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भक्ति मार्ग के द्वारा नैतिक मूल्यों का विकास कैसे हो सकता है?

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भक्ति मार्ग के द्वारा नैतिक मूल्यों का विकास होता है। भक्ति और नैतिक मूल्य परस्पर मिले-जुले हैं। एक भक्त किसी को नुकसान नहीं पहुँचा सकता। वह ईश्वर की बनाई हर वस्तु का सम्मान करता है। वह प्रकृति के कण-कण की रक्षा करता है। भक्ति का अर्थ है भगवान के प्रति विशेष प्रेम। भगवान के प्रति भक्ति रखने के लिए सहृदयता, सादगीपन,सत्यविचार, स्वच्छ मन, गुरु की महत्त्व, लोकमर्यादा और आदर्श मानवतावाद जैसे नैतिक मूल्यों की ज़रूरत होती है।



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