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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

21351.

तप्त का विलोम शब्द क्या है​

Answer»

ANSWER:

तप्त का विलोम शब्द शीतल होता है।

EXPLANATION:

HOPE it HELPS you

21352.

Sanskrite1) दयापर: धर्मः नस्ति |कःकाकस्य2)धर्मः नस्ति |कःकाकस्य3)सन्तोषात परं सुखं नास्तिकाम्किम्कुत्र

Answer»

1.कः

2.कः

3.कुत्र

I THINK this are the CORRECT ANSWER

21353.

(3) जनता विद्यालय, अकोला में मनाए गए गणतंत्र दिवस समारोह का 70 से80 शब्दों में वृत्तांत लेखन कीजिए।​

Answer»

Answer:

26 जनवरी 2019 को जनता विद्यालय अकोला में गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया। इस समारोह की शुरुआत प्रधानाचार्य जी ने झंडारोहण के साथ की। हमारे प्रधानाचार्य जी ने हमें भारत के नागरिक होने के नाते 26 जनवरी का अर्थात गणतंत्र दिवस का हमारे जीवन महत्व बताया। समारोह का नेतृत्व हमारी हिंदी की अध्यापिका जी ने संभाला।

Explanation:

HOPE its HELPFUL..✌☺

21354.

(घ) फूलों के माध्यम से कवयित्री ने क्या भाव व्यक्त किए हैं?​

Answer»

ANSWER:

UNDERSTAND please hehe hehe!

EXPLANATION:

i DONT know what is the answer

21355.

part mein diye Gaye dohe ki panktiyan kathan hai aur koi kathan ko praman karne wala udaharan ine donon prakar ki panktiyan ko pahchan kar alag alag likhiye ​

Answer»

EXPLANATION:

iririrufiridoddodpldlddldldo

21356.

सूरदास का काव्य तुलसीदास के काव्य से अधिक पौरढ है सिद्ध कीजिए​

Answer»

महाकवि सूरदास हिन्दी के श्रेष्ठ भक्त कवि थे। उनका संपूर्ण काव्य ब्रजभाषा का श्रृंगार है, जिसमें विभिन्न राग, रागनियों के माध्यम से एक भक्त ह्रदय के भावपूर्ण उद्गार व्यक्त हुए हैं। कृष्ण, गाय, वृंदावन, गोकुल, मथुरा, यमुना, मधुवन, मुरली, गोप, गोपी आदि के साथ-साथ संपूर्ण ब्रज-जीवन, संस्कृति एवं सभ्यता के संदर्भ में उनकी वीणा ने जो कुछ गाया, उसके स्वर और शब्द, शताब्दियां बीत जाने पर भी भारतीय काव्य की संगीत के रूप में व्याप्त हैं। उनके काव्य का अंतरंग एवं बहिरंग पक्ष अत्यंत सुदृढ़ और प्रौढ़ है तथा अतुलित माधुर्य, अनुपम सौंदर्य और अपरिमित सौष्ठव से भरा पड़ा है।

21357.

श्रुति मुक्ता पाठ के दोषियों और उसके अर्थ को सुद्घ सुद्घ लिखे​

Answer»

Answer:

श्रुतलेखन का अर्थ है 'सुने हुए को लिखना' या 'सुनकर लिखना'। 'श्रुत' का अर्थ होता है,'सुना हुआ'। इस विधि में एक व्यक्ति बोलता है तथा दूसरा सुन कर उसे लिखता है। विद्यालयों में श्रुतलेखन का उपयोग वर्तनी सुधारने हेतु किया जाता है। आजकल बहुत सी इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों में सुनकर लिखने की क्षमता है।

श्रुतलेखन का अर्थ है 'सुने हुए को लिखना' या 'सुनकर लिखना'। 'श्रुत' का अर्थ होता है,'सुना हुआ'। इस विधि में एक व्यक्ति बोलता है तथा दूसरा सुन कर उसे लिखता है। विद्यालयों में श्रुतलेखन का उपयोग वर्तनी सुधारने हेतु किया जाता है। आजकल बहुत सी इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों में सुनकर लिखने की क्षमता है।श्रुति लेखन विधि:- भाषा शिक्षण में जब एक शिक्षक सभी बालकों को शुद्ध शब्द लेखन सिखाने का प्रयास करता है तो इसके लिए वह पाठ के किसी अंश या 20 कठिन शब्दों का चुनाव करता है स्वयं उन शब्दों को शुद्ध रूप से उच्चारित करता है एवं बालक सुनने के आधार पर शुद्ध रूप से लिखने का प्रयास करते हैं उसके बाद शिक्षक स्वयं प्रत्येक बालक की उत्तर पुस्तिका की जांच करता है और गलत पाय गय शब्दों के गोला बनाते हुए वह स्वयं शुद्ध रूप से लिखता है और फिर बालक को 10 10 बार शुध्द लिखने के लिए प्रेरित करता हैै। ऐसा करने सेेे बालक में शुद्ध शब्द लेखन का विकास होता है

hope it HELPS you plz mark it as BRAINLIST ✌️

21358.

Parayavachi in hindi ​

Answer»

Answer:

1. DIWAS

2. ratri

3.tohfa

4.dhara

5.anshu

6.ravi

7.rakesh

8. dharti

Explanation:

HOPE it HELPS!

21359.

"तू डाल-डाल, मैं पात-पात' का अर्थ है(1) खतरा उठाना(2) आगे-आगे दौड़ना(3) पेड़ पर चढ़कर खेलना(4) चालाकी का जवाब चालाकी से देना​

Answer»

ANSWER:

चालाकी का जवाब चालाकी से देना..

21360.

संस्कृत में अनुवाद करें आम मीठा है​

Answer»

ANSWER:

amram misthanam asti.

Explanation:

MARK as BRAINLIST.

21361.

निम्नलिखित में से श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द युग्म का उदाहरण हैIजरा-ज़रासाथ-साथदीन-हीनहाथों-हाथ

Answer»

Answer:

HAPPY BIRTHDAY and time to the FIRST lady of schools

21362.

एक फूल की चाह कविता का केंद्रीय भावों अपने शब्दों में लिखिए।

Answer»

ANSWER:

प्रस्तुत पाठ 'एक फूल की चाह' छुआछूत की समस्या से संबंधित कविता है। महामारी के दौरान एक अछूत बालिका उसकी चपेट में आ जाती है। वह अपने जीवन की अंतिम साँसे ले रही है। वह अपने माता- पिता से कहती है कि वे उसे देवी के प्रसाद का एक फूल लाकर दें ।

Explanation:

HOPE it HELPS you

21363.

Simplify: (2+√3) (2-√3).

Answer»

EXPLANATION:

HOPE it MAY HELP YA ☺️

.

.

.

.

.

.

.

21364.

मानव: सुन्दर:-विशेष्य

Answer»

ANSWER:

मानव: - विशेष्य

This is the CORRECT answer.

Please MAKE me BRAINLIST.

21365.

Kचालू कर दो कान्हा और ठप हो गई कैसे बढ़ाएं भोपाल में छुट्टी है छुट्टी कैंसिल हो गई लेकिन छुट्टी मार दिया कैसे मालूम होगा एक बहाना बताइए जरा मुझे मैं एक छोटा सा बच्चा हूं 2 साल का नीचे टट्टी रोलिंग मिल जाते ​

Answer»

ANSWER:

h IITB h

Explanation:

Find the VALUE of p, if 2p+5=17

21366.

कुछ लोग ईर को रत य देते ह? और कैसे देते है | ​

Answer»

ANSWER:

SORRY I don't KNOW what it is but I am REALLY sorry

21367.

शौर्य से शब्दांश और शब्द अलग करिए।​

Answer»

प्रत्यय

जो शब्दांश किसी मूल शब्द के पीछे या अन्त मेँ जुड़कर नवीन शब्द का निर्माण करके पहले शब्द के अर्थ मेँ परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न कर देते हैँ, उन्हेँ प्रत्यय कहते हैँ। कभी–कभी प्रत्यय लगाने पर भी शब्द के अर्थ मेँ कोई परिवर्तन नहीँ होता है। जैसे— बाल–बालक, मृदु–मृदुल।

प्रत्यय लगने पर शब्द एवं शब्दांश मेँ संधि नहीँ होती बल्कि शब्द के अन्तिम वर्ण मेँ मिलने वाले प्रत्यय के स्वर की मात्रा लग जाती है, व्यंजन होने पर वह यथावत रहता है। जैसे— लोहा+आर = लुहार, नाटक+कार = नाटककार।

शब्द–रचना मेँ प्रत्यय कहीँ पर अपूर्ण क्रिया, कहीँ पर सम्बन्धवाचक और कहीँ पर भाववाचक के लिये प्रयुक्त होते हैँ। जैसे— मानव+ईय = मानवीय। लघु+ता = लघुता। बूढ़ा+आपा = बुढ़ापा।

हिन्दी मेँ प्रत्यय तीन प्रकार के होते हैँ—

(1) संस्कृत के प्रत्यय,

(2) हिन्दी के प्रत्यय तथा

(3) विदेशी भाषा के प्रत्यय।

1. संस्कृत के प्रत्यय

संस्कृत व्याकरण मेँ शब्दोँ और मूल धातुओँ से जो प्रत्यय जुड़ते हैँ, वे प्रत्यय दो प्रकार के होते हैँ –

1. कृदन्त प्रत्यय –

जो प्रत्यय मूल धातुओँ अर्थात् क्रिया पद के मूल स्वरूप के अन्त मेँ जुड़कर नये शब्द का निर्माण करते हैँ, उन्हेँ कृदन्त या कृत् प्रत्यय कहते हैँ। धातु या क्रिया के अन्त मेँ जुड़ने से बनने वाले शब्द संज्ञा या विशेषण होते हैँ। कृदन्त प्रत्यय के निम्नलिखित तीन भेद होते हैँ –

(1) कर्त्तृवाचक कृदन्त – वे प्रत्यय जो कर्तावाचक शब्द बनाते हैँ, कर्त्तृवाचक कृदन्त कहलाते हैँ। जैसे –

प्रत्यय – शब्द–रूप

• तृ (ता) – कर्त्ता, नेता, भ्राता, पिता, कृत, दाता, ध्याता, ज्ञाता।

• अक – पाठक, लेखक, पालक, विचारक, गायक।

(2) विशेषणवाचक कृदन्त – जो प्रत्यय क्रियापद से विशेषण शब्द की रचना करते हैँ, विशेषणवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे –

• त – आगत, विगत, विश्रुत, कृत।

• तव्य – कर्तव्य, गन्तव्य, ध्यातव्य।

• य – नृत्य, पूज्य, स्तुत्य, खाद्य।

• अनीय – पठनीय, पूजनीय, स्मरणीय, उल्लेखनीय, शोचनीय।

(3) भाववाचक कृदन्त – वे प्रत्यय जो क्रिया से भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते हैँ, भाववाचक कृदन्त कहलाते हैँ। जैसे –

• अन – लेखन, पठन, हवन, गमन।

• ति – गति, मति, रति।

• अ – जय, लाभ, लेख, विचार।

2. तद्धित प्रत्यय –

जो प्रत्यय क्रिया पदोँ (धातुओँ) के अतिरिक्त मूल संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दोँ के अन्त मेँ जुड़कर नया शब्द बनाते हैँ, उन्हेँ तद्धित प्रत्यय कहते हैँ। जैसे— गुरु, मनुष्य, चतुर, कवि शब्दोँ मेँ क्रमशः त्व, ता, तर, ता प्रत्यय जोड़ने पर गुरुत्व, मनुष्यता, चतुरतर, कविता शब्द बनते हैँ।

तद्धित प्रत्यय के छः भेद हैँ –

(1) भाववाचक तद्धित प्रत्यय – भाववाचक दद्धित से भाव प्रकट होता है। इसमेँ प्रत्यय लगने पर कहीँ–कहीँ पर आदि–स्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे –

प्रत्यय — शब्द–रूप

• अव – लाघव, गौरव, पाटव।

• त्व – महत्त्व, गुरुत्व, लघुत्व।

• ता – लघुता, गुरुता, मनुष्यता, समता, कविता।

• इमा – महिमा, गरिमा, लघिमा, लालिमा।

• य – पांडित्य, धैर्य, चातुर्य, माधुर्य, सौन्दर्य।

(2) सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय – सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय से सम्बन्ध का बोध होता है। इसमेँ भी कहीँ–कहीँ पर आदि–स्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे –

• अ – शैव, वैष्णव, तैल, पार्थिव।

• इक – लौकिक, धार्मिक, वार्षिक, ऐतिहासिक।

• इत – पीड़ित, प्रचलित, दुःखित, मोहित।

• इम – स्वर्णिम, अन्तिम, रक्तिम।

• इल – जटिल, फेनिल, बोझिल, पंकिल।

• ईय – भारतीय, प्रान्तीय, नाटकीय, भवदीय।

• य – ग्राम्य, काम्य, हास्य, भव्य।

(3) अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय – इनसे अपत्य अर्थात् सन्तान या वंश मेँ उत्पन्न हुए व्यक्ति का बोध होता है। अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय मेँ भी कहीँ–कहीँ पर आदि–स्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे –

• अ – पार्थ, पाण्डव, माधव, राघव, भार्गव।

• इ – दाशरथि, मारुति, सौमित्र।

• य – गालव्य, पौलस्त्य, शाक्य, गार्ग्य।

• एय – वार्ष्णेय, कौन्तेय, गांगेय, राधेय।

(4) पूर्णतावाचक तद्धित प्रत्यय – इसमेँ संख्या की पूर्णता का बोध होता है। जैसे –

• म – प्रथम, पंचम, सप्तम, नवम, दशम।

• थ/ठ – चतुर्थ, षष्ठ।

• तीय – द्वितीय, तृतीय।

(5) तारतम्यवाचक तद्धित प्रत्यय – दो या दो से अधिक वस्तुओँ मेँ श्रेष्ठता बतलाने के लिए तारतम्यवाचक तद्धित प्रत्यय लगता है। जैसे –

• तर – अधिकतर, गुरुतर, लघुतर।

• तम – सुन्दरतम, अधिकतम, लघुतम।

• ईय – गरीय, वरीय, लघीय।

• इष्ठ – गरिष्ठ, वरिष्ठ, कनिष्ठ।

(6) गुणवाचक तद्धित प्रत्यय – गुणवाचक तद्धित प्रत्यय से संज्ञा शब्द गुणवाची बन जाते हैँ। जैसे –

• वान् – धनवान्, विद्वान्, बलवान्।

• मान् – बुद्धिमान्, शक्तिमान्, गतिमान्, आयुष्मान्।

• त्य – पाश्चात्य, पौर्वात्य, दक्षिणात्य।

• आलु – कृपालु, दयालु, शंकालु।

• ई – विद्यार्थी, क्रोधी, धनी, लोभी, गुणी।

2. हिन्दी के प्रत्यय

संस्कृत की तरह ही हिन्दी के भी अनेक प्रत्यय प्रयुक्त होते हैँ। ये प्रत्यय यद्यपि कृदन्त और तद्धित की तरह जुड़ते हैँ, परन्तु मूल शब्द हिन्दी के तद्भव या देशज होते हैँ। हिन्दी के सभी प्रत्ययोँ कोँ निम्न वर्गोँ मेँ सम्मिलित किया जाता है—

(1) कर्त्तृवाचक – जिनसे किसी कार्य के करने वाले का बोध होता है, वे कर्त्तृवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे –

प्रत्यय — शब्द–रूप

• आर – सुनार, लोहार, चमार, कुम्हार।

• ओरा – चटोरा, खदोरा, नदोरा।

• इया – दुखिया, सुखिया, रसिया, गडरिया।

• इयल – मरियल, सड़ियल, दढ़ियल।

• एरा – सपेरा, लुटेरा, कसेरा, लखेरा।

• वाला – घरवाला, ताँगेवाला, झाड़ूवाला, मोटरवाला।

• वैया (ऐया) – गवैया, नचैया, रखवैया, खिवैया।

• हारा – लकड़हारा, पनिहारा।

21368.

106/मरमेरे दीप-फूललेकर वेअंबा को अर्पित करकेदिया पुजारी ने प्रसाद जबआगे को अंजलि भरके ,भूल गया उसका लेना झट,परम लाभ-सासोचा,-बेटी को माँ के येपुण्य-पुष्प दूँ जाकर मैं।पाकर मैं।सिंह पौर तक भीनहीं पहँचने मैं meaning​

Answer»

Answer:

BRO I don't KNOW this answer

Explanation:

what you SAYING me I don't understanding

21369.

I. बरफ़ के नीचे कुछ दिखाई दिया।​

Answer»

ANSWER:

WAVE of ice

and after BOILING WATER WAVES

21370.

अपनी ककन चारित्रिक ववशेषताओिं औि ककन मानवीय मूल्यों के कािर् गािंधी जी देशभि मेंलोकवप्रय गए थे?​

Answer»

ANSWER:

मुझे नहीं पता

I SORRY ☺️☺️

21371.

Paragraph on goddess saraswati in hindi​

Answer»

Answer:

On Basant saraswati puja essay in hindi language Panchami, as stated yellow is particu­larly worn as a symbolic sign of veneration to Saraswati, GODDESS of Learning, WISDOM and Fine Arts. Saraswati Puja. The goddess of wisdom and KNOWLEDGE, Saraswati, is worshipped on this day.

HINDI

बसंत सरस्वती पूजा निबंध हिंदी भाषा पंचमी पर, जैसा कि कहा जाता है कि पीले रंग को विशेष रूप से सरस्वती, विद्या की देवी, बुद्धि और ललित कलाओं के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जाता है। सरस्वती पूजा। इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।

basant sarasvatee pooja nibandh hindee bhaasha panchamee par, jaisa ki kaha jaata hai ki peele rang ko vishesh roop SE sarasvatee, vidya kee devee, buddhi aur lalit kalaon KE prati sammaan ka prateek maana jaata hai. sarasvatee pooja. is din vidya aur gyaan kee devee sarasvatee kee pooja kee jaatee hai

21372.

ता है2. निम्नलिखित संधि-विच्छेद की संधि कीजिए -​

Answer»

this is my BOOK and ANSWER is uchcharan, madumatt, narishwar

21373.

मुहावरे का अर्थ बताओ - आंखे खुल जाना *1 मना करना2 सच्चाई का पता लगाना3 भाग जाना

Answer»

ANSWER:

answer is 2ND - sachai KA PTA LAGNA

21374.

याद करना देखना एवउनसेबीते करना कैसा लगाना शा)​

Answer»

ANSWER:

kon si bhasha me h SMJH NHI AAYA

21375.

Match the followingPavoseahorseChameleon - TreeTree FrogHylacamelhippocampusSaw Fish-Tree lizardpolpristisCamelusPeacock​

Answer»

ANSWER:

I not under STAND your QUESTION

21376.

आचार sangya hai ya विशेषण​

Answer»

ANSWER:

ACHAR is a NOUN or SANGYA in HINDI

21377.

Please answer this question exam is going on​

Answer»

ANSWER:

Ataya + aachar is the answer

21378.

धम के प िचन या ह? please givethevalue answer​

Answer»

ANSWER:

stream-of-consci

Explanation:

DESPICABLE

21379.

दुष्यंत कुमार की 3 रचनाओं के नाम लिखिए​

Answer»

\huge \fbox \pink{

दुष्यंत कुमार रचनाओं निम्नलिखित हैं

‣ दुष्यंत कुमार त्यागी (27 सितंबर 1931-30 दिसंबर 1975) एक हिन्दी कवि , कथाकार और ग़ज़लकार थे। .

‣ एक कंठ विषपायी (काव्य नाटक)

‣ मसीहा मर गया (नाटक)

‣ सूर्य का स्वागत, आवाज़ों के घेरे, जलते हुए वन का बसंत (काव्य संग्रह)

‣ छोटे-छोटे सवाल, आँगन में एक वृक्ष, दुहरी जिंदगी (उपन्यास)

‣ मन के कोण (लघुकथाएँ)

‣ साये में धूप (ग़ज़ल संग्रह)

✎﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏

हम आशा करते हैं कि आपको इस उत्तर से मदद मिली होगी।

✎﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏﹏

कृपया जवाब गलत होने पर रिपोर्ट न करें, हमने आपको सही उत्तर देने की पूरी कोशिश की है}

\\  \\  \\  \\  \\ \sf \colorbox{gold} {\red(ANSWER ᵇʸ ⁿᵃʷᵃᵇ⁰⁰⁰⁸}

21380.

निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ लिखिए मोहन मुख रिस की ये बातें जसुमति सुन-सुनरीझै।​

Answer»

Explanation:

Nhi AA RAHA TU hi BTA de please, "",

21381.

विधान विधान चंद्र राय कौन थे​

Answer»

EXPLANATION:

विधान चंद्र राय भारतीय चिकित्सक, शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। वे पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी रहे। उनके जन्मदिन यानी एक जुलाई को देश में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (डॉक्टर्स डे) के रूप में मनाया जाता है। बिधान चंद्र राय का जन्म पटना के बांकीपुर में हुआ

21382.

धूम्रपान के विरोध में नारा-लेखनकीजिए​

Answer»

ANSWER:

धूम्रपान बन्द करो, जीवन रक्षा करो

21383.

वाक्य प्रकार पहचानो. जब बारिश आयेगी तब तालाब भरेगा *1 संयुक्त वाक्य.2 सरल वाक्य.

Answer»

जब बारिश आएगी तब तलाब भरेगा। यह मिश्र वाक्य है क्योंकि इस वाक्य में तब शब्द का प्रयोग किया गया है और तब शब्द का प्रयोग मिश्र वाक्य में किया जाता है।

21384.

कविता में दी गयी पंक्ति पढ़िये:खिले कमल अरुण, तरुण प्रभात मुस्कुरा रहागगन विकास का नवीन, साज है सजा रहा।प्रश्न-1यहाँ “तरुण प्रभात मुस्कुरा रहा' से कवि का क्या आशय है? अपने शब्दों में लिखिए।​

Answer»

ANSWER:

egg IFFY Ac an mks e'en leg girl Iqbal Adam so PC e'en or so PC FM ICY.

21385.

पदनाम से आप क्या समझते हैं ?​

Answer»

ANSWER:

पदनाम से आप क्या समझते हैं ?

किसी अधिकारी के पद का नाम

Explanation:

HOPE It HELP'S ÙhH☺

☺ÀpPý ßĺàp ĎàÝ('° ---- °') ☺

PLS FLW ME PLS ☹PLS(* - *)

ÞhÀñĶß =ÞhÀñĶß☺

❣ॐ जय महाकाल ❣

✌ÌTŹ ÀbÙsiÑģ QùÈèÑ✌

21386.

नंदिता प्रसन्न हो गई | ( सामान्य वर्तमानकाळ ​

Answer»

ANSWER:

नंदिता प्रसन्न है|

नंदिता प्रसन्न हो गई थी L

21387.

धूम्रपान के विरोध में नारा लेखनकीजिय​

Answer»

ANSWER:

SMOKING is not GOOD for our helth

Explanation:

21388.

कोई एक मौलिक कहानी लिखिए जिसका अंत जो होता है अच्छे के लिए होता है पंक्ति से हो।​Please answer fast

Answer»

нσℓα

A FAIR amount of neutral salts, such as SODIUM sulfate or sodium chloride, are used to assist the dyeing process. Their function varies DEPENDING on the dye class. For example, in direct dyeing, neutral salts increase the aggregation of the dyes inside the FIBER pores and render the dye less hydrophilic (SHORE, 1995).

21389.

सूखते पौधे हरे हो गए है। अर्थ के आधार पर कौन सा वाक्य है।​

Answer»

ANSWER:

HERE IS YOUR ANSWER ⬇️

↪विधानवाचक वाक्य

21390.

आतंक या आधुनिक युग टिप्पणी लिखिए​

Answer»

ANSWER:

संपादित करें

हिंदी साहित्य का आधुनिक काल तत्कालीन राजनैतिक गतिविधियों से प्रभावित हुआ है। इसको हिंदी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ युग माना जा सकता है, जिसमें पद्य के साथ-साथ गद्य, समालोचना, कहानी, नाटक व पत्रकारिता का भी विकास हुआ।

वि.सं 1800 के उपरांत भारत में अनेक यूरोपीय जातियां व्यापार के लिए आईं। उनके संपर्क से यहां पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव पड़ना प्रारंभ हुआ। विदेशियों ने यहां के देशी राजाओं की पारस्परिक फूट से लाभ उठाकर अपने पैर जमाने में सफलता प्राप्त की। जिसके परिणाम-स्वरूप यहां पर ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना हुई। अंग्रेजों ने यहां अपने शासन कार्य को सुचारु रूप से चलाने एवं अपने धर्म-प्रचार के लिए जन-साधारण की भाषा को अपनाया। इस कार्य के लिए गद्य ही अधिक उपयुक्त होती है। इस कारण आधुनिक युग की मुख्य विशेषता गद्य की प्रधानता रही। इस काल में होने वाले मुद्रण कला के आविष्कार ने भाषा-विकास में महान योगदान दिया। स्वामी दयानन्द सरस्वती ने भी आर्य समाज के ग्रंथों की रचना राष्ट्रभाषा हिंदी में की और अंग्रेज़ मिशनरियों ने भी अपनी प्रचार पुस्तकें हिंदी गद्य में ही छपवाईं। इस तरह विभिन्न मतों के प्रचार कार्य से भी हिंदी गद्य का समुचित विकास हुआ।

इस काल में राष्ट्रीय भावना का भी विकास हुआ। इसके लिए श्रृंगारी ब्रजभाषा की अपेक्षा खड़ी बोली उपयुक्त समझी गई। समय की प्रगति के साथ गद्य और पद्य दोनों रूपों में खड़ी बोली का पर्याप्त विकास हुआ। भारतेंदु हरिश्चंद्र तथा बाबू अयोध्या प्रसाद खत्री ने खड़ी बोली के दोनों रूपों को सुधारने में महान प्रयत्न किया। उन्होंने अपनी सर्वतोन्मुखी प्रतिभा द्वारा हिंदी साहित्य की सम्यक संवर्धना की।

इस काल के आरंभ में राजा लक्ष्मण सिंह, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, जगन्नाथ दास रत्नाकर, श्रीधर पाठक, रामचंद्र शुक्ल आदि ने ब्रजभाषा में काव्य रचना की। इनके उपरांत भारतेंदु जी ने गद्य का समुचित विकास किया और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने इसी गद्य को प्रांजल रूप प्रदान किया। इसकी सत्प्रेरणाओं से अन्य लेखकों और कवियों ने भी अनेक भांति की काव्य रचना की। इनमें मैथिलीशरण गुप्त, रामचरित उपाध्याय, नाथूराम शर्मा शंकर, ला. भगवान दीन, रामनरेश त्रिपाठी, जयशंकर प्रसाद, गोपाल शरण सिंह, माखन लाल चतुर्वेदी, अनूप शर्मा, रामकुमार वर्मा, श्याम नारायण पांडेय, दिनकर, सुभद्रा कुमारी चौहान, महादेवी वर्मा आदि का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के प्रभाव से हिंदी-काव्य में भी स्वच्छंद (अतुकांत) छंदों का प्रचलन हुआ।

21391.

पुस्तके प्रेरणा की सोत्र है पर 100 शब्दों का निबंध​

Answer»

पुस्तक-प्रेरणा से नये युग का सूत्रपात

दुनियाभर में विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैल को मनाया जाता है। क्योंकि, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, विलियम शेक्सपियर, व्लादिमीर नबोकोव, मैमुएल सेजिया वैलेजो का जन्म और निर्वाण, मीगुअल डी सरवेंटस, जोसेफ प्ला, इंका गारसीलासो डी ला वेगा का निर्वाण और मैनुअल वैलेजो, मॉरिस द्रुओन और हॉलडोर लैक्सनेस का जन्म इसी दिन हुआ है, साहित्य जगत में इन महान हस्तियों के योगदान को देखते हुए ही 23 अप्रैल 1995 से यूनिस्को द्वारा दुनियाभर में और 23 अप्रैल 2001 से भारत सरकार द्वारा हमारे देश में विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्वभर के लेखकों को सम्मान देने, पुस्तकों को पढ़ने का वातावरण बनाने एवं सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रगति में सहयोग के लिए इस दिन का चयन किया जाना एक दूरगामी सोच से जुड़ा सूझबूझपूर्ण कदम था। अच्छा साहित्य हमें अमृत की तरह प्राण शक्ति देता है, कोरोना महामारी एवं महासंकट के लाॅकडाउन में यह अहसास इन्हीं पुस्तकों से मिला है। पुस्तकों के पढ़ने से जो आनन्द मिला है वह कोरोना पीड़ा को कम करने का सशक्त माध्यम बना है, कोरोना कहर से ध्वस्त हुए युग के नवनिर्माण का सूत्रपात इसी पुस्तक-संस्कृति से संभव है। भारत में पुस्तक का महत्व, राष्ट्र-समाज निर्माण में उसकी भूमिका अति-प्राचीन है, वेद, शास्त्र, रामायण, भागवत, गीता आदि ग्रन्थ हमारे जीवन की अमूल्य निधि हैं। पुस्तकें जीवन संजीवनी हैै, जिनका महत्व सार्वभौमिक, सार्वदैशिक एवं सार्वकालिक है, वे हमारी ऐसी मित्र हैं जो हमारी जीवन-निर्मात्री भी हैं।

पुस्तक या किताब लिखित या मुद्रित पेजों के संग्रह को कहते हैं। पुस्तकें ज्ञान का भण्डार हैं। पुस्तकें हमारी दुष्ट वृत्तियों से सुरक्षा करती हैं और सकारात्मक सोच को निर्मित करती है। अच्छी पुस्तकें पास होने पर उन्हें मित्रों की कमी नहीं खटकती है वरन वे जितना पुस्तकों का अध्ययन करते हैं पुस्तकें उन्हें उतनी ही उपयोगी मित्र के समान महसूस होती हैं। पुस्तकें एक तरह से जाग्रत देवता हैं उनका अध्ययन मनन और चिंतन कर उनसे तत्काल लाभ प्राप्त किया जा सकता है। तकनीक ने भले ज्ञान के क्षेत्र में क्रांति ला दी है, पर पुस्तकें आज भी विचारों के आदान−प्रदान का सबसे सशक्त माध्यम हैं।

किताबें पढ़ने का कोई एक लाभ नहीं होता। किताबें मानसिक रूप से मजबूत बनाती हैं तथा सोचने समझने के दायरे को बढ़ाती हैं। किताबें नई दुनिया के द्वार खोलती हैं, दुनिया का अच्छा और बुरा चेहरा बताती, अच्छे बुरे की तमीज पैदा करती हैं, हर इंसान के अंदर सवाल पैदा करती हैं और उसे मानवता एवं मानव-मूल्यों की ओर ले जाती हैं। मनुष्य के अंदर मानवीय मूल्यों के भंडार में वृद्धि करने में किताबों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ये किताबें ही हैं जो बताती हैं कि विरोध करना क्यूँ जरूरी है। ये ही व्यवस्था विरोधी भी बनाती हैं तो समाज निर्माण की प्रेरणा देती है। समाज में कितनी ही बुराइयां व्याप्त हैं उनसे लड़ने और उनको खत्म करने का काम किताबें ही करवाती हैं। शायद ये किताबें ही हैं जिन्हें पढ़कर मोदी आज दुनिया की एक महाशक्ति बन गये हैं। वे स्वयं तो महाशक्ति बने ही है, अपने देश के हर नागरिक को शक्तिशाली बनाना चाहते हैं, इसीलिये उन्होंने देश भर में एक पुस्तक-पठन तथा पुस्तकालय आंदोलन का आह्वान किया है, जिससे न सिर्फ लोग साक्षर होंगे, बल्कि सामाजिक व आर्थिक बदलाव भी आएगा।

पुस्तकें चरित्र निर्माण का सर्वोत्तम साधन हैं। उत्तम विचारों से युक्त पुस्तकों के प्रचार और प्रसार से राष्ट्र के युवा कर्णधारों को नई दिशा दी जा सकती है। देश की एकता और अखंडता का पाठ पढ़ाया जा सकता है और एक सबल राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। पुस्तकें प्रेरणा की भंडार होती हैं उन्हें पढ़कर जीवन में कुछ महान कर्म करने की भावना जागती है। पुस्तकें कल्पवृक्ष भी है और कामधेनु भी है, क्योंकि इनकी छत्रछाया में मनुष्य अपनी हर मनोकामना को पूरा करने की शक्ति एवं सामथ्र्य पाता है। पुस्तकें अमूल्य है और जन-जन के लिये उपयोगी है, निश्चित ही वे एक नये व्यक्ति और एक नये समाज-निर्माण का आधार भी है। पुस्तकें ही व्यक्ति में सकारात्मकता का संचार करती है। नये मूल्य, नये मापदण्ड, नई योग्यता, नवीन क्षमताएं, आकांक्षाएं और नये सपने- तेजी से बदलती जिंदगी में सकारात्मकता को स्थापित करने में पुस्तकों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

21392.

धर्मराज लाखों वर्षों से क्या काम करते आ रहे थे​

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धर्मराज लाखों वर्षों से असंख्य आदमियों को कर्म और सिफ़ारिश के आधार पर स्वर्ग या नरक में निवास-स्थान 'अलॉट' करते आ रहे थे। पर ऐसा कभी नहीं हुआ था। सामने बैठे चित्रगुप्त बार-बार चश्मा पोंछ, थूक से पन्ने पलट, रजिस्टर पर रजिस्टर देख रहे थे।

21393.

लिंग पहचानो महोदय- *1 पुल्लिंग.2 स्त्रीलिंग.

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ANSWER:

OPTION 1 पुल्लि़ंग is the CORRECT answer

21394.

शब्दार्थ help me in my sanskriti exam​

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Answer:

1. बातचीत

2. एक बार

३. अनुमति

21395.

ध्वजआरोहणगज+इंद्रभाव+अर्थअभि +सेकसीमा +अंतअवतारयशः+दा+पुष्पअंजलिजगत् + ईशमत + ऐक्यसदा+एवयथा+ इष्टवाक् +मयरउपकार..रि+ छेद​

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kabos basug potak lalatot

21396.

छत्तीसगढ़ के किसी एक महापुरुष की जीवनी पर संक्षिप्त जीवन परिचय लिखिए​

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ANSWER:

पं. सुन्दरलाल शर्मा का जन्म सन 1881 में छत्तीसगढ़ प्रांत के राजिम के पास चमसूर ग्राम में हुआ था। ... राजिम में 1907 में संस्कृत पाठशाला व रायपुर में सतनामी-आश्रम की स्थापना की तथा 1910 में राजिम में प्रथम स्वदेशी दुकान व 1920 के कण्डेल सत्याग्रह के सूत्रधार थे। 28 दिसंबर, 1940 को आपका स्वर्गवास हुआ।

21397.

(iii) आजकल हम प्लास्टिक की दुनिया में जी रहे हैं तथा प्लास्टिक के लाभ भी हैं औरहानियाँ भी' इस संदर्भ में अपने विचार व्यक्त कीजिए।​

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ANSWER:

प्लास्टिक ज़िन्दगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। अमूमन हर चीज़ के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है, वो चाहे दूध हो, तेल, घी, आटा, चावल, दालें, मसालें, कोल्ड ड्रिंक, शर्बत, स्नैक्स, दवायें, कपड़े हों या फिर ज़रूरत की दूसरी चीज़ें सभी में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है। बाज़ार से फल या सब्ज़ियां ख़रीदो, तो वे भी प्लास्टिक की ही थैलियों में ही मिलते हैं। प्लास्टिक के इस्तेमाल की एक बड़ी वजह यह भी है कि टिन के डिब्बों, कपड़े के थैलों और काग़ज़ के लिफ़ाफ़ों के मुक़ाबले ये सस्ता पड़ता है। पहले कभी लोग राशन, फल या तरकारी ख़रीदने जाते थे, तो प्लास्टिक की टोकरियां या कपड़े के थैले लेकर जाते थे। अब ख़ाली हाथ जाते हैं, पता है कि प्लास्टिक की थैलियों में सामान मिल जाएगा। अब तो पत्तल और दोनो की तर्ज़ पर प्लास्टिक की प्लेट, गिलास और कप भी ख़ूब चलन में हैं। लोग इन्हें इस्तेमाल करते हैं और फिर कूड़े में फेंक देते हैं। लेकिन इस आसानी ने कितनी बड़ी मुश्किल पैदा कर दी है, इसका अंदाज़ा अभी जनमानस को नहीं है।

Explanation:

HOPE this answer is helpful to u and GIVE me thanks and TAKE thanks PLEASE follow also

21398.

Sa imo ko nakit-an ang kapawa sang dalan ako wala ginbay-an sa pangiakaton ikaw kaupodano Ang kahulugan ng matalinhagang salita/mensahe.​

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EXPLANATION:

what have U WRITTEN CANT UNDERSTAND

21399.

वचन बदलो. दिवार- *1 दिवार.2 दवार.3 दिवारे.

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ANSWER:

दिवार- दिवारे

hope this HELPS you....

21400.

) निम्नलिखित में प्रयुक्त विशेषण को हटाकर नया विशेषण लगाकर लिखिए-विशाल भूखंडनये गगनरंग-बिरंगे फूलभीनी-भीनी ख़ुशबू1.2.3.%3D4.5.सुनहली फ़सल​

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ANSWER:

जो शब्द जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, वे विशेष्य कहलाते हैं; जैसे—यह रंग-बिरंगी तितली है। नेहा ने सुंदर फ्रॉक पहनी है। पिता जी चार दर्जन केले लाए हैं। लाल सेब मीठे होते हैं।

उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर यदि आप ध्यान दें तो आपको पता चलेगा कि वे सभी शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम के विषय में बता रहे हैं। ऊपर लिखे वाक्यों में रंग-बिरंगी, सुंदर, चार दर्जन, लाल, मीठे शब्द क्रमशः तितली, फ्रॉक, केले, सेब, शब्दों की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये शब्द विशेषण हैं।