InterviewSolution
Saved Bookmarks
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 51. |
उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा 3eV है । निरोधी विभव का मन क्या है ? |
| Answer» Correct Answer - 3V | |
| 52. |
सोडियम का कार्यफलन 2.3 eV है प्रकाश की वह दीर्घतम तरंगदैर्ध्य नैनोमीटर से ज्ञात कीजिए जो सोडियम से प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित कर सके । |
| Answer» Correct Answer - 538 नैनोमीटर | |
| 53. |
किसी गतिमान कण से सम्बन्ध दी - ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य निर्भर नहीं करती हैं -A. द्रवमान पर ,B. आवेश पर ,C. वेग पर ,D. संवेग पर |
|
Answer» Correct Answer - A |
|
| 54. |
सोडियम धातु में से एक इलेक्ट्रॉन निकालने के लिए 2.3eV ऊर्जा की आवश्यकता होती है क्या ` lambda= 5900 Å` तरंगदैर्ध्य वाले पीले पीले प्रकाश द्वारा सोडियम का प्रकाशवैधुत प्रभाव उत्पन्न होगा ? |
|
Answer» 5900 Å के फोटॉन की ऊर्जा (eV) `= (12375)/(lambda(Å)) = (12357)/(5900) = 2.1 eV` ऊर्जा सोडियम के कार्यफलन से कम है अंतः प्रकाशवैधुत प्रभाव उत्पन्न नहीं होगा ? |
|
| 55. |
100 ग्राम द्रव्यमान की एक गेंद 30 मी/से के वेग से चल रही हैं । इससे सम्बन्ध दी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य होगी -A. `4.4xx10^(-34)` मी,B. `2.4xx10^(-27)` मी,C. `2.2xx10^(-34)` मी,D. `2.0xx10^(-10)` मी| |
|
Answer» Correct Answer - C |
|
| 56. |
`lamda` दी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य वाले एक द्रव्य कण की गतिज ऊर्जा में दो गुनी वृद्धि करने पर, कण की दो -ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य हों जाएगी-A. `(lamda)/(sqrt(2))`B. `lamdasqrt(2)`,C. `lamda//2`D. `2lamda` |
|
Answer» Correct Answer - C |
|
| 57. |
(i) किसी धुत का कार्यफलन 3.2 eV है । यदि दो फ़ोर्टने जिनमे प्रत्येक की ऊर्जा 2.0 eV है धातु के स्पष्ट पर आपतित हो तो क्या फोटो इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होगा ? कारण स्पष्ट कीजिए (ii) इस पृष्ठ पर केवल एक फोटॉन जिसकी ऊर्जा 4.0 eV है आपतित हो तो क्या तो फोटो इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होगा? यदि हां तो उसकी गतिज ऊर्जा जूल में कितनी होगी ? |
|
Answer» (I) नहीं एक प्रकाश इलेक्ट्रान के उत्सर्जन में केवल एक फोटोन का योगदान संभव है हाँ उत्सर्जित इलेक्ट्रान की गतिज ऊर्जा `4.0 - 3.2 = 0.8 eV` `=0.8xx1.6xx10^(-19)` जुल `=1.28xx10^(-19)` जुल |
|
| 58. |
किसी धातु पृष्ठ से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन का अधिकतम वेग दोगुना हो जाता हैं जब आपतित प्रकाश की आवृत्ति v को दो गुना करते हैं । धातु का कार्यफलन हैं -A. शून्यB. `(hv)/(3)`,C. `(2hv)/(3)`,D. `(hv)/(2)` |
|
Answer» Correct Answer - C |
|
| 59. |
किसी पृष्ठ का कार्यफलन 1.65 eV है । इस पृष्ठ से प्रकाशवैधुत उत्सर्जन के लिये आपतित प्रकाश के न्यूनतम आवृति क्या है ? कीजिये । |
| Answer» `4 xx10^(14)` हार्टज | |
| 60. |
किसी धातु का कार्यफलन `(hc)/(lamda_(0))` हैं । इसके पृष्ठ पर `lamda` तरंगदैर्ध्य का प्रकाश आपतित होता हैं । धातु में से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन के लिए शर्त हैं -A. `lamdagelamda_(0)`,B. `lamdage2lamda_(0)`C. `lamdalelamda_(0)`D. `lamdale(lamda_(0))/(2)` |
|
Answer» Correct Answer - C |
|
| 61. |
यदि धातु का कार्य फलन `(hc)/(lambda_(0))` हो तथा आपतित प्रकाश की तरंग दैर्ध्य `lambda` हो तो प्रकाश विधुत उत्सर्जन की लिए सार्थ हैA. `lambda ge lambda_(0)`B. `lambda ge 2 lambda_(0)`C. `lambda le lambda_(0)`D. `lambda le lambda_(0) // 2` |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 62. |
किसी धातु के लिए कार्यफलन 4.2 eV है। क्या यह धातु 330 nm तरंगदैर्ध्य के आपतित विकिरण के लिए प्रकश विद्युत उत्सर्जन देगा ? |
|
Answer» दिया है - `phi_(0)=4.2eV` `lambda=330 nm = 330xx10^(-9)m` सूत्र - `E=(hc)/(lambda)=(6.63xx10^(-34)xx3xx10^(8))/(330xx10^(-9))J` `=(6.63xx10^(-17)xx3)/(330xx1.6xx10^(-19))eV` `=3.76eV.` चूँकि आपतित फोटॉन की ऊर्जा धातु के कार्यफलन से कम है अतः पृष्ठ से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं होंगे । |
|
| 63. |
किसी धातु के लिए कार्य - फलन `4*2 eV` है| क्या यह धातु 330 nm तरंगदैघ्र्य के आपतित विकिरण के लिए प्रकाश - विधुत उत्सर्जन देगा ? |
|
Answer» दिया है --- `phi_0 = 4*2 eV` ` lamda = 330 nm = 330 xx 10^(-9) m ` सूत्र --- `E=(hc)/lamda = (6*63 xx10^(-34) xx 3 xx 10^8)/(330 xx 10^(-9)) J` ` = (6*63 xx 10^(-17) xx 3)/(330 xx 1*6 xx 10^(-19))eV` `=3*76 eV` चूँकि आपतित फोटोन की ऊर्जा धातु के कार्यफलन से कम है अतः पृष्ठ से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं होंगे | |
|
| 64. |
किसी धातु की लिए फलां 4.2 eV है किया यह धातु 330 नैनोमीटर तरंगदैर्ध्य के आपतित विकिरण की लिए प्रकाश विधुत उत्सर्जन देगा |
|
Answer» दिया है कार्य फलन `(phi_(0))=4.2eV` `=4.2xx1.6xx10^(-19)J=6.72xx10^(-19)`J विकिरण का तरंगदैर्ध्य `lambda=330` नैनोमीटर `=330xx10^(-9)` मीटर यदि प्रत्येक फोटोन की ऊर्जा कार्य फलां से अधिक है तभी केवल प्रकाश विधुत उत्सर्जन हो सकता है (चूँकि प्रत्येक फोटोन की ऊर्जा `E=6.027xx10^(-19)` J कार्य फलन `(phi_(0))=6.72xx10^(-19)` से कम है अतः प्रकाश विधुत उत्सर्जन नहीं होगा) |
|
| 65. |
किसी धातु के लिए कार्य फलन `4.2eV` हैं क्या यह धातु `330nm` तरंगदैर्घ्य के आपतित विकिरण के लिए प्रकाश विद्युत उत्सर्जन देगा? |
|
Answer» Correct Answer - नहीं क्योंकि `vltv_(0)` |
|
| 66. |
`7.21xx10^(14)Hz` आवृत्ति का प्रकाश एक धातु –पृष्ठ पर आपतित है। इस पृष्ठ से `6.0xx10^(5)m//s` की उच्चतम गति से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित हो रहे हैं। इलेक्ट्रॉनों के प्रकाश उत्सर्जन के लिए देहली आवृत्ति क्या है? |
|
Answer» Correct Answer - `4.73xx10^(14)Hz` |
|
| 67. |
विज्ञान दिवस पर स्कुल द्वारा विज्ञान हॉल में एक कार्क्रम का आयोजन किया गया जिसमे सभी छात्रोंको आना निगरवार्थ था | कार्यक्रम प्रारम्भ होने के पूर्ण सभी छात्र - छात्राओं की भीड़ विज्ञान हॉल में प्रवेश करने लगी जिससे उनकी गणना करने में परेशानी होने लगी | तब कार्यक्रम के आयोजक छात्र में से एक छात्र एक अपकरणलेकर गेट पर खड़ा हो गया और एक - एक करके छात्रों को प्रवेश देने लगे जिससे उन्हये अनुशासन बनाये रखने व् गणना में आसानी हुई | गणना के लिए उन्होंने किस उपकरण को प्रयुक्त किया ? |
| Answer» डिजिटल गांक से संयोजित प्रकाश संयोजित प्रकाश विधुत सेल उपकरण का प्रयोग छात्रों ने किया था | | |
| 68. |
इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन एवं अल्फ़ा कण में से किसका विशिष्ट आवेश सबसे कम होता है ? |
| Answer» अल्फ़ा कण का, क्योकि द्रव्यमान अधिक होता है | | |
| 69. |
इलेक्ट्रॉन पर कितना आवेश होता है ? क्या इससे कम आवेश सम्भव है ? |
| Answer» `-1*6 xx 10^(-19)` कूलॉम, नहीं | | |
| 70. |
कैथोड किरणे किस्से बनी होती है ? |
| Answer» तीव्रगामी इलेक्ट्रॉन-पुँज से | | |
| 71. |
विघुत-चुम्बकीय तरंगे विघुत-क्षेत्र या चुम्बकीय क्षेत्र में विक्षेपित क्यों नहीं होती ? |
| Answer» क्योकि विघुत-चुम्बकीय तरंगे आवेशित कणो से निर्मित नहीं होती | | |
| 72. |
क्या कैथोड किरणे विघुत-चुम्बकीय तरंगे है ? |
| Answer» Correct Answer - नहीं | | |
| 73. |
डी-ब्रॉग्ली तरंगे विघुत चुम्बकीय तरंगे नहीं है | |
| Answer» Correct Answer - सत्य | |
| 74. |
प्रत्येक गतिमान कण से तरंग संबद्ध कण से तरंग संबद्ध होती है | |
| Answer» Correct Answer - सत्य | |
| 75. |
डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध है-A. `lambda = (h)/(mv)`B. `h = (lambda)/(mv)`C. `lambda = (mv)/(h)`D. `h = (mv)/(lambda)` |
| Answer» Correct Answer - a | |
| 76. |
क्या सभी गतिशील फोटॉनों का द्रव्यमान एकसमान होता है ? |
| Answer» नहीं, क्योकि v का मान भिन्न-भिन्न रंगो के लिए भिन्न भिन्न होता है | | |
| 77. |
एक फोटॉन की ऊर्जा निम्न रूप से दी जाती है-A. `(hc)/(c^(2))`B. `hv`C. `(h)/(v)`D. `(hv)/(c)` |
| Answer» Correct Answer - b | |
| 78. |
विकिरण व्यवहार करता है-A. हमेशा कण की भाँतिB. हमेशा तरंग की भाँतिC. कही पर कण की भाँति ओर कही पर तरंग की भाँतिD. इनमे से कोई नहीं | |
| Answer» Correct Answer - c | |
| 79. |
एक प्रकाश स्त्रोत से प्रकाश निम्न रूप में निकलता है-A. इलेक्ट्रॉनB. परमाणुC. ड्यूट्रॉनD. फोटॉन | |
| Answer» Correct Answer - d | |
| 80. |
यदि किसी धातु की प्लेट पर एक ही आवृत्ति का प्रकाश डाला जाये तो भी उत्सर्जित प्रकाश-इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जाएँ भिन्न-भिन्न होती है | क्यों ? |
| Answer» जो इलेक्ट्रॉन धातु की सतह पर होते है उन पर धनायनों का आकर्षण बल कम होता है, किन्तु जो इलेक्ट्रॉन धातु के अन्दर होते है उन पर धनायनों का आकर्षण बल अधिक होता है | अतः धातु के अन्दर के इलेक्ट्रॉनों को बाहर निकलने के लिए अधिक कार्य करना पड़ेगा | इस प्रकार जब धातु के अन्दर के इलेक्ट्रॉनों की फोटॉनों के द्वारा ऊर्जा दी जाती है तो उसका एक भाग आकर्षण बल के विरुद्ध कार्य करने में व्यय हो जाता है जिसके कारण इन इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा कम हो जाती है | जबकि धातु की सतह पर स्थित इलेक्ट्रॉनों को बाहर निकालने के लिए आकर्षण बल के विरुद्ध कम कार्य करना पड़ता है | अतः इन इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा अपेक्षाकृत अधिक होती है | इस प्रकार किसी धातु की प्लेट पर उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा भिन्न-भिन्न होती है | | |
| 81. |
गतिशील फोटॉन का द्रव्यमान होता है-A. `(c )/(hv)`B. `(h)/(lambda)`C. `hv`D. `(hv)/(c^(2))`. |
| Answer» Correct Answer - d | |
| 82. |
एक नियॉन लैंप से उत्पन्न `640.2nm(1nm=10^(-9)m)` तंरगदैर्घ्य का एकवर्णी विकिरण टंगस्टन पर सीजियम से निर्मित प्रकाश संवेदी पदाथ को विकिरित करता है। निरोधी वोल्टता `0.54V` मापी जाती है। स्त्रोत को एक लौह-स्त्रोत से बदल दिया जाता है। इसकी `427.2nm` वर्ण रेखा उसी प्रकाश सेल को विकिरित करती है। नयी निरोधी वोल्टता ज्ञात कीजिए। |
|
Answer» Correct Answer - दोनों स्त्रोतों के लिए `eV_(0)=hv-phi_(0)` का उपयोग कीजिए। प्रथम स्त्रोत के लिए गए आंकड़ों से `phi_(0)=1.40eV` अतः दूसरे स्त्रोत के लिए `V_(0)=1.50V`। |
|
| 83. |
एक न्यूऑन लैंप से उत्पान 640.2 नैनोमीटर तरंगदारिद्य का एकवर्णी विकिरण टंगस्टन पर सीजियम से निर्मित प्रकाश संवेदी प्रदार्थ को विकिरित करता है निरोधी वोल्टा 0.54 V मापी जाती हिअ स्त्रोत को एक लोहा स्त्रोत से बदल दिया जाता है इसकी 427.2 नैनोमीटर वर्ण रेखा उसी प्रकाश सेल को विकिरित करती है नयी निरोधी वोल्टा ज्ञात कीजिये |
|
Answer» दिया है Ne लैंप के एकवर्णी विकिरण तरंगदैर्ध्य `lambda=640.2` नैनोमीटर `=640xx10^(9)` मीटर निरोधी विभवांतर `(V_(0))=0.54 V` मन `phi_(0)` कार्य फलन है प्रकाश उत्सर्जित धातु का कार्य फलन `phi_(0)=(hc)/(lambda)-eV_(0)` `=(6.63xx10^(-34)xx3xx10^(8))/(640.2xx10^(-9))-1.6xx10^(-19)xx0.54` `=3.1xx10^(-19)-0.864xx10^(-19)=2.236xx10^(-19)` J `=(2.236xx10^(19))/(1.6xx10^(-19))=1.4 eV` आयरन हेतु कार्य फलन `(phi_(0))=1.4 eV` तरंगदैर्ध्य `(lambda)=427.2` नैनोमीटर `=1427.2xx10^(-19)` मीटर माना `V_(0)` न्य निरोधी विभवांतर है `eV_(0)=(hc)/(lambda)-phi_(0)` `==(6.63xx10^(-34)xx10^(8)xx3)/(427xx10^(-9)xx1.6xx10^(-19))-1.4=1.51 eV` आवश्यकता निरोधी विभवांतर `V_(0)=1.51 V` |
|
| 84. |
एक पारद लैंप, प्रकाश विद्युत उत्सर्जन की आवृत्ति निर्भरता के अध्ययन के लिए एक सुविधाजनक स्त्रोत है क्योंकि यह दृश्य –स्पेक्ट्रम के परबैंगनी (UV) के लाल छोर तक कइ वर्ण रेखाएं उत्सर्जित करता हैं रूबीडियम प्रकाश सेल के हमारे प्रयोग में पारद स्त्रोत की निम्न वर्ण रेखाओं का प्रयोग किया गया `lamda_(1)=3650Å, lamda_(2)=4047Å, lamda_(3)=4358Å,lamda_(4)=5461Å,lamda_(5)=6907Å`, निरोधी वोल्टताएं क्रमशः निम्न मापी गई `V_(01)=1.28V,V_(02)=0.95V,V_(03)=0.74V,V_(04)=0.16V,V_(05)=0V` (a) प्लैंक स्थिरांक h का मान ज्ञात कीजिए। (b) धातु के लिए देहली आवृत्ति तथा कार्य फलन का आकलन कीजिए। |
|
Answer» Correct Answer - `V_(0)` और `v` में आरेख खींचिए। आरेख का ढाल `(h//e)` और `v` अक्ष पर इसका अंतः खंड `v_(0)` को प्रदर्शित करता हैं पहले चार बिंदु लगभग सरल रेखा पर आते हैं जो `v` अक्ष को `v_(0)=5.0xx10^(14)Hz` (पहली आवृत्ति) पर काटती है। पांवां बिंदु `vltv_(0)` के लिए होता है जहां प्रकाश विद्युत उत्सर्जन नहीं होता और इसलिए धारा को रोकने के लिए निरोधी विभव की आवश्कयता नहीं होती। आरेख का ढाल `4.15xx10^(-15)Vs` है । `e=1.6xx10^(-19)C` तथा `1h=6.64xx10^(-34)Js` (`h` का मानक मान `=6.626xx10^(34)Js`) के प्रयोग से `phi_(0)=hv_(0)=2.11V` |
|
| 85. |
इलेक्ट्रॉन वोल्ट (eV) .............. का मात्रक है | |
| Answer» Correct Answer - ऊर्जा | |
| 86. |
V वोल्ट से त्वरित होकर इलेक्ट्रॉन (द्रव्यमान m , आवेश e ) एक लक्ष्य से टकराते हैं । इलेक्ट्रॉन के टकराने की अधिकतम चाल हैं ।A. eV/m,B. `eV^(2)//m`,C. `sqrt(eV//m)`,D. `sqrt(2eV//m)` |
|
Answer» Correct Answer - D |
|
| 87. |
प्रकाश का संचरण फोटॉनों के द्वारा होता है तो भी हमे अपनी आँख वाला प्रकाश असंतत प्रतीत नहीं होता, क्यों ? |
|
Answer» आँख की रेटिना पर किसी फोटॉन का प्रभाव `(1)/(10)` सेकण्ड तक रहता है | यदि फोटॉन इससे कम समय पर आकार रेटिना से टकराते रहे तो प्रकाश संतत प्रतीत होगा | जब प्रकाश आँख के अन्दर प्रवेश करता है तो रेटिना पर प्रति सेकण्ड `10^(18)` फोटॉन आपतित होते है | फलस्वरूप प्रकाश संतत प्रतीत होता है, असंतत नहीं | |
|
| 88. |
............. आवृत्ति से कम आवृत्ति वाले प्रकाश से प्रकाश विघुत प्रभाव की घटना सम्भव नहीं है | |
| Answer» Correct Answer - देहली आवृत्ति | | |
| 89. |
प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम ऊर्जा निर्भर करती है-A. प्रकाश की तीव्रता परB. प्रकाश की आवृत्ति परC. प्रकाश की तीव्रता एवं आवृत्ति परD. प्रकाश के ध्रुवीकरण पर | |
| Answer» Correct Answer - b | |
| 90. |
इलेक्ट्रॉन वोल्ट निम्न का मात्रक है-A. विभवB. आवेशC. शक्तिD. ऊर्जा | |
| Answer» Correct Answer - d | |
| 91. |
सभी गतिमान फोटॉनों का द्रव्यमान एकसमान नहीं देता ? |
| Answer» Correct Answer - सत्य | |
| 92. |
सभी प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा समान होती है | |
| Answer» Correct Answer - असत्य | |
| 93. |
V वोल्ट विभवांतर से त्वरित इलेक्ट्रान की डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य हैA. `lambda=sqrt(150)/(v)` ÅB. `lambda=sqrt(12375)/(v)` ÅC. `lambda=sqrt(250)/(v)` ÅD. `lambda=sqrt(12.3)/(v)` Å |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 94. |
एक स्त्रोत S, प्रति से सेकण्ड 5000 Å तरंगदैघ्र्य के `10^(150)` फोटॉन तथा दुसरा उत्सर्जित करता है, ता `S_2` की प्रति सेकण्ड 5100 Å तरंगदैघ्र्य के `1*02 xx 10^(15)` फोटॉन उत्सर्जित करता है तब `S_2` की शक्ति / `S_1` की शक्ति होगी ----A. `1*00`B. `1*02`C. `1*04`D. `0*98` |
|
Answer» Correct Answer - A `P=E/t=(nhv)/t` `= (nhc)/(t lamda) rArr P_1/P_2=n_1/n_2xxlamda_2/lamda_1` |
|
| 95. |
दो अलग-अलग आवृतियो के प्रकाश जिनके फोटॉनों की ऊर्जाएं क्रमशः 1eV तथा `2*5eV` है, एक `0*5eV`है, एक `0*5eV` कार्यफलन वाली धातु प्लेट पर एक के बाद एक आपतित होते है, तो उनके उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों के अधिकतम गतिज ऊर्जाओं का अनुपात एवं इलेक्ट्रॉनों के अधिकतम वेगों का अनुपात ज्ञात कीजिए | |
|
Answer» आइंस्टीन के प्रकाश विघुत समीकरण से, `E_(k) = hv - phi` अतः प्रथम प्रकाश के लिए यदि `E_(k) = K_(1)` तथा द्वितीय प्रकाश के लिए `K_(2)` हो , तो `K_(1) = hv_(1) - phi = (1*0 - 0*5) eV = 0*5 eV` तथा `K_(2) = hv_(2) - phi = (2*5 - 0*5)eV = 2*0 eV` `therefore (K_(1))/(K_(2)) = (0*5)/(2*0) = (1)/(5)`. अब यदि प्रथम एवं द्वितीय स्थिति में उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों के अधिकतम वेग क्रमशः `v_(1)` व `व_(2)` हो, तो `((1)/(2)mv_(1)^(2))/((1)/(2)mv_(2)^(2)) = (1)/(4)` या `(v_(1)^(2))/(v_(2)^(2)) = (1)/(4)` या `(v_(1))/(v_(2)) = (1)/(2)` |
|
| 96. |
यदि `alpha` - कण को व् विभवांतर से त्वरित किया जाय तो डी - ब्रोगली तरंगदैर्ध्य का मान होगा---A. `(0*287)/sqrtV`B. `(12*27)/sqrtV`C. `(0*101)/sqrtV`D. `(0*202)/sqrtV` |
|
Answer» Correct Answer - C `lamda = h/sqrt(2mqV)` `= (6*63 xx 10^(-34))/(2xx(4xx1*67xx10^(-27) ) xx3*2xx10^(-19)xxV)` `=(1*01xx10^(-11))/V= (0*101)/sqrtV Å` |
|
| 97. |
एक धात्विक पृष्ठ के लिए देहली आयवृति `6*2 eV` से सम्ब्नधित है और इस पृष्ठ पर आप्पति विकिरण के लिए निरोधी 5V है | आपतित विकिरण जिस श्रेत्र में है वह है ---A. आवरक्त क्षेत्रB. दृश्य श्रेत्रC. X - किरण श्रेत्रD. पराबैंगनी क्षेत्र |
|
Answer» Correct Answer - D `eV_0 = hu - hv_0` `rArr" "hu - eV_0 +hV_0 = 5+6*2 = 11*2` या `(hc)/lamda = 11*2 eV` `rArr lamda = (hc)/(11*2) = 1108*89` (पराबैंगनी) |
|
| 98. |
किसी जांच की तरंगदैर्घ्य उसके द्वारा कुछ विस्तर में जांच की जा सकने वाली संरचना के आकार की लगभग आमाप है। प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की क्वार्क संरचना `10^(-15)m` या इससे भी कम लंबाई के लघु पैमाने की है। इस संरचना को सर्वप्रथम 1970 दशक के प्रारंभ में एक रेखीय त्वरित्र से उत्पन्न् उच्च ऊर्जा इलेक्ट्रॉनों के किरण-पुंज उपयोग द्वारा, स्टनफोर्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका में जांचा गया था। इन इलेक्ट्रॉन किरण –पुंजों की ऊर्जा की कोटि का अनुमान लगाइए। (इलेक्ट्रॉन की विराम द्रव्यमान ऊर्जा `0.511MeV` है।) |
|
Answer» Correct Answer - संवेग के लिए `p=h/(lamda)=(6.63xx10^(-34))/(10^(-15)m)` `=6.63xx10^(-19)kgms^(-1)` ऊर्जा के लिए आपेक्षिकीय सूत्र के प्रयोग से `E^(2)=c^(2)p^(2)+m_(0)^(2)c^(4)=9xx(6.63)^(2)xx10^(-22)+(0.511xx1.6)^(2)xx10^(-26)` `~~9xx(6.63)^(2)xx10^(-22)J^(2)` द्विपद (विराम द्रव्यमान ऊर्जा) नगण्य हो जाता है। इसलिए `E=1.898xx10^(-10)J=1.24BeV` अतः त्वरक से निकले इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा कुछ `BeV` की कोटि की अवश्य होनी चाहिए। |
|
| 99. |
दो अलग - अलग आवृतियां जिनकी फोटॉन ऊर्जा क्रमशः 1eV तथा `2*5eV` है, `0*5eV` के कार्यफलां की साथ को क्रमिक प्रकाशित करती है, इससे उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम वेगों में अनुपात होगा ---A. `1:2`B. `1:1`C. `1:5`D. `1:4` |
|
Answer» Correct Answer - A `E_k = hu - phi` से, `E_1 = 1 - 0*5 = 0*5` तथा `E_2 = 2*5 - 0*5 = 2` `rArr" "E_1/E_2 = (0*5)/2 = 1/4` `rArr(1/2 mv_1^2)/(1/2 mv_2^2)=1/4` `rArr" "v_1 /v_2 =1/2` |
|
| 100. |
एक धत्विक प्लेट पर आपतित प्रकाश की तीव्रता `(I_u)` और धरा (I) के मध्य ग्राफ है -A. B. C. D. |
| Answer» Correct Answer - B | |