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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

151.

प्रकाश विघुत प्रभाव में कार्यफलन को परिभाषित कीजिए |

Answer» उस न्यूनतम ऊर्जा को जो इलेक्ट्रॉन के लिए आवश्यक होती है, कार्यफलन कहते है |
152.

किसी धातु पर पराबैगनी किरणों से प्रकाषवैधुत प्रभाव नहीं होता है यह प्रभाव होगा जब धातु पर आपतित होगीA. अवराकथ किरणोंB. X किरणेC. रेडियो तरंगेD. प्रकाश तरंगे

Answer» Correct Answer - B
153.

लीथियम की देहली तरंगदैर्घ्य 8000 Å है । क्या होगा , यदि आपत्तित प्रकाश की तरंगदैर्घ्य इससे अधिक हो ?

Answer» प्रकाश-इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं होंगे |
154.

6.0 eV ऊर्जा वाला फोटॉन विधुत चुंबकीय इस्पेक्टम की किस भाग में पड़ता हैA. अवरक्त क्षेत्र मेंB. द्रिष्य प्रकाश क्षेत्र मेंC. पराबैगनी क्षेत्र मेंD. अक्स किरण क्षेत्र में

Answer» Correct Answer - C
155.

प्रकाशवैधुत उत्सर्जन तथा तापायनिक उत्सर्जन में अन्तर बातइए ।

Answer» प्रकाशवैधुत उत्सर्जन मे धातु के भीतर उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रान प्रकाश फोटॉन को अवशोषित करके ऊर्जा गहण करता है तथा धातु से बहार आ जाते है तापायनिक उत्सर्जन मुक्त इलेक्ट्रान ऊष्मा प्रकार ऊर्जा ग्रहण करते है। अत : यह प्रभाव तपा पर निर्भर है ?
156.

किसी प्रकाश सुग्राही तल से उत्सर्जित एलेक्ट्रोनो की संख्या निर्भर करती हैA. आपतित प्रकाश की त्रीवता परB. आपतित प्रकाश की आवर्ती परC. आपतित किरणों पुंज की वेग परD. फोटो केथोड की निरोधी विभव पर

Answer» Correct Answer - A::B::D
157.

जब hv ऊर्जा के फोटोन किसी फोटो सुग्राही धातु के तल पर गिरते है तोA. सभी उत्सर्जित एलेक्ट्रोनो की गतिज ऊर्जा `(hv-hv_(0))` होती हैB. सबसे तेज निकलने वाले एलेक्ट्रोनो की गतिज ऊर्जा `(hv-hv_(0))` होती हैC. सभी उत्सर्जित एलेक्ट्रोनो की गतिज ऊर्जा hv होतीD. सबसे तेज निकलने वाले एलेक्ट्रोनो की गतिज ऊर्जा hv होती है

Answer» Correct Answer - B
158.

प्रकाश विधुत प्रभाव के एक प्रयोग में हिना देखती है की जब किसी प्रकाश संवेदी पदार्थ पर एक वर्णिन पीला प्रकाश आपतित करने पर प्रकाश इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन नहीं होता लेकिन उसी पदरश पर जब हरे रंग का एकवर्णिन प्रकाश आपतित करते है | तब प्रकाश इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होता है उसे इसका कारन समझ में नहीं आता तब वह इसके विषय में आपने भौतिकी विषय में विषक से पूछती है तो वह बताते है की पिले रंग के प्रकाश आवृति का मान, प्रकाश संवेदी प्रयुक्त पदार्थ के देहली आवृति से कम होने के कारन प्रकाश इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन नहीं होता है | क्या होता है जब उसी प्रकाश सवेदी पदार्थ पर हरे एव बैंगनी रंग के प्रकाश को आपतित किया जाये ?

Answer» हरे रंग के प्रकाश की अपेक्षा बैंगनी रंग की आवृति अधिक है | अतः बैंगनी रंग से प्रकाश इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होगा | लेकिन लाल रंग की आवृति पिले रंग से और कम होने के कारन कोई प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं होंगे |
159.

प्रकाश सुग्राही पदार्थ कौन-कौन से हैं?

Answer» प्रकाश सुग्राही पदार्थ सीजियम, लिथियम, सोडियम, पोटेशियम आदि हैं।
160.

`30kV` इलेक्ट्रॉनों के द्वारा उत्पन्न X किरणों की (a) उच्चतम आवृत्‍ति तथा (b) निम्नतम तरंगदैर्घ्य प्राप्त कीजिए।

Answer» Correct Answer - (a) `7.24xx10^(18)Hz` (b) `0.041nm`
161.

ऐसा विचार किया गया है की प्रोटोन और न्यौतों के भीतर क्वार्क पर आंशिक आवेश होता है | `(+2//3)e, (-1//3)e`| यह मिलिकन तेल - बिंदु प्रयोग में क्योँ नहीं प्रकट होते ?

Answer» प्रोटोन व् न्यूट्रॉन के भीतर क्वार्क पर आकाषिक आवेश होते है जो इन्हे अलग करने पर और प्रबल हो जाता है| मिलिकन तेल बून्द प्रयोग में नाभिक के बाहर के इलेक्ट्र्टोनों के आवेश का निर्धारण करते है | अतः ये आंशिक आवेश तेल बूँद प्रयोग में प्रकट नहीं होते है | क्योँकि प्रक्षेत आवेश इलेक्ट्रॉन के आवेश के पूर्ण गुणज होते है|
162.

(a) ऐसा विचार किया गया है की प्रोटोन और न्यूट्रॉन के भीतर केवॉर्क पर आशिक आवेश होते है `[(+2//3)e:(-1//3)e]` यह मिलिकन तेल बून्द प्रयोग में क्यों नहीं प्रकट होते (b) `e//m` संयोग की क्या विशिष्ट है हम e तथा m के विषय में अलग अलग विचार किया नहीं करते है (c ) गैस सामान्य दाब पर कुचालक होती हिअ परन्तु बहुत कम दाब पर चलन प्रारंभ क्र देती है क्यों (d) प्रत्येक धातु का एक निश्चित कार्य फलाना होता है यदि आपतित विकिरण एकवर्णी हो तो सभी प्रकाशिक इलेक्ट्रान सामान ऊर्जा के साथ भहर क्यों नहीं आते है प्रकाशिक एलेक्ट्रोनो का एक ऊर्जा वितरण क्यों होता है (e ) एक इलेक्ट्रान की ऊर्जा तथा इसका संवेग इससे जुड़े प्रदार्थ तरंग की आवर्ती तथा इसके तरंगदारिद्य के साथ निम्न प्रकार सम्भंदित होते है `E=hv,P=(h)/(lambda)` परन्तु `lambda` का मान झा भौतिक महत्व का है v के मान का कोई भौतिक महत्व नहीं है क्यों

Answer» (a) क्वार्क पर भिन्नात्मक आवेश होता है ये क्वार्क बल द्वारा बन्दे होते है की प्रकृति में कठोर भिन्नात्मक आवेश होता है परन्तु द्रिष्य आवेश इलेक्ट्रान के आवेश की गाडित अनुपात में होते है
(b) इलेक्ट्रान के विधुत तथा चुंबकीय क्षेत्र में गति निम्न समीकरण से दी गए है
`1/2mv^(2)=eV BeB=(mv^(2))/(r )`
(c ) साधारण दाब पर गैस आयनीकरण में अभूत कम धन आयन तथा इलेक्ट्रान प्रप्थ होते है तथा उद्गमी आयन सांगत इलेक्ट्रोड तक नहीं पहोचे पते अतः गैस अचालक बनी रहती है अतः गैस कम दाब तथा उच्च विभव पर चालक का कार्य करती है
(d) क्योकि धातु में सभी इलेक्ट्रान समान ऊर्जा ईस्टर के नहीं होती है वे एक सत् ऊर्जा इस्टर के नहीं होते है वे एक सत् ऊर्जा ईस्टर गृहीत करते है अतः एक दिया गए आपतित विकिरण हेतु इलेक्ट्रान भीन भीन ऊर्जा से भीं भीं ऊर्जा के साथ उद्गामी होते है
(e ) दे ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य `(lambda)=(h)/(p)` अथवा `p=(h)/(lambda)`
तरंग की ऊर्जा `(E)=hv=(hv)/(lambda)`
गतिशील कण की ऊर्जा
`E=1/2 (p^(2))/(m)=1/2(h//lambda)^(2)/(m)=1/2(h^(2))/(lambda^(2)m)`
E तथा P की समभंद हेतु हम देखते हैकि `lambda` का भौतिक महत्व होता है किन्तु आवर्ती V का महत्व नहीं होता है
163.

एक मिलीग्राम द्रव्यमान का एक कण उतना ही तरंगदैघ्र्य रखता है जितना की `3xx10^6` मी/से चाल से स हाल्ने वाले इलेक्ट्रॉन 1 कण की चाल होगी --- ( इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान `=9*3xx10^(-31)` मी./से)A. `2*7 xx 10^(-18)`मी/सेB. `9xx10^(-2)` मी/सेC. `3xx 10^(-7)`मी/सेD. `2*7 xx 10^(-21)`मी/से

Answer» Correct Answer - D
`p= h/lamda` में h व् `lamda` के मान समान होने पर p = नियतांक
`rArr" "p_1 = p_2`
`rArr" "m_1 v_2 = m_2 v_2`
`V_1 = (m_2 v_2)/m_1`
`= (9*3xx10^(-31)xx3xx10^6)/10^(-3)`
` = 27*9 xx 10^(-22)`
`= 2*79 xx 10^(-21)`
164.

एक प्रकाश विधुत सेल किसी 50cm दूर रखे प्रकाश स्त्रोत से प्रकाशित किया ज्ञात है यदि स्त्रोत को अब 1 मीटर की दुरी पर रखने पर---A. (A)उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या अब आधी हो जाएगीB. (B)उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या अब एक चौड़ाई होजायेगीC. (C)उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या अब दो गुनी हो जाएगीD. (D)उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या अब चार गुनी हो जाएगी

Answer» Correct Answer - B
`1 prop 1/ d^2`
165.

प्रकाश स्त्रोत को प्रकाश-वैधुत सेल 1 मीटर दूर रखे जाने पर निरोधी विभव 4 वोल्ट होता हैं । जब प्रकाश स्त्रोत को सेल 3 मीटर की दूरी पर रखते हैं तब निरोधी विभव होगा -A. 36 वोल्ट ,B. 12 वोल्ट ,C. `(4)/(3)` वोल्ट ,D. 4 वोल्ट |

Answer» Correct Answer - D
166.

आइंस्टीन के प्रकाश - विधुत समीकरण के अनुसार किसी धातु से उत्सर्जित फोटो इल्क्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा तथा आपतित विटकिरणों की आवृति के बिच खींचा गया ग्रारफ एक सरल रेखा होता है जिसकी प्रववता ---A. उपयोग की जेने वाली धातु की प्रकृति पर निर्भर नहीं करती हैB. सब धातुओं के लिए समान होती है तथा विकिरणोनो की तीव्रता दोनों पर निर्भर नहीं करती हैC. उपयोग की गजाने वाली धातु तथा विकिरणोनो की तीव्रता दोनों पर निर्भर करती है |D. विकिरण की तीव्रता पर निर्भर करती है |

Answer» Correct Answer - B
167.

एक धातु के प्रष्ट के लिए कार्यफलन 4.2 eV है 2000 Å तरंगदैर्ध्य के प्रकाश द्वारा अधिकतम गतिज ऊर्जा के इलेक्ट्रान के उत्सर्जन को रोकने की लिए कितने विभवांतर अवश्यशक होगा धातु की लिए देहली तरंगदैर्ध्य भी ज्ञात कीजिये

Answer» Correct Answer - 2.0 वाल्ट 2946 Å
168.

किसी धातु प्रष्ट से उत्सर्जित फोटो एलेक्ट्रोनो की महत्तम गतिज ऊर्जा निर्भर करती हैA. आपतित प्रकाश की त्रीवता परB. आपतित प्रकाश की तरंगदारिद्य परC. आपतित प्रकश की ध्रुवं परD. उपयुक्त में से किसी पर नहीं

Answer» Correct Answer - B
169.

किसी प्रकाश केथोड के प्रष्ट की देहली तरंगदैर्ध्य 600 नैनोमीटर है यदि इस प्रष्ट पर -500 नैनोमीटर तरंगदैर्ध्य का प्रकाश आपतित किया जाये तो उत्सर्जित एलेक्ट्रोनो की अधिकतम गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिये यदि आपतित प्रकाश की तरंगदैर्ध्य को 500 नैनोमीटर रकते हुए उसकी त्रीवता को दोगुना कर दिया जाये तो इस गतिज ऊर्जा पर क्या प्रभाव पड़ेगा

Answer» 0.4125 eV कोई प्रभाव नहीं
170.

प्रकाशवैधुत प्रभाव के एक प्रयोग में उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा `(E_(k))` तथा आपतित प्रकाश की आवृति के बीच ग्राफ एक सरल रेखा है जैसा की चित्र 11.17 में दिखाया गया है गणना कीजिए : (i) देहली आवृति (ii) कार्यफलन ( eV मे) (iii) प्लांक नियतांक (iv) ` 8 xx 10^(14)` प्रति सेकण्ड आवृत्ति वाले प्रकाश द्वारा उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गति ऊर्जा ।

Answer» ग्राफ से देहली आवृत्ति
`v_(0)` ग्राफ तथा v अक्ष का कटान बिंदु `3 xx 10^(14)` हार्टज
(ii) कार्यफलन = सरल रेखा का अक्ष `E_(k -)` अंत : खण्ड
` = 2xx 10^(-19)` जूल
= `(2 xx 10^(-19))/(1.6 xx 10^(14)) eV = 1.25 eV`
प्लांक नियतांक = ग्राफ का ढ़लान
` ((6-0)xx 10^(-19))/((12xx 3)xx 10^(14)) = 6.66 xx 10^(-34)` जूल - सेकण्ड
(iv) ` 8 xx 10^(14) " सेकण्ड"^(-1)` आवृत्ति के सांगत `E_(k) = 3 xx 10^(-19)` जूल
171.

5000 Å तरंगदैर्ध्य का विकरण एक धातु पर आपतित होतो है जिसका कार्यफल 1.9 इलेक्ट्रान वोल्ट है ज्ञात कीजिये (i)उत्सर्जित एलेक्ट्रोनो की अधिकतम एव न्यूनतम गतिज ऊर्जा (ii) निरोधी विभव (iii) देहली तरंगदैर्ध्य

Answer» (i) 0.4 eV शून्ये (ii) 0.4 वाल्ट (iii)6533 Å
172.

किसी प्रकाषवैद्युत केथोड पर 5500 Å तरंगदैर्ध्य का विकिरण डालने से फोट इलेक्ट्रान उत्सर्जित होते है जिनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा `0.4xx10^(-19)` जुल है 4500 Å तरंगदैर्ध्य का विकिरण डालने से उत्सर्जित एलेक्ट्रोनो की अधिकतम गतिज ऊर्जा `1.2xx10^(-19)` जुल हो जाती है प्रकाषवैद्युत केथोड का कार्यफलन तथा देहली आवर्ती की गड़ना कीजिये

Answer» कार्यफलन `=3.2xx10^(-19)` जुल देहली आवर्ती `=4.8xx10^(14)` सेकंड
173.

एक धातु का कार्यफलन XeV है एक पर 2 XeV ऊर्जा का फोटॉन आपतित होने पर उत्सर्जित फोटो एलेक्ट्रोनो की अधिकतम गतिज ऊर्जा का मान होगाA. 2 eVB. 2X eVC. XeVD. 3XeV

Answer» Correct Answer - C
174.

2.2 eV कार्यफलन के एक प्रष्ट पर 5000 Å तरंगदैर्ध्य का प्रकाश आपतित होतो है इस प्रष्ट के लिए देहली आवर्ती तथा उत्सर्जित प्रकाश एलेक्ट्रोनो के अधिकतम वेग की गड़ना कीजिये

Answer» `5.33xx10^(14)` हट्स `3.12xx10^(5)` मीटर / सेकंड
175.

एक `0*060 kg` द्रव्यमान की गेंद जो `1*0 km//s` की चाल से रही है | का डी-ब्रॉक्ली तरंगदैघ्र्य कितना होगा ?

Answer» सूत्र `lamda = h/(mv)`
गेंद के लिए `lamda_2 = (6*5 xx 10^(-34))/(0*06 xx 1) = 1*1 xx 10^(-32) m`
176.

सोडियम के स्पेक्ट्रमी उत्सर्जन रेखा के प्रकाश का तरंगदैघ्र्य 589 nm है | वह गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिय जिस पर एक इलेक्ट्रॉन तरंगदैघ्र्य समान होगा |

Answer» दिया है --- `lamda = 589 nm = 589 xx 10^(-9)m`
`lamda = h/sqrt(2mk)`
या `lamda^2 = h^2/(2mk)`
या `k = h^2/ (2n lamda^2), ` ( जहां k गतिज ऊर्जा )
इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा `= ((6*6 xx 10^(-34))^2)/(2xx9*1xx10^(-31)xx(589 xx 10^(-9))^2)`
` = 6*898 xx 10^(-25)J`
`=(6*95 xx10^(-25))/(1*6 xx 10^(-19))eV`
` = 4* 34 xx 10^(-6) eV`.
177.

विराम द्रिव्यमान `m_(0)` का एक कण प्रकाश की वेग c से गतिमान है इसकी डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य हैA. `(h)/(m_(0)c)`B. शून्येC. अनंतD. `(m_(0)c)/(h)`

Answer» Correct Answer - B
`m=m_(0)//sqrt(1-(v^(2))/(c^(2)))=infty therefore = (h)/(mc)=0`
178.

जब किसी फोटो केथोड पर 6000 Å तरंगदैधर्य का प्रकाश आपतित होतो है तो सरेष्ट से उत्सर्जित एलेक्ट्रोनो की अधिकतम गतिज ऊर्जा 0.46 इलेक्ट्रान वाल्ट है जब आपतित प्रकाश की तरंगदैधर्य घटाकर 5000 Å कर दी जाती है तो अधिकतम गतिज ऊर्जा बढ़कर 0.875 इलेक्ट्रान वाल्ट हो जाती है ज्ञात कीजिये (A) केथोड के सरेष्ट का करिये फलां (B) प्लांक नियतांक (C ) देहली तरंगदैधर्य

Answer» (A) आइन्स्टाइन की प्रकाषवैद्युत समीकरण से
`K_("max")=hv-W=(hC)/(lambda)-phi_(0)`
यदि `lambda_(1)` तरंगदैर्ध्य की सांगत अधिकतम गतिज ऊर्जा `K_(1)` तथा `lambda_(2)` तरंगदैर्ध्य के सांगत `K_(2)` हो तो
`K_(1)=(HC)/(lambda_(1))-phi_(0) therefore + phi_(0)=(hc)/(lambda_(1))`
`therefore (K_(1)+ph_(0))/(k_(2)+phi_(0))=(lambda_(2))/(lambda_(1))`
मान रखने पर `(0.46 eV+phi_(0))/(0.875 eV+ phi_(0))=(5000 Å)/(6000 Å)=5/6`
(B) समीकरण 1 से `h=(K_(1)+W lambda_(1))/(3xx10^(8))`
`=6.64xx10^(-34)` जुल सेकंड
`lambda_(0)=(hc)/(phi_(0))=(6.64xx10^(-34))xx(3xx10^(8))/(1.615xx1.6xx10^(-19))`
`=7.709xx10^(-7)` मीटर =7709 Å
179.

सोडियम के स्पेक्ट्रमी उत्सर्जन रेखा के प्रकाश का तरंगदैघ्र्य 589 nm है | वह गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिय जिस पर एक न्यूट्रॉन का डी-ब्रॉगली तरंगदैघ्र्य समान होगा |

Answer» दिया है --- `lamda = 589 nm = 589 xx 10^(-9)m`
`lamda = h/sqrt(2mk)`
या `lamda^2 = h^2/(2mk)`
या `k = h^2/ (2n lamda^2), ` ( जहां k गतिज ऊर्जा )
न्यूनताओं की गतिज ऊर्जा
`K_n =((6*6 xx 10^(-34))^2)/(2xx1*67 xx10^(-27)xx(589x10^(-9))^2)`
` = 3*75 xx 10^(-28) J`
` = (34*75 xx 10^(-28))/(1*6 xx 10^(-19))eV`
`= 2*34 xx 10^(-9) eV`
180.

एक एलेक्ट्रोन और एक फोटोन प्रत्येक का तरंगदारिद्य 1.00 नैनोमीटर है (a) इनका संवेग (b) फोटोन की ऊर्जा असूर (c ) इलेक्ट्रान की गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए

Answer» दिया है इलेक्ट्रान तथा फोटोन की तरंगदैर्ध्य
`lambda=1` नैनोमीटर `=10^(-9)` मीटर
(a) इलेक्ट्रान का संवेग
`P_(e )=(h)/(lambda)=(6.63xx10^(34))/(10^(-9))=6.63xx10^(-25)` मीटर
फोटोन का संवेग
`p_(e )=(h)/(lambda)=(6.63xx10^(34))/(10^(-9))=6.63xx10^(25)` मीटर
फोटोन की ऊर्जा
`E=(HC)/(lambda)=(6.63xx10^(-34)xx3xx10^(8))/(10^(-9)xx1.6xx10^(-19))` eV
1243 eV अथवा E=1.24 KeV
इलेक्ट्रान की ऊर्जा
`E=(P^(2))/(2me)=(6.63xx10^(25))/(2xx9.1xx10^(-31)xx1.6xx10^(-19))` eV
=1.51 eV
181.

एक 0.040 कीगर द्रिव्यमान का बुलट जो 1.0 किमी / सेकंड की चल से चल रहा है (b) एक 0.060 कीगर द्रिव्यमान की गेंद जो 1.0 किमी / सेकंड की चल से चल रही है और (c ) एक धूल कर्ण जिसका द्रिव्यमान `1.0xx10^(-9)` कीगर और जो 2.2 मित्र सेकंड की चल से अनुगामित हो रहा है का दे ब्रोग्ली तरंगदारिद्य कितना होगा

Answer» दिया है गोली का द्रिव्यमान (m)=0.040 गोली का वेग (v) =1000 मीटर / सेकंड
(a) दे ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य
`lambda=(h)/(mv)=(6.63xx10^(34))/(0.40xx1xx10^(3))`
`=1.66xx10^(-35)`
(b) बॉल का द्रिव्यमान (m)=0.060 किग्र तथा बॉल की चल v=1 मीटर / सेकंड
`lambda=(h)/(mv)=(6.63xx10^(34))/(0.060xx1)`
`=1.1xx10^(-32)` मीटर
(c ) धूल की कण का द्रिव्यमान `(m)=1xx10^(-9)` किग्र तथा धूल के कण की चल v=2.2 मीटर / सेकंड
`lambda=(h)/(mv)=(6.63xx10^(34))/(1xx10^(-9)xx22)`
`=3.0xx10^(-25)` मीटर
182.

द्रिव्यमान m तथा गतिज ऊर्जा k वाले कण की डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य होगीA. `lambdahsqrt(2mK)`B. `lambda=sqrt(2mK)/(h)`C. `lambda=(h)/sqrt(2mK)`D. `lambda=(hk)/sqrt(2mK)`

Answer» Correct Answer - C
183.

जब एक धातु को `lambda` तरंगदैर्घ्य के एकवर्णी प्रकाश से प्रदीप्त किया जाता है तो प्रकाशवैधुत धारा के लिए निरोधी विभव `3V_(0)` है । इसी पृष्ठ को तरंगदैर्घ्य के प्रकाश से प्रदीप्त करने पर निरोधी विभव `V_(0)` हो जाता है। प्रकाशवैधुत उत्सर्जन के लिये देहली तरंगदैर्घ्य का मान क्या होगा

Answer» आइन्सटीन की पकाशवैधुत समीकरण से
` eV_(0) = K_(max) = hv- hv_(0) = hc (1/lambda - 1/lambda_(0))`
`V_(0) = hc/e [ 1/lambda- 1/(lambda_(0))]`
प्रथम स्थिति मे, ` 3V_(0) = (hc)/e [ 1/lambda- 1/(lambda_(0))]`
द्वितीय स्थिति मे ` V_(0) = (hc)/e [1/(2lambda) - 1/(lambda_(0))]`
समीकरण (1) को (2) से भाग देने पर ,
` 3/1 = (1/lambda - 1/lambda_(0))/(1/(2lambda)-1/(lambda_(0)))`
`3/(2lambda) - 3/(lambda_(0)) = 1/lambda - 1/(lambda_(0)) = 3/(2lambda_(0)) - 1/lambda_(0)= 3/(lambda_(0)) = 1/(lambda_(0))`
`1/(2lambda) = 2/(lambda_(2)) ` अथवा ` lambda_(0)= 4lambda`
184.

एक कण का संवेग `6.6xx10^(-24) "किग्र सेकंड"^(-1)` है इस कण की डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिये

Answer» Correct Answer - 1 Å
185.

सोडीयम के इस्पेक्टरीमी उत्सर्जित रेखा के प्रकाश का तंगदैर्ध्य 589 नैनोमीटर है वह गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिये जिस पर (a) एक इलेक्ट्रान और (b) एक नियोट्रोन का दे ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य सामान होगा

Answer» दिया है प्रकाश की तरंगदैर्ध्य =589 नैनोमीटर `=589xx10^(-9)` मीटर
इलेक्ट्रान का द्रिव्यमान `(m_(e)) =9.1xx10^(31)` किग्र
(a) सूत्र प्रयुक्त करने पर `lambda=(h)/sqrt(2KEm_(e))`
इलेक्ट्रान की गतिज ऊर्जा
`KE_(e)=(h^(2))/((2lambda^(2)m_(e))=(6.63xx10^(-34))^(2)/(2xx(589xx10^(-9)xx9.1xx10^(31))`
(b) न्यूट्रॉन की गतिज ऊर्जा
`KE_(n)=(h^(2))/(2lambda^(2)m_(n))`
`=(6.63xx10^(34))^(2)/(2xx(589xx10_(2)A^(9)xx1.66xx10^(-27))`
`=3.81xx10^(-28)` J
186.

किसी इलेक्ट्रान की गतिज ऊर्जा दोगुनी पर डी जाती है इसकी डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य कितने गुना हो जायगीA. `1//sqrt(2)`B. `sqrt(2)`C. `1/2`D. 2

Answer» Correct Answer - A
187.

एक फोटोन की तरंगदैर्ध्य `lambda` तथा इलेक्ट्रान की डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य समान है सिध्द कीजिये फोटोन की ऊर्जा इलेक्ट्रान की गतिज ऊर्जा से `(2 lambdamc)/(h)` गुना है

Answer» माना फोटॉन की ऊर्जा E तथा इलेक्ट्रान की गतिज ऊर्जा K है
फोटॉन की लिए `E=(hc)/(lambda)`
इलेक्ट्रान की लिए `lambda=(h)/sqrt(2mK)`
अथवा `K=(1)/(2m).(h^(2))/(lambda^(2))`
समीकरण (1) व (2) से
`(S)/(K)=(hc/lambda)/(hg^(2)/2mlambda^(2))`
`=(hc)/(lambda)xx(mlambda^(2))/(h^(2))=(2lambdamc)/(h)`
188.

m द्रिव्यमान के कर्ण की साथ जुडी डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य `lambda` का सम्बंद इसकी गतिज ऊर्जा K की पदों में लिखिए

Answer» `lambda=(h)/sqrt(2mK)`
189.

सामान गतिज ऊर्जा वाले इलेक्ट्रान प्रोटोन तथा `alpha` कण में किसकी डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य सबसे कम होगी

Answer» Correct Answer - `alpha` कण
190.

न्यूट्रॉन का द्रिव्यमान `1.6xx10^(-27)` किग्र है 0.04 eV गतिज ऊर्जा वाले न्यूट्रॉन की डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिये

Answer» Correct Answer - 1.435 Å
191.

एक इलेक्ट्रान जिसकी गतिज ऊर्जा 120 eV है इसका (a) संवेग (b) चल और (c )दे ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य क्या है

Answer» दिया है गतिज ऊर्जा =KE=120 eV
(a) संवेग `(p)=sqrt(2eVm)=sqrt(2KE.m)` और
`e=1.6xx10^(-19)`
`sqrt(2xx120x1.6xx10^(-19)xx9.1xx10^(-3)`
`=5.91xx10^(24)`
(b) हम जानते है की संवेग (p)=mv
`v=(P)/(m)`
`=(5.91xx10^(-24))/(9.1xx10^(-31))`
`=6.5xx10^(6)`
(c ) इलेक्ट्रान की सांगत दे ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य
`lambda=(12.27)/sqrt(V) Å=(12.27)/sqrt(120)` Å
`0.112xx10^(-9)` मीटर =0.112 नैनोमीटर
192.

(a) एक न्यूट्रॉन जिसकी गतिज ऊर्जा 150 eV है का दे ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य प्रप्थ कीजिये जिसकी आपने प्रश्न 31 में देखा है इतनी ऊर्जा का इलेक्ट्रान किरण पुंज क्रिस्टल विवर्तन प्रयोग की लिए उपयोग है क्या सामान ऊर्जा का एक न्यूट्रॉन किरण पुंज इस प्रयोग के लिए सामान रूप से उपयुक्त होगा स्पष्ट कीजिये `(m_(n)=1.675xx10^(-27))` (b) कमरे की सामान्य ताप `27^(@)C` पर उष्मीय न्यूट्रॉन से जुड़े दे ब्रोग्ली तरंगदारिद्य ज्ञात कीजिये एक प्रकार इस्पष्ट कीजिये की क्यों एक तीव्रगामी न्यूट्रॉन को न्यूट्रॉन विवर्तन प्रयोग में उपयोग में लेन से पहले वातावरण की साथ तापीकृत किया जाता है

Answer» (a) दिया है न्यूट्रॉन की गतिज ऊर्जा (KE)=150 eV
न्यूट्रॉन का द्रिव्यमान `(m_(n))=1.675xx10^(-27)` किग्र
हम जानते है की `KE=1/2 mv^(2)`
अथवा `mv=sqrt(2x.KE)`
`=(h)/sqrt(2x_(n).KE)=(6.63xx10^(34))/sqrt(2xx1.675xx10^(-27xx150xx1.6xx10^(-19))`
`=2.33xx10^(12)`
(b) तापमान (T)=27+273=300 K
बोल्ट्जमैन नियतांक `(k)=1.38xx10^(23)` जुल / मोल / केल्विन
न्यूट्रॉन की ऊर्जा `(E)=3/2 KT`
ऊर्जा के सांगत तरंगदैर्ध्य
`lambda=(h)sqrt(2xE)=(h)/sqrt(2xxx3/2KT)=(h)/sqrt(3mKT)`
`=1.45xx10^(-10)`
यह तरंगदैर्ध्य आंत्रप्रमादुक अंतराल की क्रम का है अतः न्यूट्रॉन भीम पहले तापीकृत(Theremolize) की जाती है तत्पश्चात विवटरान हेतु प्रयुक्त की जाती है
193.

(a) एक न्यूट्रॉन जिसकी गतिज ऊजा `150eV` है का दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य प्राप्त कीजिए। जैसा कि आपने अभ्यास 11.31 में देखा है इतनी ऊर्जा का इलेक्ट्रॉन किरण –पुंज क्रिस्टल विवर्तन प्रयोग के लिए उपयुक्त है। क्या समान ऊर्जा का एक न्यट्रॉन किरण पुंज इस प्रयोग के लिए समान रूप में उपयुक्त होगा ? स्पष्ट कीजिए। (`m_(n)=1.675xx10^(-27)kg`) (b) कमरे के सामान्य तार `(27^(@)C`) पर ऊष्मीय न्यूट्रॉन से जुड़े दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। इस प्रकार स्पष्ट कीजिए कि क्यों एक तीव्रगामी न्यूट्रॉन विवर्तन प्रयोग में उपयोग में लाने से पहले वातावरण के साथ तापीकृत किया जाता है।

Answer» Correct Answer - (a) `lamda=h/p=h/(sqrt(2mK))`
इसलिए समान `K` के लिए द्रव्यमन `m` के साथा `(1//sqrt(m))` के अनुसार घटती है। अब `(m_(n)//m_(e))=1838.6;` अतः समान ऊर्जा `150eV` के लिए न्यूट्रॉन की तरंगदैर्घ्य `=1/(sqrt(18386))xx10^(-10)m=2.33xx10^(-12)m` । अंतरापरमाणकि दूरियां इससे लगभग सौ गुना बड़ी हैं। इसलिए `150eV` ऊर्जा का न्यूट्रॉन पुंज विवर्तन प्रयोगों के लिए उपयुक्त नहीं है।
(b) `lamda=(h//sqrt(3mkT))` के प्रयोग से `lamda=1.45xx10^(-10)m` जो क्रिस्टल में अंतरापरमाण्विक दूरियों के तुलनीय है। स्पष्टतया ऊपर (a) तथा (b) से तापीय न्यट्रॉन विवर्तन प्रयोगों के लिए उपयुक्त अन्वेषी (कण) है। इसलिए उच्च्‍ ऊर्जा के नयूट्रॉन पुंज को विवर्तन के लिए प्रयुक्त करने से पूर्व तापित कर लेना चाहिए।
194.

एक X- किरण नाली विकिरण का एक संतत स्पेक्ट्रम जिसका लघु तरनदीघार्य सिरा `0*45 Å` पर है, उत्पन करता है | विकिरण में किसी फोटोन की उछत्तम ऊर्जा कितनी है ?

Answer» दिया है --- `lamda_("min") = 0*45 Å`
` = 0*45 xx 10^(-10) m`
सूत्र---- `E_("max") = (hc)/lamda_("min")`
` =(6*63 xx10^(-34) xx 3 xx 10^8)/(0*45 xx 10^(-10)) J`
`= 4*42xx 10^(-15)J`
`=(4*42 xx10^(-15))/(1*6 xx 10^(-19))= 27 * 61 xx 10^3 eV`
`=27*61 "KeV"`
195.

(a) न्यूट्रॉन की किस गतिज ऊर्जा के लिए दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य `1.40xx10^(-10)m` होगा? (b) एक न्यूट्रॉन जो पदार्थ के साथ तापीय साम्य में है और जिसकी `300K` पर औसत गतिज ऊर्जा `3/2kT` है का भी दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए।

Answer» Correct Answer - (a) `6.686xx10^(-21)J=1.174xx10^(-2)eV` (b) `0.145nm`
196.

(a) एक निर्वात नली के तापित कैथोड से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की उस चाल का आकलन कीजिए जिससे वे उत्सर्जक की तुलना में `500V` के विभवांतर पर रखे गए एनोड से टकराते हैं। इलेक्ट्रॉनों के लघु प्रारंभिक चालों की उपेक्षा कर दें। इलेक्ट्रॉन क आपेक्षिक आवेश अर्थात `e//m1.76xx10^(-11)Ckg^9-1)` है। (b) संग्राहक विभव `10MV` के लिए इलेक्ट्रॉन की चाल ज्ञात करने के लिए उसी सूत्र का प्रयोग करें जो (a) में मान लाया गया है। क्या आप इस सूत्र को गलत पाते है? इस सूत्र को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?

Answer» Correct Answer - (a) `eV=(mv^(2)//2)` का उपयोग कीजिए अर्थात `v=[(2eV//m)]^(1//2);v=1.33xx10^(7)ms^(-1)`
यदि हम `V=10^(7)V` के लिए उसी सूत्र का प्रयेग करें तो `v=1.88xx10^(9)ms^(-1)` आता है। यह स्पष्ट रूप से गलत है क्योंकि कोई भी द्रव्य कण प्रकाश के वेग `(c=3xx10^(8)ms^(-1))` से अधिक वेग से नही चल सकता। वस्तुतः गतिज ऊर्जा के लिए उपरोक्त सूत्र `(mv^(2)//2)` केवल `(v//c)lt lt 1`के लिए वैध है। बहुत अधिक चाल पर जब `(v//c)` के लगभग तुल्य (यद्यपि हमेशा 1 से कम) होता है तो आपेक्षिकीय प्रभाव क्षेत्र के कारण निम्नलिखित सूत्र वैध होते है।
आपेक्षिकीय संवेग `p=mv`
कुल ऊर्जा `E=mc^(2)`
गतिज ऊर्जा `K=mc^(2)-m_(o)c^(2)`
जहां आपेक्षिकीय द्रव्यमान `m` निम्नानुसार दिया जाता है।
`m=m_(0)(1-(v^(2))/(c^(2)))^(-1//2)`
`m_(o)` कण का विराम द्रव्यमान कहलाता है। इन संबंधों से प्राप्त होता है:
`E=(p^(2)c^(2)+m_(0)^(2)c^(4))^(1//2)`
ध्यान दीजिए कि आपेक्षिकीय प्रभाव क्षेत्र में जब `v//c` लगभग 1 के बराबर होता है तो कुल ऊर्जा `Egem_(o)c^(2)` (विराम द्रव्यमान ऊर्जा) । इलेक्ट्रॉन की विराम द्रव्यमान ऊर्जा लगभग `0.51MeV` होती है । इसलिए `10MeV` की गतिज ऊर्जा, जो इलेक्ट्रॉन की विराम द्रव्यमान ऊर्जा से बहुत अधिक है आपेक्षिकीय प्रभाव क्षेत्र को व्यक्त करती है। आपेक्षिकीय सूत्रों के प्रयोग से `v`(`10MeV` गतिज ऊर्जा के लिए)`=0.999c`
197.

वायु में `300K` ताप पर एक नाइट्रोजन अणु का दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य कितना होगा? यह मानें कि अणु इस ताप पर अणुओं के चाल वर्ग माध्य से गतिमान है। (नाइट्रोजन का परमाणु द्रव्यमान `=14.0076u`)

Answer» Correct Answer - `0.028nm`
198.

`632*8` nm तरंगदैघ्र्य का एकवर्णी प्रकाश एक हीलियम - निर्मिन लेसर के द्वारा उत्पन्न किया जाता है | उत्सर्जित शक्ति `9*42 mW` है | एक ह्यड्रोजन परमाणु को फोटोन के बराबर सवेग प्राप्त करने के लिए कितनी तेज चाल से चलना होगा ?

Answer» दिया है --- `lamda = 632*8 xx 10^(-9) m`
उत्सर्जित शक्ति `P = 9*42 mW = 9*42 xx 10^(-3)` वाट
हाइड्रोजन अनु का द्रव्यमान = प्रोटोन का द्रव्यमान
`= 1*6 xx 10^(-27) kg`
`:." "mV = P`
` V = P/m = (1*05 xx 10^(-27))/(1*67xx10^(-27))= 0*63 ms^(-1)`
199.

`632*8` nm तरंगदैघ्र्य का एकवर्णी प्रकाश एक हीलियम - निर्मिन लेसर के द्वारा उत्पन्न किया जाता है | उत्सर्जित शक्ति `9*42 mW` है | प्रकाश के किरण - पुंज में प्रत्येक फोटोन की ऊर्जा तथ सवमवग प्राप्त कीजिय |

Answer» दिया है --- `lamda = 632*8 xx 10^(-9) m`
उत्सर्जित शक्ति `P = 9*42 mW = 9*42 xx 10^(-3)` वाट
सूत्र ` E=(hc)/lamda`
` = (6*6 xx 10^(-34) xx 3 xx 10^8)/(632 * xx 10^(-9))= 3*14xx10^(-9)J`
सवेग `P = h / lamda`
`= (6*6 xx 10^(-34))/(632*8 xx 10^(-9)) = 1*05 xx 10^(-27)" kg ms"^(-1)`
200.

पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुंचने वाला सूर्य प्रकाश का ऊर्जा अभिवाह (फ्लक्स) `1.388xx10^(3) W//m^(2)` है। लगभग कितने फोटॉन प्रति वर्ग मीटर सेकंड पृथ्वी पर आपतित होते हैं यह मान ले कि सूर्य प्रकाश में फोटॉन का औसत तरंगदैर्घ्य `550nm` है।

Answer» Correct Answer - `4xx10^(21)` फोटॉन `//m^(2)s`