Explore topic-wise InterviewSolutions in .

This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

251.

एक 100 W पारा (Mercury) स्त्रोत से उत्पान 2271 Å तरंगदैर्ध्य का पराबैगनी प्रकाश एक मालिडेनम धातु से निर्मित प्रकाश सेल को विकिरित करता है यदि निरोधी विभव -1.3 V हो तो धातु के कार्यफलां का आकलन कीजिये एक HeNe लेसर द्वार उत्पान 6328 Å के उच्च त्रीवता `(10^(5))` की लाल प्रकाश की साथ प्रकाश सेल किस प्रकार अनुक्रिया करेगा

Answer» (a) दिया है पराबैगनी तरंगो की तरंगदैर्ध्य
`lambda=2271 Å`
`=2271xx10^(-10)`
निरोधी विभवांतर `(V_(0))=1.3 V` (p)=100W
माना `phi_(0)` कार्य फलन है
ऊर्जा का सूत्र प्रयुक्त करने पर `(E)=hv-hv_(0)-eV_(0)`
`(hc)/(lambda)-phi_(0)=eV_(0)`
`phi_(0)=(hc)/(lambda)-eV_(0)=(6.63xx10^(-345)xx3xx10^(8))/(2271xx10^(8))-1.6x10^(-19)xx1.3`
`=8.758xxx10^(-19)-2.08xx10^(19)`
`phi =(6.678xx10^(-19))/(1.6xx10^(-19))eV=4.17eV`
लाल प्रकाश की तरंगदैर्ध्य `(lambda)=6328 Å =6328 xx10^(10)` मीटर
ऊर्जा `(E)=(hc)/(lambda)`
`=(6.63xx10^(-34)xx3xx10^(8))/(6328xx10^(-10)=(3.143xx10^(-19))/(1.6xx10^(-19))`eV=1.96 eV
यह पर ऊर्जा E=1.96 eV कार्य फलन `(phi_(0))` से कम है अतः फोटो सेल इस लाल प्रकाश की लिए कोई प्रभाव नहीं डालेगा
252.

एक पद लेम्प, प्रकाश-विधुत उत्सर्जन की क्योँकी यह दर्शय - स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी ( UV ) से लाल छोर तक हमरे प्रयोग में, पारद ( Merecury ) स्त्रोत की निम्न वर्ण - रेखाओं का प्रयोग किया गया --- `lamda_1 = 3650 Å, lamda_2 = 4047 Å, lamda_3 = 4358 Å, lamda_4 = 5461 Å, lamda = 6907 Å,` निरोधी वोलटाये क्रमशः निम्न मापी गई : `V_(01) = 1*28V, V_(02) = 0*95 V, V_(03) = 0*74 V, V_(04) = 0*16V, V_(05) = 0 V` धातु के लिए देगली आवृति तथा कार्य - फलन का आकलन कीजिय |

Answer» देहली आवृति `v_0 = 5 xx 10^(-14)J`
`phi_0 = hv_0`
` = (6*58 xx10^(-34) xx 5 xx 10^(-14))/(1*6 xx 10^(-19))eV`
`= 2*05 eV`
253.

किसी धातु को गर्म करने पर उसमे से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते है |

Answer» Correct Answer - सत्य
254.

एक गतिमान कारण का संवेग P है द्रिव्य तरंग की तरंगदैर्ध्य होगीA. `h//p`B. `p//h`C. `pxxh`D. p

Answer» Correct Answer - A
255.

विशिष्ट आवेश किसे कहते है ?

Answer» आवेशित कण के आवेश और द्र्वयम्मन के अनुपात को विशिष्ट प्रतिरोध कहते है |
256.

जब समान गति से चलता हुआ एक इलेक्ट्रॉन उसकी गति के लंबवत लगाये गये विघुत क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो उसका पथ किस प्रकार का होता है ?

Answer» Correct Answer - परवलयाकार |
257.

इलेक्ट्रॉन का विशिष्ट आवेश कितना होता है ?

Answer» `1*76 xx 10^(11)` कूलॉम/किग्रा
258.

जब समान गति से चलता हुआ एक इलेक्ट्रॉन उसकी गति के लंबवत चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो उसका पथ किस प्रकार का होता है ?

Answer» Correct Answer - वृत्ताकार |
259.

टेलीविजन की पिक्चर ट्यूब में इलेक्ट्रॉन-पुँज को चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा विक्षेपित किया जाता है, विघुत-क्षेत्र द्वारा नहीं, क्यों ?

Answer» यदि विघुत-क्षेत्र द्वारा विक्षेपित किया जाता है तो उच्च वोल्टेज की आवश्यकता होगी अथवा ट्यूब लम्बी लेनी होगी |
260.

किसी कण के विशिष्ट आवेश का क्या अर्थ है ?

Answer» विशिष्ट आवेश= `("आवेश")/("द्रव्यमान").`
261.

आगे आने वाली दो संख्याओ का आकलन रोचक हो सकता है पहेली संख्या यह बताएगी की रोडियो अभियांत्रिक फोटोन की अधिक चिंता क्यों नहीं करते दुस्तरे संख्या आपको यह बताएगी की हमारे नेत्र फोटोनो की गिनती क्यों नहीं क्र सकते है भले ही प्रकाश साफ़ साफ़ सुसुचान योग्य हो (a) एक मध्य तरंग (medium wave) 10 kW सामर्य की प्रेषि जो 500 मीटर तरंगदारिद्य की रोडियो तरंग उत्सर्जित करता है के द्वारा प्रति सेकंड उत्सर्जित फोटोनो की संख्या (b) निम्नतम तीव्रता का सवेट प्रकाश जिसे हम डेक सकते है `(-10^(10))` के सांगत फोटोन की संख्या जो प्रति सेकंड हमारे नेत्रों की पुतली में प्रवेश करती है पुतली का छेत्रफल लगभग 0.4 सेमि और श्वेत की आयसत आवर्ती को लगभग `6xx10^(14)` Hz मानिये

Answer» (a) दिया हिअ `P=10KW =10xx10^(3)W`
रेडिओ तरंग की तरंगदैर्ध्य `(lambda)=500` मीटर
प्रत्येक फोटोन की ऊर्जा `E=(hc)//(lambda)=(6.63xx10^(34)xx3xx10^(8))/(500)`
`E=3.978xx10^(-28)` J
(b) ओसत आवर्ती `(v)=6xx10^(14)` Hz
ऊर्जा / क्षेत्र फलन समय `=10^(-10)` वेबर / मीटर
पुतलियों का क्षेत्र फलन =0.4 सेमि `=0.4xx10^(-4)` मीटर
प्रत्येक फोटोन की ऊर्जा
`E=hv=6.63xx10^(-34)xx6xx10^(14)=3.978xx10^(19)` J प्रति सेकंड फोटोनो की संख्या `(n)=(E)/(E)=(4xx10^(-15))/(3.315xx10^(19))`
`=1206xx10^(4)`
चूँकि ये संख्या अत्यधिक है अतः प्रत्येक फोटोन को हमारी आखो द्वारा सुगमता से नहीं देखा जा सकता है
262.

तरंग प्रकृति किसके द्वारा प्रदर्शित होती हैA. सभी कणो द्वाराB. सभी गतिमान कणो द्वाराC. केवल आवेशित कणो द्वाराD. सभी चुंबकीय करने द्वारा

Answer» Correct Answer - B
263.

दी ब्रोग्ली परिकल्पना के अनुसार गतिमान इलेक्ट्रान हैA. कणB. तरंगC. दोनोंD. इनमे से कोई नहीं

Answer» Correct Answer - B
264.

किस संयोजन से प्रकाश की द्वैत प्रकृति प्रकट होती हैA. प्रकाश विधुत प्रभावB. प्रवर्तन व् वियतीकरणC. विवर्तन व प्रवर्तनD. विवर्तन व प्रकाश विधुत प्रभाव

Answer» Correct Answer - D
265.

फोटो सेल से इलेक्ट्रॉन कब उत्सर्जित होते है ?

Answer» जब देहली आवृति से अधिक आवृत्ति का प्रकाश आपतित होता है |
266.

यदि प्रकाषवैधुत उत्सर्जित में प्रकाश की तीव्रता घटा दे जाती है तो निरोधी विभवA. घट जायेगाB. बढ़ जायगाC. समान रहेगाD. घट या बढ़ सकता है प्रकाश के ध्रुवं पर निर्भर करता है

Answer» Correct Answer - C
267.

आइंस्टाइन प्रकाषवैधुत समीकरण में किस सरकछाड़ नियम का पालन होतो हैA. आवेशB. ऊर्जाC. संवेगD. द्रिव्यमान

Answer» Correct Answer - B
268.

निरोधी विभव पर प्रकाषवैधुत धारा का मान होता हैA. न्यूनतमB. अधिकतमC. शून्येD. अनंत

Answer» Correct Answer - C
269.

प्रकाश तरंगो की प्रकृति समान होती हैA. केथोड किरणों कीB. कणो केC. किरणों केD. कणो के

Answer» Correct Answer - C
270.

उस घटना का नाम लिखिए जो प्रकाश की कण प्रकृति की पुष्टि करता है ?

Answer» प्रकाश-विघुत प्रभाव,
271.

प्रकाश की द्वैती प्रकृति से आपक्या समझते हैं?

Answer» विकिरण (प्रकाश ) की दो अभिमुखता होती है, कही पर यह तरंग की तरह व्यवहार करता है और कही पर कण की तरह । विकिरण की इस प्रकृति को उसको द्वैती प्रकृति कहते हैं।
272.

जिंक की सतह से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा विकिरण सबसे ज्यादा प्रभावशील होगा-माइक्रो तरंग, अवरक्त विकिरण, पराबैगनी विकिरण ?

Answer» Correct Answer - पराबैंगनी विकिरण |
273.

प्रकाश, विघुत उत्सर्जन के लिए क्षारीय धातुएँ क्यों उपयुक्त होती है ?

Answer» क्योकि उनका कार्य-फलन कम होता है |
274.

हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धान का उल्लेख कीजिए ।

Answer» इस सिद्धान के अनुसार किसी एक समय पर एक कण की स्थिति और संवेग दोनों का एक साथ एक ही दिशा में पूर्ण रूप से यथार्थ निर्धारण नहीं क्या जा सकता । इनमे से किसी एक को सही नापने के लिए अभिकल्पना की जाये तो दूसरे का निर्धारण पूर्ण रूपेण अनिश्चित हो जायेगा ।
`Deltax.Deltap ge (h)/(4n)`
275.

क्या कारण है कि किसी धातु के लिए एक निश्चित मान से अधिक तरंगदैर्घ्य के प्रकाश के प्रकाश-विघुत उत्सर्जन नहीं होता ?

Answer» कार्यफलन `phi = hv_(0) = (hc)/(lambda_(0))`
यदि आपतित प्रकाश का तरंगदैर्घ्य एक निश्चित तरंगदैर्घ्य `lambda_(0)` से अधिक है, तो आपतित फोटॉन की ऊर्जा, धातु के कार्य-फलन से कम होगी | अतः धातु से प्रकाश-विघुत उत्सर्जन नहीं होगा |
276.

द्रव्य तरंग क्या है? इनकी प्रमुख विशेषताएँ बताइए तथा इनकी तंगदैर्ध्य ज्ञात करने की डी - ब्रॉगली समीकरण की स्थापना कीजिए ।

Answer» द्रव्य तरंग - डी - ब्रॉगली के अनुसार, प्रत्येक गतिशील कण के साथ तरंग संलग्न होती है, इस तरंग को द्रव्य तरंग कहते हैं।
द्रव्य तरंगों - विशेषताएँ - (i ) विद्युत चुंबकीय तरंगों की तरह ही ये निर्वात से संचरित हो सकती हैं।
(ii) इनका कोई भौतिक रूप नहीं होता। ये प्रायिकता तरंगें होती है ।
(iii ) द्रव्य तरंगें सभी प्रकार के (आवेशित व निरावेशित ) गतिशील कणों के साथ संबंधित पायी जाती है।
(iv ) ये विद्युत चुंबकीय तरंगें नहीं है, क्योंकि विद्युत चुंबकीय तरंगें प्रत्येक द्रव्य कण के साथ संबंधित होती हैं।
डी - ब्रॉगली तरंगदैर्ध्य - विकिरण के क्वाण्टम सिद्धांत के अनुसार, एक फोटॉन की ऊर्जा
`E=hv" ...(1)"`
यदि फोटॉन को m द्रव्यमान का एक कण मान लिया जाये,तो आइंस्टीन के द्रव्यमान ऊर्जा संबंध से
`E=mc^(2)" ...(2)"`
समीकरण (1 ) और (2 ) से,
`hv=mc^(2)`
या `" "m=(hv)/(c^(2))`
परन्तु`" "c=upsilon lambda`
`therefore" "upsilon=(c)/(lambda)`
`therefore" "m=(h/c//lambda)/(c^(2))`
या `" "m=(h)/(clambda)" ...(3)"`
चूँकि फोटॉन प्रकाश की चाल से चलता है, फोटॉन का संवेग
`p=mc`
समीकरण (3 ) से मान रखने पर,
`p(h)/(c lambda).c`
या `" "p=(h)/(lambda)`
या `" "lambda=(h)/(p)" ...(4)"`
डी - ब्रॉगली के अनुसार, समीकरण (4 ) सामान्य सूत्र है, जो फोटॉन के साथ - साथ द्रव्य कणों के लिए भी सत्य है। यदि m द्रव्यमान का कण v वेग से गतिशील है तो कण का संवेग
`p=mv`
या `" "lambda=(h)/(mv)`
277.

क्या कारण है कि किसी धातु के लिए एक निश्चित मान से अधिक तरंगदैर्ध्य के प्रकाश से प्रकाश विद्युत उत्सर्जन नहीं होता हैं?

Answer» यदि आपतित प्रकाश की तरंगदैर्ध्य `lambda` है, तो आपतित प्रकाश की फोटॉन की ऊर्जा `(hc)/(lambda)` होगी।
यदि धातु की देहली तरंगदैर्ध्य `lambda_(0)` है जो एक धातु के लिए नियत है, तो धातु का कार्य फलन `hv_(0)` या `(hc)/(lambda_(0))` होगा जहाँ h को प्लांक नियतांक कहते हैं।
आइंस्टीन के अनुसार, उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा
`E_(k)=(hc)/(lambda)-(hc)/(lambda_(0))`
अब यदि `lambda lt lambda_(0),` तो फोटो-इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा धनात्मक होगी,c अर्थात प्रकाश विद्युत उत्सर्जन होगा।
यदि `lambda gt lambda_(0),` तो `E_(k)=` अर्थात प्रकाश उत्सर्जन नहीं होगा। यदि तो ऋणात्मक, जो असम्भव है, अर्थात तब भी प्रकाश विद्युत उत्सर्जन नहीं होगा ।
अतः किसी धातु के लिए एक निश्चित मान से अधिक तरंगदैर्ध्य के प्रकाश से प्रकाश विद्युत उत्सर्जन नहीं होता है।
278.

1 eV को परिभाषित कीजिए ।

Answer» एक स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन जब एक वोल्ट विभवान्तर से त्वरित होता है तो उसके द्वारा प्राप्त गतिज ऊर्जा को 1 eV कहते हैं।
279.

डी ब्रॉगली तरंगों को परिभाषित कीजिए ।

Answer» किसी गतिशील कण के साथ सदैव एक तरंग संबंद्ध होती है। सर्वप्रथम इस संकल्पना की प्रस्तुति डी ब्रोग्ली ने दी थी। अतः इन तरंगों को द्रव्य तरंग या डी- ब्रॉगली ने डी थी। अतः इन तरंगों को द्रव्य तरंग या डी - ब्रांगली तंरग कहते हैं।
280.

कार्य फलन से आप क्या समझते हैं?

Answer» कार्य फलन वह न्यूनतम ऊर्जा होती है, जो किसी धातु के भीतर से मुक्त इलेक्ट्रॉन को बाहर तल लाने के लिए आवश्यक होती है।
281.

द्रव्यतरंगों को परिभाषित कीजिए ।

Answer» किसी गतिशील कण के साथ सदैव एक तरंग संबंद्ध होती है। सर्वप्रथम इस संकल्पना की प्रस्तुति डी ब्रोग्ली ने दी थी। अतः इन तरंगों को द्रव्य तरंग या डी- ब्रॉगली ने डी थी। अतः इन तरंगों को द्रव्य तरंग या डी - ब्रांगली तंरग कहते हैं।
282.

प्रकाश विद्युत प्रभाव क्या है? प्रकाश विद्युत उत्सर्जन का नियम लिखिए ।

Answer» जब उचित आवृत्ति, तरंगदैर्ध्य या ऊर्जा का प्रकाश कुछ धातुओं पर आपतित होता है, तो उनमें से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होने लगता है। प्रकाश की इस घटना को प्रकाश विद्युत प्रभाव कहते हैं। इस घटना में प्रकाश ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में रूपांतरण होता है
प्रकाश विद्युत उत्सर्जन का नियम -
प्रेक्षणों के आधार पर लेनार्ड तथा मिलिकन ने प्रकाश - विद्युत उत्सर्जन के निम्नलिखित नियम स्थापित किए -
(i ) धातु पर विकिरण के पहुँचने और प्रकाश इलेक्ट्रानों के उत्सर्जन के मध्य कोई समय नहीं होती अर्थात धातु पर विकिरण के आपतित होते ही इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होने लगते हैं।
(ii ) उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या आपतित विकिरण की तीव्रता पर निर्भर करता है। यह विकिरण की आवृत्ति पर निर्भर नहीं करता ।
(iii ) उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों का वेग (या गतिज ऊर्जा ) आपतित विकर्ण के आवृति पर निर्भर करता है, यह विकिरण की तीव्रता पर निर्भर नहीं करता ।
(iv ) प्रत्येक धातु के लिए निश्चित आवृत्ति, जिसे देहली आवृत्ति कहते हैं, होती है जिसके लिए प्रकाश उत्सर्जन सम्भव नहीं है, चाहे प्रकाश की तीव्रता कितनी भी हो ।
283.

निरोधी विभव से आप क्या समझते हैं।

Answer» निरोधी विभव वह ऋणात्मक विभव होता है जिस पर प्रकाश विद्युत धारा का मान शून्य हो जाता है।
284.

प्रकाश - विधुत प्रभाव के एक प्रयोग में, प्रकाश आवृति के विरुद्ध आतंक वोल्टता की ढलान `4*12 xx 10^(15) Vs` प्राप्त होती है प्लैक स्थराननक का मान परिकलित कीजिय |

Answer» दिया है--- प्रकाश आवृति के विरूद्ध आतंक वोल्टा (Cut - of Voltaage) ग्राफ्ग का ढाल ( Slop )
`(delta V)/(Delta v) = 4*12 xx 10^(-15)` Volt - sec
`h = (Delta V)/(Delta v) e`
` = 4*12 xx 10^(-15) xx 1*6 xx 10^(-19)`
` = 6*692 xx 10^(-34)` J-sec
285.

एक 100 W डोडियां बल्ब ( लेम्प ) सभी दिशाओ के एकसमान ऊर्जा विकिरित करता है लेम्प को एक ऐसे बड़े गोले के केंद्र पर रखा गया है जो इस पर आपतित सोडियम के सम्पूर्ण प्रकाश को अवशोषित करता है सोडियम प्रकाश का तरंदेघरी 589 nm है | सोडियम प्रकाश से जुड़े प्रति फोटान की ऊर्जा कितनी है ?

Answer» दिया है, शक्ति `P = 100 W `
`lamda = 589 nm = 589 xx 10^(-9) m`
सूत्र --- `E= (hc)/lamda = (6*6 xx 10^(-34)xx 3 xx 10^(8))/(589 xx 10^(-9))= 3*36 xx 10^(-19)J`
या `E = (3*38xx10^(-19))/(1*6 xx 10^(-19)) eV`
` = 2*1 eV`
286.

एक 100 W डोडियां बल्ब ( लेम्प ) सभी दिशाओ के एकसमान ऊर्जा विकिरित करता है लेम्प को एक ऐसे बड़े गोले के केंद्र पर रखा गया है जो इस पर आपतित सोडियम के सम्पूर्ण प्रकाश को अवशोषित करता है सोडियम प्रकाश का तरंदेघरी 589 nm है | गोले को किस दर से फोटोन प्रदान किय जा रहे है ?

Answer» दिया है, शक्ति `P = 100 W `
`lamda = 589 nm = 589 xx 10^(-9) m`
गोले को फोटॉन प्रदान होने की दर
`N = P/E = (100)/( 3*38 xx 10^(-19)) = 3 xx 10^(20)` फोटोन प्रति सेकण्ड |
287.

एक 100 W सोडियम बल्ब सभी दिशाओ में एकसामान ऊर्जा विकिरित करता है लैंप को एक ऐसे बड़े गोले के केंद्र पर रखा गया है जो एक पर आपतित सोडियम के सम्पूर्ण प्रकाश को अवशोषित करता है सोडियम प्रकाश का तरंगदैर्ध्य 589 नैनोमीटर है (a) सोडियम प्रकाश से जुड़े प्रति फोटोन की ऊर्जा कितनी है (b) गोले को किस डॉ से फोटोन प्रदान किय जा रहे है

Answer» दिया है लैंप की सनकी `(p)=100W`
Na प्रकाश का तरंगदारिद्य `(lambda) =589` नैनोमीटर `589xx10^(-9)` मीटर प्लांक नियतांक `(h)=6.63xx10^(-34)` J-s
(a) प्रत्येक फोटोन की ऊर्जा
`E=(hc)/(lambda)=(6.63xx10^(-34)xx3xx10^(8))/(589xx10^(-19)`
`=3.386xx10^(-19)` J
`=(3.38xx10^(-19))/(1.6xx10^(-19))` eV
=2.11 eV
माना n फोटोन प्रति सेकंड प्रदत होते है
`therefore n=("सनकी")/("प्रतेक फोटोन की ऊर्जा")`
फोटोन/ सेकंड `=3xx10^(20)` फोटोन / सेकंड प्रदत होते है
288.

टगस्टन और सोडियम के कार्य - फलां क्रमशः `4*5 eV` और `2*3 eV` है | यदि सोडियम का देहली तरंगदैघ्र्य `5460 Å` हो, तो टंगस्टन का देहली तरंगदैघ्र्य क्या होगा |

Answer» Correct Answer - `2427 Å`
`phi = (hc)/lamda`
`:." "phi prop 1/lamda`
`:." "phi_1/phi_2 = lamda_2/lamda_1`
`:." "phi_r/phi_s = lamda_s/lamda_r`
या `lamda_r = (phi_s lamda_s)/phi_r = ( 2xx 5460)/(4*5)=2427 Å`
289.

सोडियम की प्रकाशवैधुत देहली तरगदैधर्य 6800 Å है । इस कथन का अर्थ स्पष्ट कीजिये ।

Answer» सोडियम से प्रकाश इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन के लिये आपतित प्रकाश की तरगदैधर्य 6800 Å अथवा इससे काम होनी चाहिऐ ।
290.

तांबे का कातांबे का कार्यफलन सोडियम के कार्यफलन से अधिक है । इनमे (a) कौन - सी धातु की आवृत्ति अधिक है ? (b) कौन- सी धातु की देहली तरगदैधर्य अधिक है

Answer» (a) तांबे (b) सोडियम
291.

एक धातु का कार्यफलन `0*1 eV` है | प्रकाश-विघुत विसर्जन के लिए देहली आवृत्ति ज्ञात कीजिए |

Answer» दिया है- `phi = 0*1 eV = 0*1 xx 1*6 xx 10^(-19)` जूल |
`h = 6*6 xx 10^(-34)` जूल-सेकण्ड
सूत्र- `phi = hv_(0)` से
`u_(0) = (phi)/(h) = (0*1 xx 1*6 xx 10^(-19))/(6*6 xx 10^(34)) = 2*4 xx 10^(13)` हर्ट्ज
292.

यदि सीजियम का कार्यफलन `2*14` eV है, तो ज्ञात कीजिए- (a) सीजियम की देहली आवृत्ति (b) आपतित प्रकाश की तरंगदैर्घ्य, यदि प्रकाशिक धारा को `0*60` V का एक निरोधी विभव लगाकर शून्य किया जाए |

Answer» देहली आवृत्ति के लिए, आपतित विकिरण की ऊर्जा `hv_(0)` का मान कार्यफलन `phi_(0)` के समान होगा |
`therefore` ऊर्जा = कार्यफलन
या `hv_(0) = phi_(0)` या `v_(0) = (phi_(0))/(h) = (2*14 eV)/(6*63 xx 10^(-34)Js)`
` = (2*14 xx 1*6 xx10^(-19)J)/(6*63 xx 10^(-34)Js)`
` = 5*16 xx 10^(14) Sec^(-1)`
` = 5*16 xx 10^(14)` हर्ट्ज (Hz).
इस प्रकार `5*16 xx 10^(14)` Hz से कम आवृतियो के लिए कोई प्रकाशिक इलेक्ट्रान मुक्त नहीं होता है |
(b) जब उत्सर्जित प्रकाशिक इलेक्ट्रान की उच्चतम गतिज ऊर्जा `eV_(0)`, स्थितिज ऊर्जा या मंदक विभव के समान होगा, तब प्रकाशिक धारा शून्य होगी |
अर्थात `(K.E.)_(max) = eV_(0)`
या `(hc)/(lambda) - phi_(0) = eV_(0)`
या `lambda = (hc)/(eV_(0) + phi_(0))`
` = (6*63xx10^(-34)xx3xx10^(8)Jm)/(0*60xx1*0xx10^(-19)+2*14xx1*6xx10^(-19)J)`
` = (19*89xx10^(-26))/(0*60xx10^(-19)+3*424xx10^(-19))`
` = (19*89xx10^(-26))/((0*60+3*424)xx10^(-19)) = (19*89)/(4*024) xx10^(-7)`
` = 494*2 xx 10^(-19)m = 494*2` nm.
293.

प्रकाश-विघुत प्रभाव में प्रति सेकण्ड उत्सर्जित प्रकाश-इलेक्ट्रॉनों की संख्या किस पर निर्भर करती है ?

Answer» आपतित विकिरण की तीव्रता पर,
294.

कार्यफलन और देहली आवृत्ति को समझाइए |

Answer» Correct Answer - `phi = hv_(0)`.
295.

फोटॉन का गतिक द्रव्यमान कितना होता है ?

Answer» Correct Answer - `m = (hv)/(C^(2))`
296.

एक फोटॉन की ऊर्जा 10 eV है गणन कीजिये ।(A) फोटॉन की आवृत्ति (B) फोटॉन की तरंगदैर्घ्य (C ) फोटॉन की गतिक द्रव्यमान (D) फोटॉन का संवेग (दिया है `6.6 xx 10^(-34)` जूल - सेकण्ड ` c= 3 xx 10^(8)` मीटर / सेकण्ड )

Answer» (A) फोटॉन की आवृत्ति ` v = E/h = ( 10 xx 1.6 xx 10^(-19))/ ( 6.6 xx 10^(-34))`
` 2.424 xx 10^(15)` हर्टज
(B) फोटॉन की तरंगदैर्घ्य ` lambda = (hc)/E = ((6.6 xx 10^(-34)) (3 xx 10^(8)))/ ((10xx 1.6 xx 10^(-19)))`
`1.2375 xx 10^(-7)` मीटर
(C) फोटॉन की गतिक द्रव्यमान ` m = E/c^(2) = (10 xx 1.6 xx 10^(-19))/(3xx 10^(8))^(2)`
`1.78 xx 10^(-35)` किग़ा
(D) फोटॉन का संवेग ` p = E/c = (10 xx 1.6 xx 10^(-19))/(3 xx 10^(8))`
`5.33 xx 10^(-27)` किग्रा - मीटर / सेकण्ड
297.

6000 Å तरंगदैर्घ्य का प्रकाश देना वाले 25 वाट के एकवर्ण प्रकाश स्रोत से पति सेकण्ड उत्सर्जित होने वाले फोटॉन की संख्या कि गणना कीजिय

Answer» `7.5758 xx 10^(19)`
298.

6000 Å तरंगदैर्घ्य के फोटॉन की आवृत्ति ज्ञात कीजिय |

Answer» `5.0 xx 10^(14) ` हार्टज
299.

एक X किरण फोटॉन की ऊर्जा 100 इलेक्ट्रॉन वोल्ट है इसकी तरंगदैर्घ्य का मान क्या है

Answer» Correct Answer - 123.75 Å
300.

एक त्वरित्र ( Accelerator ) प्रयोग कम पोजिटोनों घटना की व्याख्या कुल ऊर्जा `10*2` BeV के इलेक्ट्रॉन - पजित्रों युग्म के बराबर ऊर्जा की दो `gamma` किरणों में विलोपन के रूप में की जाती है | प्रत्येक `gamma` - किरणों से सम्बंधित तरनदीघार्यो के मान क्या होंगे ?

Answer» `gamma` - किरणों योगं की ऊर्जा - इलेक्ट्रॉन - पॉजिट्रॉन युग्म की ऊर्जा
` = 10*2 BeV`
` = 10*2 xx 10^6 eV`
प्रत्येक `gamma` किरण फोटों की ऊर्जा `= (10*2)/2 xx 10^9`
` = 5*1 xx 10^9 eV`
` = 5*1 xx 10^9 xx 1*6 xx xx10^(-19) J`
` because " "E= (hc)/lamda`
या ` lamda (hc)E = (6*63 xx 10^(-34)xx 3 xx 10^8)/(5*1 xx 1*6 xx10^(-10))`
या `lamda = 2*437 xx10^(-16)` मीटर