InterviewSolution
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चल कुंडली धारामापी की सुग्राहिता के लिए व्यंजक लिखिये तथा बताइये कि यह किस प्रकार बढ़ाई जा सकती है ? |
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Answer» यदि किसी धारामापी में अल्प धारा प्रवाहित करने पर ही कुंडली में पर्याप्त विक्षेप उत्पन्न होता है , तो वह धारामापी अधिक सुग्राही होता है । कुंडली में एकांक धारा प्रवाहित करने पर उसमें उत्पन्न विक्षेप को धारामापी कि धारा सुग्राहिता कहते है । यदि धारामापी में I धारा प्रवाहित करने पर उसमें उत्पन्न विक्षेप `phi` हो ,तो ` I = K/(nBA) phi` ` :. ` धारामापी की सुग्राहिता ` S_(I) = phi/I = (nBA)/K` ...(1) यदि धारामापी की धारा सुग्राहिता का सूत्र है जिससे स्पष्ट है कि धारामापी की धारा सुग्राहिता के लिए - (i) n का मान अधिक होना चाहिए अर्थात कुंडली में चक्करों की संख्या अधिक होने चाहिए । (ii) B का मान अधिक होना चाहिए अर्थात स्थायी नाल चुंबक को शक्तिशाली होना चाहिए । (iii) A का मान अधिक होना चाहिए अर्थात कुंडली बड़ी होने चाहिए । (iv) K का मान कम होना चाहिए अर्थात फॉस्फर ब्रांज की पत्ती लम्बी व पतली होनी चाहिए । |
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