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Aatmakathya ka bhavath

Answer» आत्मकथा कविता का भावार्थ :- कवि के अनुसार, यह नीला आकाश जो कि अनंत तक फैला हुआ है, उसमें असंख्य लोगों ने अपने जीवन का इतिहास लिखा है। जिसे पढ़कर कवि को ऐसा प्रतीत हो रहा है, मानो उन्होंने स्वयं की आत्मकथा लिखकर खुद का मज़ाक उड़ाया है और लोग इन्हें पढ़ कर उन पर हँस रहे हैं। तब भी कहते हो कह-डालूँ दुर्बलता अपनी बीती।


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