InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 51. |
एक गृह कि त्रिज्या पृथ्वी कि त्रिज्या से दोगुना है | परन्तु दोनों के औसत घनत्व समान है | यदि ` v_P ` तथा ` v _E ` क्रमशः गृह एवं पृथ्वी पर पलायन वेग हो, तो सिद्ध कीजिए कि ` v_P = 2 v_E `. |
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Answer» माना पृथ्वी व गृह में प्रत्येक का औसत घनत्व ` rho ` है | पृथ्वी पर पलायन वेग ` v_E = sqrt ((2GM_E)/(R_E)) ` जहाँ `M_E ` पृथ्वी का द्रव्यमान तथा `R_E` त्रिज्या है | परन्तु ` M_E = (4)/(3) pi R_E^(3) rho`. अतः ` v_E = sqrt (2 (G)/(R_E) ((4)/(3) pi R_E^(3) rho )) = R_Esqrt ((8)/(3) G pirho )` इसी प्रकार, गृह पर पलायन वेग ` v_P = R_P sqrt ((8)/(3) Gpi rho). ` ` " " therefore (v_P)/(v_E) = (R_P)/(R_E) ` . परन्तु ` R_P = 2R_E . " " therefore v_P= 2 v_E `. |
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| 52. |
पृथ्वी - तल से पलायन वेग 11 किमी / सेकण्ड है | यदि किसी ग्रह की त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या सो दोगुनी हो परन्तु माध्य घनत्व पृथ्वी के ही समान हो, तो ग्रह से पलायन वेग होगा :A. 22 किमी / सेकण्डB. 11 किमी / सेकण्डC. 5.5 किमी / सेकण्डD. 15.5 किमी / सेकण्ड |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 53. |
पृथ्वी से पलायन वेग ` v _ e ` है | उस ग्रह से पलायन वेग क्या होगा जिसका द्रव्यमान तथा त्रिज्या दोनों पृथ्वी से दोगुने है ?A. ` v _ e `B. `2 v _ e `C. ` 4 v _ e `D. `16 v _ e ` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 54. |
पृथ्वी पर पलायन वेग ` v _ e ` तथा उस ग्रह पर पलायन वेग ` v _ p ` में क्या अनुपात होगा जिसकी त्रिज्या और औसत घनत्व पृथ्वी की तुलना में दोगुना है ?A. ` 1 : 2 `B. `1 : 2sqrt2 `C. ` 1 : 4 `D. ` 1: sqrt2 ` |
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Answer» Correct Answer - B ` v_e = sqrt ((2GM_e)/( R_e)) = sqrt ((2 G rho xx (4)/(3) pi R_e^(3))/(R_e )) = R_e sqrt ((8)/(3) pi G rho ) ` ` therefore (v_e)/(v_p) = (R_e sqrt(rho_e))/(R_p sqrt(rho_p)) = (R_esqrt(rho_e))/(2R_e sqrt ( 2 rho _e)) = (1)/(2sqrt2) `. |
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| 55. |
किसी रॉकेट को मगल के पृष्ठ से ` 2 km s ^(- 1 ) ` की चाल से ऊर्ध्वाधर ऊपर दागा जाता है | यदि मंगल के वातावरणीय प्रतिरोध के कारण इसकी 20 % आरम्भिक ऊर्जा नष्ट हो जाती है , तो मगल के पृष्ठ पर वापस लौटने से पूर्व यह रॉकेट मंगल से कितनी दुरी तक जाएगा? मंगल का द्रव्यमान ` = 6.4 xx 10 ^(23) ` kg , मंगल की त्रिज्या = 3395 km तथा ` G = 6.67 xx 10 ^(-11) N m ^(2) kg ^( - 2 ) ` | |
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Answer» माना मंगल ग्रह का द्रव्यमान M तथा R त्रिज्या है | पुनः माना रॉकेट का द्रव्यमान m है | अतः रॉकेट की मंगल के केंद्र से R दुरी पर (मंगल की सतह पर ) तथा उसके केन्द्र से r दुरी पर स्थितिज ऊर्जा , ` U_R = - (GM m )/(R ) ` तथा ` U _ r = - (GM m )/(r) ` ` therefore ` रॉकेट की स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि , ` U _ r - U _ R = GM m [ (1)/(R) - (1)/(r) ]` स्थितिज ऊर्जा में यह वृद्धि गतिज ऊर्जा के 80 % भाग से प्राप्त होती है ( रॉकेट की 20 % गतिज ऊर्जा मंगल ग्रह के वातावरणीय प्रतिरोध के विरुद्ध व्यय हो जाती है ) अतः ` GM m [ (1)/(R) - (1)/(r)] = (80)/(100) ((1)/(2) mv ^(2)) ` अथवा ` " " (1)/(R) - (1)/(r) = (0.4 v ^(2))/(GM) ` अथवा `" " (1)/(r) = (1)/(R) - (0.4 v ^(2) )/(GM) ` परन्तु R =3395 किमी = ` 3.395 xx 10 ^(6) ` मी, v = 2 किमी /से ` = 2 xx 10 ^(3 ) ` मी /से , `M = 6.4 xx 10 ^( 23) ` किग्रा ` therefore (1)/(r) = (1)/( 3.395 xx 10 ^(6)) - (0.4 xx ( 2xx 10 ^(3))^(2))/((6.67 xx 10 ^(-11)) xx (6.4 xx 10^(23))) ` ` = 0.257 xx 10 ^(-6) ` मीटर `""^(-1 ) ` अथवा ` r = (1)/( 0.257 xx 10 ^(-6) )`मीटर ` = 3.89 xx 10 ^(6) ` मीटर = 3890 किमी अतः मंगल ग्रह की सतह से रॉकेट द्वारा तय की गयी महत्त्व दुरी ` = r - R = 3890 - 3395 ` किमी = 495 किमी | |
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| 56. |
सूर्य के द्रव्यमान से 2.5 गुने द्रव्यमान का कोई तारा 12 km आमाप से निपात होकर 1.2 परिक्रमण प्रति सेकण्ड से घूर्णन कर रहा है (इसी प्रकार के संहत तारे को न्यूट्रॉन तारा कहते हैं। कुछ प्रक्षित तारकीय पिण्ड, जिन्हें पल्सार कहते हैं, इसी श्रेणी में आते हैं।) इसके विषुवत् वृत्त पर रखा कोई पिण्ड, गुरुत्व बल के कारण, क्या इसके पृष्ठ से चिपका रहेगा? (सूर्य का द्रव्यमान = ` 2xx 10 ^( 30 ) ` kg ) |
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Answer» विषुवत् रेखा पर रखे पिण्ड पर दो बल कार्य करते हैं: (i) भीतर की ओर गुरुत्वीय-बल,` F_g = mg,` (ii) बाहर की ओर अपकेन्द्री खिचाव बल `F_c = m omega^(2) R ` अब वदि `F_g gt F_c `, तो पिण्ड तारे की सतह पर चिपका रहेगा। तार पर का मान, ` g = (GM)/(R^(2)) = (G xx (2.5 M_s ))/(R^(2)) ` परन्तु सूर्य का द्रव्यमान ` M_s = 2 xx 10 ^( 30 ) ` किग्रा, तारे की त्रिज्या ` R = 12 ` किमी = `12 xx 10 ^(3) ` मीटर ` therefore ` गुरुत्वीय बल ` F_g = m ((G xx 2.5 M_ s )/( R ^(2)) ) ` ` = mxx ( 6.67 xx 10 ^( -11 ) xx 2.5 xx 2 xx 10^(30 ))/((12 xx 10 ^(3))^(2)) ` ` = ( 2.3 xx 10 ^(12) `m ) न्यूटन | टारे पर अपकेंद्री खिंचाव बल, ` F_c = m omega ^(2 ) R = m ( 2pi n ) ^(2)R ` ` = m ( 2xx 3.14 xx 1.2 ) ^(2) xx 12 xx 10 ^(3) ` ` = (6.8 xx 10 ^(5) m ) ` न्यूटन | चूँकि ` F_g gt F_c`, अतः पिण्ड तारे की सतह पर चिपका रहेगा | |
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