 4500 V/mGiro dît 3(D) 4500 Vm Gese​

Answer»

Answer:

D

Explanation:

I am not sure

first mark me as BRAIN LIST please PLS plz PLZS

19510.

NIBANDH ON JAISI KARNI VAISI BHARNI​

Answer»

ANSWER:

you can WRITTEN the STORY of CRANE and FOX

19511.

Pustakalaya essay in Hindi​

Answer»

ANSWER:

पुस्तकालय शब्द पर जब हम विचार करते हैं, तो हम इसे दो शब्दों के मेल से बना हुआ पाते हैं- पुस्तक+आलय; अर्थात् पुस्तक का घर । जहाँ विभिन्न प्रकार की पुस्तकें होती हैं और जिनका अध्ययन स्वतंत्र रूप से किया जाता है, उसे पुस्तकालय कहा जाता है । इसके विपरीत जहाँ पुस्तकें तो हों लेकिन उनका अध्ययन स्वतंत्र रूप से न हो और वे अलमारी में बन्द पड़ी रहती हों, उसे पुस्तकालय नहीं कहते हैं । इस दृष्टिकोण से पुस्तकालय ज्ञान और अध्ययन का एक बड़ा केन्द्र होता है ।

प्राचीनकाल में पुस्तकें आजकल के पुस्तकालयों की तरह एक जगह नहीं होती थीं; अपितु प्राचीनकाल में पुस्तकें हस्तलिखित हुआ करती थीं । इसलिए इन पुस्तकों का उपयोग केवल एक ही व्यक्ति कर पाता था । दूसरी बात यह कि प्राचीनकाल में पुस्तकों से ज्ञान प्राप्त करना एक बड़ा कठिन कार्य होता था; क्योंकि पुस्तकें आज जितनी प्रकार की एक ही जगह मिल जाती हैं; उतनी तब नहीं मिलती थीं ।

इसलिए विविध प्रकार की पुस्तकों से आनन्द, ज्ञान या मनोरंजन करने के लिए आज हमें जितनी सुविधा प्राप्त हो चुकी हैं, उतनी इससे पहले नहीं थीं । इस प्रकार से पुस्तकालय हमारी इस प्रकार की सुविधाओं को प्रदान करने में आज अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका को निभा रहे हैं ।

पुस्तकालय की कोटियाँ या प्रकार कई प्रकार के होते हैं । कुछ पुस्तकालय व्यक्तिगत होते हैं, कुछ सार्वजनिक होते हैं और कुछ सरकारी पुस्तकालय होते हैं । व्यक्तिगत पुस्तकालय, वे पुस्तकालय होते हैं, जो किसी व्यक्ति-विशेष से ही सम्बन्धित होते हैं ।

ऐसे पुस्तकालयों में पुस्तकों की संख्या बहुत ही सीमित और थोड़े प्रकार को होती है । हम कह सकते हैं कि व्यक्तिगत पुस्तकालय एक प्रकार से स्वतंत्र और ऐच्छिक पुस्तकालय होते हैं । इन पुस्तकालयों का लाभ और उपयोग उठाने वाले भी सीमित और विशेष वर्ग के ही विद्यार्थी होते हैं । इन पुस्तकालयों की पुस्तक बहुत सामान्य या माध्यम श्रेणी की होती हैं ।

Explanation:

HOPE it HELPS...

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19512.

दो वर्षों के परस्पर मेल को कहते हैं​

Answer»

ANSWER:

SANDHI kahta ha❤️❤️❤️☺️☺️

19513.

Pradhanadhyapak 10 din ki chutti​

Answer»

ANSWER:

khushi ke mare PAGAL hi HO JAU

19514.

Kul aur kram me aap kise mahatvapurn mante h aur kyu

Answer»

It DEPENDS on our views

Explanation:

but I THINK so KRAM

19515.

Describe this picture in hindi​

Answer»

ANSWER:

I THINK PANCHAYATI SYSTEM...

19516.

अनुच्छेद कम्प्यूटर ने बदला जीवन

Answer»

इस आधुनिक और वैज्ञानिक युग में आए दिन कोई ना कोई नये-नये आविष्कार होते ही रहते हैं जो हमारे जिन्दगी जीने के तरीके को आसान बनाने में किसी ना किसी तरीके से हमारी सहायता करते हैं।

परंतु इस वैज्ञानिक युग का सबसे बड़ा आविष्कार कंप्यूटर को माना गया है। कंप्यूटर के आविष्कारक चार्ल्स बैबेज ने दुनिया में एक नई क्रान्ति की पहल की।उनकी बनाए गए इस आविष्कार ने अनेकों लोगों के जीवन को सरल बनाने में बहुत मदद की।

कंप्यूटर के कारण आज कितने ही ऐसे काम हैं जो चुटकियों में सम्भव हो गए हैं, ऐसे काम जिन्हे होने में पहले बहुत समय लग जाता था।

19517.

Bela to sahil new school stateClass 10

Answer»

what's the QUESTION here

19518.

Full story of ऊँटों का व्यापारी

Answer»

Answer:A typical caravan COULD have 500 camels but some of the annual ones had up to 12,000 camels in them. These great caravans usually travelled in the best season for travel, WINTER. To avoid the heat of the midday sun, caravans typically set off at dawn to the call of horns and kettledrums, then rested in the shade of tents during the middle of the day, and moved on again in the late afternoon, continuing until well after dark.

The journey across the Sahara could take at least from 40 to 60 days, and it was only made possible by stopping at oases along the way, but even with these water stops, the journey was brutal and hazardous. That there were established routes, and that Arab medieval writers were so particular in mapping them, is strong evidence that any improvised deviation, the taking of shortcuts or the missing of the next oases through poor NAVIGATION or a sandstorm, was very likely to bring disaster. Other dangers INCLUDED bandits, VENOMOUS snakes, scorpions, and the supernatural demons desert people often believed haunted certain parts of the Sahara.

Explanation:

19519.

Meaning with other word and with also in hindi meaning

Answer»

Answer:

bhai AAP kaise questions daal RAHE ho, zara DHANG SE likh kar bhej de NAAAA

19520.

Vyavsay se sambandhit paribhashik Shabd ke Hindi mein paraya​

Answer»

ANSWER:

APPLICATION just KIND OFFER PROFESSIONAL

19521.

Chatro dwara Vidyalaya Mein Safai Abhiyan chalana hai uske liye Suchna taiyar kijiye​

Answer»

Explanation:

Sabhi sabhi vidyarthiyon KO SUCHIT Kiya jata hai ki HAMARI Vidyalaya Mein chhatron DWARA Safai Abhiyan chala gaya hai isliye Sabhi vidyarthiyon se nivedan hai ki Sabhi is Abhiyan Mein Hamari sahayata Karen Hua Apne Vidyalaya ko tap suttraway SWACHH Banaye jis Karan Vidyalaya Mein Koi Bimari na pahle Hum Sab acche se Shiksha prapt kar sake dhanyavad

19522.

Describe the national currency symbol of India in hindi ​

Answer»

Answer:

Explanation:

NATIONAL Currency of India:

Indian Rupee is the official currency of the Republic of India. The flow of this currency is controlled by the Reserve BANK of India. The symbol of Indian rupee is derived from the Devanagari consonant “र” (ra). The Indian rupee is named after silver coin, which is called rupiya. It was first ISSUED by Sultan SHER SHAH Suri in the 16th century and later the Mughal Empire continued it.

19523.

३ दिए गए शब्दों में से विशेषण और वि0 अ.अ६ ३ ६(ट) सम्भ्रांत महिला ।(ठ) चंचल नदियों(ड) समतल मैदान ।(द) घना जंगल(ण) मूसलाधार वर्षा​

Answer»

Answer:

1) संम्भ्रांत

2)चंचल

3)समतल

4)घना

5)मूसलाधार

Hope it helps

19524.

अपने परिवार के किसी एक सदस्य का वर्णन कीजिए

Answer»

ANSWER:

EXPLANATION:

Can’t UNDERSTAND what you MEAN by the WAY

19525.

भाषा की परिभाषा लिखेऔर उसके कितने प्रकार हैं।उसके भी परिभाशा लिखे​

Answer»

ANSWER:

GSG hia uthfiy jtm gm 'll UTF HK

19526.

Vyavsay sambandhit paribhasik sabd​

Answer»

ANSWER:

what I didn't UNDERSTAND your QUESTION?

19527.

Can i find poem on smriti class 9 hindi book

Answer»

Answer:

go with GOOGLE you will GET BETTER option

19528.

Marksheet ke liye Vigyapan​

Answer»

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⭐⭐⭐⭐⭐⭐ ⭐ ⭐ ⭐ ⭐ ⭐ ❤❤❤⭐⭐⭐⭐ \\ \\ \\ \\ \\

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FOLLOW , BRAINLIST ME☺☺PLZZ

===========Walkers

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Walker SAID SAVE the WORLD✌ & Follow Me✌✌☺☺

19529.

Summary of chisnese brother by Mahadevi verma

Answer»

\huge\bold{HEY:)-}

⭐⭐⭐⭐⭐⭐ ⭐ ⭐ ⭐ ⭐ ⭐ ❤❤❤⭐⭐⭐⭐ \\ \\ \\ \\ \\

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FOLLOW , BRAINLIST ME☺☺PLZZ

===========Mahadevi Verma (26 March 1907 – 11 SEPTEMBER 1987) was a Hindi POET, freedom fighter and educationist from India. ... She was a MAJOR poet of the "Chhayavaad", a LITERARY movement of romanticism in modern Hindi poetry ranging from 1914–1938 and a prominent poet in Hindi Kavi sammelans (Gatherings of poets).

19530.

Basant na muja mara ko English ma bana ha to hum USA kya kaha ga

Answer»

ANSWER:

BASANT BEAT me

Explanation:

19531.

पिता और पुत्र के बीच परीक्षा परिणाम Mein nakal karte pakre Jane विषय पर संवाद

Answer»

ANSWER:

PITA – Tumne nakal Kyun ki

Putra – pita ji mujhe maaf KAR dijiye

Pita – NAHI Tumhe iski Saja milni CHAHIYE

Putra pitaji e Mujhe a

19532.

Vidyarti aur anusasan eassy​

Answer»

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । किसी समाज के निर्माण में अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । अनुशासन ही मनुष्य को श्रेष्ठता प्रदान करता है तथा उसे समाज में उत्तम स्थान दिलाने में सहायता करता है ।

विद्‌यार्थी जीवन में तो इसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है क्योंकि यह वह समय होता है जब उसके व्यक्तित्व का निर्माण प्रांरभ होता है । दूसरे शब्दों में, विद्‌यार्थी जीवन को किसी भी मनुष्य के जीवनकाल की आधारशिला कह सकते हैं क्योंकि इस समय वह जो भी गुण अथवा अवगुण आत्मसात् करता है उसी के अनुसार उसके चरित्र का निर्माण होता है ।

कोई भी विद्‌यार्थी अनुशासन के महत्व को समझे बिना सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है । अनुशासन प्रिय विद्‌यार्थी नियमित विद्‌यालय जाता है तथा कक्षा में अध्यापक द्‌वारा कही गई बातों का अनुसरण करता है । वह अपने सभी कार्यों को उचित समय पर करता है । वह जब किसी कार्य को प्रारंभ करता है तो उसे समाप्त करने की चेष्टा करता है ।

अनुशासन में रहने वाले विद्‌यार्थी सदैव परिश्रमी होते हैं । उनमें टालमटोल की प्रवृत्ति नहीं होती तथा वे आज का कार्य कल पर नहीं छोड़ते हैं । उनके यही गुण धीरे-धीरे उन्हें सामान्य विद्‌यार्थियों से एक अलग पहचान दिलाते हैं ।

अनुशासन केवल विद्‌यार्थियों के लिए ही आवश्यक नहीं है, जीवन के हर क्षेत्र में इसका उपयोग है लेकिन इसका अभ्यास कम उम्र में अधिक सरलता से हो सकता है । अत: कहा जा सकता है कि यदि विद्‌यार्थी जीवन से ही नियमानुसार चलने की आदत पड़ जाए तो शेष जीवन की राहें सुगम हो जाती हैं ।

ये विद्‌यार्थी ही आगे चलकर देश की राहें सँभालेंगे, कल इनके कंधों पर ही देश के निर्माण की जिम्मेदारी आएगी अत: आवश्यक है कि ये कल के सुयोग्य नागरिक बनें और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन धैर्य और साहस के साथ करें ।

वर्तमान में अनुशासन का स्तर काफी गिर गया है । अनुशासनहीनता के अनेक कारण हैं । बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा के दौर में आज लोग बहुत ही व्यस्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं जिससे माता-पिता अपनी संतान को वांछित समय नहीं दे पाते हैं । इसी कारण बच्चों में असंतोष बढ़ता है जिससे अनुशासनहीनता उनमें जल्दी घर कर जाती ह

इसी प्रकार विद्‌यालय के कुछ छात्र जब परीक्षा या किसी प्रतिस्पर्धा में असफल हो जाते हैं तो वे कुंठा से ग्रसित हो जाते हैं । उनका असंतोष दूसरे विद्‌यार्थियों के अनुशासन पर भी प्रभाव डालता है । देश में बढ़ती हुई जनसंख्या भी अनुशासनहीनता के लिए उत्तरदायी है ।

देश के कुछ विद्‌यालयों की स्थिति ऐसी हो गई है कि 35-40 की क्षमता वाली कक्षाओं में 150 विद्‌यार्थी पढ़ रहे हैं । कोई भी व्यक्ति स्वत: अनुमान लगा सकता है कि एक अध्यापक किस प्रकार सीमित समय में इतने बच्चों को ठीक ढंग से शिक्षा प्रदान कर सकता है ।

यह प्रामाणिक तथ्य है कि अनुशासन के बिना मनुष्य अपने उद्‌देश्य की प्राप्ति नहीं कर सकता है । विद्‌यार्थी जीवन में इसकी आवश्यकता इसलिए सबसे अधिक है क्योंकि इस समय विकसित गुण-अवगुण ही आगे चलकर उसके भविष्य का निर्माण करते हैं । अनुशासन के महत्व को समझने वाले विद्‌यार्थी ही आगे चलकर डॉक्टर, इंजीनियर व ऊँचे पदों पर आसीन होते हैं ।

परंतु वे अनुशासनहीनता के पथ पर चलते हैं तो वे शीघ्र ही कुसंगति के कुचक्र में फँस जाते हैं और सच्चाई तथा न्याय के मार्ग से विचलित हो जाते हैं । फलस्वरूप जीवन में वे ईर्ष्या, लालच, घृणा, क्रोध आदि बुराइयों के अधीन होकर अपना भविष्य अंधकारमय बना लेते हैं ।

अनुशासनहीनता को अच्छी शिक्षा व उचित वातावरण देकर नियंत्रित किया जा सकता है । इसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है ताकि विद्‌यार्थी उज्जल भविष्य की ओर अग्रसित हो सकें । अनुशासन में रहने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि राष्ट्र की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो जाता है ।

19533.

Ram Aur Rahim kab ek Hote h

Answer»

ANSWER:

VOH EK NAHI HOTE

19534.

shikakai par Dadi ka taar Bhagwan Se Kaise Juda hua tha chapter 2 question answer of class 9 Kshitij​

Answer»

Explanation:

it means that LEKHIKA ki dadi ki BHAGWAN jaldi SUNTE the or vo pooja paath me jyada visvas krti thi.is prakar dadi KA taar. bhagwan se juda HUA tha

19535.

I want the full summary and meaning of "mat banto insan ko" poem for standard 6 CBSE.

Answer»

Answer:

"mat banto Insaan Ko " ka meaning HAI ki Jo hum LOGO ne Insaan Ko bant DIYE hai jaise vaishi , baniye etc. par isse to humara hi nuksaan hai na hai to sab HINDU hi .

Explanation:

PLS mark me brainlesst

19536.

स्पष्ट कीजिए कि कबीर बाह्य आडंबरों के विरोधी थे।​

Answer»

EXPLANATION:

SEMENT

India TODAY Conclave

भाषा

नई दिल्‍ली, 14 JUNE 2011

आजीवन आडंबर पर कुठाराघात करते रहे कबीर

(15 जून को संत कबीर दास की जयंती पर विशेष)

संत कबीर दास हिंदी साहित्य के आदिकाल के इकलौते ऐसे कवि हैं, जो आजीवन समाज और लोगों के बीच व्याप्त आडंबरों पर कुठाराघात करते रहे. वह कर्म प्रधान समाज के पैरोकार थे और इसकी झलक उनकी रचनाओं में साफ झलकती है.

मौजूदा समय के कवि-साहित्यकार भी इससे पूरा इत्तेफाक रखते हैं. कवि प्रेम जनमेजय ने कहा, ‘कबीर दास आस्था के विरोधी नहीं थे, लेकिन वह निराकार ईश्वर को स्वीकार करते थे. वह धर्म और परंपराओं के नाम पर किये जाने वाले आडंबरों से सहमत नहीं थे.’

कबीर के जन्म को लेकर किसी स्पष्ट तिथि का पता नहीं, लेकिन माना जाता है कि उनका जन्म 15 जून, 1440 को वाराणसी में हुआ. नीरू और नीमा नामक मुस्लिम दंपत्ति ने उन्हें पाया था और उन्हें कबीर नाम दिया. शुरुआत में कबीर ने बुनकरी के पारिवारिक पेशे में मन लगाया, लेकिन बाद में उनका ध्यान साधुवाद की ओर बढ़ता चला गया.

वाराणसी के संत रमानंद के शिष्य बनने के बाद वह बतौर संत स्थापित हुए. उनकी धार्मिक मान्यता को लेकर लंबे समय तक मतभेद बना रहा. कुछ लोग उन्हें जन्म से हिंदू करार देते हैं तो कइयों का मानना है कि साधुवाद की ओर उनका रुझान संत रमानंद से मिलने के बाद हुआ. माना जाता है कि कबीर ने 1518 में नश्वर शरीर छोड़ दिया.

कबीर ने मुसलमान और हिंदू दोनों समुदाय के बीच आडंबरों पर कटाक्ष किया. उन्होंने हमेशा निराकार ईश्वर की उपासना की पैरवी की. इसी सदंर्भ में उनका एक दोहा काफी प्रचलित है- ‘पाहन पूजे हरि मिले तो मैं पूजै पहार .

वा ते तो चाकी भली पीस खाय संसार ..’ आदिकाल के निगरुण शाखा के इस प्रतिनिधि कवि ने गुरु को ईश्वर से भी उंचा बताया. उन्होंने एक दोहे के माध्यम से इसका बखान किया.

‘गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पांय.

बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय ..’ कवि धनंजय सिंह कहते हैं, ‘कबीर ने गुरु को सर्वश्रेष्ठ माना. उन्होंने सतगुरु की कल्पना की थी. वह ऐसे गुरु की बात कर रहे थे, जिसमें कोई दोष न हो.’’ कबीर के काव्य में आध्यात्म और यथार्थ दोनों की झलक मिलती है.

कवि जनमेजय का कहना है, ‘कबीर के काव्य की यही सबसे बड़ी विशेषता है. वह आध्यात्म के साथ ही यथार्थ को बयां करते हैं. उनका काव्य आज के समय में भी प्रासंगिक है.’

आजतक के नए

19537.

Chitrapat Sangeet ki kya visheshta hai? ? ​

Answer»

Explanation:

Jo SANGEET chitra PE bhi dikhaya JATA hai VO CHITRAPAT sangeet kehlata hai

19538.

aapki Salah ke bavzood mitra ne aapke school me Parvesh nahi Liya...narazgi vyakt karte hue Mitra Ko patra​

Answer»

1656 ta calony

pantnagar

u.s.nagar

4/4/19

priya mitra (or name)

suna hai tumne jps (jaycess public school) me admission le LIYA hai. tumhaare MAATA pita KEH RAHE the ki tumhare ank kharab aa rahe hai. maine kaha tha ki campus school me admission le LO par tum nahi maane......

paper mill

lalkuan

dheeraj singh

19539.

> मूल्यपरक प्रश्न ।1. क्या बच्चों को अपनी जान जोखिम में डालने वाले खेल खेलने चाहिए,जोउनका भविष्य दांव पर लगा दे?2. असहाय और लाचार लोगों के साथ दूसरों को कैसा व्यवहार करना चाहिए?उदाहरण सहित समझाएं।3. ईश्वर के प्रेम को पाने के लिए व्यक्ति का मन किन किन स्थितियों से गुजरता है।IT IT

Answer»

EXPLANATION:

no BHAI ,sawale paida NHI LETA HAI

19540.

Reedh ki haddi ch ki smiksha in 10 page

Answer»

ANSWER:

PLZZ write CLEARLY... I can't understand

19541.

Varsha ke masam ka varnan kijiya va yadi tum varsha ke mosam ma kabhi ghar se bahar nekalkar jana pade to tumai kasa lagega one file banano in hindi essay

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Answer:

I love rainy season. Mai is season Ka full year wait Karti Hu. this is very ROMANTIC season for couples.but unfortunately is season me Mujhe Sardi ho jati h to mere parents mujhe bahar hi nai Jane dete but AGR mujhe Galti SE BHI Kabhi VARSHA me ghumne ki miljata h NA to wo day mere lie ltd Ka best day hota h Mai KHOOB sari masti krti Hu. thanks

19542.

Apne Nagar Mein samuchit Safai Banaye rakhne ke liye Swasthya Adhikari ko Patra likhiye Chunav ke Drishya ka varnan karte hue

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Here is your answer OK.................

19543.

किसी एक शिक्षाप्राद कहानी को पढकर उसकी समीक्षा कीजिये

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EXPLANATION:SORRY don't KNOW

19544.

6 Maaha ka samuh ka samast pad Banaye

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PLEASE FIND the ATTACHED IMAGE.

19545.

Ram aur Rahim kab ek pratit hote h

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JAB koi dharam me VISHWAS nhi KRTA ho tab

19546.

Paragraph on one evening of rain in hindi​

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FOLLOW me for further HELP

19547.

गर्मी की छुट्टियाँ बिताने के बाद दो मित्र के बीच संवाद​

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CONVERSATION between TWO FRIENDS

19548.

मलेरिया फैलने पर संवाद

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मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भंयकर जन स्वास्थ्य समस्या है। यह रोग प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम (PLASMODIUM) परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium VIVAX) माने जाते हैं, साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लास्मोडियम मलेरिये (Plasmodium MALARIAE) भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं।

मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है।

मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। मच्छरदानी और कीड़े भगाने वाली दवाएं मच्छर काटने से बचाती हैं, तो कीटनाशक दवा के छिडकाव तथा स्थिर जल (जिस पर मच्छर अण्डे देते हैं) की निकासी से मच्छरों का नियंत्रण किया जा सकता है। मलेरिया की रोकथाम के लिये यद्यपि टीके/वैक्सीन पर शोध जारी है, लेकिन अभी तक कोई उपलब्ध नहीं हो सका है। मलेरिया से बचने के लिए निरोधक दवाएं लम्बे समय तक लेनी पडती हैं और इतनी महंगी होती हैं कि मलेरिया प्रभावित लोगों की पहुँच से अक्सर बाहर होती है। मलेरिया प्रभावी इलाके के ज्यादातर वयस्क लोगों मे बार-बार मलेरिया होने की प्रवृत्ति होती है साथ ही उनमें इस के विरूद्ध आंशिक प्रतिरोधक क्षमता भी आ जाती है, किंतु यह प्रतिरोधक क्षमता उस समय कम हो जाती है जब वे ऐसे क्षेत्र मे चले जाते है जो मलेरिया से प्रभावित नहीं हो। यदि वे प्रभावित क्षेत्र मे वापस लौटते हैं तो उन्हे फिर से पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। मलेरिया संक्रमण का इलाज कुनैन या आर्टिमीसिनिन जैसी मलेरियारोधी दवाओं से किया जाता है यद्यपि दवा प्रतिरोधकता के मामले तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं।

19549.

Camel plural in hindi. hindi main oot ka bahuvachan kya hota h. answer in hindi only.

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ISKA bahuvachan OOT hi RAHEGA

19550.

Hindi 100 shabd ka anucheed

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But what is the TOPIC?

PLEASE TELL