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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

19551.

Acknowledgement on hindi​

Answer»

अभिस्वीकृति  is ACKNOWLEDGEMENT in hindi​

19552.

Two poems in hindi on night beauty

Answer»

ANSWER:

I will not THINK this ANSWERS

19553.

हमने गरम समोसे खाए इसमें कौन सा विशेषण और विशेष्य

Answer»

ANSWER:

vishesan GARAGE vichesya samose

19554.

रेल्वे स्टेशन पर मची भगदड़ पर अनुच्छेद

Answer»

EXPLANATION:

जैसी मैं रेलवे प्लेटफार्म पर पहुंचा मेरे आश्चर्य का ठिकाना ना रहा कि आज इतनी जनता कहां से आई, और कहां जाएगी। रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ थी कि पांव रखना भी मुश्किल हो रहा था। रेलवे स्टेशन के कर्मचारी अपने-अपने काम में व्यस्त थे।

मैं धीरे-धीरे उस प्लेटफार्म पर पहुंचा जहां से मैंने गाड़ी में सवार होना था। लोग प्लेटफार्म पर इस प्रकार बिस्तर लगाए हुए थे कि मानो  अपने घर में बैठकर आराम कर रहे हो। कुछ लोग खाना खाने में मशगूल थे और कुछ समाचार पत्र पढ़ रही थे। कुछ लोग आपस में वाद-विवाद कर रहे थे। भीड़ को चीरते हुए मैं भी जैसे तैसे अपनी गाड़ी में पहुंच गया।

अभी मैं बैठा ही था कि एक व्यक्ति जोर से चिल्लाते चिल्लाते इधर उधर भाग रहा था पूछने पर मालूम हो कि कुली को सम्मान दिया, और आप उसके पीछे था कि वह कहीं भटक गया। तभी अचानक उन्हें कुली मिला और उन्होंने राहत की सांस ली।

कभी एक गाड़ी आती कभी दूसरी जाती लोगों का आवागमन जारी था। जैसे तैसे रेल के चलने का समय हो गया। रेल का हार्न जोर से बजा और धीरे-धीरे छुक-छुक करती आगे बढ़ने लगी। कुछ लोग हमारी तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे थे आप तो जा रहे हो हमारी गाड़ी कब आएगी। मेरी बगल की सीट पर एक बहुत ही वृद्ध व्यक्ति बैठे थे उनके हाथ में किताब थी जो वह उसे पढ़ रहे थे।

जब अधिकारी ने टिकट मांगा तो मैं अपनी जेब टटोलने लगा मेरी जेब में टिकट ना मिली तो मैं घबरा गया। फिर मैंने अपने बैग में ध्यान से देखा तो मुझे टिकट मिली और मैंने राहत भरी सांस ली।

रेल यात्रा के अनुभव मेरे लिए थोड़ा कष्टप्रद रहा क्योंकि लोगों की बहुत भीड़ थी।

सरकार को चाहिए कि रेलवे प्लेटफार्म पर अच्छी सी व्यवस्था करें ताकि लोगों को आने-जाने में परेशानी HOE RAHI THI

19555.

Short story of munshi premchand in Hindi

Answer»

Answer:

Munshi Premchand (31 JULY 1880– 8 OCTOBER 1936) was BORN in Lamhi village, four miles from Varanasi. His real name was Dhanpat Rai Srivastava. His education began with reading Urdu, Persian and teaching employment. After passing the matriculation examination in 1898, he was appointed as a teacher in a local school.

19556.

1. ईश्वर में विश्वास करने वाला2. ईश्वर में विश्वास नहीं करने वाला3. किए गए उपकार को मानने वाला4. किए गए उपकार को न मानने वाला5. अपने आदर के प्रति सचेत रहने वाला5. अच्छे चरित्र वाला. अच्छे आचरण वाला​

Answer»

ANSWER:

Aastik

Naastik

Paropkaari

Apkaar

19557.

छ लिंगक) चित्र देखो और पहला वर्ण बदलकर नए शब्द बनाओ।चक्कारस्सीगड़हलेअच्छागड़हल'पन्नाभद्दा​

Answer»

ANSWER:

पक्का

लस्सी पहले

बच्चा

अन्ना

गद्दा

19558.

Dollat strilling hai yA pullimg

Answer»

Dollat strilling  HAI

LAXMI DHAN YE BHI streeling hai

19559.

Punjabi essay on beti bachao beti padhao

Answer»

ANSWER:

                                ਧੀ ਨੂੰ ਬਚਾਓ, ਧੀ ਨੂੰ ਸਿਖਾਓ

ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਇਕ ਚੰਗੀ ਯੋਜਨਾਬੱਧ ਬੇਟੀ ਦੀ ਨੂੰਹ ਮੁਹਿੰਮ ਚਲਾਈ ਹੈ.

ਬੱਚੀ ਨੂੰ ਬੱਚਤ ਕਰੋ, ਧੀ ਨੂੰ ਸਿਖਾਓ, ਕਿਉਂਕਿ ਮੁਹਿੰਮ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਈ ਹੈ, ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਜਾਣੂ ਹੋਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਲੋਕ ਕੁੜੀਆਂ ਬਾਰੇ ਸੋਚਣ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਕਰਦੇ ਹਨ. ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਇਸ ਸਕੀਮ ਨਾਲ ਸਕੂਲ ਨੂੰ ਆਪਣੀਆਂ ਸਟਿਕੀਆਂ ਭੇਜਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ. ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਇਹ ਸਮਝਣ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ ਕਿ ਧੀਆਂ ਬੋਝ ਨਹੀਂ ਹਨ, ਪਰ ਮੁੰਡਿਆਂ ਦੀ ਬਜਾਏ, ਮਾਪਿਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਹੁੰਦਾ ਹੈ. 2000 ਤੋਂ ਬੇਟੀ ਬਚਾਓ, ਬੇਟੀ ਦੇ ਸਿਧਾਂਤਾਂ 'ਤੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸੋਚ ਬਦਲ ਗਈ ਹੈ ਸਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਸਿੱਖਿਆ, ਲੜਕੇ ਜਾਂ ਲੜਕੀ ਦਾ ਹੱਕ ਹੈ.

19560.

Tell me name of city or state or country name

Answer»

ANSWER:CITY: Bangalore

State: Karnataka

Country: India

Explanation:

19561.

Uses of ekanki plz help it is urgent

Answer»

Answer:

it helps in making the MATTER clear about or on which you are writing .

HOPE it helps you.

please MARK as brainliest

19562.

K168095 Vaibhav Dhananjay more

Answer»

ANSWER:

what is the QUESTION MATE.....!!!!!!

19563.

Uttarakhand mey bhukamp aa gaya hai.aap apane mithr aur svayam ke beech samvad lekhan likeye

Answer»

उत्तराखंड में भूकंप पर संवाद

राकेश - हे मित्र ! क्या तुमने कल सायं काल उत्तराखंड में आए भूकंप के सम्बंध में ज्ञान प्राप्त हुआ !

रमेश - हां मित्र , उत्तराखंड में आए भूकंप की खबर से मै अछूता नहीं हूँ । मुझे काल ही उस संबंध में ज्ञान प्राप्त हुआ ।

राकेश - सुना है मित्र कि हज़ारों लाखों व्यक्ति इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए है ।

रमेश - मित्र , चलिए भगवान से प्रार्थना करते हैं कि लोग इस आपदा से उभर पाएं ।

19564.

20 short Sanskrit shlokas​

Answer»

Answer:

1. उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।

न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा: ।।

अर्थात:- उद्यम, यानि मेहनत से ही कार्य पूरे होते हैं, सिर्फ इच्छा करने से नहीं। जैसे सोये हुए शेर के मुँह में हिरण स्वयं प्रवेश नहीं करता बल्कि शेर को स्वयं ही प्रयास करना पड़ता है।

2. वाणी रसवती यस्य,यस्य श्रमवती क्रिया ।

लक्ष्मी : दानवती यस्य,सफलं तस्य जीवितं ।।

अर्थात:- जिस मनुष्य की वाणी मीठी है, जिसका कार्य परिश्रम से युक्त है, जिसका धन दान करने में प्रयुक्त होता है, उसका जीवन सफल है।

3. प्रदोषे दीपक : चन्द्र:,प्रभाते दीपक:रवि:।

त्रैलोक्ये दीपक:धर्म:,सुपुत्र: कुलदीपक:।।

अर्थात:- संध्या-काल मे चंद्रमा दीपक है, प्रातः काल में सूर्य दीपक है, तीनो लोकों में धर्म दीपक है और सुपुत्र कुल का दीपक है।

4. प्रियवाक्य प्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः ।

तस्मात तदैव वक्तव्यम वचने का दरिद्रता।।

अर्थात:- प्रिय वाक्य बोलने से सभी जीव संतुष्ट हो जाते हैं, अतः प्रिय वचन ही बोलने चाहिएं। ऐसे वचन बोलने में कंजूसी कैसी।

5. सेवितव्यो महावृक्ष: फ़लच्छाया समन्वित:।

यदि देवाद फलं नास्ति,छाया केन निवार्यते।।

अर्थात:- विशाल वृक्ष की सेवा करनी चाहिए क्योंकि वो फल और छाया दोनो से युक्त होता है। यदि दुर्भाग्य से फल नहीं हैं तो छाया को भला कौन रोक सकता है।

6. देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरो रुष्टे न कश्चन:।

गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता न संशयः।।

अर्थात:- भाग्य रूठ जाए तो गुरु रक्षा करता है, गुरु रूठ जाए तो कोई नहीं होता। गुरु ही रक्षक है, गुरु ही रक्षक है, गुरु ही रक्षक है, इसमें कोई संदेह नहीं।

7. अनादरो विलम्बश्च वै मुख्यम निष्ठुर वचनम

पश्चतपश्च पञ्चापि दानस्य दूषणानि च।।

अर्थात:- अपमान करके दान देना, विलंब से देना, मुख फेर के देना, कठोर वचन बोलना और देने के बाद पश्चाताप करना- ये पांच क्रियाएं दान को दूषित कर देती हैं।

19565.

Make 5 dharmik granth photos collage​

Answer»

EXPLANATION:

how we can make but PLZ subscribe my youtube CHANNEL

19566.

Pita aur putra ke beech aatankvad ko lekar samwad

Answer»

ANSWER:

Pita - TUM KYA kar rahe ho bete

PUTRA - kuch nahi pita ji bus Apna Grah Karya kar raha tha

Pita - theek HAI Apna Grah Karya Kar Ke Mere Liye dawai le aana

Putra - thik pitaji

19567.

Aane wale samye mein stree shiksha​

Answer»

ANSWER:

HONI chaiyea

Explanation:

19568.

Sarojini Naidu Ne Swatantrata ke liye kya Kya kiya​

Answer»

ANSWER:

she ALSO PARTICIPATED in this and even for this she go to the JAIL

19569.

Matdan k ba\re me do mitro ka samwad

Answer»

LANGUAGE - HAUSA

matdan K ba\re me do mitro KA samwad

translation

You do not have to do ANYTHING with me and you do not KNOW me

19570.

I'm sorry i'm not what you wanted. Meaning in hindi

Answer»

Answer:

mujhe maaf KARNA .MEIN VOH nahi jo APP chahte.

19571.

Conclusion on Rakesh Sharma in hindi not English​

Answer»

Answer:

यह भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा हैं, जिन्‍होंने 03 अप्रैल 1984 को भारतीय समय अनुसार 6 बजकर 37 मिनट पर सोयूज टी-11 से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी और अंतरिक्ष में 238 दिन बिताने के बाद धरती पर वापस लौटे। उस अवसर पर तत्‍कालीन भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था- ''वे भारत की सम्‍पूर्ण जनता की ओर से आप का अभिनन्‍दन करती हैं। आप की इस यात्रा से प्राप्‍त अनुभव तथा सूचनाओं का उपयोग मानव जाति के कल्‍याण के लिए किया जाएगा।'' जब श्रीमती गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि आपको अंतरिक्ष से भारत कैसा लग रहा है, तो उन्‍होंने कहा, ''सारे जहां से अच्‍छा हिन्‍दोस्‍तां हमारा।''

स्‍क्‍वाड्रन लीटर राकेश शर्मा का जन्‍म 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला जिले में हुआ उनके पिता का नाम श्री देवेन्‍द्र शर्मा तथा माता का नाम श्रीमती तृप्‍ता शर्मा था। राकेश की शिक्षा दीक्षा हैदराबाद में हुई। उन्होंने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया।

सन 1966 में एनडीए पास कर राकेश शर्मा इंडियन एयर फोर्स में कैडेट के रूप शामिल हुए। एनडीए पास करने के बाद वे 1970 में भारतीय वायु सेना में भर्ती हो गये। अपनी जुनून एवं देश प्रेम के बल पर उन्होंने 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान मिग एअर क्रॉफ्ट से महत्वपूर्ण सफलता हासिल की और दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिये।

सन 1984 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और सोवियत संघ के इंटरकॉसमॉस कार्यक्रम के तहत राकेश शर्मा का चयन हुआ। उस समय वे भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर और विमान चालक के पद पर कार्यरत थे।

राकेश का विवाह सेना के अवकाश प्राप्‍त कर्नल श्री पी0 एन0 शर्मा की सुपुत्री मधु शर्मा से हुई। उन्‍हें 1600 घण्‍टे का हवाई जहाज उड़ाने का अनुभव प्राप्‍त है। राकेश शर्मा मृदुभाषी तथा मिलनसार व्‍यक्तित्‍व के धनी हैं तथा हिन्‍दी, अंग्रेजी के साथ तेलगू भाषा भी जानते हैं। उन्हें भारत सरकार ने अशोक चक्र से सम्मानित किया है।

✌✌✌✋✋✋✌✌✌

19572.

Conclusion on Rakesh Sharma in hindi​

Answer»

Answer:

Explanation:

श्री राकेश शर्मा की संक्षिप्त जीवनी

श्री राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी सन् 1949 को पटियाला में हुआ। उनकी शिक्षा-दीक्षा हैदराबाद में हुई। सन् 1966 में उन्होंने स्नातक की उपाधि ली। इसके बाद वे राष्ट्रीय प्रतिरक्षा अकादमी के लिए चुने गए। इस अकादमी में खड़कवासला में उन्होंने साढ़े चार वर्ष तक प्रशिक्षण प्राप्त किया। सभी प्रकार के विमानों से उन्होंने लगभग 1600 घण्टों तक उड़ान भरी है तथा सभी प्रकार के विमानों को उड़ाने में सफलता प्राप्त की है। राकेश शर्मा प्रगतिशील विचारों के हैं और उन्होंने एक पंजाबी सिख युवती से अन्तर्जातीय विवाह किया है। उनकी पत्नी मधु शर्मा नक्षत्र-नगर मास्कों में अपने पति के साथ रही। राकेश शर्मा का कपिल नामक पुत्र है तथा उनकी एक बेटी मानसी भी थी जिसकी मास्को में आपरेशन के समय मृत्यु हो गई थी।

जब राकेश शर्मा का चुनाव अन्तरिक्ष यात्रा के प्रशिक्षण के लिए किया गया तो उस समय वे बंगलौर में ‘एयर क्राफ्ट एण्ड सिस्टम डिजायन एस्टेब्लिशमैंट’ में टैस्ट पायलट के पद पर कार्यरत था। कड़े-परीक्षणों के पश्चात् श्री राकेश शर्मा तथा रबीश मल्होत्रा को मास्को में प्रशिक्षण देने के लिए चुनाव किया गया। सोवियत संघ के नक्षत्र नगर में उन्होंने सितम्बर, 1982 से मार्च 1984 तक प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा इस काल में उन्हें अन्तरिक्ष यान के तकनीकी ज्ञान, उसके नियन्त्रण, संचालन और शारीरिक क्षमता तथा अन्तरिक्ष में भारहीनता की स्थिति के सम्बन्ध में अनेक प्रकार के प्रयोग किए तथा इनका ज्ञान प्राप्त किया। अन्तिम परीक्षणों में श्री राकेश शर्मा का अन्तरिक्ष यात्री के रूप में चुनाव किया गया।

अन्तरिक्ष यात्रा का संक्षिप्त वृत्तान्त

हमारे देश में अन्तरिक्ष विज्ञान तथा अन्तरिक्ष आयोग का कार्यालय बंगलौर में है। भारत में अन्तरिक्ष अभियान श्री विक्रम साराबाई के नेतृत्व में सन् 1963 में आरम्भ हुआ तथा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के त्याग, परिश्रम और कार्य-कुशलता के कारण अन्तरिक्ष क्षेत्र में भारत ने अनेक उपलब्धियां प्राप्त की। 19 अप्रैल, 1975 को भारत ने अपना पहला कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट-1 अन्तरिक्ष में भेजा। द्वितीय उपग्रह भास्कर 7 जून, 1979 को और तीसरा उपग्रह रोहिणी-1, 17 जुलाई, 1980 को छोड़ा गया। चौथा उपग्रह रोहिणी-2, 31 मई 1981 को छोड़ा गया तथा पांचवां एप्पल 19 जून, 1981 को छोड़ा गया। इसी क्रम में हमारा देश निरन्तर आगे बढ़ता गया तथा छठा उपग्रह भास्कर–2, 20 नवम्बर, 1981 को, इनसैट-1-ए, 11 अप्रैल 1982, इनसैट-1-बी 30 अगस्त, 1983 को, रोहिणी-डी-2, 17 अप्रैल 1983 को अन्तरिक्ष में भेजे गए।

19573.

कल्पना कीजिए कि आप किसी बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र में फंस गए हैं। अपनी आपबीती बताते हुए एकअनुच्छेद लिखिए जिसका शीर्षक हो, ‘तूफ़ानी बारिश और मैं​

Answer»

अनुच्छेद लिखिए जिसका शीर्षक हो, ‘तूफ़ानी बारिश और मैं

Answer:

मेरे साथ यह हादसा हुआ है , मैं और मेरे दोस्त एक बार तूफ़ानी बारिश में फंस गए थे |

यह उस समय की बात है जब हम सब मिलकर मनाली जो हिमाचल प्रदेश में है| हम सब पहाड़ों में घूमने गए | हम सब ने प्रोग्राम बनाया हम सब राफ्टिंग करेंगे | उस दिन मौसम भी बहुत खराब था , लेकिन हम सब चले गए |

जैसे हम राफ्टिंग के लिए नदी में गए और अभी कुछ ही समय हुआ था वैसे ही बहुत तेज़ बारिश हुई तूफान चलने लगा | हम सब डर गए | मैं बहुत डर गया मुझे पानी से बहुत डर लगता है | यह सब देख कर मुझे और भी डर लगा | सब मुझे बोलने लगे हिम्मत रखो | गाइड अंकल ने हमें कहा कुछ नहीं डरो मत मैं सब को बहार निकाल दूंगा | हमनें हिम्मत रखी और बारिश बढ़ती ही जा रही थी | जैसे-तैसे अंकल ने हमें बहार निकाल दिया और हम सब ने राहत की साँस ली | यह मेरे जीवन का बहुत ही डरा हुआ दृश्य था जो मैं कभी नहीं भूल सकता |

19574.

प्र.6 भारत की तरह तिब्बत में भी । पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए, की प्रथा है' अतिथि देवो भव'प्र.6 भारत की तरह तिब्बत में भी पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए, की प्रथा है' अतिथि देवो भव'​

Answer»

ANSWER:

अतिथि देवो भवः

अतिथि देवो भवः का अर्थ होता जब भी हमारे घर या देश में कोई बहार से आता हमें उसका सम्मान और आदर करना चाहिए | अतिथि को हम मेहमान कहते है , और मेहमान भगवान के समान होता है | हमें मेहमानों के साथ अच्छे से व्यवहार करना चाहिए और उनकी सहायता करनी चाहिए | यह हमारे संस्कार बताते है की सब की इज्ज़त ,आदर-सत्कार , और विनम्रता से पेश आना चाहिए |  यह भारतीय समाज का एक अहम हिस्सा है। हमें उसके साथ  कभी भी गलत तरीके से पेश नहीं आना चाहिए | अतिथि को हमें  खान पान का ध्यान रखना चाहिए  और उनके रहने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए । भारतीय संस्कृति में अतिथि का दर्जा पूजनीय है और वह देवों के समान है।

19575.

D:- Grararrier - 1. दिल्ली पब्लिक विद्यालय के हेड व्याय की ओर से सुनामी पीड़ित के लिए धनराशि दानदेते हुए सूचना लिखे।2. तिलौनों के विकता हेतु विज्ञापन लिया।२ वा विना कट बने । दिक. २ ३ क धानको पत्र जित ।​

Answer»

Answer:

2. तिलौनों के विकता हेतु विज्ञापन लिया।

19576.

Yashpal ki bhasha shaile​

Answer»

ANSWER:

hindi

Explanation:

because there NAME is yashapal KI BASHA shaile

19577.

Swach bharat abhiyan visay par anuched

Answer»

Sssswach bharat abh8ya modi atha chala gaya ha bharat agar sad safthura rayga to PEOPLE are not I'll apane as PAS KO sat sathua Riga bharat DESH HARMS both swach and beautiful thanks

19578.

Apne Priya Mitra ko ek Patra likhiye Jisme Kisi aitihasik Sthal ke bharamand ki Charcha Ho

Answer»

Answer:

Apne Priya Mitra ko EK Patra likhiye Jisme KISI aitihasik Sthal ke bharamand ki Charcha

Apne pitaji ko ek Patra Apne Priya Mitra ko ek Patra likhiye Jisme Kisi aitihasik Sthal ke bharamand ki Charcha pitaji ko ek Patra likhiye Jisme 2000 RUPAY ki Mang Ho Hindi mein Jisme 2000 rupay ki Mang Ho Apne pitaji ko ek Patra likhiye Jisme Apne pitaji ko ek Patra likhiye Jisme 2000 rupay ki Mang Ho Hindi mein rupay ki Mang Ho Hindi mein mein

19579.

Importance of election in democracy essay in hindi

Answer»

HI MATE YOU GOT THE ANSWER

लोकतंत्र और चुनाव पर निबंध

लोकतन्त्र को जनतन्त्र भी कहते हैं; क्योंकि जनता के चुनाव के द्वारा ही यह तन्त्र बनता है । इसलिए बिना चुनाव का जो तन्त्र होता है । वह लोकतन्त्र या जनतन्त्र न होकर राजतन्त्र बन जाता है । इस प्रकार से लोकतन्त्र जनता का प्रतिनिधि तन्त्र है ।

इसमें समस्त जन समुदाय की सद्‌भावना और सद्‌विचार प्रकट होता है । लोकतन्त्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए महान् राजनेता एवं भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, अमेरिका के राष्ट्रपति कैनेडी, जेफर्सन, लार्ड विवरेज, विश्वविद्यालय नाटककार वर्नाड शा, प्रोफेसर लास्की, सुप्रसिद्ध अंग्रेजी विद्वान वर्क आदि ने अलग-अलग विचार प्रकट किए हैं ।

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था- ”लोकतन्त्र में चुनाव राजनैतिक शिक्षा देने का विश्वविद्यालय है ।” अब्राहम लिंकन ने लोकतन्त्र का अर्थ: ”जनता के ही हेतु, जनता द्वारा जनता का शासन बताया है ।” इस प्रकार से लोकतन्त्र में लोक-निष्ठा और लोक भावना का समावेश होता है ।

इसमें चुनाव का महत्त्व सर्वप्रथम और सर्वाधिक है । इससे लोक कल्याण प्रकट होता है । लोकतन्त्र अर्थात् जन प्रतिनिधि एक ऐसा तंत्र है, जिसमें जनकल्याण की भावना से सभी कार्य सम्पन्न किए जाते हैं । जनकल्याण की भावना एक-एक करके इस शासन तन्त्र के द्वारा हमारे सामने कार्य रूप में दिखाई पड़ने लगती है ।

लोकतन्त्र का महत्त्व इस दृष्टि से भी होता है कि लोकतन्त्र में सबकी भावनाओं का सम्मान होता है और सबको अपनी भावनाओं को स्वतन्त्र रूप से प्रकट करने का पूरा अवसर मिलता है । इसी प्रकार किसी भी तानाशाही का लोकतन्त्र करारा जबाव देता है ।

लोकतन्त्र का महत्त्वपूर्ण स्वरूप यह भी होता है कि इस तन्त्र में किसी प्रकार की भेद-भावना, असमानता, विषमता आदि को कोई स्थान नहीं मिलता है । इसके लिए लोकतन्त्र अपने चुनावी मुद्दों और वायदों के रखते हुए कमर कस करके इन्हें दूर करने की पूरी कोशिश करता है । चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ और उलझनें आ जाएँ, चुनाव की आवश्यकता इनसे अधिक बढ़ कर होती है ।

लोकतन्त्र में चुनाव का महत्त्व इस तथ्य का प्रमाण है कि जनता का मनोभाव कुछ बदल रहा है । वह पूर्वापेक्षा यही करना चाह रहा है । इसलिए लोकतन्त्र में चुनाव का महत्त्व न तो कोई समय देखता है और इससे होने वाले परिणामों और कुपरिणामों पर ही विचार करता है ।

हमारे देश में सन् 1976 में लगी हुई आपातकालीन अवधि के फलस्वरूप होने वाले अत्याचारों का प्रबल विरोध करने के लिए जब जनता ने इस आपातकाल के स्थान पर चुनाव की माँग की, तो इन्दिरा सरकार को आपातकाल को तुरन्त ही हटा करके चुनाव करना पड़ा था । इस चुनाव के बाद ही पूरी शासन प्रणाली ही बदल गयी और जनता पार्टी की सरकार का गठन हुआ था ।

इसने उस समय की दुःखी और निराश जनता को विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ और राहत प्रदान करने वाला शासन सूत्र प्रदान किया था । लोकतन्त्र और चुनाव के स्वरूप पर प्रकाश डालने का कार्य तभी पूर्ण कहा जाएगा । जब इसकी अच्छाइओं के साथ-साथ इसकी बुराइयों को भी प्रकाशित किया जा सके ।

लोकतांत्रिक सरकारी प्रक्रियाओं पर विचार रखने से हम यह देखते हैं कि लोकतन्त्र के चुनाव के बाद इसमें कई कमियों का प्रवेश हो जाता है । चुनाव के बाद जहाँ चुना गया व्यक्ति जनता का प्रतिनिधि होता है और आम नागरिक होता है । वहाँ वह किसी पद पर पहुँचकर असामान्य व्यक्ति बन जाता है ।हम यह देखते हैं कि किसी विभाग या कार्यालय का व्यक्ति निजी अनुभव और निजी ज्ञान से कार्यों का निपटारा नहीं करता है, अपितु वह अपने सहायकों और निर्देशकों के सहारे चलकर कार्य करता है । इस सन्दर्भ में सुप्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डिजराइली ने लोकतन्त्र के ऊपर विचार प्रकट करते हुए कहा था: ”सरकार हृदयहीन होती है ।

इसका सबसे बड़ा सबूत क्या यह नहीं है कि मतदाताओं की आशा-अपेक्षाओं के साथ खिलवाड़ करने के लिए निष्ठुर कृत्य को मन्त्रियों का राजनैतिक कौशल माना जाता है ।” इस सन्दर्भ में हमारे देश में हुए चुनाव के बाद चुनावी मुद्दों को भूल करके कुर्सीवाद और स्वार्थवाद के अन्य सहायक तत्त्वों, जैसे-भाई-भतीजावाद, क्षेत्रवाद, धर्मवाद, सम्प्रदायवाद आदि में अपने पद और अधिकार को लगाना लोकतांत्रिक चुनाव के स्वरूप और परिणाम के विपरीत कार्य करना है । इससे लोकतन्त्र चुनाव का सही रूप प्रकट नहीं होता है ।

इस प्रकार लोकतन्त्र और चुनाव तो एक अच्छा एवं कल्याणकारी स्वरूप है, लेकिन इसके दुरुपयोग तो इससे कहीं भयंकर और कष्टदायक हैं । आज लोकतांत्रिक-चुनाव का स्वरूप हर बार धुंधला और मटमैला हो जाने के कारण इससे अब किसी प्रकार के अच्छे परिणाम और सुखद भविष्य की कल्पना कठिनाई से की जा रही है ।

जनता तो विवश और लाचार है । वह किसका चुनाव करे और किसका न करे । वह जिसे चुनती है; वही गद्दार और शोषक बन जाता है । इसलिए वह हारकर कभी इस दल को, कभी उस दल को अपना मत देती है लेकिन फिर भी कोई अन्तर नहीं पड़ता है । अत: लोकतन्त्र के चुनाव-स्वरूप में परिवर्तन होना चाहिए ।

THANKS ME

MARK AS BRAINLIEST ANSWER

FOLLOWING ME

BYEEEEEEEE

19580.

Yashpal ka Hindi sahitya Mein sthan​

Answer»
19581.

2 dosto ke bich khelo ke mahatav ko lekar samvad​

Answer»

Answer:

Oh ba itna ASAN MAHI ATA

19582.

'अरावली के जंगलों का हमारे जीवन मेंअनुच्छेद लिखिए।हमारे जीवन में महत्त्व' विषय पर 120 से 150 शब्द में।​

Answer»

Answer:

Aravali ke jungalon ka mehetva

Explanation:

Eshwer ne HUM sabhi ke LIYE itni sunder dharti bnaye hai.Hare bhare ped paudhe Dharti ki shobha badhate HAIN.

Ped paudhe dharti MAIN pani ko bandhker rakhte hain taaki Dharti main sookha naa pade

Ped paudhe vatavaran SE saara pradushaan hataker wahan swatch hawa ko bher dete hain jisse humein

taaza hawa milti hai.

19583.

मीठी वाणी से sabandit kabeer ke​

Answer»

ANSWER:

I THINK the QUESTION is INCOMPLETE

19584.

Hmari khawish ka koi explanation bhj do

Answer»

Answer:

khawaish to WOH MILNE KI thi..lekin BOLNE gya or silk deke baat khatam ho gyi..

19585.

A. Multiple choice questions (MCQs).Choose the correct option from the following:1. It consists of parents and their children.(a) farm (b) school (c) family(d) bar2. Which of the following types of family is shown in the given picture(a) small family(b) nuclear family(c) joint family(d) none of these3. We mustour elders.(a) obey(b) insult(c) order(d) all of these4. In which type of family the grandparents live with our parents ?(a) joint family(b) small family(c) modern family(d) none of these​

Answer»

1)C. family

where is the picture In 2nd question

3)a.obey

4)a) joint family

hope this HELPS u

19586.

गरायो के गलो का हमारे जीवन में महत् ।।अनुच्छेद लिखिए।' विषय पर 120 से 150 शब्दों में।​

Answer»

ANSWER:

what are you saying in Hindi LANGUAGE

I don't THINK we can do in ENGLISH language

19587.

3. 'अरावली के जंगलों का हमारे जीवन में महत्त्व' विषय पर 120 से 150 शब्दोंअनुच्छेद लिखिए।​

Answer»

EXPLANATION:

Guxtxtuditxtixtlyxtudduodfpudoyxigxh

19588.

Anushed Lekho harta v hi jo larta nhi​

Answer»

ANSWER:

QUES. KYA HAI.............

19589.

Apni kaksha mein hone wali samanye gyan pratiyogita per ek samvaad likhoplzz tell me answer guys it's urgent ​

Answer»

Answer:

SCHOOL vale bekkaar hai... KUCH NAHI KARATE

19590.

Malyalam ki lipi . write in hindi

Answer»

this is in HINDI your answer

मल्यालम कि लीपी

19591.

निबंध। है कि खानपान की बदलती तस्वीर

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                                  खानपान की बदलती तस्वीर निबंध

आज के समय में खानपान की तस्वीरें बदल गई है| पहले के समय हमें तरह-तरह के व्यंजन खाने को मिलते थे| घर में लोग अपने हाथों से बनाते थे| अपने घर में बनाई गई शुद्द खाना खाते थे|

                  आज के समय में  फास्ट फूड का फैशन बढ़ता ही जा रहा है , लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। जिससे सभी बच्चों और किशोरों को अवश्य जानना चाहिए,  क्योंकि वे आमतौर पर फास्ट फूड  खाना पसंद करते हैं। किशोर-किशोरियों के पसंदीदा भोजन हैं बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राई, छोले-भटूरे, समोसे यह  चीजें खाना चाहते है , खाना और हरी सब्जियां खाना ही नहीं चाहते |

              फास्ट फूड हमारे खाना पचाने की शक्ति को कम करता है | फास्ट फूड से हमारे  फेफड़े और किडनी में दिक्कत आती है |  फास्ट फूड हमारी भूख को मिटाता नहीं है , बल्की खत्म कर देता है | फास्ट फूड के कारण हमारा शरीर मोटापे में बदल जाता है |  हमें बच्चों को  बचपन से ही खाने की आदतों के बारे में सिखाना चाहिए साथ ही स्वास्थ्य वर्धक भोजन और फास्ट फूड  में अन्तर को स्पष्ट करना चाहिए।

19592.

If its midnight or a day start translate in to hindi

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मध्यरात्री

Explanation:

it is KNOWN as मध्यरात्री CAUSE it is at midnight. मध्य stands for MID and रात्री stands for NIGHT

19593.

Kabir Das Mein Masjid Ki Kya Kya visheshta Bataye hai​

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कबीर जी कहते हैं कि मुसलमानों ने कंकर पत्थर जोड़कर मस्ज़िद बना ली हैं। यह उनकी धार्मिक उपासना का स्थल है। वे रोज़ इसमें चिल्ला-चिल्लाकर नमाज़ पढ़ते हैं जैसे कि उऩका खुदा बहरा हो। कबीर ने यहाँ बाहरी दिखावे तथा व्यर्थ के धार्मिक पाखंड पर व्यंग्य किया है। उनके अनुसार खुदा तो सर्वत्र व्याप्त है। उसके लिए मस्ज़िद बनाकर उसमें नमाज़ का दिखावा करने की आवश्यकता नहीं है।  इतना ही नहीं जो मुसलमान दिन भर रोजा रखता है और रात को गाय की हत्या करता है, उन्हें कबीर ने स्पष्ट कहा है|

कबीर जी ने दोहे में स्प्ष्ट किया है :

“ कंकड़ पत्थर जोरि कै मस्जिद दिया बनाय |

ता चढ़ मुल्लाबाग है क्या बहरा हुआ खुदाय |

“ कंकड़ पत्थर जोड़ कर मस्जिद बना ली है , मोलवी के द्वारा जोर-जोर से घोषणा करना | क्या खुदा बहरा हो गया है , जोर -जोर से पुकारने से | कबीर  जी कहा कहना है ईश्वर , खुदा उसे किसी भी नाम से पुकारा वह हमेशा हमारे साथ रजत है | उसे मंदिर , मस्जिद में खोजना मूर्खता है | ईश्वर हमारे कण-कण में है|  

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Kabir KE DOHE HINDI POEM

19594.

Matrbumi par kavita​

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ANSWER:

चंदन भारत की मिट्टी, सदा लगाओ भाल।

मातृभूमि वंदना का, रखो रोज ख्याल।

रखो रोज ख्याल, कमाल ये कर दिखाओ।

हो सच्ची आजादी, वतनपरस्ती अपनाओ।

कहे 'भारती' करो, रोज मातृभूमि वंदन।

भारत देश महान, है इसकी मिट्टी चंदन।

-भूपसिंह 'भारती

19595.

Subhagi kahani ka summary​

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ANSWER:

plz TELL me the question in ENGLISH...

plz FOLLOW me and I will follow you..

19596.

व्याक्ति का वर्ण विच्छेद​

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ANSWER:

तुम्हारा उत्तर ।

Explanation:

व्याक्त्ति = व्+य्+आ+क्+त्+त्+इ

19597.

Do Gayon ka samahaar

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ANSWER:

HI MATE I didn't UNDERSTAND what you are ASKING

19598.

Vivah karyakram ke liye nimantrand patra

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ANSWER:

प्रिय मित्र मैं तुम्हें यह बताना चाहती हूं की मेरी बड़ी बहन की शादी 25 नवंबर को है तो तुम भी वहां पर आना अपने अपने मम्मी पापा भाई बहन को भी जरूर साथ लाना तुम्हारी मित्र आई डोंट नो धन्यवाद

19599.

Life mai mehnat kruri h ka english me anuwad kya hoga

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HARD WORK is very CRUCIAL in our LIFE

19600.

न संकेत - वि की सय्यता से पानी का मूल्यविषय पर पाच पंक्तियाँ लिखिए--पानी अनमोलर बूंद कीमती- व्यर्थ नहीं बना-पानी से जीवन--पानी के बिना जीना मुश्किल५)| ८३] 1 1​

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ANSWER:

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