InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 201. |
`632.8nm` तंरगदैर्घ्य का एकवर्णी प्रकाश एक हीलियम नियॉन लेसर के द्वारा उत्पन्न किया जाता है उत्सर्जित शक्ति `9.42mW` है। (a) प्रकाश के किरण पुंज में प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा तथा संवेग प्राप्त कीजिए। (b) इस किरण पुंज के द्वारा विकिरित किसी लक्ष्य पर औसतन कितने फोटॉन प्रति सेकंड पहुंचेंगें? (यह मान लीजिए कि किरण पुंज की अनुप्रस्थ काट एकसमान है जो लक्ष्य के क्षेत्रफल से कम है) तथा (c) एक हाइड्रोजन परमाणु को फोटॉन के बराबर संवेग प्राप्त करने के लिए कितनी तेज चाल से चलना होगा? |
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Answer» Correct Answer - (a) `3.14xx10^(-19)J,1.05xx10^(-27)kgm//s` (b) `3xx10^(16)` फोटॉन`//s` (c) `0.63m//s` |
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| 202. |
तापायनिक उत्सर्जन क्या है? इसके लिए प्रयुक्त धातु में कौन-कौन से गुण होने चाहिए ? |
| Answer» किसी धातु को गर्म करने पर उसकी सतह से इलेक्ट्रॉन निकलने की क्रिया को तापायनिक उत्सर्जन कहते हैं। इसमें ऊष्मीय ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में रूपांतरण होता है। इसके लिए प्रयुक्त धातु का गलनांक उच्च होना चाहिए तथा कार्यफलन कम होना चाहिए । | |
| 203. |
विज्ञान दिवस पर स्कुल द्वारा विज्ञान हॉल में एक कार्क्रम का आयोजन किया गया जिसमे सभी छात्रोंको आना निगरवार्थ था | कार्यक्रम प्रारम्भ होने के पूर्ण सभी छात्र - छात्राओं की भीड़ विज्ञान हॉल में प्रवेश करने लगी जिससे उनकी गणना करने में परेशानी होने लगी | तब कार्यक्रम के आयोजक छात्र में से एक छात्र एक अपकरणलेकर गेट पर खड़ा हो गया और एक - एक करके छात्रों को प्रवेश देने लगे जिससे उन्हये अनुशासन बनाये रखने व् गणना में आसानी हुई | छात्रों के द्वारा किन मूल्यों का परिचय प्राप्त होता है ? |
| Answer» छात्रों के अनुशासनप्रियता व् जिम्मेदारी को सजगता - पूर्णक निर्वाह करने के मूल्यों का परिचय प्राप्त होतो है | | |
| 204. |
प्रकाश विधुत प्रभाव के एक प्रयोग में हिना देखती है की जब किसी प्रकाश संवेदी पदार्थ पर एक वर्णिन पीला प्रकाश आपतित करने पर प्रकाश इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन नहीं होता लेकिन उसी पदरश पर जब हरे रंग का एकवर्णिन प्रकाश आपतित करते है | तब प्रकाश इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होता है उसे इसका कारन समझ में नहीं आता तब वह इसके विषय में आपने भौतिकी विषय में विषक से पूछती है तो वह बताते है की पिले रंग के प्रकाश आवृति का मान, प्रकाश संवेदी प्रयुक्त पदार्थ के देहली आवृति से कम होने के कारन प्रकाश इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन नहीं होता है | हिना के द्वारा किन मूल्यों का प्रदर्शन प्रेषित होता है ? |
| Answer» हीना के प्रक्षेपण से, विज्ञानं के प्रति सवेदनशीलता तीक्षण बूढ़वत्ता व् सम्पूर्णज कीभावना प्रेषित होती है| | |
| 205. |
यदि एक फोटो सेल से 100 वाट लेम्प की दुरी d बदली जाये तो संतृप्त धारा I का मान दुरी पर किस प्रकार निर्भर करेगाA. `I prop d^(2)`B. `I prop d`C. `I prop (1)/(d)`D. `I prop(1)/(d^(2))` |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 206. |
प्रकाषवैधुत प्रभाव के एक प्रयोग में धातु के उत्सर्जक प्रष्ट पर 0.62 `mu` की तरंगदैर्ध्य के प्रकाश के आपतित होने पर निरोधी विभव 1.0 V है धातु का कार्यफलन लगभग हैA. 1 eVB. 2 eVC. 1.5 eVD. 0.5 eV |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 207. |
जब फोटॉनो 10.6 eV का एक फोटो पुँज जिसकी तीव्रता 2 वाट /`"मीटर"^(2)`है ` 1.0 xx 10^(-4) " मीटर"` क्षेत्रफल के प्लेटिनम ( कार्यफलन ) के पृष्ठ पर गिरता है तो आपतित फोटॉनो में से 0.53 % फोटॉन प्रकाश इलेक्ट्रॉनो की संख्या तथा उनकी न्यूनतम व अधिकतम ऊर्जाये (eV मे ) ज्ञात किजये | `(1 eV = 1.6 xx 10^(-19))` जूल |
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Answer» प्लेटिनम के पृष्ठ पर पर प्रति सेकण्ड गिरने वाला फोटॉनो की संख्या ` n = I /E xx A = (2.0 xx 1.0 xx10^(-4))/(10.6 xx 1.6 xx 10^(-19)) = 1.8 xx 10^(14)` इनमें से केवल फोटॉनो द्वारा इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन है अतः प्रति सेकण्ड उत्सर्जत इलेक्ट्रॉनों की संख्या इनमें से केवल 0.53 % फोटॉनो द्वारा इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन है अतः प्रति सेकण्ड उत्सर्जत इलेक्ट्रॉनों की संख्या ` n_(e) = n xx (0.53)/100 = 1.18 xx 10^(14) xx (0.53)/100 = 6.254 xx 10^(11)` उत्सर्जत इलेक्ट्रॉनों की न्यूनतम गतिज ऊर्जा `K_(min)=`शून्य उत्सर्जत इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा ` K_(max)=E -phi_(0) = 10.6 - 5.6 = 5.0 eV` |
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| 208. |
दृश्य क्षेत्र (लगभग 5000 Å तरंगदैर्घ्य के प्रकाश ) के लिए प्रयुक्त होने वाले प्रकाशवैधुत सेल के लिये लीथियम तथा ताँबे से कौन सी धातु उपयुक्त होगी ? लीथियम तथा ताँबे के कार्यफलन क्रमश : 2.3 eV तथा 4.0 eV है । `(h = 6.6 xx 10^(-34))` जूल - सेकण्ड , प्रकाश की चाल = `3.0 xx 10^(8)` मीटर / सेकण्ड । 1 इलेक्ट्रॉन - वोल्ट `=1.6 xx 10^(-19)` जूल |
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Answer» आपतित फोटॉन की ऊर्जा ` E= (hc)/lambda = ((6.6 xx 10^(-34))xx (3xx 10^(8)))/(5000 xx 10^(-10)) = 3.96 xx 10^(-19)` जूल ` (3.96 xx 10^(-19))/(1.6 xx 10^(-19))eV = 2.475 eV` लीथियम के लिये ` E gt phi_(0)` अंत : लीथियम के प्रकाश इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होगा ताँबे के लिये अंत : ताँबे से प्रकाश इलेक्ट्रॉनो का उत्सर्जन नहीं होगा। अंत: 5000 Å तरंगदैर्घ्य के प्रकाश के लिये लीथियम ही अधिक उपयुक्त है |
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| 209. |
लिथियम तथा ताँबे के कार्य-फलन क्रमशः `2*3` eV तथा 4 eV है | दृश्य प्रकाश में काम करने के लिए कौन-सी धातु उपयोगी होगी ? |
| Answer» लीथियम उपयुक्त होगी, क्योकि इसका कार्यफलन कम है | | |
| 210. |
कार्यफलन का व्यावहारिक मात्रक क्या है ? |
| Answer» Correct Answer - eV | |
| 211. |
एक चाँदी गेंद निर्वात में एक धागे से लटकायी गया है। इस पर 200 नैनोमीटर तरंगधैर्य का पराबैंगनी प्रकाश डाला जाता है। इसके परिणामस्वरूप गेंद कितना विभव प्राप्त करेगी ? ( चाँदी का कार्यफलन ` 4.7 eV , h = 6.6 xx 10^(-34)`, जूल - सेकण्ड ` c = 3 xx 10^(8)` मीटर/ सेकण्ड ) |
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Answer» पराबैंगनी प्रकाश क़े फोटॉन की ऊर्जा ` E = (hc)/lambda = (( 6.6 xx 10^(-34)) xx (3 xx 10^(8)))/( 200 xx 10^(-9))` ` = 9.9 xx 10^(-17)` जूल = ` ( 9.9 xx 10^(-17))/( 1.6 xx 10^(-19)) eV =6.2 eV` चाँदी कार्यफलन ` phi_(0) = 4.7 eV` आइन्सटीन की पकाशवैधुत समीकरण से प्रकाश इलेक्टॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा ` K_(max) = E- phi_(0) = 6.3 - 4.7 = 1.5 eV` यदि गेंद के परिणामी विभव V हो तो `eV = K_(max) = 1.5 eV` V = 1.5 वोल्ट |
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| 212. |
क्या सभी प्रकाश-इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा समान होती है ? |
| Answer» Correct Answer - नहीं | | |
| 213. |
एक धातु तो के लिये देहली तरंगदैर्घ्य 2890 Å है। इस पर ` 2.54 xx 10^(-7)` मीटर तरंगदैर्घ्य का प्रकाश डाला जाता है ज्ञात कीजिया - (A ) उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा। (B) प्रकाश इलेक्टॉनो का उत्सर्जन रोकने के लिए आवश्यक निरोधी विभव `(h = 6.6 xx 10^(-34)` जूल - सेकण्ड, ` c= 3.0 xx 10^(8)` मीटर / सेकण्ड ) |
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Answer» आइन्सटीन की पकाशवैधुत समीकरण से , ` K_(max) = hv - phi_(0) = (hc)/lambda- (hc)/lambda_(0) ` ` =hc [ 1/lambda - 1/(lambda_(0))] hc (lambda_(0)- lambda)/(lambda lambda_(0))` , `lambda_(0) = 2890 Å = 2.89 xx 10^(-7)` मीटर `(lambda_(0)-lambda)/(lambdalambda_(0)) = (2.89 xx 10^(-7) - 2.54 xx 10^(-7))/( 2.54 xx 10^(-7) xx 2.89 xx 10^(-7))/(2.54 xx 10^(-7) xx 2.89 xx 10^(-7))` ` = 4.786 xx 10^(5)` ` K_(max) = 6.6 xx 10^(-34) xx 3 xx10^(8) xx 4.768 xx 10^(5)` = ` 9.44 xx 10^(-20)` जूल (B) यदि निरोधी विभव `V_(0) "हो तो" , eV_(0) = K_(max) ` ` V_(0) = (K_(max))/e = ( 9. 44 xx 10^(-20))/(1.6 xx 10^(-19)) = 0.6 ` वोल्ट |
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| 214. |
प्रकाश के दो स्त्रोत A ओर B है | A से उत्सर्जित प्रकाश का तरंगदैर्घ्य 8000 Å से 11000 Å है जबकि B से उत्सर्जित प्रकाश का तरंगदैर्घ्य 3000 Å से 6000 Å तक है | A की तीव्रता B की अपेक्षा 4 गुनी है, किन्तु जब A से प्रकाश किसी धातु पर आपतित होता है तो प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं होते है, जबकि B का प्रकाश उसी धातु से प्रकाश-इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है क्यों ? |
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Answer» प्रकाश-इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन आपतित प्रकाश की ऊर्जा पर निर्भर करता है उसकी तीव्रता पर नहीं | A से उत्सर्जित प्रकाश का तरंगदैर्घ्य अधिक है, अतः उसकी ऊर्जा कम होगी | B से उत्सर्जित प्रकाश का तरंगदैर्घ्य कम है अतः उसकी ऊर्जा अधिक होगी | `[because E = hv = (hc)/(lambda)]` A से उत्सर्जित प्रकाश की ऊर्जा धातु के कार्यफलन से कम है | अतः उससे इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं होते है | B से उत्सर्जित प्रकाश की ऊर्जा के कार्यफलन से अधिक है | अतः उससे इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते है | |
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| 215. |
यदि किसी धातु पर गिरने वाला फोटॉन की ऊर्जा धातु की कार्यफलन की बराबर है । धातु से निकलने वाले इलेक्टॉन की गतिज ऊर्जा कितनी होगी ? |
| Answer» शून्ये `K_("max")=E-W=W-W=0` | |
| 216. |
2 किलोग्राम द्रव्यमान की एक वस्तु 1 मीटर/सेकण्ड की चाल से गतिमान है | उससे संलग्न डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य कितना होगा ? |
| Answer» `lambda = (h)/(mv) = (6*6 xx 10^(-34))/(2xx1) = 3*3 xx 10^(-34)` मीटर | |
| 217. |
प्रकाषवैधुत प्रभाव की सफलतापूर्वक व्याख्याकिसने कीA. हट्स नेB. प्लान्क नेC. मिलिकन नेD. आइंस्टाइन ने |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 218. |
फोटोन हैA. प्रकाश ऊर्जा का क्वांटमB. द्रिव्य का कावंताC. धनावेशित कणD. प्रकाश की त्रीवता नापने का यंत्र |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 219. |
पदार्थ का तरंग सिद्धांत दैनिक जीवन में क्यों दृष्टिगोचर नहीं होता ? |
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Answer» डी - ब्रॉगली तरंगदैर्ध्य `lambda=(h)/(mv)` अतः `lambda prop (1)/(m)` दैनिक जीवन में द्रव्य का द्रव्यमान अधिक होने से तरंगदैर्ध्य `lambda` का मान काफी कम होता है, अतः द्रव्य का तरंग सिद्धान दैनिक जीवन में दृष्टिगोचर नहीं होता । |
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| 220. |
निरोधी विभव से क्या तातपर्य है ? |
| Answer» संग्राहक प्लेट के उस ऋणात्मक विभव को, जिस पर प्रकाश-विघुत धरा का मान सुनी होता है, निरोधी विभव कहते है | | |
| 221. |
यदि एक गतिमान कण का द्रव्यमान m तथा वेग v हो, तो डिब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य h हेतु सूत्र लिखिए | |
| Answer» `lambda = (h)/(mv)` | |
| 222. |
1 मीटर तरंगदेतहरी के फोटों की ऊर्जा इलेक्ट्रॉन - वाल्ट में निकालिए | |
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Answer» Correct Answer - `12*375 xx 10^(-7) eV` `E=(hc)/lamda` `E=(6*6 xx 10^(-34) xx 3xx 10^8)/(1*6 xx 10^(-19))eV` या, `E=12*3375 xx 10^(-7)eV`. |
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| 223. |
100 eV गतिज ऊर्जा वाली इलेक्ट्रॉन धरा का तरंगदैघ्र्य कितना होगा ? ( `h = 66 xx 10^(-34)` जूल `xx` सेकण्ड, `m=9.1 xx 10^(-35)` किग्रा ) |
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Answer» Correct Answer - `1*2 Å` `lamda = h/sqrt(2mE)` `=(6*6 xx 10^(-34))/sqrt(2xx9*1 xx 10^(-31)xx 100 xx 1*6 xx 10^(-19))` ` = 1*2 xx 10^(-19)m` `=1*2 Å` |
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| 224. |
यदि 6 इलेक्ट्रॉन वाल्ट की फोटों ऊर्जा `2*1 eV` कार्य फलन वाली सतह पर आपतित की जाए तो निरोधी विभव का मान होगा ---A. `5V`B. `-1*9V`C. `-3*9V`D. `-8*1V` |
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Answer» Correct Answer - C `eV_0 = hu - phi ` से, `eV_0 = 6 - 2*1 = 3*9eV` अतः `v_0 = -3*9` वाल्ट, निरोधी विभव ट्रान्त्मक विभव होता है | |
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| 225. |
आइंस्टीन समीकरण के आधार पर प्रकाश विद्युत प्रभाव की व्याख्या कीजिए । |
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Answer» प्रकाश विद्युत प्रभाव - आइंस्टीन प्रकाश - विद्युत समीकरण निम्न हैं- `(1)/(mv_("max")^(2))=h(v-v_(0))` इस समीकरण के आधार पर प्रकाश विद्युत प्रभाव की धारणा निम्नानुसार की जा सकती है - (i ) यदि किसी निश्चित आवृत्ति `v` के प्रकाश की तीव्रता बढ़ाई जाये तो धातु सतह से प्रति सेकण्ड टकराने वाले फोटॉनों की संख्या उसी अनुपात में बढ़ जाएगी, क्योंकि प्रति सेकण्ड इकाई क्षेत्रफल पर जितनी प्रकाश ऊर्जा गिरती है वही प्रकाश की तीव्रता होती है और फोटॉनों की संख्या ऊर्जा की मात्रा के अनुक्रमानुपाती होती है, परन्तु प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा `hv` ही रहेगी, अतः धातु तल से प्रति सेकण्ड उत्सर्जित प्रकाश - इलेक्ट्रानों की संख्या बढ़ जाएगी परन्तु उनकी अधिकतम ऊर्जा `(E_(k))` उतनी ही रहेगी । (ii ) यदि तो आइंस्टीन समीकरण के अनुसार, इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा भी उसी अनुपात में बढ़ जाती है। आइंस्टीन समीकरण से यह स्पष्ट है `(E_(k) prop hv)` | (iii ) यदि `vltv_(0)` तो आइंस्टीन समीकरण के अनुसार, इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा ऋणात्मक होती, जो कि असम्भव है, अर्थात इस स्थिति में इलेक्ट्रॉन निकलेंगें ही नहीं चाहे प्रकाश की तीव्रता कितनी ही बढ़ा दी जाये । (iv ) फोटॉन को विभाजित नहीं किया जा सकता है, इसलिए किसी धातु से प्रकाश इल्केट्रॉनों का उत्सर्जन केवलं तब होता है, जब वह धातु फोटॉन को ज्यों - का - त्यों अवशोषित कर लेती है, इस प्रकार धातु पर प्रकाश के गिरते ही फोटॉन अपनी ऊर्जा इलेक्ट्रॉन को देकर स्वयं समाप्त हो जाता है और उसी क्षण इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित हो जाता है। यह क्रिया तात्क्षणिक होती है। |
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| 226. |
द्रव्य का तरंग-सिद्धांत दैनिक जीवन में क्यों दृष्टिगोचर नहीं होता ? |
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Answer» डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य `lambda = (h)/(mv)` अतः `lambda prop""(1)/(m)` दैनिक जीवन में द्रव्य का द्रव्यमान अधिक होने से तरंगदैर्घ्य `lambda` का मान काफी कम होता है | अतः द्रव्य का तरंग-सिद्धांत दैनिक जीवन में दृष्टिगोचर नहीं होता | |
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| 227. |
एक प्रकाश-इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करने में एक साथ कितने फोटॉन प्रभावी होते है ? |
| Answer» केवल एक फोटॉन प्रभावी होता है | | |
| 228. |
प्रकाश-विघुत प्रभाव में देहली आवृत्ति का होना, फोटॉन सिद्धांत को तरंग सिद्धांत से अधिक महत्व देता है, व्याख्या कीजिए | |
| Answer» तरंग सिद्धांत के अनुसार यदि यथेष्ट समय तक किसी भी आवृत्ति के प्रकाश को धातु की सतह पर डाला जाये तो प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होंगे | किन्तु प्रायोगिक निष्कर्ष यह बतलाता है कि इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन तभी सम्भव हो पाता है, जबकि आपतित प्रकाश की आवृत्ति एक न्यूनतम आवृत्ति, जिसे देहली आवृत्ति कहते है, से अधिक हो | यह तथ्य फोटॉन सिद्धांत की पुष्टि करता है | | |
| 229. |
.................. आवृत्ति से कम आवृत्ति पर इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन सम्भव नहीं है | |
| Answer» Correct Answer - देहली | |
| 230. |
आपतित प्रकाश की तीव्रता को बढ़ाने पर प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की संख्या और वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? |
| Answer» प्रकाश-इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जायेगी, किन्तु वेग अपपरिवर्तित रहेगा | | |
| 231. |
सिनेमा में ध्वनि के पुनरुतपादन के लिए कौन-सी सेल प्रयुक्त करते है ? |
| Answer» गैस युक्त प्रकाश-विघुत-सेल | | |
| 232. |
प्रकाश-विघुत सेल किस ऊर्जा को किस ऊर्जा में परिवर्तित करता है ? |
| Answer» प्रकाश-ऊर्जा को विघुत-ऊर्जा में | | |
| 233. |
प्रकाश-विघुत प्रभाव में प्रकाश ऊर्जा का ........... में स्थानांतरण होता है | |
| Answer» Correct Answer - विघुत-ऊर्जा, | |
| 234. |
विकिरण की प्रकृति ......... होती है | |
| Answer» Correct Answer - द्वैती | |
| 235. |
कैथोड किरणे, किस तरह X-किरणे उतपन्न करती है ? |
| Answer» जब कैथोड किरणे अधिक परमाणु भर और द्रव्यणाक वाली धातुओं पर आपतित होती है | | |
| 236. |
जब प्रकाश किसी धातु की सतह पर आपतित होता है, तो एक फोटॉन केवल एक इलेक्ट्रॉन को उत्सर्जित करता है | क्या किसी धातु पर जितने फोटॉन आपतित होते है, उतने ही प्रकाश-इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होंगे ? |
| Answer» Correct Answer - नहीं | | |
| 237. |
एक धातु से परशाह से 1824 Å तरनदीघार्य दवरा उत्सर्जित इल्कट्रोन की अधिकतम ऊर्जा `5*3 e V` है यदि 1216 Å तरनदीघार्य के प्रकाश का प्रयोग किया जाये, तो उत्सर्जित इल्क्ट्रोन की अधिकतम ऊर्जा `8*7 eV` होती है धातु के पृष्ठ का कार्य फलन है ---A. `21*5 eV`B. `6*8 eV`C. `13*6 eV`D. `3*5 eV` |
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Answer» Correct Answer - A `E_k = hv o phi` से `hv = E_k + phi rArr (hc)/lamda = E_k + phi` `rArr hc = lamda (E_k +phi )=` नियतांक अतः `1824(5*3+phi) = 1216 ( 8*7 +phi )` |
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| 238. |
एक इल्कट्रोन जिसकी गतिज ऊर्जा 120 eV है, उसका संवेग तरनदीघार्य क्या है ? |
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Answer» दिया है --- गतिज ऊर्जा `=120eV` `=120 xx 1*6 xx 10^(-19) J` संवेग `P=sqrt(2mk)` ` = sqrt(2xx9*1 xx 10^(-31) xx 120 xx 1*6 xx 10^(-19))` `= 5*91 xx 10^(-24)" kg ms"^(-1)` |
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| 239. |
एक इल्कट्रोन जिसकी गतिज ऊर्जा 120 eV है, उसका चाल तरनदीघार्य क्या है ? |
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Answer» दिया है --- गतिज ऊर्जा `=120eV` `=120 xx 1*6 xx 10^(-19) J` इलेक्ट्रॉन की चाल `V=P/m` `= (5*91 xx 10^(-24))/(9*1 xx 10^(-31)) = 6*5 xx 10^(6) ms^(-1)` |
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| 240. |
ताँबे और सोडियम में से किसका कार्य - फलन अधिक है? |
| Answer» ताँबे का कार्यफलन सोडियम से अधिक है। | |
| 241. |
प्रकाश विद्युत धारा का मान नियत आवृत्ति पर किस प्रकार निर्भर करता है? |
| Answer» नियत आवृत्ति पर धारा का मान आपतित प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर करता है । | |
| 242. |
एक इलेक्ट्रॉन जिसकी गतिज ऊर्जा 120 eV है, उसका (b ) चाल |
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Answer» दिया है- गतिज ऊर्जा = 120 eV `=120xx1.6xx10^(-19)J` इलेक्ट्रॉन की चाल `V=(P)/(m)` `=(5.91xx10^(-24))/(9.1xx10^(-31))` `=6.5xx10^(6)ms^(-1)`. |
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| 243. |
प्रोटॉन व `alpha` - कणों की उर्जायें समान हों तो उनकी तरंग का अनुपात क्या होगा ? |
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Answer» हम जानते हैं कि यिद K ऊर्जा और m द्रव्यमान हो, तो तरंगदैर्ध्य `lambda=(h)/(sqrt(2Km))` चूँकि दिया गया है कि उर्जायें समान हैं लेकिन द्रव्यमान और तरंगदैर्ध्य अलग-अलग है । प्रोटॉन के लिए, `lambda(p)=(h)/(sqrt(2Km_(p)))` `alpha`- कण के लिए, `lambda_(alpha)=(h)/(sqrt(2Km_(alpha)))` समीकरण (1 ) में समीकरण (2 ) का भाग देने पर, `(lambda_(p))/(lambda_(alpha))=sqrt((m_(alpha))/(m_(p)))` लेकिन हम जानते हैं - `m_(alpha)=4m_(p)` `(lambda_(p))/(lambda_(alpha))=sqrt((4m_(p))/(m_(p)))=sqrt4=2` `therefore" "lambda_(p)=2lambda_(alpha)` `(lambda_(p))/(lambda_(alpha))=(2)/(1)` `lambda_(p):lambda_(alpha)=2:1`. |
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| 244. |
m द्रव्यमान के गतिशील कण की डी- ब्रॉगली तरंग लम्बाई `lambda` है तो उसकी गतिज ऊर्जा का मान बताइये । |
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Answer» m द्रव्यमान के गतिशील कण की गतिज ऊर्जा `k=(h^(2))/(2mlambda^(2))` होती है । |
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| 245. |
सिद्ध कीजिए कि समान विभवांतर से त्वरित प्रोटॉन एवं `alpha-` कण से संबद्ध द्रव्य तरंगों का तरंगदैर्ध्य का अनुपात `2sqrt2:1` होता है । |
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Answer» हम जानते हैं कि `lambda=(h)/(sqrt(2mK))` `(lambda_(p))/(lambda_(alpha))=(h)/(sqrt(2m_(p)K_(p)))` `=(h)/(sqrt(2m_(alpha).K_(alpha)))` `(lambda_(p))/(lambda_(alpha))=sqrt((m_(alpha).K_(alpha))/(m_(p).K_(p)))` `because m_(alpha)=4m_(p):K_(p)=v_(e)" तथा "K_(alpha)=2.v_(e)` `(lambda_(p))/(lambda_(alpha))=sqrt(((4m_(p))/(m_(p))xx(2.v_(e))/(ve)))` `(lambda_(p))/(lambda_(alpha))=sqrt8=2sqrt2` `lambda_(p):lambda_(alpha)=2sqrt2:1`. यही सिद्ध करना था । |
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| 246. |
एक इलेक्ट्रॉन जिसकी गतिज ऊर्जा 120 eV है, उसका (c ) डी - ब्रॉगली तरंगदैर्ध्य क्या है ? |
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Answer» दिया है- गतिज ऊर्जा = 120 eV `=120xx1.6xx10^(-19)J` `lambda =(h)/(p)=(6.6xx10^(-34))/(5.91xx10^(-24))` `=0.112 xx10^(-9)m` `=0.112m.` |
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| 247. |
आगे आने वाली दो संख्याओं का आकलन रोचक होसकता है पहली संख्या यह बताएगी की रेडियो अभिक्रियान्त्रिक, फोरताओं की अधिक चिंता क्योँ नहीं करते | दसरी संख्या आपको यह बताएगी की हमारे नेत्र फोटों की गति क्योँ नहीं कर सकते, भले ही प्रकाश साफ़ - साफ समुछ्न योग्य हो | निम्नतम तीव्रता का स्वेत प्रकाश जिसे हम देख सकते है, `( - 10^(-10) W m^(-2))` के सगत फोटॉनों की संखया जो प्रति सेकण्ड हमारे नेत्रों की पुतली में प्रवेश करती है | पुतली का क्षेत्रफल लगभबग `0*4 cm^2` और स्वेत प्रकाश की औसत आवृति को लगभग ` 6 xx 10^(14) Hz` मनीय |
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Answer» न्यूनतम तीव्रता `I = 10^(-10) W m^(-1)` पुतली का क्षेत्रफल `A = 0*4 cm^2 = 0*4 xx 10^(-4) m^2` औसत आवृति ` v = 6 xx 10^(14)Hz` `because" " E = hv` `= 6*63 xx10^(-34) xx 6 xx 10^(14)` `= 4xx10^(-19) J` प्रति सेकण्ड पुतली में प्रवेश करने वाले फोटों की संख्या `= (I.A.)/E` ` = (10^(-19) xx 0*4 xx 10^(-4))/(4xx10^(-19))= 1*0 xx 10^4` फोटोन/सेकण्ड |
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| 248. |
एक नियॉन लैंप से उत्पन्न640.2nm(1nm=10−9m)तंरगदैर्घ्य का एकवर्णी विकिरण टंगस्टन पर सीजियम से निर्मित प्रकाश संवेदी पदाथ को विकिरित करता है। निरोधी वोल्टता0.54Vमापी जाती है। स्त्रोत को एक लौह-स्त्रोत से बदल दिया जाता है। इसकी427.2nmवर्ण रेखा उसी प्रकाश सेल को विकिरित करती है। नयी निरोधी वोल्टता ज्ञात कीजिए। |
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Answer» दिया है, `lamda_1 = 640*2 xx 10^(-9) m` निरोधी वोल्टा `V_0 = 0*54 V` ` lamda_2 = 427*2 xx 10^(-9) m, V_0 = ?` सूत्र--- `eV_0 = (hc)/lamda - phi_0` निआव लेम्प के लिए `eV_0 =(hc)/lamda_1 - phi_0` लोह स्त्रोत के लिए `eV_0 = (hc)/lamd_2 - phi_0` ` :." "eV_0 - eV_0 = hc[1/lamda_2 - 1/lamda_2]` या `V_0 - V_0 = (hc)/e[1/lamda_2 - 1/lamda_2]` `(6863 xx 3 xx10^2)/(1*6) xx (213)/(427*2 xx 640*2) = 0*97 V` `:." "V_0 = V_0 +0*97` ` = 0*54 + 0*97 = 1*51 V.` |
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फोटोन की ऊर्जा `E = (h)/(v)` होती है | |
| Answer» Correct Answer - असत्य | |
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एक 100 W पारद ( Mercury ) स्त्रोत से उत्पन्न 2271 Å तरंगदैघ्र्य का पराबैंगनी प्रकाश एक मालिब्डेनम धातू से निर्मित प्रकाश सेल को विकिरित करता है यदि निरोधी बिभव `-1*3V` हो, तो धातु के कार्य - फलां का आकलन कीजिय | एक He - Ne लेसर द्वारा उत्पान 6328 Å के उच्च तीव्रता `( - 10^5 Wm^(-2))` के लाल प्रकाश के साथ प्रकाश सेल की प्रकार अनुक्रिया करेगा ? |
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Answer» दिया है --- `lamda = 2271 Å = 2271 xx 10^(-10)m` `V_0 = 1*3 V, h = 6*63 xx 10^(-10)"J-sec"` `e = 1*6 xx 10^(-19) C` सूत्र --- ` 1/2 mv_("max")^2 = hv - phi_0` या ` eV_0 = hu - phi_0 ` ` :." "phi_0 = hu - eV_0` ` = (hc)/lamda = eV_0` ` = (6*63 xx 10^(-34)xx 3 xx 10^8)/(2271 xx 10^(-10)) - 1*6 xx 10^(-19) xx 1*3` ` = ( 8 * 72 xx 10^(-19) - 2*08 x 10^(-19))J` ` = (6*64 xx 10^(-19)) /(1*6 xx 10^(-19))eV ` ` = 4*2 eV`. देगली आवृति `v_0 = phi_0 /h = (6*64 xx10^(-19))/(6*63 xx 10^(-34))Hz` ` = 1xx10^(15)Hz` लाल रंग के लिए `lamda_R = 6328 " "Å = 6328 xx 10^(-10) m` `:." "u_R = c/lamda = (3xx10^8)/(6328 xx 10^(-10))= 4*74 xx 10^(14) Hz` `becaue u_R lt v_0` अतः इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन नहीं होगा यहपी लाल रंग की तीव्रता अधिकतम है | |
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