InterviewSolution
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“ऐसे बाजार मानवता के लिए बिडम्बना हैं।” लेखक ने किस प्रकार के बाजार को मानवता के लिए विडम्बना कहा है? |
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Answer» समाज की आवश्यकताओं की उचित ढंग से पूर्ति करने में ही बाजार की उपयोगिता है। ऐसा करके ही बाजार सार्थक होता है। जो बाजार अपनी सार्थकता त्यागकर ग्राहक के साथ छल-कपट पूर्ण आचरण करता है, वह बाजार होने का महत्त्व खो देता है। जहाँ भाईचारा भूलकर क्रेता और विक्रेता एक-दूसरे को ठगने में लगे रहते हैं, जहाँ उनके बीच का विश्वास नष्ट हो जाता है। वह बाजार, बाजार होने का भाव पूरा नहीं करता। जहाँ धनवान लोग अपनी क्रय शक्ति का प्रदर्शन कर बाजार को शैतानी शक्ति और व्यंग्य शक्ति प्रदान करते हैं, वह बाजार मानवता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बन जाता है। वह मानवता के लिए बिडम्बना सिद्ध होता है। |
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