This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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Wild animal Domestic animal differences in hindi |
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Answer» Answer: wild animal ka matlab h aise animal jo jangle me paye jaate hai air Domestic ANIMALS ka. matlab hai aise animal jo hum GHAR PER palte h arthat paltu Janwer. Udahran KE liye 1) sher(LION) jo ki wild animals (jangli Janwer) aur cow jo ki paltu Janwer (domestic animals) hai |
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| 20602. |
IAAI का full form International Airport Authority Of India होता है| |
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Answer» no |
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| 20603. |
कैसे PUBG जैसे ऑनलाइन मोबाइल गेम्स के जमाने में बच्चों को दूर रखे |
| Answer» | |
| 20604. |
Praia tantra me Chunav ka mahatva ke baare mein essay writing |
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Answer» hgxggxgdgdggdgdgdgdggdgdhdhdhdhdggdhdhdhdhdhhdhdhdbdbdbbdhdhdhd |
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| 20605. |
। लेखक पडोसी के प्रति अपनी उदारता का परिचय किस प्रकार देते थे?2 पड़ोसी की केबल का तार काटने को लेकर लेखक क्या तर्क देते हैं?3. लेखक ने व्यक्ति और देश के पड़ोसियों की तुलना क्यों की है? |
| Answer» | |
| 20606. |
1 se 20 tak vilom shabd likhiye |
| Answer» | |
| 20607. |
Conclusion for deforastation in hindi |
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Answer» विस्फोटक मानव जनसंख्या के रहने और खेती के लिये अधिक ज़मीन की ज़रुरत है इसलिये मानव को जंगलों की काटने की आवश्यकता है। इस तरह से मानव ज़रुरतों को पूरा करने के लिये वनोन्मूलन और तेजी से हो रहा है। हालांकि, स्वयं से वनोन्मूलन से अधिक तेज वन-कटाई का प्रभाव है। पर्यावरण और वातावरण के लिये नकारात्मक बदलाव लाने के द्वारा ये बड़े स्तर पर मानव जीवन को प्रभावित कर रहा है। |
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| 20608. |
भारत के भविष्य को चमकाने या गिराने की ताकत हकीकत में किस के पास है |
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Answer» माननीय प्रधानमंत्री जी के पास T |
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| 20609. |
अगर राहुल गांधी भारत के पीएम बन गए तो पाकिस्तान कैसे प्रभावित होगा |
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Answer» Kabhi banenge tab NA Muslim to unka SUPPORTER hai PAKISTAN ko KYA effect parega |
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| 20610. |
Who had scored the most number of double centuries in Test Cricket |
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Answer» Brian Lara has SCORED I hope it will help you please FOLLOW me and MARKED as brainlist |
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| 20611. |
The Ghodazari Wildlife Sanctuary (GWS) will come up in which state |
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Answer» Answer: Answer:it is in the MAHARASHTRA state hope it HELPS to you Answer:it is in the Maharashtra state hope it helps to youExplanation: Answer:it is in the Maharashtra state hope it helps to youExplanation: PLZZ MARK as brainliest |
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| 20612. |
नामों को उचित स्थान पर लिखिए-मिठाई,रीना, भालू, फल, ताला ,आनंद ,भारत ,खुश महाराष्ट्र ,मीना ,रेलगाड़ीचिड़ियाघर, चीता ,भोजन, कक्षा ,बोतल, झूला ,बच्चे शेर ,मिठास(क) व्यक्तियों के नाम =(ख) प्राणियों के नाम =(ग) स्थानों के नाम= (घ) वस्तुओं के नाम=(ङ) जाति का नाम=(च) भावों के नाम= |
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Answer» क - रीन / मीना / ख - भालू / चीता /१ोर/ ग- भारत / महाराष्ट्रा /चिडियाघर घ= फल / ताला रेलगाड़ी/ बोतल / झूला / ङ - च- आनंद / खुश / मिठास |
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| 20613. |
Explanation of why Hindi is needed in southern India |
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Answer» Explanation: SOUTH India is the area including the five INDIAN states of Andhra Pradesh, ..... IMPORTANT ecological regions of South India are the Nilgiri Biosphere Reserve, LOCATED at the CONJUNCTION of |
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| 20615. |
Aapne mele Bazaar Adhi Mai Hath se bani chijo ka bikte Dekha Hoga aapke man mein kisi chij ko banane ki Kala sikhane ki Ichha aur aapne Koi karigari sikhane ka Prayas kiya ho to Uske Vishay mein likhiye |
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Answer» जी हां जब भी हम किसी मेले या बाज़ार में जाते हैं तो वहां पें हाथ से बनें हुआ चिड़िया , फूलदस्ता , हाथी, आदि देखते है तो उसे अपने आप बनाने का में होता है। एक बार मेले में हमने हाथ से बनी हुई एक चिड़िया घोस्ला और उसमें बैठी हुई एक चिड़िया देखी तो हमने अपने पापा से उसे खरीदने के लिए कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया तो फिर हमने उसे अपने हाथों से बनाने का थन लिए । घर जाके हमने मोबाइल फोन में चिड़िया और चिड़िया का घोसला कैसे बनाया जा सके SEARCH किया और वीडियो देखकर उसे बनाने के लिए समान ईखटा किए और उसे बनाना सुरु किए। आखिर में हम सफल हुआ । ये सच है कि बाज़ार में जितने अच्छा मिलता है ऎसा हम बना नहीं पाए लेकिन उस खरीद के अपने घर में रखने से इतना मज़ा नहीं आता जितना हमें उसे अपने हाथों से बनाकर उस सजाने मज़ा आया। plzzz MARK me BRAINLIEST |
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Eassy on vijaydashmi for class 10 to 12 |
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Answer» Explanation: it' is FESTIVAL of joy and happiness because this DAY in HINDU community lord ram kill the ravans and the sadness GONE and happiness come truly in LIFE of every person |
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| 20617. |
ह्रदय परिवर्तन पर भाषण तैयार करेंइंटरनेट से कॉपी न करेंno spam and no copy paste |
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Answer» ताकि आपकी इच्छा हो, यह है कि आप जो कुछ भी बनना चाहते हैं, वह है - कैमरे के सामने, या मंच पर, मंच के पीछे भगवान की यह इच्छा आपके द्वारा पहले ही भेजे गए ईश्वर का प्रमाण है कि यह इंगित करता है कि यह आपका है। आपके पास वह पहले से है। इसका दावा करो। इसे समझें। इसे भी समझें: आपके ये सपने हैं, और केनी ने कहा: बिना डीएआरएएमएस के सपने आते हैं। सिर्फ सपने। और अंततः ईंधन निराशा। बिना लक्ष्य के सपने - वार्षिक लक्ष्य, जीवन लक्ष्य, दैनिक लक्ष्य, मासिक लक्ष्य, प्रति घंटा लक्ष्य, मिनट लक्ष्य द्वारा मिनट… बिना लक्ष्य के सपने सिर्फ सपने होते हैं और वे अंततः निराशा को हवा देते हैं। उपलब्धि के लिए सड़क पर लक्ष्य DISCIPLINE के बिना हासिल नहीं किया जा सकता है और सहमति। क्या आप समझे? लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच अनुशासन और निरंतरता हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप सभी अपने जूते रात में बिस्तर के नीचे रखें ताकि आप सुबह अपने घुटनों पर बैठें और जब आप वहाँ नीचे हैं ईश्वर की कृपा के लिए धन्यवाद और दया और समझ हम सभी गौरवशाली हैं। हम सब खूब मिले। यदि आप अभी उन सभी चीजों के बारे में सोचना शुरू करते हैं जो आपको थैंक यू कहना है वह एक दिन है। सही? आप सभी को ये उपहार दिए गए हैं। हमारे शो में एक छोटा लड़का है जिसे हम "धूप में उठाना" कर रहे हैं ??? और हमारे पास एक वृत्त है, हम रोज प्रार्थना करते हैं और यह लड़का शिकार है वह बस प्रार्थना करता है कि हम आज रात बाहर जाएं और किसी को स्पर्श करें वह कहते हैं भगवान, आज रात किसी को हमारी जरूरत है और हम सभी के पास वह अनोखा उपहार है बाहर जाने के लिए और लोगों को स्पर्श करें लोगों को प्रभावित करने के लिए। उस उपहार को समझें। उस उपहार की रक्षा करें। उस उपहार की सराहना करें। उस उपहार का उपयोग करें। उस उपहार का दुरुपयोग न करें। इसे सुरक्षित करना। जो आपके पास है, उससे खुश रहिए। और अंत में मैं यह कहूंगा: आप कभी भी एक हार्स के पीछे एक U- ढोना नहीं देखेंगे मैं इसे फिर से कहूंगा: आप कभी भी एक हार्स के पीछे U-Haul नहीं देखेंगे अब मुझे अपने जीवन में करोड़ों डॉलर बनाने का आशीर्वाद मिला है मैं इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता और न तो आप कर सकते हैं। तो यह आपके पास कितना नहीं है यह आपके पास क्या है जो आपके पास है। हम सभी के अलग-अलग उपहार हैं थोड़े पैसे कुछ मोहब्बत कुछ, धैर्य कुछ, लोगों को छूने की क्षमता लेकिन हम सब यह है इसका इस्तेमाल करें। इसे शेयर करें। यही मायने रखता है! |
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Mausam ke Prabhav se fani tufan ka aagman ke bare mein nibandh |
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Answer» Explanation: aajkal jaise ki aap logo Ne Dekha hi HOGA ki Mausam par bahut Prabhav pad raha hai AUR iska Ek Hi Karan hai ki Manav Apne alag alag gyanik Roop SE Alag Alag cheez bana rahi hai Jaise Ham Gadiya bana rahe hain aur Unse Hamare PARYAVARAN mein bahut nuksaan ho raha hai usse Hamare Paryavaran pollution Chha raha hai jisse ki Hamare Barish aur Anya Mausam bahut farak padta hai aur Mausam bhi bahut jyada kharab hone laga hai aaj kal with tufani Toofan bahut Aane Aane Lag Gaye Hain Jinse Ki Hamare ghar Baar mein bahut pareshani Aati Hai Jaise Hamare ko bhi Toofan Aate Hain Tu Hamare ghar ganda ho JATA hai |
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| 20620. |
Difference between parenchyma collenchyma and sclerenchya tissues |
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Answer» Answer: |
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| 20621. |
अलाई दरवाजा एवं हजार खम्भा महल का निर्माण किस खिलजी शासक ने करवाया |
| Answer» | |
| 20622. |
20 से 25 शबदों में टी शर्ट का विज्ञापन कीजिए |
| Answer» | |
| 20623. |
Jaise kerni waisi bharni iis topic pe essay. |
| Answer» | |
| 20624. |
निबंध लेखन:- कंप्यूटर इंटरनेट की अद्भुत खोज । |
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Answer» आज के समय में लोगों की सफलता में इंटरनेट का काफी बड़ा हाथ है। वर्तमान समय में इंटरनेट के जरिये मात्र एक क्लिक में एक हर विषय की जानकारी प्राप्त कर सकते है। वास्तव में इटरनेट दुनिया भर के जानकारी का संग्रह है। ये विद्यार्थियों के पढ़ाई तथा बौद्धिक विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इंटरनेट के इसी महत्व को देखते हुए हमने इन निबंधों को तैयार किया है। हमारे द्वारा तैयार किये गये यह निबंध आपके विभिन्न कार्यों में आपके काफी सहायक सिद्ध होगें। इंटरनेट आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। ये किसी भी व्यक्ति को दुनियां के किसी भी कोने में बैठे हुए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने की अद्भुत सुविधा प्रदान करता है। इसके माध्यम से हम लोग आसानी से किसी एक जगह रखे कम्प्यूटर को किसी भी एक या एक से अधिक कम्प्यूटर से जोड़कर जानकारी का आदान प्रदान कर सकते है। इंटरनेट के द्वारा हम कुछ सेकेंडों में ही बड़े या छोटे संदेशों, अथवा किसी प्रकार की जानकारी एक कम्प्यूटर या डिजीटल डिवाइस(यंत्र) जैसे टैबलेट, मोबाइल, पीसी से दूसरे डिवाइस में काफी आसानी से भेज सकते है। ये जानकारियों का एक काफी बड़ा संग्रह है जिसमें घरेलू, व्यापारिक, शैक्षिक, सरकारी वेबसाइटों जैसी लाखों वेबसाइटें मौजूद है। हम इसे कई नेटवर्कों का संग्रह भी कह सकते है। इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है। इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है। इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी सूचना, चित्र, वीडियो आदि दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी कोने तक मात्र एक पल भर में भेज सकते हैं।
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| 20625. |
Vyamkarne ke mahatva ko Lekar do Mitro ke beech Hui batchit ko Saman ke roop mein likho |
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Answer» Answer: mitra vyam karne se HAMARE din bhar ki jo bhi thakan hoti hai wo mit jaati hai or hame vyam zaroor karna chahiye kyonki vyam karne se ham karyasheel ho jate hai .Aur hame Susst mahasoos nahi karte jisse ham SARA kaam kar lete hai. vyam karna BOHOT zaroori hai har INSAN KE liye mitra. |
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| 20626. |
5 lines on my house |
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Answer» Answer: my HOUSE is Everytime Clean my house is very big my house is very beautiful my house is WONDERFUL at Delhi my house is coutery vs please Mark as BRAINLEAST |
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| 20627. |
Matdan ka mahatva do Mitro Mein samvad likhiye |
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Answer» प्रिया-- यार विजय आज पहली बार वोट देकर तुमको कैसा प्रतीत हुआ। रेणु-- मुझे इस देश के नागरिक बनने का एहसास हुआ। प्रिया-- वह तो हम है ही मगर वोट देकर अपना नेता चुनने का अधिकार हमें आज ही प्राप्त हुआ। रेणु-- हां,वह तो है। प्रिया-- अब हम देश के समझदार नागरिक भी है। पहली बार वोट देकर बहुत अच्छा लगा। रेणु-- मुझे तो सबसे अच्छा सैनिक लोगों का सिस्टम लगा जो सबको पंक्ति में रहकर वोट देने की बात कह रहे थे। प्रिया-- वह अपने ड्यूटी को सही तरह से पालन कर रहे थे। रेणु-- हां, वह तो है। |
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| 20628. |
मेरे विधालय पर निबंध |
Answer» HEYA FRIEND HERE IS YOUR ANSWERमेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है। यह तीन मंजिला है और इसकी इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित है। विद्यालय की दूरी कम होने के कारण मैं चलकर ही विद्यालय जाता हूं। मेरा विद्यालय पूरे राज्य में सबसे अच्छा और बड़ा है। मेरे विद्यालय के चारों ओर का स्थान बहुत शांतिपूर्ण और प्रदूषण से मुक्त है। सबसे नीचे विद्यालय में ऑडिटोरियम है जहां सभी वार्षिक कार्य और बैठकें संपन्न होती हैं। पहली मंजिल पर एक बड़ा पुस्तकालय है, जो कि पुस्तकों से अच्छी तरह से सुसज्जित है इसमें अनेक विषयों से संबंधित किताबे है। यहां पर वाद्य यंत्र की कक्षायें भी है इसके अलावा एक विज्ञान प्रयोगशाला है। इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है।विद्यालय में पीने के पानी एवं शौचालय की भी उत्तम व्यवस्था है। शिक्षक सभी छात्रों के अंको और अन्य छात्रों से संबंधित बातों की पूर्ण जानकारी रखते है। विद्यालय में अलग-अलग कामों के लिये नौकर लगाये गये जो अपने-अपने कामों को नियम पूर्वक करते है हम सभी बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा खेल का मैदान है जहाँ कई झूले है और एक बड़ा बगीचा है जिसमें कई सारे फूल खिले रहते है, कई आम और अमरुद के बड़े-बड़े पेड़ लगे है। सभी कक्षाएं बहुत हवादार और खुली हुई हैं। ड्राइंग रूम, म्यूजिक रूम, साइंस लेबोरेटरीज और ऑडियो वीडियो रूम भी हैं। हमारे स्कूल के ज्यादातर छात्र ज्यादातर स्कूल इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और उच्च स्थान लाते हैं और सभी गतिविधियों का समर्थन करते है। हमारी प्रधानाचार्या श्रीमति कल्पना जी बहुत दयालु महिला हैं। विभिन्न गतिविधियों और कार्यों को साल भर आयोजित किया जाता है। मुझे अपने स्कूल पर बहुत गर्व है। मैं अपने स्कूल से प्यार करता हूं और सम्मान करता हूं। मेरे विद्यालय की कई अलग अलग शहरों में शाखाएं है। मेरे विद्यालय पीले रंग से रंग किया गया है। यह पीला रंग आँखों को लुभाता है इस कारण मेरा विद्यालय दूर से ही सबसे अनोखा दिखाई पड़ता है। प्रिंसिपल ऑफिस, हेड ऑफिस, क्लर्क रूम, स्टाफ रूम और आम स्टडी रूम सबसे नीचे बने हुये हैं। स्कूल कैंटीन, स्टेशनरी की दुकान, शतरंज कक्ष, और स्केटिंग हॉल भी जमीन तल पर स्थित हैं। स्कूल के प्रधानाचार्या ऑफिस के सामने मेरे स्कूल में दो बड़ी सीमेंट वाली बास्केटबाल कोर्ट हैं जबकि फुटबॉल मैदान इसके दूसरे तरफ है। मेरे स्कूल में एक छोटा हराभरा उद्यान भी है, जो मुख्य कार्यालय के सामने, रंगीन फूलों और सजावटी पौधों से भरा है जो पूरे स्कूल परिसर की सुंदरता बढ़ाता है। मेरे स्कूल के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक हैं जो हमें किसी भी कठिन विषय को आसानी से समझने में मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी देते हैं। मेरे विद्यालय में साल के सभी महत्वपूर्ण दिन जैसे खेल दिवस, शिक्षक दिवस, मातृ-पितृ दिवस, बाल दिवस, सालगिरह दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, क्रिसमस दिवस, मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, नया वर्ष, गांधी जयंती, आदि एक भव्य तरीके से मनाये जाते है। सभी छात्र सुबह खेल के मैदान में इकट्ठे होते हैं और सुबह की प्रार्थना करते हैं और फिर सभी अपनी कक्षाओं में जाते हैं। हमारे विद्यालय में तैराकी, स्काउटिंग, एनसीसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि कई सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ हैं। विद्यालय के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा अनुचित व्यवहार और अनुशासित गतिविधियों वाले छात्रों को दंडित भी किया जाता है। विद्यालय जाने का समय सुबह 7:30 से 2:30 गर्मियों में और सर्दियों में 9:30 से 4:30 तक है। सभी छोटे बच्चों और बड़े बच्चों के लिये छुट्टी होने पर स्कूल से निकलने का अलग-अलग रास्ता है ताकि छोटे बच्चों को बाहर निकलने में कोई परेशानी न हो। हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। शिक्षकों और हमारी प्राचार्या के नेतृत्व में हमारा विद्यालय लगातार उन्नति कर रहा है। HOPE IT HELPS YOU!! |
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पंचपरमेशर ट्रानी पार नाटक की रचनायें। |
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Answer» पंच परमेश्वर प्रेमचंद की हिन्दी में पहली प्रकाशित कहानी थी। यह सन १९१६ में प्रकाशित हुई थी। इसके पहले उनका एक रहस्य उपन्यास धारावाहिक रूप से १९०३ में प्रकाशित हुआ था लेकिन वह पूरा प्रकाशित नहीं हो सका था उसको रोक देना पड़ा था। |
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| 20630. |
What is the meaning of the abbreviation 'ODI' in terms of cricket |
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Answer» One day international............... |
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एक चीज ऐसी है सुखी हो तो 2 किलो तो 1किलो जल जाए तो 3किलो क्या है |
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Answer» coconut is the ANSWER... |
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Hey mates ❤️❤️calculate the mass of 1. NH4Cl 2. NaCl 3. NaHCO3 |
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Answer» 1. NH4CL (14) +4*(1)+35.5 = 53.5 amu 2. NaCl 23+35.5 = 58.5 amu 3. NAHCO3 23+1+12+3*(16) = 84 hope it helps |
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| 20633. |
बच्चों में मोबाइल की बुरी लत को उनको नाराज़ किये बिना कैसे छुड़ाएं |
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Answer» Answer: bacho KO phele padne de aur ONE hour PHONE de sakhte h and Kam SE Kam Dene K koshish Kare please Mark as brainleast |
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Mere soach Hindi essay |
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Answer» हमारे विचारों में सत्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सत्य ही ईश्वर है। स्वार्थ, द्वेष, नफरत, दुश्मनी, अंहकार, क्रोध, ईष्र्या, बाहरी जगत की जरूरतों की अत्याधिक लालसा इत्यादि वाले विचारों से दूरी बनाने का प्रयास करना है। हमें यह जान लेना है कि विचार मैं ही बनाता हूँ और मैं ही उन विचारों को समाप्त कर सकता हूँ। दूसरे क्या सोचते हैं इसकी चिन्ता मुझे नहीं करनी है। मुझे अपने पर ध्यान देना है। मेरी सोच / मेरे संस्कार / मेरी आदतें मेरे विचारों द्वारा निर्मित होते हैं। मैं ही इन्हें नियंत्रित कर सकता हूँ। मेरी आदतें/मेरे संस्कार ही मेरे व्यक्त्वि का आधार हैं। मेरी सोच के द्वारा किए गए कार्य के फलस्वरूप मेरा भाग्य बनता है। मैं गलत सोच के कार्य करूंगा तो मेरा भाग्य भी अंधकारमय हो जाएगा। परनिंदा से बचना है। बहस से बचना है। बहस से अंहकार उत्पन्न होता है। बीती बातों को याद करना, अपने सुखे धावों को कुरेदने के समान है। हमारे विचार बाहरी जगत की सूचनाओं, परिथितियों एवं मान्यताओं पर केन्द्रित होते हैं। दूसरे क्या सोचते हैं इसकी चिंता मत करो मैं क्या सोचता हूँ वही महत्वपूर्ण है। मन की खुशी क्या है। खुशी मेरे अन्दर है उसे मुझे किसी से लेने या खरीदने कहीं जाना नहीं पड़ता। हमारी कोई जरूरत पूरी होती है तब मन प्रसन्न हो जाता है। मन की खुशी कार्य की सम्पन्नता से भी होती है। हमारा मन हमेशा प्रसन्न जब ही रह सकता है जब हमारे विचार/हमारी सोच एक सही दिशा में ही कार्यवान्वित हो रहे हो। |
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Write the summary of boodhi kaki in hindi 200 wordsNOTE : PLEASE DO NOT COPY FROM OTHERS AS IF THE ANSWER IS NOT SATISFACTORY I WILL REPORT U... |
Answer» HEYA FRIEND HERE IS YOUR ANSWERबुद्धिराम और उसकी पत्नी का व्यवहार बूढ़ी काकी के प्रति दिनोंदिन कठोर होता चला गया यहां तक कि जिस बुढ़िया की जायदाद से सौ-डेढ़ सौ रूपये प्रतिमाह की आमदनी थी, वह भोजन तक के लिए तरसने लगी। बूढ़ी काकी जीभ के स्वाद के आगे विवश होकर रोने-चिल्लाने लगती थी। हाथ-पैरों से लाचार बुढ़िया जमीन पर पड़ी रहती और अपने प्रति उपेक्षा भरे व्यवहार पर चीखती-चिल्लाती। बुद्धिराम के दोनों बेटे भी उसे चिढ़ाने-परेशान करने में खुश होते थे। यहां तक कि वे दोनों उस बुढ़िया के ऊपर अपने मुंह का पानी भी उड़ले देते थे। लेकिन बुद्धिराम की बेटी लाडली ‘बूढ़ी काकी’ से बहुत प्यार करती थीं लाडली भाइयों से तंग होकर बूढ़ी काकी की कोठरी में आ जाती थी और चना-चबाना जो कुछ भी होता था, मिल-बांटकर बूढ़ी काकी के साथ खाती थी। कुछ समय बाद बुद्धिराम के बेटे मुखराम की सगाई थी जिसमें भाग लेने के लिए काफी मेहमान आए हुए थे। सारे गावं में खुशी का माहौल था। चारपाइयों पर आराम कर रहे मेहमानों की नाई सेवा कर रहे थे। कहीं भाट प्रशंसा में यश-गान कर रहे थे। रूपा को भी औरतों से फुरसत नहीं थी। दौड़-दौड़कर इधर से उधर भाग रही थी। हलवाई भट्टियो पर काम कर रहे थे। कहीं सब्जियां पक रही थीं तो कही मिठाइयां बन रही थीं। खाना पकने की सुगन्धि सारे घर में फैल चुकी थी। भीतर ही भीतर बूढ़ी काकी का मन भी लालचा रहा था। परन्तु वह सोच रही थी कि जब उसे भरपेट भोजन ही नहीं मिलता तो मिठाई ओर कचैड़ी कौन खिलाएगा। रह-रहकर उसकी जीभ लपलपा रही थी। और दिन होता तो वह रो-चीखकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लेती लेकिन अपशकुन के भय से वह चुपचाप बैठी थी। धीरे-धीरे उसका मन बेकाबू होता चला गया। और उकडू बनकर हलवाई के कहाड़े के पास जाकर बैठ गई। अचानक रूपा की नजर बूढ़ी काकी पर पड़ी तो आग बबूला हो उठी और बूढ़ी काकी को खूब भला-बुरा कहा। अपमानित होकर भी बूढ़ी काकी कुछ नहीं बोली और रेगं ती हुई चुपचाप अपनी कोठरी में चली गयी। काफी समय बीत जाने के बाद भी बूढ़ी काकी की किसी ने सुध नहीं ली तो उसका मन बेचैन हो उठा। तरह-तरह के विचार उसके मन में आने लगे। सभी लोग खा-पी चुके होंगे। तेरी याद किसी को नहीं आएगी। इसी बीच उसकी भूख जोर पकड़ने लगी और हाथो के बल सरकती हुई लोगों के बीच जाकर पत्तल पर बैठ गयी। लोग आश्चर्य से देख ही रहे थे कि बुद्धिराम की नज़र उस पर पड़ गयी। उस दयनीय बूढ़ी काकी को बुद्धिराम ने दोनों हाथों से उठाकर कोठरी में लाकर पटक दिया और खूब भला-बुरा कहा। वह यह भूल गया कि आज उसे जो सम्मान मिल रहा है, वह सब बूढ़ी काकी की संपत्ति के कारण ही है। रह-रहकर बूढ़ी काकी स्वयं को कोसती रही। कभी सोचती कि वहां नहीं जाना चाहिए था। बिना खाए मैं मर तो नहीं जाती। इतना दुव्र्यवहार होने पर भी बूढ़ी काकी का मन दावत में रखा हुआ था। कभी कचैड़िया याद आतीं तो कभी स्वादिष्ट रायता, लेकिन लाड़ली के अलावा बूढ़ी काकी के प्रति किसी के मन में कोई सहानुभूति नहीं थी। रात के ग्यारह बज चुके थे। सभी मेहमान आराम कर रहे थे। हारी-थकी रूपा भी सो चुकी थी, लेकिन लाडली थी जो जाग रही थी। वह उस समय की प्रतीक्षा में थी जब अपने हिस्से का मिला हुआ खाना बूढ़ी काकी को जाकर खिलाए। रूपा को पता लगने पर पिटाई होने का डर था। माँ को सोता देखकर लाडली चुपके से अपने हिस्से की पूड़िया लेकर काकी के पास पहुंची। बेसब्री से इंतजार कर रही बुढ़िया एक ही झटके में सब खा गयी परन्तु इससे उसकी भूख और बढ़ चुकी थी। उसने लाड़ली से मेहमानों के भोजन करने के स्थान पर ले चलने को कहा परन्तु वहां पड़े टुकड़ों को चुन-चुनकर खाने के बाद भी उसकी भूख नहीं मिटी। अंत में उसने लाडली से जूठी पत्तलों के पास ले चलने को कहा। इसी बीच रूपा की आंख खुल चुकी थी। लाडली को अपने पास न पाकर रूपा ने इधर-उधर देखा तो वह पत्तलों के पास खड़ी थी। रूपा बूढ़ी काकी को पत्तलों की जूठन चाटते देखकर आत्मग्लानि एवं पश्चाताप से भर उठी। आज उसे अपने किये पर भारी पछतावा हो रहा था। उसकी सोई आत्मा जाग उठी थी। आज उसने बूढ़ी काकी को धमकाया नहीं अपितु उठकर साथ चलने को कहा। उसने सोचा जिस बुढ़िया की जायदाद से हमें इतनी आमदनी हो रही है, उसके लिए मैं भरपेट भोजन भी नहीं दे सकी। HOPE IT HELPS YOU!!! |
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| 20636. |
Kisi Mele ka varnan 250 shabdon ka please give me the best one |
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Answer» हमारे शहर में प्रतिवर्ष 26 जनवरी के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है । मेला गाँधी मैदान में लगता है जिसे देखने शहर के नागरिकों के अलावा निकटवर्ती गाँवों और कस्बों के लोग बड़ी संख्या में आते हैं । मैं भी अपने माता-पिता के साथ संध्या चार बजे मेला देखने गया । वहाँ खचाखच भीड़ थी । मुख्य मार्गों पर तो तिल रखने की जगह भी नहीं थी । लोग धक्का-मुक्की करते आपस में टकराते चल रहे थे । हम लोगों ने भी भीड़ का अनुसरण किया । भीतर तरह-तरह की दुकानें थीं । मिठाई, चाट, छोले, भेलपुरी तथा खाने-पीने की तरह-तरह की दुकानों में भी अच्छी-खासी भीड़ थी । तरह-तरह के आकर्षक खिलौने बेचने वाले भी कम नहीं थे । गुब्बारे वाला बड़े-बड़े रंग-बिरंगे गुब्बारे फुलाकर बच्चों को आकर्षित कर रहा था । कुछ दुकानदार घर-गृहस्थी का सामान बेच रहे थे । मुरली वाला, सीटीवाला, आईसक्रीम वाला और चने वाला अपने – अपने ढंग से ग्राहकों को लुभा रहा था । हम मेले का दृश्य देखते आगे बड़े जा रहे थे । देखा तो कई प्रकार के झूले हमारा इंतजार कर रहे थे । पिताजी ने मुझे झूले की टिकटें लेने के लिए पैसे दिए । कुछ ही मिनटों में हम आसमान से बातें करने लगे । डर भी लग रहा था और मजा भी आ रहा था । ऊपर से नीचे आते समय शरीर भारहीन-सा लग रहा था । plz FOLLOW me |
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| 20637. |
Hi,please solve any one of two letter of hindi |
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Answer» 2.Station Road, Rupaidiha,Bahraich, DATE..... Priye (friend name....,)
Tumah yah jaanker khushi HOGI ki...meri bahan ki shadi dinan..................... .................................................... Tumah chaar din pahle AANA HAI meri bahan ki shadi main...... Main tumahra intzaar karungi. Chachi and chacha ko meri taraf se namaste kahna. Tumari priye mitr(name).... |
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| 20639. |
पर्यावरण संबंधित चित्र बनाकर 150 शब्दों में वर्णन करो |
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Answer» ANSWER:पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परि और आवरण से मिलकर बना है, जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास अर्थात जो हमारे चारों ओर है, और 'आवरण' जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की कुल इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधों के अलावा उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएं और प्रक्रियाएं भी शामिल हैं। जबकि पर्यावरण के अजैविक संघटकों में निर्जीव तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएं आती हैं, जैसे: पर्वत, चट्टानें, नदी, हवा और जलवायु के तत्व इत्यादि।xplanation: |
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कनापीड़ासन योग किसे कहते हैं और कनापीड़ासन करने के फायदे क्या है |
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Answer» Explanation: Benefits of Karnapidasana: Well before you decided to add karnapidasana as part of your DAILY routine is BETTER for you to find out first about the health benefits of doing this yoga pose regularly. 1.Improves Vitality: Vitality is vital for both men and women. Vitality is not only affecting their energy physically but also mentally. The advanced pose of karnapidasana is good to improve vitality. 2.Optimizes the Energy Flow: Do you know that lack of exercise COULD affect your energy flow. Karnapidasana is one of the pose which is believed to open some paths to optimize the flow of your energy. 3.Enhances Your Focus: One of the health benefits of exercise is able to enhance your focus and CONCENTRATION. When you focus, doing your jobs and finishing your study will be easier. 4.Good for Your Productivity: As mentioned in previous point, when you could focus, productivity will follow suit. It is easy for you to reach your working target. 5.Ancient Methods to Treat Some Ear Problems Naturally: Infection is the main CAUSE of ear problems but there are more like tinnitus and the loss of hearing ability. Karnapidasana is an ancient method used to treat the ear problems naturally. I hope it may be helpful for. Thank you! |
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क्या आपने कोई भूत प्रेत या चुड़ैल देखा है या यह सब केवल बकवास है |
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Answer» Answer: |
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तिरंगे झंडे के बीच में स्थित अशोक चक्र में कितनी तीलियां होती है |
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The Doctrine of Lapse was first applied to the Princely State of |
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Answer» the doctorine of LAPSE was first applied to the princely STATE of satara |
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सामान्यतः प्रयोग किए जाने वाला मसाला लौंग (लवंग) प्राप्त होता है |
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What's the name of a book which kapil dev has written on cricket |
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Answer» Explanation:it is written by KAPIL dev not Kapil sharma |
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Media par nibandh in hindi |
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Answer» जिन साधनों का प्रयोग कर बहुत से मानव समूहों तक विचारों, भावनाओं व सूचनाओं को सम्प्रेषित किया जाता है, उन्हें हम जनसंचार माध्यम या मीडिया कहते हैं । मीडिया, ‘मिडियम’ शब्द का बहुवचन रूप है, जिसका अर्थ होता है- माध्यम । मीडिया अथात् जनसंचार माध्यम को तीन वर्गों-मुद्रण माध्यम, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम एवं नव इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में विभाजित किया जा सकता है । मुद्रण माध्यम के अन्तर्गत समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, पैम्फलेट, पोस्टर, जनरल, पुस्तकें इत्यादि आती हैं । hope HELPFUL for you ✌️✌️✌️✌️ please FOLLOW me |
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Sathan ka vilom shabad |
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Answer» Sarif (शरीफ) I hope you will LIKE my answer. If you like PLEASE MARK me as brilliant. Thank you Good bye |
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Apane vatavaran ko saaf or swachh banane ke liye hame keya karna chahiye apane vichar vaekt kigiye |
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10 lines about netaji subhas chandra bose in hindi ( answer in description included his life and work please) |
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Answer»
ABOUT NETAJI SHUBAS CHANDRA BOSE सुभाष चन्द्र बोस (बांग्ला: সুভাষ চন্দ্র বসু उच्चारण: शुभाष चॉन्द्रो बोशु, जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945) जो नेता जी के नाम से भी जाने जाते हैं, भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था[1]। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया।[2] सुभाषचन्द्र बोस Subhas Chandra Bose.jpg सुभाषचन्द्र बोस का चित्र उनके हस्ताक्षर सहित जन्म 23 जनवरी 1897 कटक, बंगाल प्रेसीडेंसी का ओड़िसा डिवीजन, ब्रिटिश भारत राष्ट्रीयता भारतीय शिक्षा बी०ए० (आनर्स) शिक्षा प्राप्त की कलकत्ता विश्वविद्यालय पदवी अध्यक्ष (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)(1938) सुप्रीम कमाण्डर आज़ाद हिन्द फ़ौज प्रसिद्धि कारण भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी सेनानी तथा सबसे बड़े नेता राजनैतिक पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1921–1940, फॉरवर्ड ब्लॉक 1939–1940 धार्मिक मान्यता हिन्दू जीवनसाथी एमिली शेंकल (1937 में विवाह किन्तु जनता को 1993 में पता चला) बच्चे अनिता बोस फाफ संबंधी शरतचन्द्र बोस भाई शिशिर कुमार बोस भतीजा हस्ताक्षर 160px-Subhas Chandra Bose signature.jpeg कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से मदद लेने की कोशिश की थी तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें ख़त्म करने का आदेश दिया था।[3] नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया। 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष बोस ने आजाद हिन्द फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतन्त्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड ने मान्यता दी। जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिये। सुभाष उन द्वीपों में गये और उनका नया नामकरण किया। 1944 को आजाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। कोहिमा का युद्ध 4 अप्रैल 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यही एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ। 6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनायें माँगीं।[4] नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है।[5] जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से सम्बंधित दस्तावेज़ अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किये?(यथा सभंव नेता जी की मौत नही हूई थी) [6] 16 जनवरी 2014 (गुरुवार) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने नेताजी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की माँग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिये स्पेशल बेंच के गठन का आदेश दिया।[7] आजाद हिंद सरकार के 75 साल पूर्ण होने पर इतिहास मे पहली बार साल 2018 मे नरेंद्र मोदी ने किसी प्रधानमंत्री के रूप में 15 अगस्त के अलावा लाल किले पर तिरंगा फहराया। 11 देशो कि सरकार ने इस सरकार को मान्यता दी थी। |
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