InterviewSolution
Saved Bookmarks
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
10 ओम प्रतिरोध वाली एक कुण्डली के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल `0.04" मीटर"^(2)` है तथा इसमें 1000 फेरे है । इस कुण्डली को `5.0xx10^(-5)` वेबर प्रति `"मीटर"^(2)` के चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत लटकाया गया है । कुण्डली को 0.2 सेकण्ड में `90^(@)` कोण घुमाया जाता है ज्ञात कीजिये - (i) कुण्डली से सम्बन्ध अधिकतम फ्लक्स (ii) औसत प्रेरित विo वाo बल (iii) औसत प्रेरित धागा (iv) कुल प्रेरित आवेश । |
|
Answer» (i) कुण्डली से सम्बन्ध अधिकतम फ्लक्स `phi_(1)=NSB=(1000)xx(0.04)xx(5.0xx10^(-5))` `=2.0xx10^(-3)` वेबर (ii) प्रारंभिक फ्लक्स `=NSBcos0^(@)=NSB=phi_(1)` `90^(@)` घुमाने पर कुण्डली से बद्ध फ्लक्स `phi_(2)=NSBcos90^(@)=0` `:." "Deltaphi_(B)=phi_(2)-phi_(1)=0-2.0xx10^(-3)=-2.0xx10^(-3)` वेबर औसत प्रेरित विo वाo बल `e_(av)=-(Deltaphi_(B))/(Deltat)=-((-2.0xx10^(-3)))/(0.2)=0.01` वोल्ट (iii) औसत प्रेरित धारा `I_(av)=(e_(av))/(R)=(0.01)/(10)=0.001` ऐम्पियर = 1 मिलीऐम्पियर (iv) कुल प्रेरित आवेश `q=(phi_(1)-phi_(2))/(R)=((2.0xx10^(-3))-(0))/(10)=2.0xx10^(-4)` कूलॉम |
|
| 2. |
एक इलेक्ट्रॉन एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत 0.012 मीटर त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग में गति कर रहा है इलेक्ट्रॉन की चाल `10^(6)` मीटर/सेकण्ड है परिपथ द्वारा कुल कितना फ्लक्स घिरा होगा ? (इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान `=9.0xx10^(-31)` किग्रा, आवेश `=1.6xx10^(-19)` कूलॉम) |
|
Answer» माना इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान m व आवेश q है एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B में v चाल से चलने पर इलेक्ट्रॉन के वृत्तीय पथ की त्रिज्या `r=(mv)/(qB)" "` अथवा `" "B=(mv)/(qr)` परिपथ द्वारा घिरा फ्लक्स `phi_(B)=BS=(mv)/(qr)xxpir^(2)=(pimvr)/(q)` प्रश्नानुसार मान रखने पर `phi_(B)=((3.14)xx(9.0xx10^(-31))xx(10^(6))xx(0.012))/((1.6xx10^(-19)))` `=2.12xx10^(-7)` वेबर |
|
| 3. |
50 ओम प्रतिरोध की एक बन्द कुण्डली में 1000 फेरे है तथा यह `4.0" सेमी"^(2)` क्षेत्रफल वाले आयताकार फ्रेम पर लपेटी गयी है । इस कुण्डली का तल `0.4" वेबर/मीटर"^(2)` के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत दिशा में है । कुण्डली को `180^(@)` घुमाने पर उसमे बहते हुए आवेश की गणना कीजिये क्या आपका यह उत्तर कुण्डली को घुमाने की गति पर निर्भर करेगा ? |
|
Answer» प्रारम्भ में कुण्डली का तल क्षेत्र के लम्बवत है अतः क्षेत्रफल सदिश `vec(S)` चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर होगा | अतः कुण्डली से बद्ध अंतिम फ्लक्स `phi_(1)=NBScos0^(@)=NBS` `:.` कुण्डली में प्रवाहित आवेश `q=(phi_(1)-phi_(2))/(R)=(NBS-(-NBS))/(R)=(2NBS)/(R)` प्रश्नानुसार, `N=1000,B=0.4" वेबर/मीटर"^(2),S=4.0" सेमी"^(2)=4.0xx10^(-4)" मीटर"^(2),R=50` ओम `:." "q=(2xx1000xx0.4xx4.0xx10^(-4))/(50)=6.4xx10^(-3)` कूलॉम प्रेरित आवेश का मान फ्लक्स परिवर्तन पर निर्भर करता है फ्लक्स परिवर्तन की दर नहीं । अतः चाहे कुण्डली को धीमे घुमाये अथवा तेजी से q का मान घुमाने की गति पर निर्भर नहीं होगा । |
|
| 4. |
चित्र (a) से (f) में वर्णित स्थितियों के लिए प्रेरित धारा की दिशा की प्रागुक्ति (predict) कीजिए |
|
Answer» (a) यहाँ दक्षिणी ध्रुव कुण्डली की ओर गतिमान है अतः लेन्ज के नियमानुसार, यह सिरा उत्तरी ध्रुव बन जाता है (दक्षिणी ध्रुव की गति प्रतिकर्षण द्वारा रोकने हेतु) | अतः धारा की दिशा ऊर्जा की सुईयों के अनुरूप है तथा धारा p से q की दिशा में है । (b) कुण्डली p-q में q सिरे पर `to` S ध्रुव q सिरे की ओर गतिमान है अतः यह दक्षिणी ध्रुव की तरह कार्य करता है (लेन्ज के नियम से) धारा की दिशा दक्षिणावर्त है अर्थात p से q की ओर उत्तरी ध्रुव दूर की ओर गतिमान है अतः यह सिरा दक्षिणी ध्रुव की भाँति कार्य करता है (गति का विरोध करने हेतु) xy कुण्डली में S ध्रुव प्रेरित होता है (लेन्ज के नियमानुसार) तथा धारा दक्षिणावर्त अर्थात x से y की ओर है (c) जब कुंजी को एकदम बंद किया जाता है, तब कुण्डली में धारा के मान में वृद्धि होती है । अतः चुम्बकीय फ्लक्स ओर चुम्बकीय क्षेत्र भी बढ़ता है मैक्सवेल के दाएं हाथ के नियमानुसार चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा बायीं तरफ है अतः समीपवर्ती कुण्डली में प्रेरित धारा की दिशा इस प्रकार होती है कि चुंबकीय क्षेत्र को कम करने का प्रयास करती है तथा समीपवर्ती कुण्डली में धारा की दिशा दायीं तरफ होती है अर्थात मैक्सवेल के दाएँ हाथ के नियमानुसार, प्रेरित धारा की दिशा वामावर्त है अर्थात xyz तल में | (d) धारा नियंत्रक के समायोजन को परिवर्तित करने पर धागा भी परिवर्तित होती है (मैक्सवेल के दाएं हाथ नियमानुसार) । बायीं ओर की कुण्डली में प्रेरित धारा की दिशा इस प्रकार है कि इसके द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय वामावर्त्त क्षेत्र दायीं दिशा में है अतः धारा की दिशा बायीं कुण्डली में वामावर्त्त में दिशा में है अर्थात 2yx से | (e) जैसे ही कुंजी को विमुक्त करते है वामावर्त्त दिशा में बहने वाली धारा घटती हैअतः प्रेरित धारा इस प्रकार उत्पन्न होती है कि बायीं ओर की कुण्डली के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र बढ़ता है । अतः दायी ओर की कुण्डली के कारन चुम्बकीय क्षेत्र दायी दिशा में होना चाहिए तथ प्रेरित धारा वामावर्त्त दिशा में । (f) धारावाही तार के कारण चुम्बकीय बल रेखाएं लूप के समतल में है अतः लूप में कोई प्रेरित धारा नहीं होगी (क्योकि लूप में `phi=0`) | |
|
| 5. |
`100" सेमी"^(2)` क्षेत्रफल की एक कुण्डली में 500 फेरे है `0.1" वेबर/मीटर"^(2)` का चुम्बकीय क्षेत्र कुण्डली के तल के लंबवत है चुम्बकीय क्षेत्र को `0.1` सेकण्ड में कम करके शून्य कर दिया गया । कुण्डली में प्रेरित विधुत वाहक बल हैA. 1 वोल्टB. 5 वोल्टC. 50 वोल्टD. शून्य |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 6. |
चित्र में एक अर्द्धवृत्त चालक तार का लूप दर्शाया गया है इसकी त्रिज्या `r=0.20` m है यह लूप कागज के तल के लम्बवत ऊपर की ओर दिष्ट एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित है तथा `B=4.0t^(2)+2.0t+3.0` टेस्ला है लूप में एक 2.0 वोल्ट की बैटरी जुड़ी है लूप का प्रतिरोध 2.0 ओम हो तो (i) प्रेरित विo वाo बल का मान व दिशा t=10 सेकण्ड पर क्या है (ii) t=10 सेकण्ड पर लूप में प्रेरित धारा तथा कुल धारा का मान क्या है ? |
|
Answer» (i) लूप से बद्ध फ्लक्स `phi_(B)=BS=Bxx(pir^(2))/(2)` लूप में प्रेरित विo वाo बल `|e|=(dphi_(B))/(dt)=(pir^(2))/(2)(dB)/(dt)` `=(pir^(2))/(2)(d)/(dt)[4.0t^(2)+2.0t+3.0]` `=(pir^(2))/(2)[8.0t+2.0]` `t=10` सेकण्ड पर, `|e|=(3.14xx(0.20)^(2))/(2)[8.0xx10+2.0]=5.152` वोल्ट (ii) `t=10` सेकण्ड पर, प्रेरित धारा `I=(|e|)/(R)=(5.152)/(2.0)=2.576` ऐम्पियर लूप में `(dphi_(B))/(dt)=+ve`, अतः e का मान ऋणात्मक होगा अर्थात प्रेरित विo वाo बल बैटरी के वि वा बल का विरोध करेगा अतः लूप में नेट धारा `I_("नेट")=("नेट विo वाo बल")/("प्रतिरोध")=(E-e)/(R)=(2.0-5.152)/(2)` `=-1.576` ऐम्पियर |
|
| 7. |
एक 10 मीटर लम्बा तार पूर्व पश्चिम दिशा में रखा है यह `0.30xx10^(-4)" वेबर/मीटर"^(2)` के पृथ्वी पूर्व के क्षैतिज घटक के लंबवत `5.0" मीटर/सेकण्ड"` की चाल से नीचे गिर रहा है (i) तार के सिरों के बीच प्रेरित विभवांतर का तात्क्षणिक मान क्या है ? (ii) तार का कौन - सा सिरा उच्च वैधुत विभव पर होगा ? (iii) यदि तार उत्तर - दक्षिण दिशा में होता तब ? |
|
Answer» (i) पूर्व - पश्चिम दिशा में गिरता हुआ तार पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक की फ्लक्स रेखाओ को लम्बवत काटता है अतः तार के सिरों के बीच प्रेरित विभवांतर `V=B_(H)vl` प्रश्नानुसार, `B_(H)=0.30xx10^(-4)" वेबर/मीटर"^(2)` `v=5.0` मीटर/सेकण्ड, `l=10` मीटर `:." "V=(0.30xx10^(-4))xx(5.0)xx10` `=1.5xx10^(-3)` वोल्ट (ii) फ्लेमिंग के बायें हटो के नियम के अनुसार, मुक्त इलेक्ट्रॉनों पर चुम्बकीय बल की ओर लगेगा अतः पूर्व का सिरा उच्च विभव पर होगा । (iii) यदि तार की लम्बाई उत्तर - दक्षिण दिशा में हो तो लम्बाई पृथ्वी के क्षैतिज घटक `B_(H)` के अनुदिश होगी तब `V=vB_(H)lsin0^(@)=0` वोल्ट |
|
| 8. |
चित्र में एक चालक लूप के लम्बवत तल में समय के साथ B का परिवर्तन दर्शाया गया है । लूप का क्षेत्रफल `0.10" मीटर"^(2)` है (A) t=0 से 2 सेकण्ड (B) t=2 से 4 सेकण्ड (C) `t=4` से 7 सेकण्ड के समयान्तरालो में लूप में उत्पन्न प्रेरित वि वा बल ज्ञात कीजिये । |
|
Answer» लूप से बद्ध फ्लक्स `phi_(B)=BScos0^(@)=BS` लूप में प्रेरित विo वाo बल `e=-(dphi_(B))/(dt)=-(d)/(dt)BS=-S(dB)/(dt)=-0.10(dB)/(dt)` (A) `t=0` से `t=2` सेकण्ड तक `e=-0.10xx(6-0)/(2-0)=-0.30` वोल्ट (B) `t=2` से `t=4` सेकण्ड तक `e=-0.10xx(6-6)/(4-2)=0` वोल्ट (C) `t=4` से `t=7` सेकण्ड तक `e=-0.10xx(0-6)/(7-4)=0.20` वोल्ट |
|
| 9. |
चुम्बकीय क्षेत्र का फ्लक्स एक बन्द चालकीय लूप में समय के साथ समीकरण `phi=at^(2)+bt+c` के अनुसार परिवर्तित होता है | a,b एवं c के मात्रक ज्ञात कीजिए | यदि `a=0.3,b=0.6` तथा `c=0.8` हो तो `t=2` सेकण्ड पर प्रेरित विo वाo बल ज्ञात कीजिए |
|
Answer» चुम्बकीय फ्लक्स `phi=at^(2)+bt+c` . . .(1) विमाओं के संमागता सिद्धांत के अनुसार समीकरण के प्रत्येक पद का सामान होगा `phi` का SI मात्रक बेवर है अतः a का मात्रक `=(phi)/(t^(2))` का मात्रक `=("वेबर")/("सेकण्ड"^(2))` b का मात्रक `=(phi)/(t)` का मात्रक `=("वेबर")/("सेकण्ड")` c का मात्रक `=phi` का मात्रक = वेबर समीकरण (1) से, लूप में प्रेरित विo वाo बल `e=-(dphi)/(dt)=-2at-b` वोल्ट . . .(2) समीकरण (2) में a व b का मान रखने पर `e=-2(0.3)t-0.6` `=-0.6(t+1)` `t=2` सेकण्ड पर `e=-0.6(2+1)=-1.8` वोल्ट |
|
| 10. |
एक लम्बे सीधे तार में धारा `I=3.36(1+2t)xx10^(-2)` ऐम्पियर स्थायी दर से बढ़ रही है `10^(-3)` मीटर त्रिज्या का छोटा वृताकार चालक लूप तार से 1 मीटर दूरी पर इस प्रकार रखा है की इसका तल तार के समांतर है लूप का प्रतिरोध `8.4xx10^(-4)` ओम है लूप में प्रेरित धारा का मान व दिशा ज्ञात कीजिये । |
|
Answer» तार के कारण लूप के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र `B=(mu_(0))/(2pi)(I)/(r)=2xx10^(-7)xx(I)/(1)=(2xx10^(-7))I` लूप से बद्ध फ्लक्स `phi_(B)=BS(2xx10^(-7))Ixxpir^(2)=(2xx10^(-7))Ixxpi(10^(-3))^(2)` `=2pixx10^(-13)xx3.36xx10^(-2)(1+2t)` लूप में प्रेरित विo वाo बल `|e|=(dphi_(B))/(dt)=2pixx10^(-13)xx3.36xx10^(-2)(0+2)` `=4.2xx10^(-14)` वोल्ट लूप में प्रेरित धारा `I=(|e|)/(R)=(4.2xx10^(-14))/(8.4xx10^(-4))=5xx10^(-11)` ऐम्पियर तार में धारा समय के साथ बढ़ रही है अतः लूप में फ्लक्स भी समय के साथ बढ़ रहा है अतः लेन्ज के नियमानुसार लूप में धारा वामावर्त्त दिशा होगी । |
|
| 11. |
चुम्बकीय फ्लक्स का मात्रक है -A. `"वेबर/मीटर"^(2)`B. टेस्लाC. वेबरD. वेबर - मीटर | |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 12. |
एक कुण्डली को असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है इसमें प्रेरित होगा -A. विo वाo बलB. धाराC. दोनोंD. कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 13. |
प्रेरित वैधुत धारा की दिशा का पता चलता हैA. लेन्ज के नियम द्वाराB. फ्लेमिंग के बाएँ हाथ के नियम द्वाराC. बायो - सेवर्ट के नियम द्वाराD. एम्पियर के नियम द्वारा |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 14. |
दो वृत्ताकार समरूप समाक्षीय लूपो में से प्रत्येक में धारा I एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है यदि लूप परस्पर निकट लाये तोA. प्रत्येक लूप में धारा बढ़ेगीB. प्रत्येक लूप में धारा घटेगीC. प्रत्येक लूप में धारा उतनी ही रहेगीD. एक में धारा बादजी तथा दुसरे में घटेगी |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 15. |
फैराडे के नियम किस राशि के सरंक्षण पर आधारित है ?A. आवेशB. ऊर्जाC. चुम्बकीय क्षेत्रD. विकल्प (b) व (c) |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 16. |
लेन्ज का नियम किस भौतिक राशि के संरक्षण पर आधारित है ?A. आवेश केB. ऊर्जा केC. चुम्बकीय फ्लक्स केD. संवेग के |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 17. |
एक ग्रामोफोन की ब्रास धातु की बनी डिस्क का व्यास 30 सेमी है और (1000/3) चक्कर प्रति मिनट की दर से क्षैतिज तल घूमती है । यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के उर्ध्व घटक का मान `0.01" वेबर/मीटर"^(2)` हो तो डिस्क के केंद्र एवं परिधि के बीच प्रेरित विभवांतर के मान की गणना कीजिये । |
|
Answer» Correct Answer - `3.9xx10^(-4)` वोल्ट `e=(1)/(2)BRomega^(2)`, जहाँ R डिस्क की त्रिज्या है |
|
| 18. |
एक जेट प्लेन पश्चिम की ओर 1800किमी/घण्टा वेग से गतिमान है । प्लेन के पंख 25 मीटर लम्बे है इनके सिरों पर कितना विभवांतर उत्पन्न होगा ? पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का मान उस स्थान पर `5xx10^(-4)T` तथा नति (dip angle) `30^(@)` कोण है |
|
Answer» जेट यान का वेग `(v)=1800` किमीo/घण्टा `=1800xx(5)/(18)=500` मीटर/सेकण्ड l = पंखो के बीच की दूरी = 25 मीटर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण `(B)=5xx10^(-4)T` नति कोण `delta=30^(@)` वि. वा. बल गति का सूत्र प्रयुक्त करने पर, `e=B_(v)vl` `e=Bsin deltavl` (जहाँ, `B_(v)` = पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का उर्ध्व घटक है `:." "B_(v)=Bsin delta`) `e=5xx10^(-4)sin30^(@)xx500xx25=3.1V` अतः सिरों के बीच उत्पन्न विभवांतर 3.1 V है । |
|
| 19. |
2 मीटर लम्बाई की धातु की एक छड़ अपने एक सिरे के परितः 5 रेडियन/सेकण्ड कोणीय वेग से ऊर्ध्वाधर तल में घुमायी जाती है । यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक 0.2 गौस हो तो छड़ के दोनों सिरों के बीच प्रेरित विo वाo बल की गणना कीजिये । |
|
Answer» Correct Answer - 0.2 मिलीवोल्ट `e=(1)/(2)B_(H)omegal^(2)` |
|
| 20. |
एक खिलाड़ी जिसकी ऊंचाई 2.0 मीटर है, 20 किमी/घण्टा की चाल से पूर्व की ओर दौड़ता है । उसके सिर तथा पेअर के तलवो के बीच कितना विभवांतर प्रेरित होगा ? पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक का मान `4.0xx10^(-5)" वेबर/मीटर"^(2)` है यदि वह उत्तर की ओर दौड़े तब ? |
|
Answer» Correct Answer - `4.4xx10^(-4)` वोल्ट, शून्य पूर्व अथवा पश्चिम की ओर दौड़ने पर H कटेगा (परन्तु V नहीं) , उत्तर अथवा दक्षिण की ओर दौड़ने पर न H कटेगा ओर न V |
|
| 21. |
(a) एक प्रेरक में बहने वाली धारा (ऐम्पियर में) `i=5+16t` द्वारा दी जाती है जहाँ t सेकण्ड में है इसमें स्वप्रेरित विo वाo बल 10 मिली वोल्ट है ज्ञात कीजिये - (i) स्वप्रेरकत्व तथा (ii) t=1 सेकण्ड पर प्रेरक में संचित ऊर्जा एवं इसको प्रदान की गई शक्ति । (b) एक प्रेरक में प्रवाहित धारा `I=2+5t` द्वारा व्यक्त की जाती है जहाँ I ऐम्पियर तथा t सेकण्ड में है इसमें स्वप्रेरित विधुत वाहक बल 10 मिली वोल्ट है । ज्ञात कीजिए - (i) स्वप्रराक गुणांक तथा (ii) t=2 सेकण्ड पर प्रेरक में संचित ऊर्जा । |
|
Answer» (a) (i) प्रेरक का स्वप्रेरकत्व `L=(|e|)/(|dI//dt|)` प्रश्नानुसार, `e=10` मिली वोल्ट `=10xx10^(-3)` वोल्ट `I=(5+16t)` ऐम्पियर, इससे `(dI)/(dt)=0+16=16` ऐम्पियर/सेकण्ड `:." "L=(10xx10^(-3))/(16)=0.625xx10^(-3)` हेनरी `=0.625` मिली हेनरी (ii) `t=1` सेकण्ड पर `I=5+16(1)=21` ऐम्पियर `:.` प्रेरक में संचित ऊर्जा `=(1)/(2)LI^(2)=(1)/(2)xx(0.625xx10^(-3))xx(21)^(2)` `=0.1378` जूल प्रेरक को दी गयी शक्ति `P=eI=(10xx10^(-3))xx21=0.21` वाट (b) (i) 2 मिली हेनरी (ii) `0.144` जूल |
|
| 22. |
एक कुण्डली का स्वप्रेरण 40 mH गुणांक है । कुण्डली में कितने समय में धारा का मान शून्य से बढ़कर 5 ऐम्पियर होने पर प्रेरित विo वाo बल 40 वोल्ट हो जाएगा ? |
|
Answer» प्रेरित विo वाo बल `|e|=|L||(dI)/(dt)|` `:." "(dI)/(dt)=(|e|)/(L)=(40)/(40xx10^(-3))=1000` `:." "(5.0)/(dt)=1000` `:." "dt=(5)/(1000)=5xx10^(3)` सेकण्ड अथवा 5 मिलीसेकण्ड |
|
| 23. |
जब किसी कुण्डली में धारा `+2A` से `-2A` तक 0.05 सेकण्ड में बदल जाती है तो उत्पन्न विधुत वाहक बल 8 वोल्ट होता है कुण्डली का स्वप्रेरकत्व हैA. 0.1 HB. 0.2C. 0.4D. 0.8 |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 24. |
10 ओम प्रतिरोध तथा 10 हेनरी प्रेरकत्व की एक कुण्डली 50 वोल्ट की बैटरी से जोड़ी गई है कुण्डली में संचित ऊर्जा हैA. 31.25 जूलB. 62.50 जूलC. 125 जूलD. 250 जूल |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 25. |
जब एक परिनालिका में धारा एक निश्चित दर से बढ़ती है तो प्रेरित धाराA. एक स्थिरांक है एवं धारा की दिशा में हैB. एक स्थिरांक है एवं धारा की दिशा में के विपरीत हैC. समय के साथ बढ़ती है एवं धारा की दिशा में हैD. समय के साथ बढ़ती है एवं धारा के विपरीत दिशा में है |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 26. |
यदि प्रत्यावर्ती धारा जनित्र के आर्मेचर के घूर्णन की चाल दोगुनी कर दें तो प्रेरित विधुत वाहक बल हो जाएगा -A. दोगुनाB. चार गुनाC. आधाD. कोई अंतर नहीं |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 27. |
सभी सही विकल्प चुनिये , प्रेरकत्व का एसo आईo मात्रक हेनरी लिखा जा सकता है -A. वेबर/ऐम्पियरB. वोल्ट - सेकण्ड/ऐम्पियरC. `"जूल/ऐम्पियर"^(2)`D. ओम - सेकण्ड |
| Answer» Correct Answer - A::B::C::D | |
| 28. |
यदि L तथा R क्रमशः प्रेरकत्व तथा प्रतिरोध को व्यक्त करते है तब `L//R` की विमायें होगी -A. `[M^(0)L^(0)T^(-1)]`B. `[M^(0)LT]`C. `[M^(0)L^(0)T]`D. `[AT^(-1)]` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 29. |
दो कुंडलियों के बीच अन्योन्य चालकता गुणांक 0.5 हेनरी है यदि प्राथमिक कुण्डली में धारा 0.01 सेकण्ड में 2 ऐम्पियर से 3 ऐम्पियर बढ़ायी जाती है तो द्वितीयक कुण्डली में प्रेरित विधुत वाहक बल हैA. 25 वोल्टB. 50 वोल्टC. 75 वोल्टD. 100 वोल्ट |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 30. |
तार की एक कुण्डली को बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में, क्षेत्र के लम्बवत एक क्षैतिज अक्ष के परितः घुमाया जाता है कुण्डली में प्रेरित धारा की दिशा बदलती है -A. प्रति चौड़ाई घूर्णन परB. प्रति आधा घूर्णन परC. प्रति पूर्ण घूर्णन परD. प्रति दो घूर्णन पर |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 31. |
दो कुण्डलियाँ जिनके स्वप्रेरकत्व `L_(1)` तथा `L_(2)` है उनको एक-दूसरे के पास इस प्रकार रखा जाता है की एक कुण्डली का सम्पूर्ण फ्लक्स दूसरी से जुड़ जायें । यदि दोनों के बीच अन्योन्य प्रेरकत्व है तो -A. `M=L_(1)L_(2)`B. `M=L_(1)//L_(2)`C. `M=sqrt(L_(1)L_(2))`D. `M=(L_(1)L_(2))^(3//2)` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 32. |
जब तक कुण्डली में धारा `3xx10^(-2)` सेकण्ड में `8A` से `2A` तक परिवर्तित होती है तो कुण्डली में 2 वोल्ट विधुत वाहक बल प्रेरित होता है कुण्डली का स्वप्रेरकत्व है -A. 1 मिलीहेनरीB. 5 मिलीहेनरीC. 20 मिलीहेनरीD. 10 मिलीहेनरी |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 33. |
600 फेरो वाली एक चालाक कुण्डली का स्वप्रेरकत्व 108 mH है । इसी प्रकार की एक-दूसरी 500 फेरो वाली कुण्डली का स्वप्रेरकत्व होगा -A. 75 mHB. 90 mHC. 130 mHD. 155 mH |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 34. |
दो कुंडलियों का अन्योन्य प्रेरण गुणांक किस पर निर्भर नहीं करता है ?A. उनके स्वप्रेरण गुणांकों परB. उनके बीच की दूरी परC. उनके बीच भरे माध्यम परD. उनके प्रतिरोधों पर |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 35. |
किसी कुण्डली का स्वप्रेरकत्व फेरो की संख्या N की किस घात के समानुपाती है ?A. `N^(0)`B. `N`C. `N^(2)`D. `N^(-2)` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 36. |
एक प्रत्यावर्ती जनित में कुण्डली में फेरो की संख्या N, सभी फेरो का क्षेत्रफल A, कुल प्रतिरोध R है कुण्डली चुम्बकीय क्षेत्र B में आवृत्ति `omega` से घूम रही है । कुण्डली में प्रेरित अधिकतम विo वाo बल हैA. `NABomega`B. `NABRomega`C. `NAB`D. `NABR` |
| Answer» Correct Answer - A | |