InterviewSolution
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"Chaya mat chuuna " kavita mein \'prabhuta sharan bhimb\' ka ashay spasht kijiye.. |
| Answer» यश या वैभव यह सब बाकी नहीं रहता है। जितना ही इनके पीछे दौड़ेंगे, उतना ज्यादा भूलभुलैया में खोते जाएँगे। अपने भूतकाल की कीर्तियों पर किसी बड़प्पन का अहसास मृगतृष्णा की तरह है। अतः भूतकाल को भूलकर हमें अपने वर्तमान की ओर ध्यान देना चाहिए। | |