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भक्ति और मानवीय मूल्यों के विकास में भक्ति साहित्य किस प्रकार सहायक हो सकता है?

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छात्रों में भक्ति तथा मानवीय मूल्यों के विकास की आवश्यकता है। इसके लिए मीरा, रैदास तथा बिहारी जैसे कवियों की रचनाएँ सहायक हो सकती हैं। भगवान के प्रति प्रेम ही भक्ति है। भगवत भक्ति से जीवन में सत्व्यवहार, सत्य विचार, आदर भाव आदि मूल्य विकसित होते हैं। रैदास ने भगवान को पाने का मार्ग, कर्म बताया । बिहारी के अनुसार मनुष्य के स्वभाव में अंतर नहीं पड़ता। इससे हम भक्ति भावना के साथ रहेंगे। नैतिक जीवन को अपनायेंगे।



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