InterviewSolution
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भारत में राष्ट्रवाद का उदय कैसे हुआ एक्सप्लेन करें |
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Answer» तस्वीरों में राष्ट्र:\xa0आपने फ्रांस और जर्मनी के उदाहरण में पढ़ा कि राष्ट्र की पहचान को सामान्यतया किसी चित्र द्वारा मूर्त रूप दिया जाता है; ताकि लोग राष्ट्र की मूर्त रूप में पहचान कर सकें। यह काम सबसे पहले 1870 में बंकिम चंद्र चटर्जी ने मातृभूमि की स्तुति में ‘वंदे मातरम’ गीत लिखकर किया। अवनींद्रनाथ टैगोर ने 1905 में भारत माता की एक तस्वीर बनाई जिसमें भारत माता को एक विशेष रूप देने की कोशिश की गई। अलग-अलग कलाकारों ने अलग-अलग तरीके से भारत राष्ट्र को प्रस्तुत करने की कोशिश की। लोककथाएँ:\xa0कई विचारकों का मानना था कि लोककथाओं से पारंपिक संस्कृति की सही पहचान होती है। इसलिए कई नेताओं ने राष्ट्रवाद की भावना का प्रसार करने के लिए लोककथाओं का सहारा लिया।राष्ट्रीय ध्वज:\xa0आज जो राष्ट्र ध्वज हम देखते हैं उसका विकास कई चरणों में हुआ है। स्वदेशी आंदोलन के दौरान एक तिरंगे (लाल, हरा और पीला) का प्रयोग हुआ था। इस झंडे में उस समय के आठ राज्यों के प्रतीक के रूप में कमल के आठ फूल बने हुए थे। इस पर हिंदू और मुसलमान के प्रतीक के रूप दूज का चाँद भी था। गाँधीजी ने 1921 तक स्वराज ध्वज का डिजाइन तैयार किया था। यह भी एक तिरंगा ही था (लाल, हरा और सफेद) जिसके बीच में एक चरखा था।इतिहास की पुनर्व्याख्या:\xa0कई लोगों को लगता था कि अंग्रेजों ने भारत के इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश किया था। उन्हें भारत के इतिहास को भारतीय दृष्टिकोण से जानने की जरूरत महसूस हुई। वे चाहते थे कि भारत के सुनहरे अतीत को उजागर किया जाये ताकि भारत के लोग उस पर गर्व कर सकें। |
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