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51.

भारत सरकार ने कौन-सा अर्थतंत्र स्वीकारा है ?(A) पूँजीवादी अर्थतंत्र(B) मिश्र अर्थतंत्र(C) समाजवादी अर्थतंत्र(D) साम्यवादी. अर्थतंत्र

Answer»

सही विकल्प है (B) मिश्र अर्थतंत्र

52.

वैश्वीकरण कितने मार्गीय प्रवृत्ति है ?(A) एक मार्गीय(B) द्विमार्गीय(C) त्रिमार्गीय(D) दसमार्गीय

Answer»

सही विकल्प है (B) द्विमार्गीय

53.

इनमें से कौन-सा समय काल भारत में व्यापार उद्योग के लिये नियंत्रित वातावरण का रहा है ?(A) 1947 से 1991 तक का(B) 1951 से 1991 तक का(C) 1951 से 2001 तक का(D) 1991 से 2011 तक का

Answer»

सही विकल्प है (A) 1947 से 1991 तक का

54.

वैश्वीकरण (Globalisation) का अर्थ बताकर इनके बारे में विस्तारपूर्वक बताइए ।

Answer»

कोई भी देश अपनी सीमा को विदेश के व्यापार धन्धे के लिए मुक्त करे और देश के व्यापार उद्योगों को विदेशी प्रवाहों के साथ जोडने का प्रयत्न करे, तब वैश्वीकरण कहा जाता है । वैश्वीकरण वास्तव में द्विमार्गीय प्रक्रिया है । यह मात्र एक देश के ही व्यापार उद्योगों का अन्तर्राष्ट्रीयकरण नहीं है । समग्र विश्व में व्यापार उद्योग सम्बन्धी विश्व का एक ही व्यापार मंच का उद्भव हो, इस उद्देश्य से विश्व व्यापार संगठन (Wories Trade Organisation – WTO) की रचना हुई ।

भारत इस विश्व व्यापार संगठन का प्रारम्भ से ही सदस्य बना है । इसलिए विश्व व्यापार संगठन के भाग के रूप होने से ही भारत में वैश्वीकरण का मार्ग मुक्त हुआ है ।। वैश्वीकरण के कदम से सेवा का शीघ्र विस्तार हुआ है । बैंकिंग, बीमा, परिवहन क्षेत्रों में देशों की भेदरेखा मिटती जा रही है । विश्व एक गांव (Global Village) बन गया है । विश्व का ग्राहक बाजार विकसित होता गया है । इसमें भारत भी अपवाद नहीं है । भारत में वैश्वीकरण के कारण अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सन्धि अनुबन्ध (GATT – General Agreement on Trade Trifl) भी अमल में लाया गया है । भारत में वैश्वीकरण के अनुरूप मुक्त व्यापार नीति है । शासन व्यवस्था भी अनुकूल है ।

55.

भारतीय अर्थतंत्र में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का चरण कब आरम्भ हुआ ?

Answer»

भारतीय अर्थतंत्र में July, 1991 मास के पश्चात उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का चरण आरम्भ हुआ ।

56.

वैश्वीकरण का भारतीय अर्थतंत्र पर उत्पन्न सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव बताइये ।

Answer»

वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभाव :

  1. वृहद पैमाने पर उत्पादन सम्भव होता है ।
  2. स्पर्धा के बढ़ने से ग्राहकों के अधिकारो का रक्षण होता है ।
  3. सरकारी अमलदारशाही से स्वतंत्रता मिलती है ।
  4. समग्र विश्व एक गाँव बन रहा है ।
  5. नये उद्योगों की स्थापना सरल हो जाती है ।
  6. देश में शिक्षण का महत्त्व बढ़ता है ।
  7. देश में ढाँचांगत सुविधाओं का निर्माण तेजी से होता है ।
  8. रोजगार के अवसरों का निर्माण होता है ।
  9. गुणवत्तावाली वस्तु या सेवा के मूल्य में कमी होने से अधिक से अधिक ग्राहक इनका उपयोग कर सकते है ।
  10. नई टेक्नोलोजी का उपयोग सम्भव होता है ।

नकारात्मक प्रभाव :

  1. वैश्वीकरण के कारण बाजार व्यवस्थापन का कार्य मुश्किल हो जाता है और खर्च में वृद्धि होती है ।
  2. मौज-शोख की वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री बढ़ जाती है ।
  3. लोगों की मानसिकता में धीमी गति से सुधार नये प्रश्नों का निर्माण करते हैं ।
  4. एक देश या उपखण्ड अथवा खण्ड की आर्थिक स्थिति का प्रभाव अन्य देशों पर शीघ्रता से होता है ।
  5. आय तथा सम्पत्ति की असमानता में वृद्धि देखने को मिलती है ।
  6. निरन्तर स्पर्धा के बढ़ने से कई बार आचार नीति का उल्लंघन देखने को मिलता है ।
  7. वृहद इकाइयों के लाभ में वृद्धि होती है लेकिन छोटे कद की इकाइयों को बने रहने के लिये काफी संघर्ष करना पड़ता है ।
  8. शिक्षण का फैलना विकास के फैलने के प्रमाण में मन्द रहे तो कर्मचारी स्पर्धात्मक रूप से कमजोर सिद्ध होते है ।
  9. बहुराष्ट्रीय कम्पनी की स्थापना जिस देश में हुई हो उस देश के प्रति सामान्य रूप से वफादार होती है, ऐसा देखने को मिलता है ।
  10. अन्तर्राष्ट्रीय साम्राज्यवाली कम्पनियाँ सम्बन्धित देश की आर्थिक नीति अपनी कम्पनी को अधिक अनुकूल हो इस रूप में राजनीतिक पक्षो के साथ सौदेबाजी करती है ।
  11. बाजार व्यवस्था के व्यय में वृद्धि होती जा रही है ।
57.

भारत में कौन-से देश की अपेक्षाकृत कम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होता है ?

Answer»

भारत में चीन की अपेक्षाकृत कम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होता है ।

58.

उदारीकरण एवं वैश्वीकरण भारत के विकास की नई दिशा के समान है ।

Answer»

उदारीकरण एवं वैश्वीकरण भारत के विकास की नई दिशा के समान है यह विधान सत्य है । ई.सन् 1991 से पहले भारतीय अर्थतंत्र अनेक समस्याओं का शिकार था जैसे लायसन्स राज, करवेरा की दर अधिक पुराने यंत्रो द्वारा वस्तु का उत्पादन, विदेशचलन का प्रभाव कम इत्यादि समस्याओं से भारत का विकास सम्भव ही नहीं था परन्तु ई.सन् 1991 के पश्चात् सरकार ने उदारीकरण एवं विदेशीकरण के ख्याल को महत्त्व दिया जब से लायसन्स राज से नाबूदी, कानूनों में सरलता, करवेरा की दर कम, विदेशों के द्वारा वस्तु का उत्पादन, निर्यात में वृद्धि नए संशोधनो को प्रोत्साहन उपरोक्त परिबलों के प्रभाव से भारत में औद्योगिकरण का प्रभाव बढ़ा, तथा विदेशी मुद्रा से देश की तिजोरीया छलकने लगी और भारत एक विकसीत राष्ट्र द्वारा उभरने लगा अत: हम कह सकते हैं कि सरकार को उदारीकरण एवं वैश्वीकरण भारत के विकास की नई दिशा के समान है ।

59.

भारत में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का आरम्भ कौन से वर्ष से हुआ ?(A) 1951(B) 1991(C) 2001(D) 2011

Answer»

सही विकल्प है (B) 1991

60.

………………….. मानव समुदाय, सामाजिक संस्थाएँ, सामाजिक परम्पराएँ आदि ।(A) समाज(B) ग्राहकC) सरकार(D) मिश्र अर्थतंत्र

Answer»

सही विकल्प है (A) समाज

61.

एकाधिकार और प्रतिबन्धक व्यापार अधिनियम-1951 को अंग्रेजी में क्या कहते हैं ?(A) GATT(B) MRTP(C) FEMA(D) VOICE

Answer»

सही विकल्प है (B) MRTP

62.

……………….. अर्थात् ऐसे धन्धाकीय परिबल/तत्त्व कि जिन पर अधिकांशतः संचालकों का नियंत्रण होता है, जिनमें संचालक आवश्यकतानुसार परिवर्तन कर सकता है । जैसे धन्धा के उद्देश्य, कर्मचारी, संचालकीय ढाँचा आदि ।(A) आन्तरिक तत्त्व(B) बाह्य तत्त्व(C) कानूनी तत्त्व(D) राजकीय तत्त्व

Answer»

सही विकल्प है (A) आन्तरिक तत्त्व

63.

धन्धाकीय पर्यावरण किसे कहते हैं ?

Answer»

धन्धे के आसपास के अनेक तत्त्व प्रभावित करते हैं । इन तत्त्वों के समूह को धन्धाकीय पर्यावरण (Business Environment) कहते हैं ।

64.

वैश्वीकरण किसे कहते हैं ? इनके कारण किन क्षेत्रों का विकास तीव्र हुआ है ?

Answer»

कोई भी देश अपनी सीमा को विदेश व्यापार हेतु मुक्त करे तथा देश के व्यापार-उद्योग को विदेशी प्रवाहों के साथ जोड़ने का प्रयत्न किया जाये तब वैश्वीकरण कहा जाता है । इनके कारण बैंकिंग, बीमा, परिवहन आदि सेवा क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ है ।

65.

………………………. तत्त्व अर्थात् संसद या विधान सभा द्वारा पारित कानूनी, धन्धाकीय इकाई को संसद या विधानसभा द्वारा पारित कानून का पालन करना अनिवार्य है ।(A) राजकीय तत्त्व(B) कानूनी तत्त्व(C) आर्थिक तत्त्व(D) सामाजिक तत्त्व

Answer»

सही विकल्प है (B) कानूनी तत्त्व

66.

भारत की मध्यस्थ बैंक का नाम कौन-सा है ?(A) SBI(B) NIDC(C) RBI(D) IDBI

Answer»

सही विकल्प है (C) RBI

67.

सार्वजनिक साहसों का संचालन और मालिकी निजी इकाई को सौंपना अर्थात् ……………………..(A) निजीकरण(B) उदारीकरण(C) शहरीकरण(D) वैश्वीकरण

Answer»

सही विकल्प है (A) निजीकरण

68.

सार्वजनिक क्षेत्र की बिन कार्यक्षमता के कौन-कौन से कारण थे ?

Answer»

सार्वजनिक क्षेत्र की बिन कार्यक्षमता के निम्न कारण थे ।

  1. अमलदार शाही
  2. पुरानी टेक्नोलोजी
  3. घूसखोरी का बढ़ता प्रमाण
  4. दायित्व का अभाव
  5. कर्मचारी संगठनों अथवा संघो का बढ़ता हुआ प्रभाव
  6. राजनैतिक दखल आदि ।
69.

धन्धाकीय पर्यावरण के सन्दर्भ में कितने प्रकार की इकाइयाँ देखने को मिलती है ।(A) 4(B) 5(C) 3(D) 2

Answer»

सही विकल्प है (C) 3

70.

सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयाँ अपनी पूँजी का कुछ भाग आम जनता को बेचने हेतु आमंत्रण देती हो तो उन्हे क्या कहा जाता है ?(A) प्रत्यक्ष पूँजी निवेश(B) पूँजी विनिवेश(C) सकल घरेलू उत्पाद(D) अन्तर्राष्ट्रीय पूँजी

Answer»

सही विकल्प है (B) पूँजी विनिवेश